इसे सुनेंरोकेंमंगलवार पूर्व व दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ होता है। बुधवार के दिन पूर्व एवं पश्चिम दिशा की यात्रा अनुकूल रहती है। गुरूवार को दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा सुखद रहती है। शुक्रवार के दिन शाम के समय शुरू की गयी यात्रा सुखद और शुभ फलदाय होती है। गुरुवार को क्या खाकर यात्रा करनी चाहिए? इसे
सुनेंरोकेंगुरुवार को दही और शुक्रवार को जौ खाकर या दूध पीकर यात्रा पर निकलना अच्छा रहता है. शनिवार के दिन उड़द या अदरक खाकर यात्रा पर निकलें. इसके अलावा रविवार के दिन घी या दलिया का सेवन कर यात्रा करनी चाहिए. कौन से वार को यात्रा नहीं करनी चाहिए? इसे सुनेंरोकेंदिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर
दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार को दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है। इसे सुनेंरोकेंक्या होता है दिशाशूल पूर्व दिशा – सोमवार, शनिवार। पश्चिम दिशा – रविवार, शुक्रवार। दक्षिण दिशा – गुरुवार। किस दिन क्या खाकर घर से निकलना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंशुक्रवार के दिन कोई भी शुभ कार्य करने से पहले दही खाकर निकलें और शुक्रवार के दिन दही खाकर निकलने से आपको कार्य में सफलता मिलती है और आपके कार्यों में कोई रुकावट नहीं आती है। शनिवार के दिन घर से शुभ कार्य के लिये निकलने से पहले अदरक खाकर निकलना चाहिये। किस दिन क्या खाकर यात्रा करें? इसे सुनेंरोकें* शनिवार को अदरक या उड़द खाकर यात्रा को प्रस्थान किया जा सकता है। घर से निकलते वक्त क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंघर से निकलने से पहले घर के मंदिर में 11 अगरबत्ती और शुद्ध घी का दीपक जलाकर निकलें। इसके साथ ही हल्दी, कुमकुम, अबीर गुलाल, चावल और फूल को थाली में सजाकर भगवान की आरती करके घर से जाएं। इसके साथ ही भगवान से सफलता की कामना करते हुए घर से जाएं। इसके बाद स्वयं के ऊपर से काले तिल 7 बार उबारकर उत्तर दिशा में फेंक दें। कौन कौन से दिन अच्छे होते हैं? इसे सुनेंरोकेंबुधवार : सर्वेक्षण से पता चला कि सोमवार और शनिवार जहां ऑफिस में कर्म कार्य होता है। वहीं मंगलवार को ज्यादा, लेकिन ऑफिस में बुधवार को सबसे श्रेष्ठ दिन घोषित किया गया है। नई नौकरी कब ज्वाइन करें? इसे सुनेंरोकेंनौकरी ज्वाइन करने के लिए सबसे उत्तम तिथि प्रतिपदा (कृष्ण पक्ष), द्वितीय, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी (शुक्ल पक्ष), पूर्णिमा आदि तिथियां शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों में नौकरी ज्वाइन करना शुभ होता है। इस प्रकार आप अपने लिए एक शुभ मुहूर्त का चुनाव कर सकते हैं। यात्रा का शुभ दिन (Yatra Ka Shubh Din) कब होता है दिशा शूल चार्ट (Disha Shool Chart in Hindi) और किस दिन किस दिशा में जाना चाहिए हमें इस बारे में पता नहीं होता है। हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से यात्रा करता है यह यात्रा कभी-कभी छोटी होती है तो कभी-कभी लंबी भी हो जाती है। हर कोई सुखद यात्रा करना चाहते हैं। यात्रा करने के कई
कारण होते हैं जैसे धार्मिक कार्य के लिए, मांगलिक कार्य, व्यापार महत्वपूर्ण खरीदारी, पढ़ाई, नौकरी, घूमना फिरना इत्यादि। इसलिए किस दिन किस दिशा में यात्रा करनी चाहिए यह जानना बहुत ही जरूरी है। देखें दिशाशूल चार्ट। यात्रा का शुभ दिन (Yatra Ka Shubh Din)Yatra Ka Shubh Dinयात्रा का शुभ दिनयह यात्रा कभी बहुत सुख में होती है तो कभी कष्टदायक या फिर असफलता से भरी होती है। इसी कारणवश यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम दिशाशूल के विषय में अच्छे से जान लें। हमने यह भी देखा होगा कि कई बार हमारे बड़े बुजुर्ग किसी तिथि या दिन को देखकर परिवार वालों को आने-जाने पर रोक टोक करते थे। आजकल की युवा पीढ़ी भले ही दिशाशूल जैसे विषय को आउटडेटेड माने लेकिन यह एक सत्य कथन है कि हमें कभी भी यात्रा के पूर्व दिशाशूल के बारे में ज्ञात होना चाहिए। दिशा शूल क्या होता है?हमारे बड़े बुजुर्ग ने यह बताया है कि दिशाशूल वह दिशा होती है जिस तरफ यात्रा करने से परहेज करना चाहिए। हर दिन किसी न किसी एक दिशा की ओर दिशाशूल अवश्य होता है। अगर हम दिशाशूल वाली दिशा में यात्रा करते हैं तो जिस कार्य के लिए यात्रा कर रहे हैं वह कार्य में असफलता मिलेगी या फिर वह यात्रा दुखमय होगी। दिशा कितनी होती है?हम सब ने अपने स्कूल के समय में यह पढ़ा है कि दिशा चार होती है लेकिन जब हम उच्च शिक्षा ग्रहण कर लेते हैं तो हमें यह बताया जाता है कि दिशाएं वास्तव में 10 होती हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी 10 दिशाओं का वर्णन किया गया है। और इसके हिसाब से यह बताया गया है कि प्रत्येक दिशा के देवता होते हैं।
किस दिन किस दिशा की ओर (दिशा शूल चार्ट) यात्रा नहीं करनी चाहिए
नोट- अगर किसी व्यक्ति को एक ही दिन में यात्रा करके उसी दिन वापस लौट आना है तो ऐसी परिस्थिति में दिशाशूल पर विचार नहीं किया जाता है। दिशाशूल के उपाय (Disha shool ke upay)अगर किसी व्यक्ति को कोई बहुत आवश्यक कार्य है और उसे उसी दिशा में यात्रा करनी है जिस दिन वहां दिशाशूल होगा तो वह व्यक्ति नीचे दिए गए दिशाशूल उपाय अपनाकर यात्रा कर सकता है-
दिशाशूल के समय यात्रा करने के दौरान उपाय अपनाकर यात्रा कर सकते हैं। घर से निकलने से पहले 5 कदम पीछे चले। अगर साधारण यात्रा है तो दिशाशूल का विचार नहीं किया जाता लेकिन अगर कोई व्यक्ति के जीवन का कोई बहुत महत्वपूर्ण कार्य है तो उसे अपनी यात्रा दिशाशूल के माध्यम से तय करनी चाहिए जिससे कि वह आने वाली बाधाओं से बच सके। हम आशा करते हैं कि ऊपर दिए गए जानकारी से आप सबकी यात्रा सुखद और मंगलमय हो। और इसका लाभ उठाकर आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें। यह भी पढ़े –
Follow us on Google News: Arjunमेरा नाम अर्जुन है और मैं CanDefine.com में एडिटर के रूप में कार्य करता हूँ। मैं CanDefine वेबसाइट का SEO एक्सपर्ट हूँ। मुझे इस क्षेत्र में 3 वर्ष का अनुभव है और मुझे हिंदी भाषा में काफी रुचि है। मेरे द्वारा स्वास्थ्य, कंप्यूटर, मनोरंजन, सरकारी योजना, निबंध, जीवनी, क्रिकेट आदि जैसी विभिन्न श्रेणियों पर आर्टिकल लिखता हूँ और आपको आर्टिकल में सारी जानकारी प्रदान करना मेरा उद्देश्य है। गुरुवार को क्या खाकर यात्रा करें?मंगलवार को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। गुरूवार को दही, शुक्रवार को जौ खाकर अथवा दूध पीकर सफर पर निकलें। शनिवार को उड़द या अदरक खाकर जाएं। रविवार को घी अथवा दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए।
गुरुवार को घर से क्या खाकर जाना चाहिए?वैसे तो कहते हैं कि किसी भी अच्छे काम को करने से पहले शुरुआत मीठी चीज से करनी चाहिए। मंगलवार के दिन विशेषकर बजरंगबली को प्रणाम करके घर से गुण खाकर निकलना चाहिए तो शाम को आप खाली हाथ घर नहीं लौटेंगे।
यात्रा करने से पहले क्या करना चाहिए?- टूर-ट्रिप पर जाने से पहले अपने ईष्ट देव का स्मरण करें और दही खाकर निकलें. इससे यात्रा शुभ रहती है और बिना किसी रुकावट के संपन्न होती है. - यात्रा के दौरान जहां भी रात में ठहरें, यह सुनिश्चित कर लें कि सोते समय आपका सिर उत्तर दिशा की ओर न रहे.
कौन से वार को यात्रा नहीं करनी चाहिए?सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इन दो दिनों में पूर्व की यात्रा करने से काम में बाधा उत्पन्न होती है या काम नहीं बनता. रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा को शुभ नहीं माना गया है. वहीं मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है.
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