भौतिक भूगोल का मतलब क्या होता है? - bhautik bhoogol ka matalab kya hota hai?

भूगोल एकीकृत रूप से हमारे ग्रह के भौतिक आयामों के साथ-साथ जनसांख्यिकी और भूमि के विकास और रिसर्च से संबंधित है। क्या आपने कभी सोचा है कि बड़े-बड़े पहाड़ और चट्टानें कैसे बनी और उनका आकार कैसे बना? नदियां बहना कैसे शुरू हुई? बड़े – बड़े जलाशयों का निर्माण कैसे हुआ? यदि आप भी इन सभी प्राकृतिक घटनाओं के प्रति जिज्ञासु हैं तो इसमें आपकी मदद भूगोल की एक प्रमुख शाखा भौतिक भूगोल कर सकता है। अध्ययन के इस क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य लोगों और उनके रहने की भूमि के बीच अन्य कारकों के बीच एक परस्पर संबंध विकसित करना है, जो इसे एक सर्वांगीण अंतःविषय दृष्टिकोण प्रदान करता है। करियर के दृष्टिकोण से भी यह काफी अच्छा क्षेत्र है। यदि आप इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने में रुचि रखते हैं, तो भौतिक भूगोल के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पूरा जरूर पढ़ें। 

क्षेत्र भौतिक भूगोल
शाखा है भूगोल 
कोर्सज BSc Physical Geography, BSc Geography, MSc Physical Geography etc.
प्रवेश प्रक्रिया प्रवेश परीक्षा+ इंटरव्यू
पात्रता मानदंड बैचलर्स के लिए 10+2 पास और मास्टर्स के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित अंकों के साथ सम्बन्धित क्षेत्र में बैचलर्स की डिग्री + प्रवेश परीक्षा आवश्यक है।
कोर्स के बाद संभावित वेतन 2 लाख INR से 7 लाख INR के बीच (भारत में)

This Blog Includes:
  1. भौतिक भूगोल क्या है?
  2. विद्वानों के द्वारा भौतिक भूगोल की परिभाषाएं
  3. भौतिक भूगोल से जुड़े विषय और इसकी शाखाएं
  4. भौतिक भूगोल का इतिहास
  5. भौतिक भूगोल कोर्सेज
  6. भौतिक भूगोल के लिए टॉप विश्वविद्यालय
  7. भौतिक भूगोल के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
  8. पात्रता मानदंड
  9. आवेदन प्रक्रिया
    1. भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
    2. विदेश में आवेदन प्रक्रिया
    3. आवश्यक दस्तावेज़
  10. प्रवेश परीक्षाएं
  11. भौतिक भूगोल किताबें
  12. भौतिक भूगोल में करियर स्कोप
  13. जॉब प्रोफाइल और सैलरी
  14. FAQs

भौतिक भूगोल क्या है?

भौतिक भूगोल भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं। यह धरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाली भौतिक परिघटनाओं के वितरण की व्याख्या व अध्ययन से सम्बन्धित है, साथ ही यह भूविज्ञान, मौसम विज्ञान, जन्तु विज्ञान और रसायनशास्त्र से भी जुड़ा हुआ है। इसकी कई उपशाखाएँ हैं जो विविध भौतिक परिघटनाओं की विवेचना करती हैं।

भौतिक भूगोल मे भू-गणित, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, मानचित्र विज्ञान, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, मृदा विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान के सामान्य रूपों का भी अध्ययन शामिल किया जाता है लेकिन इनका अध्ययन उसी सीमा तक होता है जहाँ तक उनका संबंध भौतिक वातावरण तथा मानव से होता है।

विद्वानों के द्वारा भौतिक भूगोल की परिभाषाएं

  • कान्ट के अनुसार– “भौतिक भूगोल विश्व के ज्ञान का प्रथम भाग है एवम् निश्चित ही विश्व का वस्तुबोध को समझने के लिये एक प्राथमिक आवश्यकता है।” “Physical Geography is the first part of knowledge of world, indeed it is essential preliminary for understanding our perceptions of the world.”
  • पियरे बाइरट के अनुसार “मानव सभ्यता से अप्रभावित पृथ्वी के दृश्य प्राकृतिक धरातल का अध्ययन भौतिक भूगोल है। “Physical Geography is the study of visible natural surface…..before the intervention of mankind….”
  • आर्थर होम्स के अनुसार “भौतिक पर्यावरण का अध्ययन ही स्वयं में भौतिक भूगोल है, जिसके अन्तर्गत स्थलाकृति (भू-आकृति विज्ञान), सागरों व महासागरों (समुद्र विज्ञान) एवम् वायुमण्डल (मौसम व जलवायु विज्ञान) का अध्ययन सम्मिलित है।” “The study of the physical environment by itself is physical geography, which includes consideration of the surface relief of the globe (Geomorphology), of the seas and oceans (Oceanography) and of the air (Meteorology and Climatology): A. Holmes
  • लोबैक के अनुसार “भौतिक वातावरण एवम् जीवन के अन्तर्सम्बंध का अध्ययन भौतिक भूगोल है। “Physical Geography is the study of the interrelationship of the physical environment and life.” A.K. Lobeck
  • केन के अनुसार “भौतिक वातावरण का अध्ययन ही भौतिक भूगोल है।” “The study of the physical environment is called Physical Geography” HR.Cain
  • हैमण्ड व हॉर्न के अनुसार “भौतिक भूगोल प्राकृतिक घटनाओं के अध्ययन से सम्बंधित है।” “The study of physical Geography deals with natural phenomena” Hammond & Horn.

भौतिक भूगोल से जुड़े विषय और इसकी शाखाएं

भौतिक भूगोल से जुड़े कुछ प्रमुख विषय और शाखाएं इस प्रकार हैं –

  • खगोलीय भूगोल : यह पार्थिव घटनाओं का अध्ययन है, जिसमें मुख्य रूप से पृथ्वी की सतह के साथ-साथ सूर्य, चन्द्रमा और सौरमंडल के ग्रहों को शामिल किया जाता है।
  • भू-आकृति विज्ञान : यह पृथ्वी के स्थलरूपों के अध्ययन से सम्बन्धित है। इसके अन्तर्गत जल, वायु और हिमानी के अपरदनात्मक, परिवहनात्मक और निक्षेपात्मक कार्यों द्वारा स्थलरूपों की उत्पत्ति व विकास शामिल है।
  • समुद्र विज्ञान : यह महासागरीय तल की गहराइयों, धाराओं, प्रवाल भित्तियों और महाद्वीपीय विस्थापन आदि से सम्बंधित महासागरीय संघटकों के अध्ययन से सम्बन्धित है।
  • जलवायु विज्ञान : जलवायु विज्ञान वायुमंडलीय दशाओं और सम्बंधित जलवायविक और मौसमी परिघटनाओं का अध्ययन है। इसके अन्तर्गत वायुमंडलीय संघटन, जलवायविक प्रदेशों तथा मौसमों आदि का अध्ययन शामिल है।
  • जैव भूगोल : यह किसी विशिष्ट स्थान की जैविक घटनाओं के अध्ययन से सम्बंधित है, विशेष तौर पर यह विविध प्रकार के वनस्पतियों और वन्य जीवों के वितरणों का अध्ययन है। जैव भूगोल को पादप या वनस्पति भूगोल, जन्तु भूगोल और मानव पारिस्थितिकी के रूप में भी उपविभाजित किया जा सकता है।
  • मृदा भूगोल : इसमें विविध मृदा निर्माण प्रक्रियाओं के साथ-साथ इसके भौतिक, रासायनिक और जैविक संघटकों, रंग और प्रकार, संरचना व वितरण और वहन क्षमता आदि का अध्ययन शामिल है।
  • भूगर्भ विज्ञान : यह पृथ्वी के आन्तरिक भागों की विविध निर्माण प्रक्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित है।

भौतिक भूगोल का इतिहास

भौतिक भूगोल का जनक पोलिडोनियन को कहा जाता है। भौतिक भूगोल की एक वैज्ञानिक विषय के रूप में स्थापना अठारहवीं शताब्दी के मध्य में जर्मन भूगोलवेत्ताओं के भौगोलिक अध्यापनों के साथ हुई। उन्नीसवीं शताब्दी में भौतिक भूगोल को वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान करने वाले भूगोलवेत्ताओं में हम्बोल्ट, रिटर, पेशेल, रिचथोफिन एवं पेन्क नामक जर्मन भूगोलवेत्ताओं के योगदान उल्लेखनीय रहे हैं। भूगोल विषय को स्थानों का विज्ञान माना जाता है। भूगोल में पृथ्वी के विभिन्न भागों में मिलने वाली विभिन्नताओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। 

पृथ्वी पर मिलने वाली विभिन्नताओं हेतु या तो प्राकृतिक कारक उत्तरदायी होते हैं अथवा मानवीय क्रियाकलाप। यही कारण है कि भूगोल में प्राकृतिक कारकों द्वारा उत्पन्न विविधताओं का अध्ययन करने हेतु भौतिक भूगोल एवं मानवीय कारकों द्वारा उत्पन्न विविधताओं का अध्ययन करने हेतु मानव भूगोल नामक दो शाखाओं का जन्म हुआ। भौतिक भूगोल में भूसतह की भिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। यहां यह स्पष्ट कर देना जरूरी है कि भूसतह में भूमि के सभी तत्व स्थल, जल एवं वायु समाहित है। यही नहीं, भू-सतह पर निवास करने वाले जीवधारियों को भी इससे अलग नहीं किया जा सकता।

भौतिक भूगोल कोर्सेज

भौतिक भूगोल आमतौर पर ज्योग्राफी का ही एक हिस्सा है और अक्सर भौतिक भूगोल को इन विशेषज्ञताओं के साथ संयोजन में पेश किया जाता है। यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय भौतिक भूगोल संबंधित कोर्सेज दिए गए हैं-

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
BA Applied Geography MA in Polar Landscapes and Quaternary Climate
BA Human Geography Masters in Geoinformatics for Natural Resources Management
BSc Geography (Physical) MA in Geopolitics
BSc Human Geography and Urban or Regional Planning Masters in Geography and Planning
BSc Geography (Hons) MSc Geography
BSc Geology MSc in Environmental Science and Geography
Bachelors of Geoscience Masters in Geographical Information Science
BA Cartography MA in Cartography
Masters in Sustainable Land Planning and Territorial Development
MSc Geology

भौतिक भूगोल के लिए टॉप विश्वविद्यालय

मॉलिक्यूलर बायोलॉजी कोर्सेस का अध्ययन करने के लिए यहां टॉप विश्वविद्यालय की लिस्ट दी गई है-

  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
  • मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
  • कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन फ्रांसिस्को
  • कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
  • डरहम विश्वविद्यालय 
  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
  • जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय
  • टोरंटो विश्वविद्यालय
  • कर्नेल विश्वविद्यालय
  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
  • ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
  • कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले
  • बेयरुथ विश्वविद्यालय
  • स्टॉकहोम विश्वविद्यालय
  • हेलसिंक विश्वविद्यालय
  • जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय

भौतिक भूगोल के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय

भौतिक भूगोल के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालायों की लिस्ट नीचे दी गई है – 

  • क्वीन मैरी कॉलेज, चेन्नई  
  • एस एस जैन सुबोध पीजी कॉलेज, जयपुर 
  • लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज, कोलकाता  
  • प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई  
  • हंसराज कॉलेज, दिल्ली 
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय। पंजाब
  • जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • जैन विश्वविद्यालय, बैंगलोर
  • कलिंग विश्वविद्यालय, रायपुर

पात्रता मानदंड

भौतिक भूगोल कोर्सेज के लिए कुछ सामान्य पात्रता इस प्रकार हैं–

  1. भौतिक भूगोल में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 पास किया हो।
  2. विदेश में इन कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
  3. भौतिक भूगोल में PG प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के साथ भूगोल या सम्बन्धित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री होना आवश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
  4. विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
  5. विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  6. विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।।

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आवेदन प्रक्रिया

विभिन्न भौतिक भूगोल कोर्सेज के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
  • ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा , एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। 

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

  • आधिकारिक शैक्षणिक टेप 
  • स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
  • IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर 
  • प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
  • SOP 
  • निबंध (यदि आवश्यक हो)
  • पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
  • अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
  • एक पासपोर्ट और छात्र वीजा 
  • बैंक विवरण 

क्या आप विदेश में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन की तलाश में हैं, तो आज ही Leverage Finance का लाभ उठाएं और अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के आधार पर एजुकेशन लोन पाएं।

प्रवेश परीक्षाएं

यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के विश्वविद्यालय में भूगोल की डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं–

SAT (विदेश में बैचलर्स के लिए) ACT (विदेश में बैचलर्स के लिए)
BHU LPUNEST
PET, JNUEE
DU प्रवेश परीक्षा,  GRE (विदेश में मास्टर्स के लिए)

भौतिक भूगोल किताबें

Physical geography books in hindi यहां दी गई हैं-

किताब का नाम लेखक का नाम लिंक
भौतिक भूगोल माजिद हुसैन Buy here
भौतिक भूगोल सविंद्र सिंह Buy here
भौतिक और मानव भूगोल शिलवंत सिंह, कृति रस्तोगी, सारिका Buy here
भूगोल Geography डॉ. चतुर्भुज मामोरिया, डॉ. रतन जोशी Buy here
भौतिक भूगोल डॉ. आभा सिंह Buy here

भौतिक भूगोल में करियर स्कोप

हमारे ग्रह पर विविध भूमियों और वातावरणों के साथ-साथ मनुष्यों के बीच के संबंधों का अध्ययन भूगोल है। भौतिक भूगोल वास्तव में एक विशाल धारा है जो सामाजिक विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के साथ प्रतिच्छेद करती है। भौतिक भूगोल में डिग्री हासिल करने के बाद, आप सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में व्यापक अवसरों का पता लगा सकते हैं।यहां प्रमुख रोजगार क्षेत्र दिए गए हैं-

  • शहरी और ग्रामीण नियोजन
  • मैप मेकर
  • क्लाइमेट एनालिसिस
  • पॉपुलेशन एनालिसिस
  • पर्यावरण विज्ञान
  • प्रकृति संरक्षण अभयारण्य
  • यात्रा और पर्यटन
  • शिक्षा
  • पर्यावरण कानून

जॉब प्रोफाइल और सैलरी

यहां कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल और PayScale के अनुसार सैलरी नीचे दी गई है –

जॉब प्रोफाइल भारत में वेतन (INR में) यूके में वेतन (INR में) यूएसए में वेतन (INR में) कनाडा में वेतन (INR में)
जीआईएस एनालिस्ट 3-5 लाख 36-40 लाख 40 -50 लाख 40-50 लाख
कार्टोग्राफर 4-5.7 लाख 20-35 लाख 55-60 लाख 40-50 लाख
जियो साइंटिस्ट 10 – 19 लाख 20-30 लाख 45-60 लाख 40-47 लाख
अर्बन एंड रीजनल प्लैनर 2.5-6 लाख 25-32 लाख 45-57 लाख 23-35 लाख
टीचर 2 –  4 लाख 20-25 लाख 30-35 लाख 15-25 लाख

FAQs

भौतिक भूगोल क्या है?

भौतिक भूगोल भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं। यह धरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाली भौतिक परिघटनाओं के वितरण की व्याख्या व अध्ययन से सम्बन्धित है, साथ ही यह भूविज्ञान, मौसम विज्ञान, जन्तु विज्ञान और रसायनशास्त्र से भी जुड़ा हुआ है। इसकी कई उपशाखाएँ हैं जो विविध भौतिक परिघटनाओं की विवेचना करती हैं।

भौतिक भूगोल के जन्मदाता कौन हैं?

भौतिक भूगोल का जनक पोलिडोनियन को कहा जाता है।

भौतिक भूगोल की शाखाएं क्या हैं?

खगोलीय भूगोल, समुद्र विज्ञान, भू आकृति भूगोल, जलवायु विज्ञान, जैव भूगोल, मृदा भूगोल आदि भौतिक भूगोल की शाखाएं हैं।

भौतिक भूगोल में क्या क्या आता है?

भौतिक भूगोल मे भू-गणित, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, मानचित्र विज्ञान, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, मृदा विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान के सामान्य रूपों का भी अध्ययन शामिल किया जाता है लेकिन इनका अध्ययन उसी सीमा तक होता है जहाँ तक उनका संबंध भौतिक वातावरण तथा मानव से होता है।

भौतिक भूगोल का क्या महत्व है?

भौतिक भूगोल में पृथ्वी के भौतिक पर्यावरण के अन्तर्गत सभी प्रघटनाओं के आपसी संबंधों और स्थानिक एवं कालिक (Temporal) विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। भौतिक भूगोल का अध्ययन वर्तमान समय की अनेक पर्यावरणात्मक चुनौतियों को समझने में अत्यधिक सहायता करता है।

मानव भूगोल और भौतिक भूगोल में क्या अंतर है?

भौतिक भूगोल पृथ्वी की व्यवस्था से उत्पन्न प्राकृतिक पर्यावरण का अध्ययन करता है। मानव भूगोल राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और जनांकिकीय प्रक्रियाओं से सम्बंधित है।

हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको भौतिक भूगोल की सारी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप भौतिक भूगोल से संबंधित कोर्स विदेश से करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं, वे आपको एक उचित मार्गदर्शन के साथ एप्लीकेशन प्रोसेस और वीजा प्राप्त करने तक में आपकी मदद करेंगे। एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें 1800 572 000 पर कॉल करें।

भौतिक भूगोल का अर्थ क्या है?

भौतिक भूगोल (Physical geography) भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन किया जाता हैं। यह धरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाली भौतिक परिघटनाओं के वितरण की व्याख्या व अध्ययन करता है, साथ ही यह भूविज्ञान, मौसम विज्ञान, जन्तु विज्ञान और रसायनशास्त्र से भी जुड़ा हुआ है।

भौतिक भूगोल का पिता कौन है?

भौतिक भूगोल का जनक पोलिडोनियन को कहा जाता है।

भूगोल के पिता का क्या नाम है?

एच॰ एफ॰ टॉजर ने हिकैटियस (500 ईसा पूर्व) को भूगोल का पिता माना था जिसने स्थल भाग को सागरों से घिरा हुआ माना तथा दो महादेशों का ज्ञान दिया।

भौतिक भूगोल कितने प्रकार का होता है?

भौतिक भूगोल में प्राकृतिक परिघटनाओं का उल्लेख होता है, जैसे कि जलवायु विज्ञान, मृदा और वनस्पति । मानव भूगोल भूतल और मानव समाज के सम्बंधों का वर्णन करता है । भूगोल स्थानों का विज्ञान है । भूगोल प्राकृतिक व सामाजिक दोनों ही विज्ञान है, जो कि मानव व पर्यावरण दोनों का ही अध्ययन करता है।