एकल इलेक्ट्रोड विभव का परम मान ज्ञात करना संभव नहीं है क्यों? - ekal ilektrod vibhav ka param maan gyaat karana sambhav nahin hai kyon?

विषयसूची

  • 1 इलेक्ट्रोड विभव का मापन क्या है?
  • 2 एकल इलेक्ट्रोड क्षमता क्या है?
  • 3 इलेक्ट्रोड कितने प्रकार के होते हैं?
  • 4 किसी धातु के ऋणात्मक अपचयन विभव से क्या अभिप्राय है?
  • 5 आर्क वेल्डिंग रॉड कितने प्रकार के होते हैं?

इलेक्ट्रोड विभव का मापन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential) किसी भी अर्द्ध सेल में अर्थात एक इलेक्ट्रोड में 298 केल्विन ताप और एक मोल प्रति लीटर सांद्रता के धातु आयन विलयन में इलेक्ट्रोड के विभव का मान मानक इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है। किसी अर्द्ध सेल के मानक इलेक्ट्रोड विभव के मान को E0 से व्यक्त किया जाता है।

एकल इलेक्ट्रोड क्षमता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंएकल इलेक्ट्रोड क्षमता एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल के आधे सेल की क्षमता है। एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल में दो आधे सेल होते हैं। आम तौर पर, प्रत्येक आधा सेल एक धातु इलेक्ट्रोड होता है। यदि खुले सर्किट होते हैं तो ये धातुएं अपने आयनों को इलेक्ट्रोलाइट (ऐसे समाधान जिसमें इलेक्ट्रोड विसर्जित होते हैं) में छोड़ देते हैं।

इलेक्ट्रोड विभव क्या है इलेक्ट्रोड विभव को प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंजब किसी धातु की छड़ को उसके लवण के विलयन में डूबोते हैं तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धन या ऋणावेशित हो जाती है। इस प्रकार धातु की छड़ तथा विलयन के मध्य विभवांतर स्थापित हो जाता है। जिसे इलेक्ट्रोड विभव (electrode potential in Hindi) कहते हैं।

विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है इसके दो प्रमुख अनुप्रयोग लिखिए?

विद्युत रासायनिक श्रेणी के उपयोग

  • विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से धातुओं की क्रियाशीलता ज्ञात की जा सकती है।
  • इस श्रेणी की सहायता से धातुओं की अपचायक क्षमता की तुलना की जा सकती है।
  • इस श्रेणी की सहायता से धातुओं की ऑक्सीकृत प्रवत्ति ज्ञात कर सकते हैं।

इलेक्ट्रोड कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइलेक्ट्रोड दो प्रकार के होते हैं : (1) कार्बन के और (2) धातु के। धातु के इलेक्ट्रोड भी तीन प्रकार के होते हैं: (1) नंगे, (2) ढँके और (3) पोले। धातु के इलेक्ट्रोड की अधिक काम में आते हैं। कार्बन के इलेक्ट्रोड तो कुछ स्वचालित यंत्रो में ही प्रमुख होते हैं।

किसी धातु के ऋणात्मक अपचयन विभव से क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु या पिण्ड का विघुतीय विभव कार्य की वह मात्रा है, जो इकाई धन आवेश को अनन्त दूरी से उस वस्तु या पिण्ड तक लाने मे करना पड़ता है। * इस वजह से धन आवेशित वस्तु का विभव धनात्मक और ऋण आवेशित वस्तुओं का विभव ऋणात्मक होता है। किसी भी विद्युत उदासीन वस्तु का विभव शून्य होता है।

विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है इसके उपयोगों को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकाश विद्युत-रासायनिक श्रेणी में तत्वों को मानक अपचयन विभव के आधार पर व्यवस्थित किया गया है जिसमें सबसे ऊपर तत्व क्लोरीन स्थित है जिसका मानक अपचयन विभव + 2.87 वोल्ट है और सबसे नीचे तत्व लीथियम है जिसका मानक अपचयन विभव – 3.05 वोल्ट है श्रेणी में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों की इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रवृत्ति …

विद्युत रासायनिक श्रेणी क्या है इसके उपयोग लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंविद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से विभिन्न धातु द्वारा अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित कर पाने की क्षमता प्राप्त होती है। इसकी सहायता से धातुओं की क्रियाशीलता की तुलना की जा सकती है।

आर्क वेल्डिंग रॉड कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकें1. ऑटोजिनियस वैल्डिंग : इसमें समान धातुओं को उसी धातु की फिलर रॉड से जोड़ा जाता है. 2. हेट्रोजिनियस वैल्डिंग : इसमें अलग-अलग प्रकार की धातुओं को जोड़ा जाता है, जैसे-पीतल तथा ताँबा, माइल्ड स्टील तथा कास्ट आयरन आदि.

  • इलेक्ट्रोड
    • इलेक्ट्रोड विभव
      • इलेक्ट्रोड को प्रभावित करने वाले कारक
    • मानक इलेक्ट्रोड विभव

इलेक्ट्रोड

जब किसी धातु की छड़ को उसके लवण के विलयन में रखा जाता है तो धातु की छड़ पर धन या ऋण आवेश आ जाता है। तब इस प्रकार की छड़ को इलेक्ट्रोड कहते हैं। एवं इस पूरे उपकरण को अर्द्ध सेल कहते हैं।
इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण तथा अपचयन की अभिक्रिया होती हैं। अर्थात जिन इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण होता है उनको एनोड कहते हैं। एवं जिन इलेक्ट्रोड पर अपचयन होता है उन्हें कैथोड कहते हैं।

इलेक्ट्रोड विभव

जब किसी धातु की छड़ को उसके लवण के विलयन में डूबोते हैं तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धन या ऋणावेशित हो जाती है। इस प्रकार धातु की छड़ तथा विलयन के मध्य विभवांतर स्थापित हो जाता है। जिसे इलेक्ट्रोड विभव (electrode potential in Hindi) कहते हैं। इसे E से प्रदर्शित करते हैं।
M (s) \longrightarrow Mn+ (aq) + ne–
इलेक्ट्रोड विभव को प्रायः वोल्ट में मापा जाता है। इसका मान धातु की छड़ एवं लवण के विलयन की प्रकृति पर निर्भर करता है।

इलेक्ट्रोड को प्रभावित करने वाले कारक

  1. ताप का प्रभाव – इलेक्ट्रोड विभव का मान ताप पर निर्भर करता है एवं ताप बढ़ाने पर इलेक्ट्रोड विभव का मान बढ़ जाता है।
  2. मोलरता का प्रभाव – विलयन की सांद्रता (मोलरता) वृद्धि करने पर इलेक्ट्रोड विभव का मान कम हो जाता है।
  3. सुचालक की प्रकृति – जो धातुएं विद्युत की अच्छी सुचालक होती हैं उनमें इलेक्ट्रॉन प्रवाह की प्रवृत्ति अधिक होती है अतः उनके इलेक्ट्रोड विभव भी अधिक होते हैं।

मानक इलेक्ट्रोड विभव

किसी धातु की छड़ को 25°C ताप पर एक मोलर आयतन के विलयन में डुबोते हैं तो धातु की छड़ तथा विलयन के मध्य जो विभवांतर उत्पन्न होता है। उसे मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential in Hindi) कहते हैं। इसे Eo से प्रदर्शित करते हैं।
\footnotesize \boxed {E^o_{cell} = E^o_{कैथोड} - E^o_{एनोड} }
M (s) \longrightarrow \footnotesize \begin{array}{rcl} M^{n+}(aq) \\ 1\,मोलर\,सांद्रण \end{array} + ne–