गले में बलगम जमने का क्या कारण है? - gale mein balagam jamane ka kya kaaran hai?

गले में कफ जमना क्या है - What is Phlegm In Throat in Hindi

अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है या गले में कुछ जमा हुआ अनुभव होता है तो इसे गले में कफ जमना कहते हैं। गले में जमे हुए कफ को बलगम के नाम से भी जानते है। गले में कफ जमना एक बड़ी समस्या है। अक्सर हर व्यक्ति को अपना गला साफ करने की जरूरत होती है। गले में कफ जमा होने के प्रमुख लक्षणों में नाक बहना, बुखार, गले में भारीपन और जलन या खुजली का अहसास है। यह स्थितियां गले में एक बेचैनी पैदा कर देती हैं। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन यदि यह समस्या लम्बे समय तक बना रहता है तो फिर इससे सांस से जुडी कई समस्याएं हो सकती है। दूसरे शब्दों में कहें तो कफ या बलगम शरीर में बनने वाला एक तरह का तरल पदार्थ है जो फेफड़े या निचले श्वसन तंत्र के द्वारा बनाया जाता है। यदि यह सामान्य से अधिक बनता है तो वह किसी रोग का संकेत हो सकता है। गले में जमा बलगम या कफ में वायरस, बैक्टीरिया या मृत कोशिकाए हो सकती है। ज्यादातर लोगों में यह एक अस्थायी समस्या होती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह एक स्थिर समस्या बन जाती है। जिसके बेहतर उपचार पर थोड़े समय के लिए राहत मिल पाती है।

गले में बलगम के लक्षण - Phlegm in Throat Symptoms in Hindi

गले में जमें बलगम को ही कफ के नाम से भी जाना जाता है। जब हमारे शरीर में ज्यादा बलगम जमा हो जाता है तो यह बहुत अवरोध उत्पन्न करता है। म्युकस मेम्ब्रेन श्वसन प्रणाली की रक्षा करती है और उसको सहारा देने के लिए कफ बनाती है। यह मेम्ब्रेन मूंह, नाक, साइनस, गला, फेफड़े में होता है। गले में कफ (gale mein kaf) जमा होने से खांसी होती है जो रात के समय बढ़ जाती है। कफ से गले में कुछ अटकने जैसा महसूस होता है जिनसे निम्नलिखित लक्षण होते हैं:-

  • गले में खुजली होना
  • मुंह से बदबू आना
  • रात के समय खांसी का बढ़ जाना
  • गले में दर्द होना
  • बार-बार खांसना और थूंकना
  • बार बार गला साफ करने की आदत होना
  • जी मिचलाना

गले में कफ बनने के कारण - Phlegm In Throat Causes in Hindi

समान्य तौर पर आसपास के वातावरण में बदलाव होने पर गले में बलगम की समस्या उत्पन्न होती है। गले में बलगम के लिए सबसे पहला कारण एलर्जी होता है। बतादें कि एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को सामान्य मात्रा मेें बलगम चाहिए होता है लेकिन ज्यादा मात्रा में यही बलगम लोगो के लिए परेशानी का कारण बनती है। गले में ज्यादा बलगम होने के निम्नलिखित कारण (gale mein kaf jamne ke karan)हो सकते हैं:-

  • एलर्जी नाक, गले, फेफ्ड़ों में किसी प्रकार का जलन
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • गर्भनिरोधक और ब्लड प्रेशर की दवाइयां
  • फेफड़े संबंधी रोग जैसे- निमोनिया आदि
  • संक्रमण
  • क्रोनिक रेस्पिरेटरी की समस्या जैसे सीओपीडी
  • प्रेग्नेंसी
  • अधिक मसालेदार भोजन

गले में बलगम के उपाय - Prevention of Phlegm in Throat in Hindi

गले में बलगम के लिए हम कुछ निम्न घरेलू उपाय की मदद से छुटकारा पा सकते हैं, और होने वाले समस्याओं से बच सकते हैं। इन निम्नलिखित उपायों में शामिल (gale mein kaf jamne ke upay) है:-

  • पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन
    गले में कफ की समस्या में शरीर से पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिसके चलते सूखा बलगम बनता है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गले में कफ पतला हो जाता है, और यह आसानी से बाहर आ जाता है
  • सिर के नीचे तकिया का इस्तेमाल करना
    रात में सोते वक्त अक्सर गले में कफ की समस्या बढ़ जाती है। इस स्थिति में आपको अपना सिर बॉडी के मुकाबले थोड़ा ऊपर रखना होता है। ऐसा करने से गले और श्वास नली से बलगम नीचे की तरफ चला जाता है।
  • कैफीन वाले पेय और शराब को ना पीना
    कैफीन वाले बेवरेज प्रोडक्ट्स शरीर में पानी की कमी करते हैं। शराब से भी समान प्रभाव डालता है। ऐसे स्थिति में दोनो से दूरी बनाकर रखें।
  • नमक पानी से गरारे करना
    1-2 कप में आप थोड़ा नमक डालकर गरारा कर सकते हैं। इससे एलर्जी से गले के कफ को ढीला करने में मदद मिलती है।
  • निलगिरी के तेल का प्रयोग करना
    गले में जमें कफ को निकालने के लिए नीलगिरी तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
  • ओवर-दि-काउंटर दवाइयां
    यदि आपके गले में कफ ज्यादा है तो आप ओवर-द-काउंटर दवा का इस्तेमाल करके कफ को ढीला कर सकते हैं।
  • यूकेलिप्टस ऑयल का प्रयोग
    यूकेलिप्टस एक एसेंशल ऑयल है, जो सीने और गले में कफ को ढीला करता है। जिससे कफ निकलने में आसानी होती है।
  • ह्यूमिडफायर का इस्तेमाल
    घर की हवा स्वच्छ रखने से कफ को ढीला करने में मदद मिलती है।
  • विटामिन C का सेवन
    ऐसा माना जाता है कि सर्दी-जुकाम के सुरूआती समय में ही विटामिन C ज्यादा लेने से इसके लक्षण के समय को कम किया जा सकता है।
  • जिंक
    अध्ययन में पाया गया है कि जिंग कफ की रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
  • उपवास
    कुछ लोगा ऐसा भी मानते हैं की कफ की रोकथाम के लिए फास्टिंग में उपचारात्मक गुण होता है।

गले की कफ का इलाज - Phlegm in Throat Treatment in Hindi

अगर गले में बलगम होने के कारण किसी भी प्रकार का संक्रमण या स्वास्थ्य संबंधी कोई बिमारी होती है को ऐसे में डॉक्टर कुछ दवाएं लिख सकते हैं। डॉक्टर कुछ विशेष प्रकार की दवाएं भी दे सकते है जिससे कफ पतला हो जाता है और खांसी के साथ आसानी से बाहर आ जाता है। बिना पर्ची के भी दुकान से मिलने वाली दवाएं बलगम को पतला करने में सहायता करती है और खांसी के माध्यम से बाहर निकल जाती है। मुंह के द्वारा लिए जाने वाले डिकोन्जेस्टेंट्स निम्न रूपों में पाया जाता है।

  • तरल या सीरप
  • पर्ची पर मिलने वाली दवाएं
  • टेबलेट या कैप्सूल
  • टेबलेट या कैप्सूल

नोट - किसी भी प्रकार के दवा लेने से पहले डॉक्टर का सलाह जरूर लें।

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गले में बार बार बलगम क्यों आता है?

अगर आपको गले और छाती में कुछ जमा हुआ महसूस हो या फिर सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो समझ जाएं कि ये लक्षण कफ जमा होने के हैं। Follow us on. नाक और गले में बलगम जमने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें सर्दी-जुकाम, फ्लू, वायरल इंफेक्शन, साइनस और बहुत ज्यादा सिगरेट पीना शामिल है।

गले में बलगम जमा हो तो क्या करना चाहिए?

गले में कफ जमने के कारण, लक्षण और इलाज - Gale Mein Kaf Jamna | Phlegm In Throat in Hindi.
गले में कफ जमना क्या है - What is Phlegm In Throat in Hindi..
गले में बलगम के लक्षण - Phlegm in Throat Symptoms in Hindi..
गले में कफ बनने के कारण - Phlegm In Throat Causes in Hindi..

गले के बलगम को कैसे निकालें?

छाती और नाक में जमा कफ से छुटकारा पाने के लिए यह इलाज सबसे बेहतर माना जाता है। सीने में जमा बलगम को बाहर निकालने के लिए नमक के पानी से गरारे करें। गुनगुने पानी में एक चुटकी नमक मिलाकर दिन में दो से तीन बार गरारे करें। गरारे करने से गले की खराश, खांसी और बुखार के लक्षणों को भी दूर करने में मदद मिल सकती है।

बलगम ज्यादा बनने का क्या कारण है?

लेकिन जमाव का मतलब है आपके शरीर में बहुत ज्यादा बलगम होना. ये उस वक्त बनता है जब आपको सर्दी, साइनस या एलर्जी हो जाए या जब आप धुएं या प्रदूषकों में सांस लें. मौसम में मामूली बदलाव आपकी सेहत को खराब कर सकता है. जब आपके आसपास पर्यावरण में परिवर्तन हो, तो जुकाम, खांसी और गले में कफ की समस्या होती है.