भारत का पहला बैंक कौन सा है? - bhaarat ka pahala baink kaun sa hai?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक ऑफ हिंदुस्तान

Answer : D

Solution : भारत का प्रथम बैंक, बैंक ऑफ हिन्दुस्तान था। इसकी स्थापना (1770-1832) में हुई थी। जिसे औपनिवेशिक भारत के पहले आधुनिक बैंकों में से एक माना जाता है। इसे कम्पनी के एजेंसी हाउस द्वारा स्थापित किया गया था। सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया - 21 दिसम्बर 1911 मुम्बई

भारत में पहला बैंक कौन सा था ?

A. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India)

B. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (State Bank of India)

C. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India)

D. बैंक ऑफ हिंदुस्तान (Bank of Hindustan)

  1. D
  2. B
  3. A
  4. C

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : D

Free

10 Questions 10 Marks 7 Mins

सही उत्तर बैंक ऑफ हिंदुस्तान है।

Key Points

  • आधुनिक भारत की ओर बढ़ते हुए, भारत का पहला बैंक बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान था।
  • यह बैंक वर्ष 1770 में स्थापित किया गया था लेकिन 50 वर्ष के संचालन के बाद बैंक को समाप्त कर दिया गया था।
  • इसके अतिरिक्त, भारत में दूसरा सबसे पुराना बैंक 1786 में स्थापित किया गया था और बैंक गिरने से पहले केवल 1791 तक चल सकता था। इस बैंक का नाम बैंक ऑफ इंडिया था।
  • बाद में 1806 में, बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना की गई और बाद में इस बैंक का नाम बदलकर बैंक ऑफ बंगाल कर दिया गया। इस बैंक का नाम बदलने के कई आदेशों के बाद, भारतीय स्टेट बैंक अस्तित्व में आया।
  • स्टेट बैंक बैंक ऑफ़ कलकत्ता है और नाम में यह अंतिम बदलाव 1955 में हुआ।
  • भारतीय स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक भी है
  • अब भारत में सभी बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित होते हैं जो भारत की केंद्रीय बैंकिंग संस्था है।
  • आरबीआई की स्थापना 1935 में हुई थी और यह भारत के सबसे शक्तिशाली संस्थानों में से एक है।

Last updated on Sep 21, 2022

The RRB (Railway Recruitment Board) has released the Result, and Cut Off marks for the CBAT (Computer Based Aptitude Test) stage for Pay Level 6. The result and cut-off marks are announced for the RRB Chandigarh, Bhopal & Chennai regions for the recruitment cycle 2021. The exam is conducted to fill up a total number of 35281 vacant posts. Candidates who are qualified for the Computer Based Aptitude Test will be eligible for the next round, which will be Document Verification & Medical Exam. The candidates with successful selection under RRB NTPC will get a salary range between Rs. 19,900 to Rs. 35,400. Know the RRB NTPC Result here.

With hundreds of Questions based on Banking History or Facts, we help you gain expertise on Banking and Financial Awareness. All for free. Explore Testbook Learn to attain the subject expertise with us.

भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास दो सौ वर्ष पुराना है।

भारत के आधुनिक बैंकिंग की शुरुआत ब्रिटिश राज में हुई। १९वीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ३ बैंकों की शुरुआत की - बैंक ऑफ बंगाल १८०6 में, बैंक ऑफ बॉम्बे १८४० में और बैंक ऑफ मद्रास १८४३ में। लेकिन बाद में इन तीनों बैंको का विलय एक नये बैंक 'इंपीरियल बैंक' में कर दिया गया जिसे सन १९५५ में 'भारतीय स्टेट बैंक' में विलय कर दिया गया। इलाहाबाद बैंक भारत का पहला निजी बैंक था। भारतीय रिजर्व बैंक सन १९३५ में स्थापित किया गया था और बाद में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन बैंक स्थापित हुए। भारत में प्रारम्भ में बैंकों की शाखायें और उनका कारोबार वाणिज्यिक केन्द्रों तक ही सीमित होती थी। बैंक अपनी सेवायें केवल वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को ही उपलब्ध कराते थे। स्वतन्त्रता से पूर्व देश के केन्द्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक ही सक्रिय था। जबकि सबसे प्रमुख बैंक इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया था। उस समय भारत में तीन तरह के बैंक कार्यरत थे - भारतीय अनुसूचित बैंक, गैर अनुसूचित बैंक और विदेशी अनुसूचित बैंक।

स्वतन्त्रता के उपरान्त भारतीय रिजर्व बैंक को केन्द्रीय बैंक का दर्जा बरकरार रखा गया। उसे 'बैंकों का बैंक' भी घोषित किया गया। सभी प्रकार की मौद्रिक नीतियों को तय करने और उसे अन्य बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा लागू कराने का दायित्व भी उसे सौंपा गया। इस कार्य में भारतीय रिजर्व बैंक की नियंत्रण तथा नियमन शक्तियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

बैंकों का राष्ट्रीयकरण

भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण स्वतन्त्रता के उपरान्त सन् 1949 में किया गया। इसके कुछ वर्षों के उपरान्त सन् 1955 ई. में इंम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया का भी राष्ट्रीयकरण किया गया और उसका नाम बदल करके भारतीय स्टेट बैंक रखा गया। आगे चलकर सन् 1959 ई. में भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम बनाकर आठ क्षेत्रीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। वर्तमान में ये आठों बैंक भारतीय स्टेट बैंक समूह के बैंक कहे जाते हैं। इन आठों बैंकों के नाम - स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ इन्दौर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर इत्यादि हैं। देशभर में इनकी लगभग 15,000 शाखायें हैं।

देश के प्रमुख चौदह बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई सन् 1969 ई. को किया गया। ये सभी वाणिज्यिक बैंक थे। इसी तरह 15 अप्रैल सन 1980 को निजी क्षेत्र के छ: और बैंक राष्ट्रीयकृत किये गये। इन सभी बीस बैंकों की शाखायें देशभर में फैली हैं। वर्तमान में कुल १९ राष्ट्रीयकृत बैंक हैं।

निजी व सहकारी क्षेत्र के बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी, सन् 1993 ई. में तेरह नये घरेलू बैंकों को बैंकिंग गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी। इनमें प्रमुख हैं यू.टी.आई., इण्डस इण्डिया, आई.सी.आई.सी.आई., ग्लोबल ट्रस्ट, एचडीएफसी तथा आई.डी.बी.आई.। देश में लगभग पाँच सौ सहकारी क्षेत्र के बैंक भी बैंकिंग गतिविधियों में संलग€ हैं। देशी बैंकों के साथ अमेरिकी, यूरोपीय तथा एशियायी देशों की बैंकें भी भारत में अपनी शाखायें खोलकर कारोबार कर रही हैं। इनकी शाखायें महानगरों तथा प्रमुख शहरों तक ही सीमित हैं। देश में ग्रामीण बैंकों का बड़ा संजाल फैलाया गया है। देश में लघु बैंकिंग कारोबार में इन ग्रामीण बैंकों की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

भारत में बैंकिग क्षेत्र में आधुनिक सुधार

भारत में बैंकिग क्षेत्र में समय-समय पर सुधार किए जाते रहे हैं। इसके लिए सरकार ने समय-समय पर कई समितियां बनाई जिनकी रिपोर्ट में उन 14 बड़े व्यापारिक बैंको को राष्ट्रीयकरण किया गया जिनके पास 60 करोड़ रुपये थे तथा 1980 में उन 6 बैंकों को राष्ट्रीयकरण किया गया जिनके पास 200 करोड़ रुपये थे। उसके बाद भारत में बैंकों का महत्व और बढ़ा तथा इन बैंकों की शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी खोली गई। सन् 1991 में इन बैंकों में सुधार की आवश्यकता महसूस की गई। इसके लिए भारत सरकार ने अगस्त 1991 में श्री एम. नरसिंहम की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की तथा बाद में सन् 1998 में भी बैंकिग प्रणाली सुधार कमेटी इन्हीं की अध्यक्षता में नियुक्त की गई। वित्तीय प्रणाली की समीक्षा के लिए एम. नरसिंहम ने 1991 में निम्नलिखित सिफारिशें की-

1. इस समिति ने तरलता अनुपात में कमी करने की सिफारिश की जिसमें कानूनी तरलता अनुपात (SLR) को अगले पांच वर्षों में 38.5 प्रतिशत से कम करके 28 प्रतिशत कर देने की सिफारिश की।

2. इस समिति ने निर्देशित ऋण कार्यक्रमों को समाप्त करने की सिफारिश की।

3. इस समिति के अनुसार ब्याज दरों का निर्धारण बाजार की शक्तियों के द्वारा होना चाहिए। ब्याज दरों के निर्धारण में रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

4. इस समिति ने बैकों की लेखा प्रणाली में भी सुधार करने की बात की।

5. इस समिति ने बैकों के ऋणों की समय पर वसूली के लिए विशेष ट्रिब्यूनल की स्थापना पर जोर दिया।

6. नरसिंहम समिति ने बैंकों के पुनर्निर्माण के ऊपर भी जोर दिया। इस समिति के अनुसार 3 या 4 अन्तर्राष्ट्रीय बैंक, 8 या 10 राष्ट्रीय बैंक तथा कुछ स्थानीय बैंक एवं कुछ ग्रामीण बैंक एक देश के अन्दर होने चाहिए।

7. इस समिति ने शाखा लाइसेंसिंग की समाप्ति की सिफारिश की।

8. नरसिंहम समिति ने विदेशी बैंकिग को भी अपने देश में प्रोत्साहित करने की सिफारिश की।

9. इस समिति ने बैंकों पर दोहरे नियंत्रण को समाप्त करने की सिफारिश की।

पहले बैंकों पर वित्त मंत्रालय तथा रिजर्व बैंक का नियंत्रण होता था। नरसिंहम कमेटी ने सुझाया कि बैंकों पर केवल रिजर्व बैंक का नियंत्रण होना चाहिए।


1998 में गठित नरसिंहम समिति की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैः

1. सुदृढ़ वाणिज्यिक बैंकों आपस में विलय अधिकतम आर्थिक और वाणिज्यिक माहौल पैदा करेगा और इससे उद्योगों का विकास होगा।

2. सुदृढ़ वाणिज्यिक बैकों का विलय कमजोर वाणिज्यिक बैकों के साथ नहीं किया जाना चाहिए।

3. देश के बड़े बैंकों को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया जाना चाहिए।

4. जोखिम भरी आस्तियों से पूंजी के अनुपात को सन् 2000 तक 9 प्रतिशत तथा सन् 2002 तक 10 प्रतिशत के स्तर पर लाया जाना चाहिए।

5. सरकारी प्रतिभूतियों द्वारा कवर किए गए असुविधाजनक हो चुके ऋणों को गैर निष्पादनीय अस्ति माना जाए।

6. रुपये 2,00,000 लाख से कम के ऋणों पर ब्याज नियंत्रण का अधिकार बैंकों को दिया जाए।

वर्तमान भारत में बैंकिंग

भारत में बैंकिंग बहुत सुविधाजनक और परेशानी मुक्त है। कोई भी (व्यक्ति, समूह या जो भी हो) आसानी से लेनदेन की प्रक्रिया कर सकता हैं जब भी किसी को आवश्यकता हो। बैंकों द्वारा भारत में दी जाने वाली आम सेवाएँ इस प्रकार हैं -

  • बैंक खाते: यह बैंकिंग क्षेत्र की सबसे आम सेवा है। कोई भी व्यक्ति बैंक खाता खोल सकता है जो कि बचतखाता, चालू खाता या जमा खाता कुछ भी हो सकता है।
  • ऋण खाते: आप विभिन्न प्रकार के ऋणों के लिए किसी भी बैंक का रुख कर सकते हैं। यह आवास ऋण, कार ऋण, व्यक्तिगत ऋण, शेयर के विरुद्ध ऋण और शैक्षिक ऋण या कोई भी ऋण हो सकता है।
  • धन हस्तांतरण: बैंकें विश्व के एक कोने से दूसरे कोने में पैसा स्थानांतरण करने के लिए ड्राफ्ट, धनाआदेश या चेक जारी कर सकते है।
  • क्रेडिट और डेबिट कार्ड: सभी बैंकें अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की पेशकश करते हैं। जो कि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिये या पैसे उधार लेने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लाकर्स : अधिकांश बैंकों के पास लाकर्स सुविधा उपलब्ध होती है जिसमें ग्राहक अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज या क़ीमती गहने सुरक्षित रख सकता है।
अनिवासी भारतीयों के लिए बैंकिंग सेवा

अनिवासी भारतीयों या एनआरआई लगभग सभी भारतीय बैंकों में खाता खोल सकते हैं। अनिवासी भारतीय तीन प्रकार के खाते खोल सकते हैं:

  • अनिवासी खाता (साधारण) - NRO
  • अनिवासी (बाह्य) रुपया खाते - NRE
  • अनिवासी (विदेशी मुद्रा) खाता - FCNR

विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक बैंक

भारत की वाणिज्यिक बैंकिंग इन श्रेणियों में रख सकते हैं-

१. केंन्द्रीय बैंक - रिजर्व बैंक ओफ़ इंडिया भारत की केंन्द्रीय बैंक है जो कि भारत सरकार के अधीन है। इसे केन्द्रीय मंडल के द्वारा शासित किया जाता है, जिसे एक गवर्नर नियंत्रित करता है जिसे केन्द्र सरकार नियुक्त करती है। यह देश के भीतर की सभी बैंकों को संचालन के लिए दिशा निर्देश जारी करती है।

२. सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक -

  • भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों को 'स्टेट बैंक समूह' कहा जाता है।
  • 20 राष्ट्रीयकृत बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जो कि मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रायोजित हैं।

३. निजी क्षेत्र के बैंक

  • पुरानी पीढ़ी के निजी बैंक
  • नई पीढ़ी के निजी बैंक
  • भारत में सक्रिय विदेशी बैंक
  • अनुसूचित सहकारी बैंक
  • गैर अनुसूचित बैंक

४. सहकारी क्षेत्र - सहकारी क्षेत्र की बैंकें ग्रामीण लोगों के लिए बहुत अधिक उपयोगी है। इस सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित कर सकत हैं -

  • 1. राज्य सहकारी बैंक
  • 2. केन्द्रीय सहकारी बैंक
  • 3. प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी

५. विकास बैंक / वित्तीय संस्थाएँ

  • आईएफसीआई
  • आईडीबीआई
  • आईसीआईसीआई
  • IIBI
  • SCICI लिमिटेड
  • नाबार्ड
  • निर्यात आयात बैंक ऑफ इंडिया
  • राष्ट्रीय आवास बैंक
  • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक
  • पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम

भारतीय बैंकिंग का संक्षिप्त इतिहास

ब्रिटिश शासन काल से पूर्व भारत में बैंकिंग का कोई विशेष विकास नहीं हुआ था इसमें साहूकारों एवं महाजनों का वर्चस्व था। 18वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने मुंबई तथा कोलकाता में कुछ एजेंसी गृहों की स्थापना की जो आधुनिक बैंकों की भांति कार्य किया करते थे। इन एजेंसी गृहों का वित्तपोषण ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जाता था।

  • 1770 : यूरोपीय पैटर्न पर भारत में "बैंक आफ हिंदुस्तान" नाम से प्रथम बैंक स्थापित किया गया। यह बैंक 1830 में बंद हो गया।
  • 1786 : बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना। यह 1791 मे बंद हो गया।
  • 1806 : वेलेजली ने टीपू सुल्तान से लड़ाई को फंड करने के लिए मद्रास मे बैंक की स्थापना की। वर्ष 1809 मे इस बैंक का नाम "बैंक आफ बंगाल" रखा गया। इस बैंक ने ही भारत का पहला नोट जारी किया। बैंक आफ बंगाल, 1840 मे स्थपित बैंक आफ बॉम्बे और 1843 मे स्थपित बैंक आफ मद्रास को मिला कर 1862 से परेसिडेंसी बैंक कहा गया। ये प्रेसिडेंसी बैंक अर्ध-केन्द्रीय बैंक की तरह काम करते थे।
  • 1835 : प्रेसीडेंसी बैंकों का विलय ; इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया नामक एक नया बैंक बनाया गया, जो बाद में भारतीय स्टेट बैंक बना।
  • 1865 : इलाहाबाद में पहली भारतीय स्वामित्व वाली इलाहाबाद बैंक की स्थापना।
  • 1895 : पंजाब नेशनल बैंक स्थापित, लाहौर में लाला लाजपत राय द्वारा।
  • 1906 : बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना ।
  • 1906 और 1913 के बीच : केनरा बैंक, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ मैसूर वाणिज्यिक बैंक स्थापित किए गए ।
  • 1935 : भारतीय केंद्रीय बैंक, 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' स्थापित ।
उस समय, बैंकिंग प्रणाली केवल शहरी क्षेत्र तक सीमित रहा तथा ग्रामीण और कृषि क्षेत्र की जरूरत पूरी तरह से उपेक्षित थी।
  • 1949  : भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया। बैंकिंग विनियमन अधिनियम (Banking Regulation Act,1949) लागू किया गया ।
  • 9 जुलाई 1955 : इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का आंशिक राष्ट्रीयकरण ; उसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नाम दिया गया।
  • 1969 : भारत सरकार ने 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया ।
  • 1974 : नरसिंहम समिति द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की स्थापना की सिफारिश।
  • 2 अक्टूबर 1975 : ग्रामीण और कृषि विकास के लिए ऋण की मात्रा बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना।
  • 1980 : छह और बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया। राष्ट्रीयकरण की दूसरी लहर के साथ, प्राथमिकता क्षेत्र ऋण देने का लक्ष्य भी 40% तक बढ़ाया गया।
  • 1989 : ए एम खुसरो की अध्यक्षता में गठित कृषि साख समीक्षा ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनके प्रवर्तक बैंकों में विलय की सिफारिस की।
  • 1991 : नरसिम्‍हम समिति ने, बैंकिंग प्रणाली में निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रवेश की अनुमति की सिफारिश की।
  • 1993 : भाारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू बैंकों को बैंकिंग गतिविधियां करने की अनुमति दे दी और प्राइवेट क्षेत्र के बैंक भी अब सार्वजनिक बैंकों की तरह भारतीय जनता को अपनी सेवाएं देने लगे।
  • 1998 : नरसिम्‍हम समिति ने पुनः अन्‍य निजी बैंकों के प्रवेश की सिफारिश की।
  • 1997 : केलकर समिति ने ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक न खोलने की सिफारिस की।
  • 2017 : पाँच सहायक बैंकों का भारतीय स्टेट बैंक में विलय।

इन्हें भी देखें

  • भारत के बैंक
  • भारत में कार्यरत बैंकों की सूची
  • भारत का आर्थिक इतिहास

बाहरी कड़ियाँ

  • Today Bank is Open - बैंक अवकाश से सम्बन्धित विषयों जानकारी
  • भारतीय बैंकिंग इतिहास
  • भारत में वित्तीय संस्थान
  • बैंकों का राष्ट्रीयकरण
  • बैंक राष्ट्रीयकरण से बदली थी तस्वीर (वेबदुनिया)
  • बैंकों के राष्ट्रीयकरण ने अर्थव्यवस्था की दिशा बदल दी (देशबंधु)
  • भारतीय बैंकिंग एवं मुद्रा से जुड़े अहम तथ्य
  • Reserve Bank of India

सबसे पहला बैंक कौन है?

1770 : यूरोपीय पैटर्न पर भारत में "बैंक आफ हिंदुस्तान" नाम से प्रथम बैंक स्थापित किया गया। यह बैंक 1830 में बंद हो गया।

पहला पूर्ण भारतीय बैंक कौन था?

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई। रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया।

राष्ट्रीय बैंक कौन कौन से हैं?

राज्य सहकारी बैंक
1.
द अंदमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड पी.बी. सं. 289 98, मौलाना आजाद रोड पोर्ट ब्लेयर - 744 101 अंदमान और निकोबार द्वीप समूह
2.
5.
द बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड अशोक राजपथ पटना - 800 004 बिहार
6.
भारत में बैंक - Reserve Bank of Indiawww.rbi.org.in › commonman › Hindi › Scripts › BanksInIndianull

राष्ट्रीय बैंकों की संख्या कितनी है?

2017 से 2021 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है. वर्तमान में भारत में 12 राष्ट्रीयकृत बैंक मौजूद हैं

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग