बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें। Show 1. बात बिगड़ जाना - तुम्हारी ऊल-जलूल हरकतों से बात बिगड़ जाएगी। 2. बातें बनाना - बातें बनाना कोई तुमसे सीखे। 3. बातों ही बातों में - उमेश ने बातों ही बातों में मेरा मकान खरीद लिया। 4. बात का धनी होना - समाज में उस व्यक्ति का सम्मान होता है जो अपनी बात का धनी होता है। 5. बातों में उड़ाना - तुमने तो मेरे विषय को बातों में ही उड़ा दिया। 315 Views प्रताप नारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढकर पढ़ें। विद्यार्थी पुस्तकें लेकर इन पाठों को पढ़ें। ‘नागार्जुन’ की कविता - बातें। बातें- हँसी में धुली हुई सौजन्य चंदन में बसी हुई बातें- चितवन में घुली हुई व्यंग्य बंधन में कसी हुई बातें- उसाँस में झुलसी रोष की आँच में तली हुई बातें- चुहल से हुलसी नेह साँचे में ढली हुई। बातें- विष की फुहार सी बातें- 563 Views बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें -
381 Views इस ‘कविता के बहाने’ बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है? ‘कविता के बहाने’ में सब घर एक कर देने का माने यह है कि सीमा का बंधन समाप्त हो जाना। जिस प्रकार बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का स्थान नहीं होता, उसी प्रकार कविता में कोई बंधन नहीं होता। कविता शब्दों का खेल है। जहाँ रचनात्मक ऊर्जा होती है वहाँ सभी प्रकार की सीमाओं के बंधन स्वयं टूट जाते हैं। बच्चे खेल-खेल में अपने-पराए घर की सीमाएँ नहीं जानते। वे खेलते हुए सारे घरों में घुस सकते हैं और उन्हें एक कर देते हैं। कविता भी यही करती है, वह समाज को बाँधती है, एक करती है। 895 Views आधुनिक युग की कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए। छात्र कक्षा में इस विषय पर चर्चा करें। आधुनिक युग की कविता में निम्नलिखित संभावनाएँ हो सकती हैं: □ विषयवस्तु में परिवर्तन। □ कविता कै शिल्प में परिवर्तन। □ जीवन के यथार्थ कै साथ जुड़ाव। □ अभिव्यक्ति का सहज रूप। 319 Views चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिंबों और उपमानों के महत्त्व पर परिसंवाद आयोजित कीजिए। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय होना ही चाहिए तभी उसका अपेक्षित प्रभाव पड़ता है। इस कार्य में बिंब और उपमान बहुत सहायक है। इनके प्रयोग से कथ्य स्पष्ट एवं प्रभावी बनता है। इनसे काव्य-सौंदर्य निखर उठता है। - काव्य-बिंब का संबंध भाषा की सर्जनात्मक शक्ति से है तथा इसका निर्माण मनुष्य के ऐन्द्रिक बोध का ही प्रतिफल है। ये शब्द, भाव, विचार के अमूर्त संकेत तो हैं, लेकिन इन अमूर्त संकेंतों में भी वह शक्ति होती है। कि इनके माध्यम से एक मूर्त चित्र निर्मित हो जाता है। यही बिंब निर्माण की प्रक्रिया है। उपमानों के माध्यम से रचनाकार पाठक के समक्ष ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करता है जिससे वह सरल, बोधगम्य, शब्दांडबर रहित होकर अपनी रचना के लक्ष्य तक पहुँचने में सफल हो जाता है। 318 Views बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं 10 मुहावरे लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए?बात बनना- काम बन जाना- कल लड़के वाले आए थे। लगता है नेहा की बात बन गई है। बात का बतंगड़ बनाना- छोटी बात को बड़ी बना देना- गगन ने तो बात का बतंगड़ बना दिया है। बात का धनी होना- जुबान का पक्का- रोहन बात का धनी है।
किन्हीं 10 मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए?९. आसमान से बातें करना - (बहुत ऊँचा होना) - आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है। १० . ईंट से ईंट बजाना - (पूरी तरह से नष्ट करना) - राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
मुहावरे का वाक्य प्रयोग कैसे करें?वाक्य प्रयोग – वह तो एकदम गोबर गणेश है, उसकी समझ में कुछ नहीं आता।. मुहावरा: आँख का तारा, आँख की पुतली ... . मुहावरा – खून का प्यासा ... . मुहावरा: खून ठण्डा होना ... . मुहावरा: गढ़ फतह करना ... . मुहावरा: गधे को बाप बनाना. बात की बात में मुहावरे का क्या अर्थ है?सौ बात की एक बात मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग –
वाक्य प्रयोग – सौ बात की एक बात यह काम नहीं हो सकता क्योंकि न्यायालय ने इस पर रोक लगाई हुई है। वाक्य प्रयोग – पिता ने पुत्र से कहा कि सौ बात की एक बात तुम्हे मेरे व्यापार में हाथ बंटाना है तो बंटाओ लेकिन मैं तुम्हे अलग व्यापार के लिए पैसे नहीं दूँगा।
|