एवरेस्ट की चोटी पर दो व्यक्ति एक साथ खड़े क्यों नहीं हो सकते थे? - evarest kee chotee par do vyakti ek saath khade kyon nahin ho sakate the?

एवरेस्ट: ऑक्सीजन की कमी है, पर चोरों की नहीं

  • नवीन सिंह खड़का
  • पर्यावरण संवाददाता, बीबीसी

26 मई 2017

एवरेस्ट की चोटी पर दो व्यक्ति एक साथ खड़े क्यों नहीं हो सकते थे? - evarest kee chotee par do vyakti ek saath khade kyon nahin ho sakate the?

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दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले विदेशी पर्वतारोही ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी से चिंतित हैं.

उनका कहना है कि इस कारण पर्वतारोहियों की जान का ख़तरा हो सकता है क्योंकि पहाड़ पर चढ़ाई करने और फिर चोटी से वापस लौटने के लिए वो सीमित संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर साथ ले कर जाते हैं. उनके पास ख़राब मौसम और देर हो जाने पर रुकने के लिए अतिरिक्त सिलेंडर नहीं होते.

पर्वतारोहियों की चिंता एक घटना के बाद अधिक बढ़ गई हैं जिसमें एक दल को चोटी पर चढ़ाई करने के लिए मौसम से साफ़ होने का इंतज़ार करना पड़ा.

विशेषज्ञों का कहना है कि काफी संख्या में पर्वतारोही आ रहे हैं जिनमें अनुभवहीन लोग भी हैं और अयोग्य गाइड हैं, जिनके कारण भी स्थिति खराब हो रही है.

एवरेस्ट से हाल ही में लौटे गाइड नीमा तेन्जी शेरपा ने बीबीसी को बताया, "ऊपर पहाड़ पर ये एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है."

वो कहते हैं, "मैंने कई अभियान दलों से सुना कि उनके ऑक्सीजन सिलेंडर ग़ायब हो जाते हैं और ये उनकी जान के लिए ख़तरा हो सकता है. ख़ास कर तब जब वो चढ़ाई करते समय ही कुछ ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर चुके हों और चोटी पर पहुंचे भी ना हों. ऐसे में वो बचे हुए सिलेंडर का वापसी के समय इस्तेमाल करने की योजना बनाते हैं."

ग़ायब हो जाता है ऑक्सीजन सिलेंडर

कई विदेशी पर्वतारोहियों ने ऐसी चोरियों के बारे में सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की हैं.

फ़ेसबुक पर एक अभियान दल क मुख्य टिम मोज़डेल ने लिखा, "हमारी सप्लाई में से 7 ऑक्सीजन सिलेंडर फिर से ग़ायब हो गए हैं."

उन्होंने लिखा, "इस बार ये चोरी साउथ कैम्प (कैम्प 4, एवरेस्ट से 7,900 मीटर नीचे मौजूद आख़िरी कैम्प) से हुई."

वो लिखते हैं, "शुक्र है पेंबा का, जो कल ही लोत्सो से लौटे हैं और जिनके पास इतनी ताकत बची थी कि साउथ कैम्प जा कर हमारी सप्लाई चेक कर के हमें बताएं. लेकिन सवाल है कि क्या हमारे कुछ दिनों में वहां पहुंचने से पहले सिलेंडर वहां रहेंगे या फिर वो बस जादू से हवा में गुम हो जाएंगे."

इससे पहले मोज़डेल ने एवरेस्ट के नज़दीक लोत्से पर्वत के पास हुई एक चोरी के बारे में बताया था.

उन्होंने लिखा था, "अगर हमें पता है कि हमारा ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल हुआ है तो हम उसकी जगह नए सिलेंडर लाएंगे. लेकिन ऊपर पहुंचने के बाद पता चलता है कि सिलेंडर है ही नहीं तो ये ना सिर्फ परेशान करने वाला है बल्कि दल के लोगों की जान का ख़तरा भी हो सकता है."

चिंताजनक स्थिति

मिल रही रिपोर्टों के अनुसार अब तक इस सीज़न में 10 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि नेपाल प्रशासन ने मात्र 5 लोगों की मौत की ही पुष्टि की है.

इनमें से किसी मौत को ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी से जोड़ कर नहीं देखा गया है.

नेपाल नेशनल माउंटेन गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभू नामग्याल शेरपा कहते हैं, "अगर चोर टेंट के ताले तोड़ कर ऑक्सीजन सिलेंडर, खाना और रसोई का गैस ले जाएं तो आप क्या कर सकते हैं."

"ये एक ट्रेंड सा बनता जा रहा है."

"इस तरह की घटनाओं के कारण पर्वतारोहियों को पर्वत शिखर पर पहुंचने से पहले ही लौटना पड़ता है क्योंकि जब आपको पता चलता है कि आपकी जान बचाने वाली ऑक्सीजन है ही नहीं तो आपको उसे लेने के लिए बेस कैंप में लौटना होता हैं."

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नीमा तेन्जी शेरपा कहते हैं एक बार 2012 में उन्हें अपना सिलेंडर अपने क्लाइंट को देना पड़ा था क्योंकि वापसी के वक्त उनका सिलेंडर चोरी हो गया था.

"हम उतर रहे थे और हमने देखा कि हमारे सिलेंडर ग़ायब हो गए थे. मेरे साथ जो क्लाइंट थे वो अपना सिलेंडर खत्म कर चुके थे, इसीलिए मैंने जोखिम ले कर अपना सिलेंडर उन्हें दे दिया. हमारा नसीब अच्छा था कि हम नीचे कैंप तक पहुंच पाए."

जान से क़ीमती सिलेंडर

नेशनल माउंटेन गाइड एसोसिएशन के अनुसार पर्वतारोही पर्वत चढ़ने और उतरने में लगभग 7 ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं.

हर पर्वतारोही अलग-अलग तरीके से इसका इस्तेमाल करते हैं. तेज़ी से अंदर सांस लेने से भी ऑक्सीजन ख़त्म हो सकती है और एक सिलेंडर पांच घंटे तक चल सकता है.

साधारण तौर पर कैंम्प थ्री के बाद उन्हें ऑक्सीजन इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन उन्हें चढ़ाई करते रहना होता है और वापस उतरने के बाद सही मौसम का इंतज़ार करना पड़ता है ताकि वो साधारण तरीके से सांस ले सकें.

इसका मतलब है कि उन्हें ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कैंप में भी इसका इस्तेमाल करना पड़ सकता है.

कई जानकार शेरपा कहते हैं कि अब तक चोरी करते हुए किसी को पकड़ा नहीं गया है.

उन्हें शक़ है कि उन दलों का काम है जो चढ़ाई और ख़तरनाक़ हालातों के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होते क्योंकि उनके पास उचित सप्लाई नहीं होती.

उनका कहना है कि ऐसा भी देखा गया है कि ऊंचाई पर मौजूद कैंप से ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी कर नीचे मौजूद कैंपों में बेचे जाते हैं.

नीमा तेन्जी शेरपा कहते हैं, "बेस कैंप इसके लिए एक बड़ा बाज़ार सा बन गए हैं."

सरकारी अधिकारियों को इसकी जानकारी है?

वो कहते हैं कि वो नए नियम लागू करना चाहते हैं जिसके अनुसार अब हर पर्वतारोही से साथ एक शेरपा होंगा ताकि हर किसी के पास ऑक्सीजन सिलेंडर, खाना और दवाओं जैसे ज़रूरत के सामान उनके पास उपलब्ध हो.

पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, "हमने पर्वतारोहण के लिए मौजूद क़ानून में इसे शामिल करने का प्रस्ताव दिया है लेकिन इसके लिए कैबिनेट स्तर पर मंज़ूरी चाहिए."

"बार-बार बदलती सरकारों के कारण कुछ महीनों में हमारे मंत्रालय को एक नए मंत्री संभालते हैं और इस तरह के मुद्दों का समाधान नहीं हो पा रहा है."

सरकार ने इस सीज़न में एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए लगभग 400 पर्वतारोहियों को मंज़ूरी दी है.

अधिकारियों का कहना है कि इनमें से 300 पर्वतारोही चढ़ाई कर चुके हैं और बाकी मौसम के साफ़ होने का इंतज़ार कर रहे हैं.

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