Show
चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन11 सितंबर 2011 इमेज कैप्शन, चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन करेंगे ग्रेल प्रोब चंद्रमा पर जानेवाले अंतरिक्ष यान का फ़्लोरिडा से प्रक्षेपण कर दिया गया है. चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण में होनेवाले बदलाव का पता लगाने के लिए भेजे गए जुड़वा प्रोब यानि यान का नाम ग्रेल है और इसे नासा ने प्रक्षेपित किया है. ये अलग-अलग यान वैज्ञानिकों को पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा की आंतरिक संरचना के बारे में नई जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे. इससे कई गुत्थियों को सुलझाने में मदद मिलेगी जैसे कि चंद्रमा का दूर वाला हिस्सा नज़दीक वाले हिस्से से अलग क्यों नज़र आता है. इससे मिले आंकड़ों से भविष्य में चंद्रमा पर भेजे जाने वाले यान को सही जगह उतारने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. डेल्टा रॉकेट के ज़रिए केप कैनवरल एयरफ़ोर्स स्टेशन से चंद्रमा पर भेजे गए ग्रेल ट्विन्स फ़िलहाल रास्ते में हैं और ये साल के अंत तक चंद्रमा पर पहुंचेंगे. गुरुत्वाकर्षणवैज्ञानिकों के पास चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण की विविधता के बारे में पहले से मानचित्रीय जानकारी मौजूद है लेकिन ये मानचित्र उतने सटीक नहीं हैं, ख़ासतौर से चंद्रमा के दूर वाले हिस्से से जुड़ी जानकारी. ग्रेल के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिक डॉक्टर रॉबर्ट फ़ोजेल ने बीबीसी को बताया,''चंद्रमा के नज़दीक वाले हिस्से के बारे में हमें अभी जो जानकारी हासिल है उसमें सौ गुना सुधार हो जाएगा जबकि दूरवाले हिस्से के बारे में हमारे ज्ञान में हज़ार गुना का फ़र्क़ पड़ जाएगा.'' ग्रेल दरअसल ''ग्रेविटी रिकवरी एंड इंटरनल लैबोरेट्री'' का एक संक्षिप्त रूप है. ग्रेल की तरह ही एक अभियान पहले से नासा और जर्मन अंतरिक्ष एजेंसी के तत्वावधान में चलाया जा रहा है जिसका नाम ग्रेस है. इस अभियान के तहत पृथ्वी के विभिन्न स्थानों पर पाए जानेवाले गुरुत्वाकर्षणीय अंतर का अध्ययन किया जा रहा है. चंद्रमा के विभिन्न स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण का अंतर द्रव्यमान की भिन्नता की वजह से है, जैसे कि चंद्रमा पर बड़ी पर्वत श्रृंखलाएं भी हैं और गहरी घाटियां भी हैं. चंद्रमा की आंतरिक संरचना के अंतर की वजह से इसके गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव में भिन्नता पाई जाती है. ग्रेल ट्विन चंद्रमा की सतह से 55 किलोमीटर की दूरी पर रहकर उसकी परिक्रमा करेंगे. दोनों यान एक दूसरे से 200 किलोमीटर की दूरी पर रहकर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण की विभिन्नता से संबंधित आंकड़े जुटाएंगे और दोनों के भेजे आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर ही गुरुत्वाकर्षण से संबंधित गुत्थी को सुलझाने में मदद मिलेगी. चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से कम क्यों है?चंद्रमा की सतह का गुरुत्वाकर्षण कमजोर है क्योंकि यह पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है । किसी पिंड की सतह का गुरुत्वाकर्षण उसके द्रव्यमान के समानुपाती होता है, लेकिन उसकी त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
चंद्रमा पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण पृथ्वी पर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के परिमाण से छोटा या उसके बराबर है समझाइएक्या चंद्रमा पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल से बड़ा, छोटा या उसके बराबर है? समझाना। गुरुत्वाकर्षण बल बराबर और विपरीत होते हैं । वे एक एक्शन-रिएक्शन जोड़ी हैं।
चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में कितना कम है?पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी ३८४,४०३ किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का ३० गुना है। चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से १/६ है।
आप पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल की गणना कैसे करते हैं?न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम से इस समस्या को हल करने में उपयोग करने के लिए प्रासंगिक समीकरण है बल = (गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक स्थिरांक x पृथ्वी का द्रव्यमान x चंद्रमा का द्रव्यमान)/ (पृथ्वी और चंद्रमा वर्ग के बीच की दूरी), या F = Gm पृथ्वी m चंद्रमा /आर 2 ।
|