भारतीय जनता के पहले प्रधान कौन थे? - bhaarateey janata ke pahale pradhaan kaun the?

प्रधानमंत्री भारत सरकार के मुखिया के तौर पर काम करते हैं। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में संसदीय प्रणाली के तहत सरकार चलाने की जिम्मेदारी सरकार के प्रमुख के तौर पर प्रधानमंत्री की ही होती है। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहले प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता संभाली। उसके बाद कई और महान नेता इस पद पर रहे। इधर आपको देश के अब तक हुए सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में सारी जानकारी एक जगह मिलेगी।

हेलो दोस्तों आप सभी यह तो जानते ही होंगे की प्रधानमंत्री का पद देश के लिए कितना महत्वपूर्ण होता हैं। प्रधानमंत्री के हाथ में देश का भविष्य होता हैं और प्रधानमंत्री के पद एक बहुत ही पावरफुल पद है इस पद पर जो भी व्यक्ति विराजमान होता है वह व्यक्ति पूरे देश को संभालता है। प्रधानमंत्री के पद पर जो भी व्यक्ति होता है उसका चयन भारत की जनता द्वारा किया जाता है। तो क्या आप जानते हैं की भारत में अब तक कितने प्रधानमंत्री रह चुके हैं और Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The अगर नहीं तो चिंता मत कीजिये क्योंकि आज हम आपको इस लेख के जरिये इस बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे जैसे First Prime Pinister of India और अब तक कौन कौन प्रधानमंत्री के पद पर रह चुका हैं।

भारतीय जनता के पहले प्रधान कौन थे? - bhaarateey janata ke pahale pradhaan kaun the?

तो दोस्तों अगर आप भी यह जानना चाहते हैं की कौन थे भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री और इससे सम्बंधित जानकारी तो कृपया करके इस लेख को अंत तक व ध्यानपूर्वक पढ़िए और इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त कीजिये

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भारतीय जनता के पहले प्रधान कौन थे? - bhaarateey janata ke pahale pradhaan kaun the?

Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जी का नाम श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू था। जब भारत आजाद हुआ था उसके बाद भारत के प्रधानमन्त्री के पद पर श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का चयन किया गया था। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने 15 अगस्त, 1947 इस पद को ग्रहण किया था और वह लगातार 3 बार प्रधानमंत्री बने रहे थे उन्होंने प्रधानमन्त्री का पद 27 मई, 1964 तक संभाला था। पंडित जवाहर लाल नेहरू जी इस पद पर कांग्रेस पार्टी से लड़े थे। वैसे तो प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव में सरदार पटेल जी को पंडित जवाहर लाल नेहरू जी से अधिक वोट मिले थे परन्तु महात्मा गाँधी जी के कहने पर सरदार पटेल जी ने अपना नाम वापस ले लिया था। तब जाकर पंडित जवाहर लाल नेहरू जी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे।

भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची ( Indian Prime Ministers List)

S.Noप्रधानमंत्रियों के नामकार्यकाल की शुरुआतकार्यकाल समाप्तराजनैतिक पार्टी1जवाहरलाल नेहरू15 अगस्त, 194727 मई, 1964भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस–गुलजारीलाल नंदा*27 मई, 19649 जून, 1964भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस2लालबहादुर शास्त्री9 जून, 196411 जनवरी, 1966भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस–गुलजारीलाल नंदा*11 जनवरी, 196624 जनवरी, 1966भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस3इन्दिरा गान्धी24 जनवरी, 196624 मार्च, 1977भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस4मोरारजी देसाई24 मार्च, 197728 जुलाई, 1979जनता पार्टी5चौधरी चरण सिंह28 जुलाई, 197914 जनवरी, 1980जनता पार्टी-3इन्दिरा गान्धी14 जनवरी, 198031 अक्टूबर, 1984भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस6राजीव गान्धी31 अक्टूबर, 19842 दिसम्बर, 1989भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस7विश्वनाथ प्रताप सिंह२ दिसम्बर, 198910 नवंबर, 1990जनता दल8चंद्रशेखर10 नवंबर, 199021 जून, 1991जनता दल9नरसिंह राव21 जून, 199116 मई, 1996भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस10अटल बिहारी वाजपेयी16 मई, 19961 जून, 1996भारतीय जनता पार्टी11एच डी देवगौड़ा1 जून, 199621 अप्रेल, 1997जनता दल12इंद्रकुमार गुज़राल21 अप्रेल, 199719 मार्च, 1998जनता दल-10अटल बिहारी वाजपेयी19 मार्च, 199819 अक्टूबर, 1999भारतीय जनता पार्टी-10अटल बिहारी वाजपेयी19 अक्टूबर, 199922 मई, 2004भारतीय जनता पार्टी13मनमोहन सिंह22 मई, 200422 मई, 2009भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-13मनमोहन सिंह22 मई, 200917 मई 2014भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस14नरेन्द्र मोदी26 मई, 201430 मई, 2019भारतीय जनता पार्टी-14नरेन्द्र मोदी**30 मई, 2019कार्यकाल जारी हैभारतीय जनता पार्टीList of Prime Ministers of India

भारत के प्रधानमंत्रियों से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर

Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Kaun The ?

Bharat Ke Pratham Pradhanmantri Pt.Jawahar lal Nehru ji The

वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री कौन है ?

वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी हैं।

प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितने समय का होता हैं ?

प्रधानमन्त्री का कार्यकाल 5 वर्ष का होता हैं।

प्रधानमंत्री के पद पर पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थी ?

प्रधानमंत्री के पद पर पहली महिला इंदिरा गाँधी जी थी।

क्या प्रधानमंत्री को प्रत्येक माह में वेतन प्राप्त होता है अगर होता है उनका प्रतिमाह का वेतन कितना हैं ?

जी हाँ प्रधानमंत्री को भी प्रत्येक माह वेतन प्राप्त होता हैं। प्रधानमन्त्री का प्रत्येक माह का वेतन 160000 रुपये हैं।

श्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जो उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत थी। आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले प्रधानमंत्री, श्री मोदी ने पहले 2014 से 2019 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। उन्होंने अक्टूबर 2001 से मई 2014 तक लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद संभाला है।

2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दोनों अवसरों पर पूर्ण बहुमत हासिल किया। आखिरी बार 1984 के चुनावों में किसी राजनीतिक दल ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था।

‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, श्री मोदी ने शासन व्यवस्था में एक ऐसे बदलाव की शुरुआत की और समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन का नेतृत्व किया। प्रधानमंत्री ने अंत्योदय के उद्देश्य को साकार करने और समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं और पहल का लाभ मिले यह सुनिश्चित करने के लिए स्पीड और स्केल पर काम किया है।

विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस बात को माना कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत रिकॉर्ड गति से गरीबी को खत्म कर रहा है। इसका श्रेय केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के हित को ध्यान में रखते हुए लिए गए विभिन्न फैसलों को जाता है।

आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम आयुष्मान भारत का नेतृत्व कर रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है।

दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य पत्रिकाओं में से एक लांसेट ने आयुष्मान भारत की सराहना करते हुए कहा है कि यह योजना भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े असंतोष को दूर कर रही है। पत्रिका ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राथमिकता देने के लिए पीएम मोदी के प्रयासों की भी सराहना की।

देश की वित्तीय धारा से दूर गरीबों को वित्तीय धारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय का बैंक खाते खोलना था। अब तक 35 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों ने न केवल गरीबों को बैंक से जोड़ा, बल्कि सशक्तीकरण के अन्य रास्ते भी खोले हैं।

जन-धन से एक कदम आगे बढ़ते हुए श्री मोदी ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को बीमा और पेंशन कवर देकर जन सुरक्षा पर जोर दिया। JAM ट्रिनिटी (जन धन- आधार- मोबाइल) ने बिचौलियों को समाप्त कर दिया है और प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की है।

असंगठित क्षेत्र से जुड़े 42 करोड़ से अधिक लोगों के पास अब प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के तहत पेंशन कवरेज मिली है। 2019 के चुनाव परिणामों के बाद पहली कैबिनेट बैठक के दौरान व्यापारियों के लिए समान पेंशन योजना की घोषणा की गई है।

2016 में गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। यह योजना 7 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान करने में एक बड़ा कदम साबित हुई है। इसकी अधिकांश लाभार्थी महिलाएं हैं।

आजादी के बाद से 70 वर्षों के बाद भी 18,000 गाँव बिना जहां बिजली नहीं थी वहां बिजली पहुंचाई गई है।

श्री मोदी का मानना है कि कोई भी भारतीय बेघर नहीं होना चाहिए और इस विजन को साकार करने के लिए 2014 से 2019 के बीच 1.25 करोड़ से अधिक घर बनाए गए है। 2022 तक प्रधानमंत्री के ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के सपने को पूरा करने के लिए घर के निर्माण की गति में तेजी आई है।

कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो श्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब है। 2019 के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में एक मौद्रिक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। 24 फरवरी 2019 को योजना के शुरू होने के बाद लगभग 3 सप्ताह में नियमित रूप से किश्तों का भुगतान किया गया है। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक के दौरान इस योजना में 5 एकड़ की सीमा को हटाते हुए सभी किसानों को पीएम किसान का लाभ देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही भारत सरकार प्रति वर्ष लगभग 87,000 करोड़ रुपये किसान कल्याण के लिए समर्पित करेगी।

श्री मोदी ने सॉयल हेल्थ कार्ड, बेहतर बाजारों के लिए ई-नाम और सिंचाई पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने जैसी किसान कल्याण की दिशा में विभिन्न पहल शुरू की। 30 मई 2019 को प्रधानमंत्री ने जल संसाधनों से संबंधित सभी पहलुओं की देखरेख करने के लिए एक नया जल शक्ति मंत्रालय बनाकर एक बड़ा वादा पूरा किया।

2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन’ शुरू किया। इस जन आंदोलन का बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक प्रभाव पड़ा है। 2014 में स्वच्छता कवरेज 38% थी जो आज बढ़कर 99% हो गई है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। स्वच्छ गंगा के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वच्छ भारत मिशन की सराहना की और कहा कि इससे 3 लाख लोगों की जान बच सकती है।

श्री मोदी का मानना है कि परिवहन परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण साधन है। इसीलिए भारत सरकार हाई-वे, रेलवे, आई-वे और वॉटर-वे के रूप में अगली पीढ़ी के बुनियादी ढाँचे को बनाने के लिए काम कर रही है। UDAN (उड़े देश के आप नागरिक) योजना ने उड्डयन क्षेत्र को लोगों के अधिक अनुकूल बनाया है और कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है।

पीएम मोदी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण पॉवर हाऊस में बदलने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू की। इस प्रयास से परिवर्तनकारी परिणाम सामने आए हैं। उदाहरण के लिए 2014 में मोबाइल विनिर्माण इकाइयों की संख्या 2 थी जो 2019 में बढ़कर 122 हो गई है। भारत ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में महत्वपूर्ण प्रगति की है, 2014 में भारत की रैंकिंग 142 थी 2019 में यह 77 हो गई है। 2017 में संसद के एक ऐतिहासिक सत्र के दौरान भारत सरकार ने जीएसटी लागू किया, जिसने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सपने को साकार किया।

उनके कार्यकाल में भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाया गया जो सरदार पटेल को एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस स्टैच्यू को एक विशेष जन आंदोलन के माध्यम से बनाया गया था, जिसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों के औज़ार और मिट्टी का इस्तेमाल किया गया था, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री को पर्यावरण से जुड़े मुद्दों से गहरा लगाव है। उन्हेंने हमेशा से पाना है कि हमें एक साफ और हरा ग्रह बनाने के लिए काम करना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के अभिनव समाधान तैयार करने के लिए अलग जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया। इस भावना को पेरिस में 2015 के COP21 शिखर सम्मेलन में भी देखा गया था जहां पीएम मोदी ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

जलवायु परिवर्तन से एक कदम आगे बढ़कर पीएम मोदी ने जलवायु न्याय के बारे में बात की है। 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ के लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे। यह गठबंधन एक बेहतर ग्रह के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक अभिनव प्रयास है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र के ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

जलवायु परिवर्तन ने हमारे ग्रह को प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त कर दिया है, इस तथ्य के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील होते हुए श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी की शक्ति और मानव संसाधनों की ताकत के उचित इस्तेमाल के रूप में आपदा के लिए एक नया विजन साझा किया है । मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 26 जनवरी 2001 को विनाशकारी भूकंप से तबाह हुए गुजरात को बदल दिया। इसी तरह उन्होंने गुजरात में बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए नई प्रणालियों की शुरुआत की जिनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई।

प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से श्री मोदी ने नागरिकों के लिए न्याय को हमेशा प्राथमिकता दी है। गुजरात में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए उन्होंने शाम की अदालतों की शुरुआत की। केंद्र में उन्होंने PRAGATI ((प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) शुरू किया जो विकास में देरी कर रहे लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए एक कदम है।

श्री मोदी की विदेश नीति की पहल ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता और भूमिका को महसूस किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क देशों के सभी प्रमुखों की उपस्थिति में अपना पहला कार्यकाल शुरू किया और दूसरे की शुरुआत में बिम्सटेक नेताओं को आमंत्रित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके संबोधन की दुनिया भर में सराहना हुई। पीएम मोदी 17 साल की लंबी अवधि के बाद नेपाल, 28 साल के बाद ऑस्ट्रेलिया, 31 साल के बाद फिजी और 34 साल के बाद सेशेल्स और यूएई के द्विपक्षीय दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। पदभार संभालने के बाद से श्री मोदी ने UN, BRICS, SAARC और G-20 समिट में भाग लिया, जहाँ विभिन्न वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर भारत के विचारों को व्यापक रूप से सराहा गया।

प्रधानमंत्री को सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘किंग अब्दुलअजीज सैश’ से सम्मानित किया गया। श्री मोदी को रूस के शीर्ष सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टले सम्मान’, फिलिस्तीन के ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ सम्मान, अफगानिस्तान के ‘अमीर अमानुल्ला खान अवॉर्ड’, यूएई के ‘जायेद मेडल’ और मालदीव के ‘निशान इज्जुद्दीन’ सम्मान से सम्मानित किया गया है। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी को शांति और विकास में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार दिया गया।

‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने के नरेंद्र मोदी के आग्रह को संयुक्त राष्ट्र में अच्छी प्रतिक्रिया मिली। पहले दुनिया भर में कुल 177 राष्ट्रों ने एक साथ मिलकर 21 जून को संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया।

श्री मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक छोटे से शहर में हुआ था। वे ‘अति पिछड़ा वर्ग’ परिवार से आते हैं, जो समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों में से है। वह बेहद गरीब, लेकिन प्यार देने वाले परिवार में पले बड़े। जीवन की शुरुआती कठिनाइयों ने न केवल कड़ी मेहनत के मूल्य को सिखाया बल्कि उन्हें आम लोगों के कष्टों से भी अवगत कराया। आम जन की गरीबी ने उन्हें बहुत कम उम्र में ही लोगों और राष्ट्र की सेवा में डूबने के लिए प्रेरित किया। अपने प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ काम किया, जो राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक राष्ट्रवादी संगठन है और बाद में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में काम करने के लिए खुद को राजनीति में समर्पित किया। श्री मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए पूरा किया है।

नरेंद्र मोदी लोगों के नेता हैं और वे आमजन की समस्याओं को हल करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए समर्पित हैं। लोगों के बीच रहने, उनके साथ खुशियाँ साझा करने और उनके दुखों को दूर करने से ज्यादा कुछ भी उनके लिए संतोषजनक नहीं है। जमीनी स्तर पर तो उनका लोगों के साथ एक मजबूत व्यक्तिगत जुड़ाव तो है ही साथ ही साथ सोशल मीडिया पर भी उनकी मजबूत उपस्थिति है। उन्हें भारत के सबसे ज्या टेक्नो सैवी नेता के रूप में भी जाना जाता है। वो लोगों तक पहुँचने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। वह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, साउंड क्लाउड, लिंक्डिन, वीबो और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बहुत सक्रिय है।

राजनीति से परे नरेंद्र मोदी को लिखना पसंद है। उन्होंने कई कविता और कई किताबें लिखी हैं। वह अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग उसके शरीर और दिमाग को मजबूत बनाता है और तेज गति चलने वाली दिनचर्या में शांति का भाव पैदा करता है।

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन है?

इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री थीं।

भारत में कितनी बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं?

अमेरिका के राष्ट्रपति के विपरीत कोई व्यक्ति कितनी बार प्रधानमंत्री बन सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है, जो दो बार से अधिक नहीं, पद ग्रहण कर सकता है। भारत के प्रधान मंत्री के पद के लिए पात्र होने के लिए, एक व्यक्ति को होना चाहिए: भारत का नागरिक हो। लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक का सदस्य हो।

भारत का मुख्य प्रधान कौन है?

श्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जो उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत थी।

भारत के ब्राह्मण प्रधानमंत्री कौन कौन थे?

मोरारजी देसाई
जन्म
29 फरवरी 1896 भदेली, बम्बई प्रेसिडेंसी
मृत्यु
10 अप्रैल 1995
राष्ट्रीयता
भारतीय
राजनैतिक दल
जनता पार्टी
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