डॉक्टर चंद्रा की मां श्रीमती सुब्रमण्यम के व्यक्तित्व के बारे में अपने शब्दों में विस्तार से लिखिए - doktar chandra kee maan shreematee subramanyam ke vyaktitv ke baare mein apane shabdon mein vistaar se likhie

डॉक्टर चंद्रा की मां श्रीमती सुब्रमण्यम के व्यक्तित्व के बारे में अपने शब्दों में विस्तार से लिखिए - doktar chandra kee maan shreematee subramanyam ke vyaktitv ke baare mein apane shabdon mein vistaar se likhie

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शब्दार्थ –
विधाता = ईश्वर
विलक्षण =अनोखे
रित्किता = खालीपन
अन्तर्यामी = हृदय में समाये हुए ईश्वर
अकस्मात् = अचानक
अकारण = बिना कारण के
विच्छिन्न = अलग कर देना, काट देना
दण्डित कर दिया हो = दण्ड दिया गया हो
वंचित = अलग
सामान्य - सी = साधारण - सी, कम महत्व की
कण्ठगत = गले में अटके
आकाश ही सिर पर टूट पड़ा है = बहुत बड़ी विपत्ति एकदम आ गई है
सुन = संवेदनहीन
बोटी - बोटी = शरीर का प्रत्येक अंग
फड़क रही है = स्पन्दित या गतिमान हो रहा है
मैडम = श्रीमती जी
सामान्य - सा = थोड़ा भी साधारण - सा
सहारा = मदद
निर्जीव = बिना प्राणों के, अथवा चेतनाहीन
अस्तित्व = बने रहने को
संजीव = सचेतन
भयानक = खतरनाक
अभिशाप = शाप
बावजूद = (इसके) होने पर भी
विधाता = ईश्वर से
उठा लो = मृत्यु दे दो
मौत = मृत्यु
भली = अच्छी
निरंतर = लगातार, रोजाना
भीख माँगती रही = दीन भाव से माँग करती रही
गति = चेतना
आर्थोपेडिक = हड्डियों से संबंधित
सर्जन = चीर फाड़ करने वाला
ख्याति = प्रसिद्ध
लैदर जैकेट = चमड़े से बनी जैकेट
बख्तर = कवच
कसी = कस कर बाँधी हुई
राणा साँगा = मेवाड़ के वीर राजपूत राजा का नाम जो महाराणा प्रताप के पूर्वज थे
स्मरण = याद आ जाती थी
क्षत - विक्षत = बहुत अधिक घायल
असंख्य = अनेक
आभामण्डित = कांति से शोभायमान
भव्य = सुंदर
मुद्रा = आकृति।

कक्षा 8 हिन्दी के इन 👇 पाठों के बारे में भी जानें।
1. पाठ 1 वर दे! कविता का भावार्थ
2. पाठ 1 वर दे! अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
3. उपमा अलंकार एवं उसके अंग
4. पाठ 2 'आत्मविश्वास' अभ्यास (प्रश्नोत्तर एवं व्याकरण)
5. मध्य प्रदेश की संगीत विरासत पाठ के प्रश्नोत्तर एवं भाषा अध्ययन

बोध प्रश्न

प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए –
उत्तर – विलक्षण = अनोखा
अकस्मात् = अचानक
विच्छिन्न = अलग किया हुआ, काटा हुआ
अभिशप्त = शापित, शाप लगा हुआ
उत्फुल्ल = प्रसन्न
विषाद = दुख, उदासी
बुद्धि दीप्ति = मेधावी, तेज बुद्धि वाला
जिजीविषा = जीने की इच्छा
कंठगत = गले में आना
उत्कट = प्रबल तीव्र
नियति = भाग्य
क्षत-विक्षत = घायल
आभामणित = तेज से युक्त
पटुता = चतुराई
ख्याति = प्रसिद्ध
आघात = प्रहार,चोट
व्यथा = कष्ट, रोग
नूरमंजिल = लखनऊ में स्थित मानसिक रोगियों का अस्पताल।

प्रश्न 2 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(क) अपराजिता संस्मरण की लेखिका कौन है ?
उत्तर– अपराजिता संस्मरण की लेखिका गौरा पंत 'शिवानी' है वह हिंदी की लोकप्रिय कथा - लेखिका है।
(ख) डॉ. चंद्रा की माताजी का क्या नाम है
उत्तर– डॉ. चंद्रा की माताजी का नाम श्रीमती टी. सुब्रह्मण्यम है ।
(ग) डॉ. चंद्रा को सामान्य ज्वर के बाद कौन सी बीमारी हो गई थी।
उत्तर– डॉ. चंद्रा को सामान्य ज्वर के बाद पक्षाघात की बीमारी हो गई जिससे गर्दन के नीचे उनका सर्वांग अचल हो गया।
(घ) 'वीर जननी' का पुरस्कार किसे मिला?
उत्तर– 'वीर जननी' का पुरस्कार अद्भुत साहसी जननी श्रीमती टी. सुब्रमण्यम को मिला श्रीमती सुब्रमण्यम ने लगातार पच्चीस वर्ष तक सहिष्णुता के साथ अपनी पुत्री के साथ- साथ कठिन साधना की।

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए–
(क) लेखिका की दृष्टि में डॉ. चंद्रा सामान्य जनों से किन बातों में भिन्न थी ?
उत्तर– डॉ. चंद्रा सामान्य जनों से अनेक बातों में भिन्न थी। वे असामान्य रूप से शारीरिक अक्षमता व रोग से पीड़ित थी। उनके शरीर का निचला धड़ निष्प्राण मांस पिण्ड मात्र था फिर भी वे सदा उत्फुल्ल रहती थी। उनके चेहरे पर विषाद की कोई रेखा भी नहीं दिखती थी। उनमें अदम्य साहस और उत्कट जीजिविषा थी। उनके मुखमंडल पर बुद्धि की दिप्तता झलकती थी। उनका व्यक्तिगत अनेक महत्वकांक्षाओं से परिपूर्ण था उन्हें अपने शरीर की अपंगता से बेचैनी नहीं थी ।
उनमें अद्भुत साहस भरा था। उन्होंने अपनी थीसिस पर डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण की। वे कभी भी किसी से सामान्य -सा सहारा नहीं चाहती थी। उन्होंने अपनी विलक्षणता से एम.एस-सी. में प्रथम स्थान प्राप्त करके बंगलोर (बंगलुरू) के प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में अपने लिए स्पेशल सीट अर्जित की और बाद में शोधकार्य भी किया। राष्ट्रपति से गर्ल गाइड में स्वर्ण कार्ड पाने वाली प्रथम अपंग बालिका थी। उसमें संगीत के प्रति भी रुचि थी।

(ख) लेखिका ने जब चंद्रा को कार से उतरते देखा तो वे आश्चर्यचकित क्यों रह गई?
उत्तर– लेखिका ने जब चंद्रा को कार से उतरते देखा तो वे अचंभित रह गई। कार का द्वार खुला। एक प्रौढ़ा ने उतरकर पिछली सीट से हिव्ल चेयर निकालकर सामने रख दी। कार में एक व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी निर्जीव धड़ को बड़ी सावधानी से नीचे उतारा और बैसाखियों का सहारा लिया और हिव्ल चेयर तक पहुंची तथा उसमें बैठ गई। अपनी हिव्ल चेयर को बड़ी तटस्थता से चलाती हुई कोठी के अंदर चली गई। डॉ. चंद्रा को नित्य नियत समय पर अपने कार्य करते देख चकित होती जब वह मशीन की तरह बटन खटखटाती अपना काम किए चली आती थी
डॉ. चंद्रा अपनी अपंगता से बिल्कुल भी बेचैन नहीं लगती थी। उनकी आंखों में अदम्य उत्साह और उत्कृष्ट जिजीविषा थी। उनमें महत्वकांक्षा से भरपूर थी। अतः उन्हें देखकर लेखिका अचम्भित रह गई।

इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. मित्र को पत्र कैसे लिखें?
2. परिचय का पत्र लेखन
3. पिता को पत्र कैसे लिखें?
4. माताजी को पत्र कैसे लिखें? पत्र का प्रारूप
5. प्रधानपाठक को छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

प्रश्न 4 निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– (क) बित्ते भर की लड़की मुझे किसी देवांगना से कम नहीं लगी।
आशय – लेखिका को अपंगता से ग्रसित लड़की देवांगना से कम नहीं लग रही थी। उसके चेहरे पर अद्भुत कांति थी। उसमें बुद्धिबल और आत्मनिर्भरता थी, यद्यपि वह शरीर से बहुत छोटी थी।

(ख) मैडम, मैं चाहती हूँ कि कोई मुझे सामान्य – सा भी सहारा न दे।
आशय– उस छोटे से आकार की अपंगता से ग्रस्त बालिका ने लेखिका से कहा कि वह नहीं चाहती है कि कोई भी व्यक्ति उसको थोड़ा भी सहारा दे। वह स्वावलम्बी बनकर रहना चाहती है।

(ग) चिकित्सा ने जो खोया, वह विज्ञान में पाया।
आशय – लेखिका का कथन सही है क्योंकि चिकित्सा में डॉ. चंद्रा की अपंगता को ठीक नहीं किया जबकि विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. चंद्रा ने अनेक सफलताएँ प्राप्त की ।
डॉ. चंद्रा ने बी.एस.सी. और एम.एस.सी. प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण और डॉ. सेठना के निर्देशन में पाँच वर्ष कार्य करते हुए पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त करके, विज्ञान के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया।

(घ) बुद्धिदीप्त आँखों में अदम्य उत्साह, प्रतिफल- प्रतिक्षण भरपूर उत्कट जिजीविषा और फिर कैसी- कैसी महत्वकांक्षाएँ ।
आशय– लेखिका के अनुसार डॉ. चंद्रा की आँखों से ही उनकी बुद्धि का तेज झलकता था। उनमें कभी न रुकने वाला उत्साह था उन्हें किए गए कर्म के फल की प्राप्ति में विश्वास था। प्रत्येक क्षण अत्यंत प्रिय एवं उत्कट रूप में जीवित रहने की इच्छा थी। इस पर भी उनमें अनेक महत्वकांक्षाएँ थी।

भाषा – अध्ययन

प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिए।
डॉक्टर, कॉलेज, बॉल, ऑफ, ऑफिस, कान्वेन्ट।
उत्तर – अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में प्रयोग करने से 'ऑ' ध्वनि का आचरण होता है । ध्वनि का आगम अंग्रेजी से हुआ है। अतः विद्यार्थी उपर्युक्त शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिए और उन्हें लिखिए।
व्यक्तित्व, रिक्तता, अभिशप्त, विच्छिन्न, निष्प्राण, जिजीविषा, बुद्धिदीप्त, सुब्रमण्यम।
उत्तर – विद्यार्थी उपयुक्त शब्दों का शुद्ध करें, फिर उन्हें लिखें।

प्रश्न 3 सही विकल्प चुनिए –
(क) 'अपराजिता' शब्द में उपसर्ग है –
(1)
(2) अप
(3) अपरा।
उत्तर –(क) अपरा
(ख) 'विकलांगता' शब्द में प्रत्यय है –
(1) गता
(2) ता
(3) आगत।
उत्तर– (ख) ता
(ग) 'अभिमान' में उपसर्ग है –
(1) अभि
(2)
(3) मान ।
उत्तर– (ग) अभि
(घ) 'अपराजिता' का विलोम है –
(1) जीता
(2)जिता
(3) पराजिता ।
उत्तर–(घ) पराजिता।

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प्रश्न 4 'अपराजिता' पाठ पर साधारण वाक्य, मिश्रित वाक्य और संयुक्त वाक्य के दो-दो उदाहरण छाँटकर लिखिए।
उत्तर – साधारण वाक्य–
(1) उस कोठी का आहाता एकदम हमारे बँगले के अहाते से जुड़ा था।
(2) आजकल वह आई.आई.टी. मद्रास ,(चेन्नई) में काम कर रही है।
मिश्रित वाक्य –
(1) हमें लगता है कि भले ही उस अंतर्यामी ने हमें जीवन में कभी अकस्मात् अकारण ही दंडित कर दिया हो।
(2) लौटते समय किसी स्टेशन पर चाय लेने उतरा की गाड़ी चल पड़ी ।
संयुक्त वाक्य–
(1) हमने आज तक दो व्यक्तियों द्वारा सम्मिलित रूप में नोबेल पुरस्कार पाते अपने ही विषय में सुना था, किंतु आज हम शायद पहली बार इस पी.एच.डी. के विषय में भी कह सकते हैं
(2)एक वर्ष तक कष्टसाध्य उपचार चला और एक दिन स्वयं ही इसके ऊपरी धड़ में गति आ गई, हाथ हिलाने लगे, नन्ही उँगलियाँ मुझे बुलाने लगी।

प्रश्न 5 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए–
मैंने शारीरिक रूप से विशेष आवश्यकता वाले एक बालक को पैर से लिखते देखा तो मैं दंग रह गया। भगवान की लीला भी विचित्र है। साहसी, आत्मविश्वास जी और जीवट स्वभाव के ऐसे विशेष आवश्यकता वाले कुछ व्यक्ति तो हमें हतप्रभ बना देते हैं समाज में इस प्रकार के कुछ व्यक्ति तो अपने हथियार डाल देते हैं तथा दूसरों के आश्रित रहकर जीवन जीते हैं। कभी वे मंदिर के सामने, कभी स्टेशन के पास या कभी सार्वजनिक स्थान पर मांगने के लिए धरना दिए बैठे रहते हैं हमें चाहिए कि हम उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित करें। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करें और उन्हें अच्छा जीवन जीने का मार्ग सुझाएँ।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर – 'शारीरिक रूप से विशेष आवश्यकता वाले व्यक्ति'।
(ख) हम विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए क्या - क्या काम कर सकते हैं?
उत्तर– हम उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं तथा उन्हें अच्छा जीवन जीने का मार्ग सुझा सकते हैं ।
(ग) इस गद्यांश में मुहावरे छाँटकर उनके अर्थ और वाक्य – प्रयोग कीजिए।
उत्तर– मुहावरे –
(1) दंग रह जाना – अचम्भे में पड़ जाना ।
वाक्य प्रयोग – आठ वर्ष की बालिका ने जब गीता के श्लोक मौखिक सुनाए, तो वहाँ उपस्थित लोग दंग रह गए
(2) हतप्रभ – चकित हो जाना।
वाक्य प्रयोग – हमारे विद्यालय की विकलांग बालिका ने जब 100 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाया, तो उपस्थित लोग हतप्रभ हो गये।
(3) हथियार डालना – हार मान लेना।
वाक्य प्रयोग– भारतीय सेना के समक्ष हमारे दुश्मनों ने हथियार डाल दिये।
(4) धरना देना – एक स्थान पर जमकर बैठ जाना।
वाक्य प्रयोग– छात्रों ने अपनी माँगों के समर्थन में प्रधानाचार्य के कार्यालय के सामने धरना दे दिया
(5) अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वावलम्बी हो जाना।
वाक्य प्रयोग – प्रत्येक युवक को अपने पैरों पर खड़ा होने के सद्प्रयास करने चाहिए।
(6) मार्ग सुझाना – उपाय बताना ।
वाक्य प्रयोग – बेरोजगारी मिटाने के लिए विद्वानों को मार्ग सुझाना चाहिए।
(घ) इस गद्यांश में से एक - एक सरल, मिश्रित और संयुक्त वाक्य छाँटकर लिखिए ।
उत्तर– सरल वाक्य – भगवान की लीला विचित्र हैं।
मिश्रित वाक्य – हमें चाहिए कि हम उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित करें।
संयुक्त वाक्य – उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें और उन्हें अच्छा जीवन जीने का मार्ग सुझाएँ।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

प्रश्न 6. निम्नलिखित गघांश को उपयुक्त विराम चिन्ह लगातार पुनः लिखिए –
नहीं मिसेज सुब्रह्मण्यम मदर ने कहा कि हमें आपसे पुरी सहानुभूति हैं पर आप ही सोचिए कि आपकी पुत्री की हीव्ल चेयर कौन पूरे क्लास में घुमाता फिरेगा।
आप चिंता न करें मदर मैं हमेशा उसके साथ रहूँगी और फिर पूरी कक्षाओं में अपंग पुत्री की कुर्सी की परिक्रमा मैं स्वयं कराती।
उत्तर – "नहीं", मिसेज सुब्रमण्यम, मदर ने कहा- "हमें आपसे पूरी सहानुभूति है, पर आप ही सोचिए, आपकी पुत्री की व्हील चेयर कौन पूरे क्लास में घूमाता फिरेगा।"
"आप चिंता न करें, मदर, मैं हमेशा उसके साथ रहूँगी" और फिर पूरी कक्षाओं में अपंग पुत्री की कुर्सी की परिक्रमा में स्वयं कराती।

प्रश्न 7 'सुगम' शब्द में 'ता' प्रत्यय जोड़कर 'सुगमता' नया शब्द बना है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में निर्धारित प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाए–
उत्तर– पूर्व शब्द........प्रत्यय.......... नया शब्दपाठ
कर्मठ.............ता .............कर्मठता
शालीन............ता ............ शालीनता
उदार...............ता ..........उदारता
कृपण............. ता.......... कृपणता
चाय ............वाला ..........चायवाला
मिठाई ..........वाला ..........मिठाईवाला
फल............वाला ...........फलवाला
रिक्शा........... वाला.........रिक्शावाला
गाड़ी..............वाला...........गाड़ीवाला

प्रश्न 8 'प्रतिफल' शब्द में 'प्रति' उपसर्ग जुड़ा है ।इसी प्रकार 'प्रति' 'परा' और 'अभी' उपसर्ग जोड़कर एक नए शब्द बनाइए और लिखिए।
उत्तर – उपसर्ग.......शब्द.............नयाशब्द
प्रति...........क्षण............ प्रतिक्षण
प्रति............दान............ प्रतिदान
प्रति............ध्वनि............ प्रतिध्वनि
प्रति...........रूप..............प्रतिरूप
प्रति...........वादी............प्रतिवादी
परा..............जय............पराजय
परा..............क्रम........... पराक्रम
परा..............भव............. पराभव
परा...............भूत .............पराभूत
परा...............वर्तन...............परावर्तन
अभि.............मुख................ अभिमुख
अभि.............शाप.............अभिशाप
अभि..............नव...............अभिनव

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची

आशा है, इस पाठ की जानकारी विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होगी।
धन्यवाद।
RF Temre
infosrf.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
infosrf.com

Watch related information below
(संबंधित जानकारी नीचे देखें।)

डॉक्टर चंद्रा की माता जी का क्या नाम था?

जगदीश चन्द्र बसु
लन्दन के रॉयल इंस्टीट्यूशन में (१८९७ ई)
जन्म
३० नवम्बर १८५८ मेमनसिंह, पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश), ब्रिटिश भारत
मृत्यु
गिरिडीह, बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत
आवास
अविभाजित भारत
जगदीश चन्द्र बसु - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › जगदीश_चन्द्र_बसुnull

लेखिका ने जब चंद्रा को कार से उतरते देखा तो वह आश्चर्यचकित क्यों रह गई?

(घ) उनकी कार माँ को चलानी पड़ती थी और वे माँ को कष्ट देना नहीं चाहती थी । उत्तर : (ख) डॉ. चन्द्रा चाहती थीं कि कोई उसे सामान्य-सा सहारा भी न दे और इसलिए वे ऐसी कार बनाना चाहती थीं जिसे वे स्वयं चला सकतीं ।

डॉक्टर चंद्रा की सफलता में किसका योगदान था?

आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय
मृत्यु
16 जून 1944 (उम्र 82) कोलकाता, भारत
राष्ट्रीयता
भारतीय
क्षेत्र
रसायन विज्ञान
शिक्षा
विद्यासागर कॉलेज प्रेसिडेंसी कालिज, कोलकाता कोलकाता विश्वविद्यालय एडिनबर्ग विश्वविद्यालय
प्रफुल्ल चन्द्र राय - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › प्रफुल्ल_चन्द्र_रायnull

अपराजिता का अर्थ क्या है लेखिका ने अपराजिता किसे कहा है?

Solution : अपराजिता का अर्थ है जो पराजित कभी न हो डॉ o चंद्रा विधाता प्रदत्त विकलांगता को भी मात देकर जीवन का सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर ली।