पैरेंट्स वर्क फ्रॉम होम के साथ साथ बच्चों को संभालने में परेशान नजर आ रहे हैं.
हर बच्चे को पहली बार बोलने में थोड़ा समय लगता है. अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : February 13, 2020, 15:52 IST
जब बच्चा पहली बार बात करता है तो हर पैरेंट्स को दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल जाती है. ये उनके लिए एक अनमोल समय होता है. हर पैरेंट्स के लिए बच्चे का पहली बार बोलना, पहला कदम, पहली मुस्कान या पहली बार स्कूल जाना एक अद्भुत अनुभव होता है. बच्चा की हर पहली चीज उसके मां बाप के लिए कीमती और यादगार लम्हा होता है. हालांकि अगर बात बच्चे की शुरुआती विकास की करें तो पैरेंट्स को इस पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
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हर बच्चे को पहली बार बोलने में थोड़ा समय लगता है. अधिकांश बच्चे 11 से 14 महीने की उम्र के बीच अपने पहले शब्दों को बोलने की कोशिश करते हैं. वहीं 16 महीने तक, एक बच्चे को एक दिन में 40 शब्द बोलना शुरू कर देना चाहिए. बच्चे हर दिन नए शब्दों को सुनते रहते हैं, तो धीरे-धीरे उनकी शब्दावली बढ़ने लगती है.
3 साल के बच्चे उनके साथ होने वाली बातचीत पर पकड़ बनाने में पूरी तरह से सक्षम हो जाते हैं. वहीं अगर बच्चे में बोलने का विकास धीमी गति से हो रहा है तो पैरेंट्स को इस बात का ख्याल रखना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि बच्चे को जल्दी बोलना सिखाना है तो कौन से ट्रिक्स की मदद ली जा सकती है.
कैसे काम करता है बच्चे का ब्रेन?
बोलने का तरीका सीखने के लिए एक बच्चे के दिमाग को उनके नाम के साथ मिलने वाली वस्तुओं की पहचान कराने की जरूरत होती है. यह बच्चे की जीभ और होठों को सही तरीके से काम करने में मदद भी करता है. कुछ बच्चे जल्द ही बोलना शुरू कर देते हैं जबकि कुछ बच्चों का दिमाग और मोटर नर्व देर से विकसित होता है. आमतौर पर एक बच्चे को अपनी आवाज और जीभ की गति पर नियंत्रण पाने में
18 महीने का समय लग जाता है. यही कारण है कि बच्चे मम्मी को 'मम्मा' और डैडी को 'दादा' के रूप में आसानी से बदल देते हैं.
गर्भ में ही बच्चे से करें बात
डॉक्टरों की मानें तो गर्भ में ही बच्चे के बोलने का प्रशिक्षण शुरू हो जाता है. प्रत्येक दिन जब मां गर्भ में अपने बच्चे से बात करती है तो बच्चे नए शब्द सीखते और सुनते हैं. अपने बच्चे के दिमाग को प्रशिक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप उससे बात करें. ये गर्भ से ही शुरू हो जाता है.
जन्म के बाद करते रहें
बातें
पैदा होने के बाद आप अपने बच्चे खाना खिलाते समय, नहाते समय, सुलाते समय और टहलाते समय बात जरूर करें. बच्चे को उसके आसपास की चीजों के बारे में बताते रहें. अगर वह अपने सिर को हिलाकर, अपनी बाहों को हिलाकर या आपकी ओर इशारा करके आपकी प्रतिक्रिया का जवाब देते हैं, तो उन्हें और बोलने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए.
बच्चे के लिए गीत गुनगुनाएं
म्यूजिक आपके बच्चे के दिमाग की कोशिकाओं को उत्तेजित करती है. बच्चे अक्सर गाना सुनकर सिर हिलाते हैं. ऐसे में आप बच्चे के लिए कोई भी गाना गुनगुना सकते हैं. वह पूरी तरह से आपके गाने का हिस्सा बनने की कोशिश करेंगे. नर्सरी राइम, एक्शन गाने और लोरी ये सब आप अपने बच्चे के लिए गा सकते हैं. इसके साथ ही वह आपकी आवाज और आपकी क्रियाओं को पहचानने लगेंगे.
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बच्चे की आवाज कॉपी करें
आपके बच्चे द्वारा बनाई जा रही आवाज को आप दोहरा सकते हैं. एक दूसरे की नकल करने का यह खेल आपके बच्चे को बोलने के लिए प्रोत्साहित करेगा. जब वह आपको कॉपी करना शुरू करता है, तो आप उसे नए
शब्दों को सिखाने के लिए उपयोग कर सकते हैं. यह आपके बच्चे को तेजी से बात करने में मदद करेगा. अगर आपका बच्चा थोड़ी बहुत बात करने लगा है तो उसके लिए उस वाक्य को पूरा करें. वह थोड़ा बोलेगा और आप उसके साथ पूरा बोलेंगे. इस तरह से आपका बच्चा धीरे-धीरे बोलना सीख जाएगा.undefined
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Tags: Child Care, Lifestyle, Parenting
FIRST PUBLISHED : February 13, 2020, 15:52 IST
माता-पिता अपने बच्चे की आवाज को सुनने के लिए उत्सुक होते हैं, लेकिन मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि केवल शब्द ही भाषा विकास के संकेत नहीं हैं। नीचे चार संकेत दिए गए हैं जो इंगित करते हैं कि आपका बच्चा शीघ्र बोलना शुरू करने वाला है।
संकेत 1 –अपना पहला शब्द बोलने का प्रयास करता है (भले ही वह केवलबस एक आवाज हो)
जब शिशु 10 महीने के होते हैं, तब वे अचानक से अपना पहला पहचानने योग्य शब्द बोलना शुरू करते हैं। आमतौर पर, उनके पहले शब्द ‘दा-दा’ और ‘मां–मां’ होते हैं। ये उच्चारण असल में शब्दों के संक्षिप्त रूप होते हैं। उदाहरण के लिए;‘बा’ बोलत का संक्षिप्त रूप हो सकता है,‘चप’ कप का,‘मो’ ज्यादा का और ‘सू’ शूज का संक्षिप्त रूप हो सकता है। इस स्तर पर, आपका बच्चा इस तरह की आसान आवाज ही निकाल सकता है। चिंता न करें क्योंकि यह भाषा माता-पिता के लिए समझना आसान होता है।
संकेत 2 – आपके शब्दों को समझना शुरू करना
एक और महत्वपूर्ण शब्द जो इंगित करता है कि आपका बच्चा बोलना सीख रहा है, वह यह है कि आप जो कुछ कहते हैं वह उसे अधिक से अधिक समझने लगता है। मम्मी, डैडी, बेबी, शूज, बॉल, जूस और कूकी जैसे शब्द संभवत: वह अब समझने लगता है अथवा जल्द समझने लगेगा। अब वह यह भी समझने लगेगागी कि परिवार के सदस्यों अथवा पालतू जानवरों के नाम होते हैं और वह उन्हें पहचानना शुरू कर देगा गी।
संकेत3 – ‘बाय-बाय’ के प्रति प्रतिक्रिया देना
पहली बार, आपका बच्चा आसान निर्देशों का पालन करने लगेंगे जैसे ‘बाय-बाय करना’,‘मुझे टेडी बियर लाओ’,‘उसे बंद करो’ अथवा ‘मुझे चुंबनदो’।यह दर्शाता है कि आपके शिशु ने न केवल अलग-अलग शब्द सीख लिए हैं बल्कि कई शब्दों का इस्तेमाल करते हुए व्यक्त किए गए पूरे विचार को समझ सकते हैं। यह भाषा विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह इस बात का एक बड़ा संकेत है कि आपका बच्चा बोलना शुरू करने वाला है।
संकेत4 – तुतला कर बात करने का प्रयास करना
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार शिशु ‘शब्दजाल'बड़बड़ा कर’ अथवा ‘छद्मआभासी भाषा’ द्वारा भी बातचीत करना शुरू कर सकता है।वह किसी वयस्क की आवाज के पैटर्न, चेहरे के हावभाव और आवाज के लहजे की नकल करके ऐसे तुतलाएगा जैसे वाक्य बोल रहा है। यह तुतलाहट भरी बातचीत इस बात का एक और संकेत है कि आपका बच्चा बोलने के लिए तैयार हो रहा है।
साधारण बातचीत के साथ अपने शिशु से बात करना जारी रखें, परिचित वस्तुओं का नाम दोहराते रहें और आप जो कुछ कर रहे हैं उसके बारे में बताएं। आपके शिशु और आपकी जिंदगी की एक महत्वपूर्ण घटना होने वाली है – उसके द्वारा पहला शब्द बोले जाना!