boli kise kahate hain: हिंदी व्याकरण के इस दूसरे अध्याय में हम जानेंगे कि भाषा के विभिन्न रूप कौन कौन से हैं तथा इसके साथ यह भी जानेंगे की बोली किसे कहते हैं, उपभाषा किसे कहते हैं, राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं और राजभाषा किसे कहते हैं ? Show
यदि आपको भाषा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी चाहिए तो आप हमारे पहले लेख ‘भाषा एवं उसके भेद‘ पर विस्तृत लेख को पढ़ सकते हैं. इस लेख में हम लोग मुख्यतः बोली किसे कहते हैं तथा बोली कब उपभाषा बन जाती है , upbhasha kise kahate hain, मानक भाषा किसे कहते हैं इत्यादि बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा यह भी समझेंगे की भाषा और बोली में क्या अंतर है? और बोली तथा उपभाषा में क्या अंतर है ? जिससे भाषा और बोली में जो संदेह होता है वह समाप्त हो जाये. यदि आप हिंदी तथा हिंदी व्याकरण के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारे website hindios.in को follow कर सकते हैं. यहां पर आपको हिंदी तथा हिंदी व्याकरण से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हैं . चलिए देखते हैं कि भाषा के कितने रूप होते हैं और यह रूप कौन-कौन से हैं ? भाषा के कितने रूप होते हैं ? (bhasha ke kitne roop hote hain)सभी राष्ट्रों में सामान्यतः भाषा के मुख्यतः तीन रूप पाए जाते हैं –
यहां पर हम तीनों रूपों को विस्तार से जानेंगे और इसमें हम हिंदी भाषा को आधार मानकर समझेंगे. बोली किसे कहते हैं? (boli kise kahate hain)बोली (boli ki paribhasha)- एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है. बोली में साहित्य रचना नहीं होती . भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कूल 650 बोलियां बोली जाती है. बोली के उदाहरण – अवधि, भोजपुरी, मारवाड़ी, मगधी इत्यादि हैं. बोली की विशेषताएँ–
हिंदी पश्चिम में आमला (हरियाणा) से लेकर पूर्व में पूर्णिया (बिहार) तक तथा उत्तर में बद्रीनाथ-केदारनाथ (उत्तराखंड) से लेकर दक्षिण में खंडवा (मध्य प्रदेश) तक बोली जाती है. इसे हिंदी भाषी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ,बिहार ,झारखंड ,मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश तथा केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली)आते हैं . ‘boli kise kahate hain‘ इसका उत्तर तो आपको मिल गया होगा आइये यहाँ पर हम देखते हैं की हिंदी की कितनी बोलियां हैं और उनके बारे में विस्तार से समझेंगे. हिंदी बोलियों के प्रकारहिंदी भाषा की बोलियों को निम्नलिखित वर्गों में बाटा गया है – पश्चिमी हिंदी की बोलियां(paschimi hindi ki boliyan)-ब्रज, बांगर बुंदेलखंडी, कन्नौजी बोलियां, खड़ी बोली. पूर्वी हिंदी की बोलियां(purvi hindi ki boliyan)- बघेली, अवधि और छत्तीसगढ़ी आदि. बिहारी हिंदी की बोलियां(bihari hindi ki boliyan)- अंगिया, मगही, भोजपुरी, मैथिली आदि. राजस्थानी हिंदी की बोलियां(rajasthani hindi ki boliyan)- मेवाती, मारवाड़ी आदि. हिंदी भाषा की कुछ प्रमुख बोलियां(hindi ki pramukh boliyan) निम्नलिखित है चलिए इन्हे थोड़ा विस्तार से जानते हैं. कौरवी या खड़ी बोली (khadi boli in hindi)-
ब्रजभाषा (braj bhasha in hindi)-
अवधि (awadhi bhasha in hindi) –
भोजपुरी (bhojpuri bhasha in hindi)-
मैथिली (maithili bhasha in hindi)-
इस तरह से हम लोगों ने हिंदी भाषा के कुछ प्रमुख बोलियों को पढ़ा. चलिए अब समझते है की परिनिष्ठित भाषा किसे कहते हैं – 2- परिनिष्ठित भाषा (Parinisthit bhasha)-किसी बोली को जब व्याकरण से परिष्कृत किया जाता है तब वह परिनिष्ठित भाषा बन जाती है. आज की खड़ी बोली-हिंदी लगभग 200 साल पहले एक बोली ही तो थी. आज हिंदी परिनिष्ठित भाषा है . 3- राष्ट्रभाषा (Rashtra Bhasha ki paribhasha )-वह परिनिष्ठित भाषा जो किसी भी राष्ट्र के अधिकांश क्षेत्रों में बहुसंख्यक लोगों द्वारा बोली व समझी जाती है तथा राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में उपयोग की जाती है उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं . जैसे-हिंदी को राष्ट्र-भाषा कहा जा सकता है . राष्ट्रभाषा की विशेषताएं (rashtrabhasha ki visheshtaen) –
यहां पर हम भाषा के तीनों रूपों को समझ चुके हैं. आइए अब भाषा के विभिन्न रूपों (bhasha ki vibhinn roop) के बारे में जानते हैं- भाषा के विविध रूप (bhasha ke vividh roop in hindi)भाषा के उपर्युक्त तीन रूपों के अलावा एनी रूप भी होते हैं . आइये एक एक करके समझते हैं. बोली की परिभाषा (boli ki paribhasha)भाषा का वह स्वरूप जो एक छोटे क्षेत्र में बोलने के लिए उपयोग किया जाता है उसे बोली कहा जाता है . बोली भाषा का क्षेत्रीय रूप है. बोली के उदाहरण – ब्रजभाष,बुन्देली, भोजपुरी ,गढ़वालीआदि उपभाषा किसे कहते हैंजब किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो उसे उपभाषा कहते हैं . उपभाषा के उदाहरण– राजस्थानी, विहारी, पहाड़ी आदि . विभिन्न बोलियां राजनीतिक-सांस्कृतिक आधार पर अपना क्षेत्र बढ़ा सकती हैं और साहित्य रचना के आधार पर भी अपना स्थान बोली से उच्च करते हुए उपभाषा बन जाती है. हिंदी की पांच उप-भाषाएं हैं- ब्रजभाषा, अवधि, खड़ी बोली, भोजपुरी व मैथिली. इन उप-भाषाओं के अंतर्गत ही हिंदी की 17 बोलियां आती हैं. भाषा (language) –साहित्यकार जब उस उपभाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है.जैसे – खड़ी बोली, बिजनौर . एक भाषा के अंतर्गत कई उप भाषाएं होती हैं तथा एक उपभाषा के अंतर्गत कई बोलियां होती हैं . विभाषा(vibhasha) –विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा अधिक विस्तृत होता है. यह एक प्रांत या उपप्रांत में प्रचलित होती है. इसमें साहित्यिक रचनाएं भी प्राप्त होती हैं. जैसे हिंदी की विभाषाएं- खड़ी बोली ,भोजपुरी ,ब्रजभाषा ,अवधी, मैथिली. इस प्रकार दो बातें स्पष्ट होती हैं- बोली का विकास विभाषा में और विभाषा का विकास भाषा में होता है . जैसे- बोली- विभाषा- भाषा राजभाषा (rajbhasha ki paribhasha)राजभाषा का शाब्दिक अर्थ है- राजकाज की भाषा. जो भाषा देश के राज्य की कार्यों के लिए प्रयुक्त होती है, वह राजभाषा कहलाती है. राजभाषा एक संवैधानिक शब्द है.राजाओ- नवाबों के जमाने में इसे दरबारी भाषा कहा जाता था . हिंदी को 14 सितंबर 1949 ई. को संवैधानिक रूप से राजभाषा घोषित किया गया .इसीलिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है . क्या आप जानते हैं की manak bhasha kise kahate hain ? चलिए देखते हैं- मानक भाषा किसे कहते हैंमानक भाषा किसी देश अथवा राज्य की वह प्रतिनिधि तथा आदर्श भाषा होती है जिसका प्रयोग वहां के शिक्षित वर्ग द्वारा अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, व्यापारिक व वैज्ञानिक तथा प्रशासनिक कार्यों में किया जाता है, मानक भाषा (manak bhasha) कहलाती है . मानक का अभिप्राय है- आदर्श, श्रेष्ठ अथवा परिनिष्ठित . किसी भाषा का बोलचाल के स्तर से ऊपर उठकर मानक रूप ग्रहण कर लेना मानकीकरण कहलाता है . मानक भाषा के विकास के तीन सोपान हैं- बोली- भाषा- मानक भाषा ऊपर दिए हुए भाषा के विविध रूपों को हम समझ लिए हैं तो चलिए अब बोली व भाषा में अंतर के शॉर्ट answer को देखते हैं – भाषा और बोली में अंतर (bhasha aur boli mein kya antar hai)-
अक्सर हम भाषा और बोली में कंफ्यूज रहते हैं . पर ऊपर दिए हुए अंतर से स्पष्ट हो चुका है कि भाषा और बोली में मुख्य अंतर क्या है. आइए अब boli aur upbhasha mein kya antar hai उसको भी समझते हैं. बोली और उपभाषा में क्या अंतर हैएक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है. बोली में साहित्य रचना नहीं होती किंतु अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है . भाषा और बोली से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (bhasha and boli related FAQs )भाषा के क्षेत्रीय रूप को क्या कहा जाता है ? भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं. bhasha ka mul roop kya hai? भाषा का मूल रूप बोली है. भाषा का क्षेत्रीय रूप क्या कहलाता है ? भाषा का क्षेत्रीय रूप बोली कहलाता है . बोलियां छोटे भू-भाग तक सिमित होती हैं. मौखिक भाषा की आधारभूत इकाई क्या है? मौखिक भाषा की आधारभूत इकाई बोली है. hindi bhasha ko rajbhasha ka darja kab mila? हिंदी को, 14 सितंबर 1949 को संवैधानिक रूप से राजभाषा का दर्जा मिला . hindi bhasha me kitni boliya hai? हिंदी भाषा में कुल 17 बोलियां हैं. कौन-सी बोली हमारा मानक रूप है? खड़ी बोली ही हिंदी भाषा का मानक रूप है . हिंदी की कितनी बोलियां हैं? हिंदी भाषा की 17 बोलियाँ हैं. boli upbhasha kab ban jaati hai ? अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है . hindi ki upbhasha kitni hai? हिंदी की पांच उपभाषा है. boli bhasha ka vistrit roop hai ? नहीं, बोली भाषा का विस्तृत रूप नहीं है . bhasha ki sabse badi ikai kya hoti hai? भाषा की सबसे बड़ी इकाई वाक्य होती है. boli bhasha ka kaisa roop hai ? बोली भाषा का मौखिक रूप है. बोलियों में साहित्य रचना नही होती है. manak bhasha hindi ki kitni upbhasha hain ? मानक भाषा हिंदी की पांच उप-भाषाएं हैं. इस प्रकार हम लोगों ने इस अध्याय में भाषा के विविध रूपों बोली किसे कहते हैं (boli kise kahate hain in hindi), उपभाषा किसे कहते हैं? मानक भाषा किसे कहते हैं एवं राष्ट्रभाषा, राजभाषा की परिभाषा को उदाहरण सहित समझा . इसके अलावा उपभाषा और बोली में क्या अंतर है और बोली और भाषा में अंतर इत्यादि को आप समझ चुके होंगे . हम आगे आने वाले अध्याय में लिपि और वर्ण से संबंधित विषयों को पढ़ेंगे . उम्मीद है कि यहां पर दी गई जानकारी आपको समझ में आई होगी. यदि आपको इससे संबंधित कोई questions या सलाह हो तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं. धन्यवाद ! भाषा तथा बोली से आप क्या समझते हैं?इससे स्पष्ट है कि भाषा और बोली व्यावहारिक रूप से अधिक सैद्धान्तिक नाम हैं। जब बोली किन्हीं कारणों से प्रमुखता प्राप्त कर लेती है तो भाषा कहलाने लगती है। इसीलिए भाषा और बोली का अन्तर प्रकार का नहीं, केवल मात्रा का है। कब कली फूल बन जाती है, कब शैशव यौवन में परिणत हो जाता है, यह कहना कठिन है।
बोली से आप क्या समझते हैं?बोली की परिभाषा (boli ki paribhasha)
भाषा का वह स्वरूप जो एक छोटे क्षेत्र में बोलने के लिए उपयोग किया जाता है उसे बोली कहा जाता है . बोली भाषा का क्षेत्रीय रूप है.
भाषा और बोली में क्या अंतर है?भाषा का क्षेत्र अपेक्षाकृत बड़ा होता है जबकि बोली का क्षेत्र सीमित। एक भाषा में कई बोलियाँ समाहित हो सकती है जबकि एक बोली में एक से अधिक भाषा नहीं हो सकता है। बोली किसी न किसी भाषा से उत्पन्न होता है इसीलिए बोली और भाषा में बेटी और माँ का रिश्ता माना जाता है।
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