छठ पूजा का नियम क्या है? - chhath pooja ka niyam kya hai?

Author: Kartikey TiwariPublish Date: Wed, 18 Nov 2020 08:16 AM (IST)Updated Date: Fri, 20 Nov 2020 07:21 AM (IST)

Chhath Puja Rules सूर्य की आस्था का महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ बुधवार से हो चुका है। आज खरना है। छठ पूजा के अवसर पर जानते हैं कि इसका नियम क्या है और किस प्रकार इसका पालन करना चाहिए।

Chhath Puja Rules: सूर्य की आस्था का महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ बुधवार से हो चुका है। आज खरना है।नहाय-खाय से व्रती अपने व्रत का आगाज करते हैं।  छठ पूजा बिहार समेत देश के कई बड़े शहरों में मनाया जाता है। यह व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है क्यों​कि यह व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखना होता है। छठ पूजा के व्रत का नियम भी सभी व्रतों से अलग होता है। आप यदि छठ पूजा का व्रत रखते हैं, तो आपको इसके नियमों की जानकारी होनी चाहिए। नियमपूर्वक व्रत न करने से छठी मैया और सूर्य देव का आशीष प्राप्त नहीं होता है और व्रत भी निष्फल हो जाता है। छठ पूजा का व्रत संतान प्राप्ति, उसकी सुरक्षा तथा सफल जीवन के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि राजा सगर ने सूर्य षष्ठी का व्रत सही से नहीं किया था, जिसके प्रभाव से ही उनके 60 हजार पुत्र मृत्यु को प्राप्त हुए।

आज छठ पूजा के अवसर पर जानते हैं कि इसका नियम क्या है और किस प्रकार इसका पालन करना चाहिए।

छठ पूजा व्रत के नियम

1. 4 दिनों की छठ पूजा का व्रत रखने वाले व्यक्ति को पलंग या तखत पर सोने की मनाही होती है। वह जमीन पर चटाई बिछाकर सो सकता है तथा कंबल आदि का प्रयोग कर सकता है।

2. व्रती को चारों दिन नए और साफ वस्त्र पहनना होता है। इसमें भी इस बात का ध्यान दिया जाता है कि वे वस्त्र सिले न हों। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं। हालांकि आजकल लोग कोई भी वस्त्र पहन लेते हैं।

3. व्रत रखने वाले शख्स को मांस, मदिरा, झूठी बातें, काम, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

4. आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो परिवार के सभी सदस्य को तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। इन चार दिनों में सात्विक भोजन ही करें।

5. छठ पूजा के व्रत में बांस के सूप का प्रयोग होता है। सूर्य देव की जब संध्या त​था प्रात:काल की पूजा होती है, तो उस समय सूप में ही पूजन सामग्री रखकर उनको अर्पित किया जाता है।

6. छठ पूजा में छठी मैया तथा भगवान भास्कर को ठेकुआ तथा कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग लगाना चाहिए।

7. छठी मैया की पूजा का व्रत साफ-सफाई का है। पहले दिन घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई की जाती है। घाटों की भी सफाई की जाती है।

8. छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का प्रयोग अवश्य करें। इसमें पत्ते वाले गन्ने का उपयोग किया जाता है।

Edited By: Kartikey Tiwari

छठ पूजा में क्या क्या नहीं करना चाहिए?

छठ पर्व में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है। पूजा में शामिल होने वाले बर्तन को जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। दूसरे सामान को छूकर छठ की चीजों को नहीं छूना चाहिए। हमेशा हाथ साफ करके ही छठ पूजा के सामान को हाथ में लेना चाहिए

छठ पूजा में क्या क्या खाना चाहिए?

घर के बाकी सदस्य भी वही खाना खाते हैं जो व्रती खाते हैं। – नहाय खाय से छठ पर्व के आखिरी दिन तक मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। – व्रत के दिन व्रती महिलाओं और पुरुषों को फर्श पर चादर या चटाई बिछाकर सोना चाहिएChhath Puja date 2019 : कब है छठ पूजा, नहाय खाय से लेकर सूर्योदय के अर्घ्‍य तक किस दिन क्‍या?

छठ व्रत का क्या नियम है?

छठ व्रत कितने प्रकार का होता है, ऐसा व्रत कम लोग ही कर पाते हैं.
1/5. सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्य और आनंद की होती है प्राप्ति <p>20 नवंबर शु्क्रवार को संध्याकालीन छठ का पर्व मनाया जा रहा है। ... .
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5/5. छठ व्रत दंड प्रणाम <p>छठ व्रत का यह नियम बहुत ही कठिन माना जाता है।.

पहली बार छठ पूजा कैसे करें?

इस दिन व्रती किसी नदी या तालाब में स्नान करके छठ व्रत करने का संकल्प लेते हैं। इसके बाद कद्दू चने की सब्जी, चावल, सरसों का साग खाते हैं। इसके अगले दिन खरना किया जाता है। खरना में व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर, पूरी बनाकर छठ मैय्या को भोग लगाते हैं।

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