भारत में सबसे लंबी रेलगाड़ी का नाम क्या है? - bhaarat mein sabase lambee relagaadee ka naam kya hai?

अगर आप भी भारत में चलने वाली सबसे लंबी ट्रेन के बारे में जानना चाहते हैं तो फिर इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ें।  

छोटी उम्र से लेकर बड़े होने तक हम और आप एक बार नहीं बल्कि कई बार ट्रेन से सफ़र किया होगा। एक शहर से दूसरे शहर या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए ट्रेन सबसे सस्ता और सबसे सुरक्षित माध्यम है। ट्रेन से हर दिन लगभग करोड़ों लोग सफ़र करते हैं। इसलिए भारतीय ट्रेन को देश का लाइफ लाइन भी कहा जाता है।

भारत में सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों के बारे में तो आप शायद जानते ही होंगे, लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि भारत की सबसे लंबी ट्रेन कौन-कौन सी है तो फिर आपका जवाब क्या होगा?

इस लेख में हम आपको भारत में चलने वाली सबसे लंबी ट्रेनों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन ट्रेनों के बारे में आप भी ज़रूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं।

विवेक एक्सप्रेस (Vivek Express)

Vivek Express

विवेक एक्सप्रेस भारत की एक ऐसी ट्रेन है जो सबसे लंबी दूरी तय करती है। जी हां, कहा जाता है कि यह ट्रेन डिब्रूगढ़ से खुलती है और और दक्षिण-भारत के  कन्याकुमारी तक चलती है। 

यह ट्रेन तिरुवनन्तपुरम, कोयंबटूर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, कटक और जलपाईगुड़ी जैसी फेमस जगहों से गुज़रती है। यह कन्याकुमारी से यह रात 11 बजे खुलती है और पांचवे दिन सुबह में डिब्रूगढ़ पहुंचती है। यह ट्रेन लगभग 23 डिब्बों के साथ चलती है। यह ट्रेन लगभग 4234 km की सफ़र तय करती है।

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सुपर वासुकी (Super Vasuki)

Super Vasuki

शायद आप इस ट्रेन के बारे में जानते होंगे। अगर नहीं जानते हैं तो फिर आपको बता दें कि भारत की सबसे ट्रेन का नाम सुपर वासुकी है। कहा जाता है कि स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर इस ट्रेन की शुरुआत हुई थी।

इस ट्रेन की खास बात यह है कि यह 6 इंजन से चलती है। इस ट्रेन में बारे में यह भी कहा जाता है कि यह ट्रेन 20-30 डिब्बे नहीं बल्कि पूरे 295 डिब्बों को एक साथ लेकर चलती है और यह ट्रेन लगभग 3.5 किमी लंबी है। यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के कोरबा और नागपुर के राजनांदगांव के बीच चलती है। (भारत में सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन)

Sheshnag Train (शेषनाग ट्रेन)

सुपर वासुकी के अलावा शेषनाग ट्रेन एक ऐसी ट्रेन जो सबसे लंबी ट्रेनों में से एक है। इस ट्रेन की लम्बाई लगभग 2.8 किमी है। कहा जाता है कि यह इतनी लंबी है कि इसे खींचने के लिए लगभग 4 इंजन की ज़रूरत पड़ती है। 

आपको बता दें कि इसका ट्रायल नागपुर मंडल से बिलासपुर मंडल के कोरबा तक किया गया था और इसे 4 ट्रेनों को जोड़कर इसे चलना शुरू किया गया था। आपको यह भी बता दें कि सुपर वासुकी और शेषनाग ट्रेन मालगाड़ी ट्रेन है।

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प्रयागराज एक्सप्रेस (Prayagraj Express)

Prayagraj Express

प्रयागराज एक्सप्रेस भी भारत की सबसे लंबी ट्रेन में शामिल है। जी हां, कहा जाता है कि यह ट्रेन अपने साथ लगभग 24 डिब्बों के साथ चलती है। यह फेमस ट्रेन दिल्ली और प्रयागराज के बीच चलती है। (रेलवे में कितनी तरह की होती है सीट?)   

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Indian Railway News: भारतीय रेलवे (Indian Railway) के पास विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जिसमें कश्मीर से कन्याकुमारी और दक्षिण भारत से पूर्वोतर भारत को जोड़ने वाली कई ट्रेनें शामिल हैं, जोकि अपने गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचने के लिए तीन-तीन दिन तक पटरियों पर दौड़ती रहती हैं. आज हम आपको सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों (Longest Train in India 2022) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें सफर करने का एक अलग ही आनंद हैं. 

अमृत ​​काल की शुरुआत को दर्शाने के लिए भारतीय रेलवे ने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक भाग के रूप में 15 अगस्त 2022 को सुपर वासुकी ट्रेन चलाई. यह प्रयास दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से आया. इस ट्रेन में 295 वैगनों  (डिब्बे) और 6 इंजन हैं. इसकी क्षमता 27,000 टन गुड्स उठाने की है. इस ट्रेन की लंबाई 3.5 किलोमीटर है. 

पांच मालगाड़ियों को जोड़ा गया
सुपर वासुकी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के कोरबा से नागपुर के राजनांदगांव तक कोयला पहुंचाया. ट्रेन 13:50 बजे कोरबा से रवाना हुई और 267 किमी की दूरी तय करने में इसे 11.20 घंटे का समय लगा. ट्रेन बनाने के लिए पांच मालगाड़ियों को एक रेक में जोड़ा गया था.

सबसे लंबी मालागाड़ी
मालगाड़ी का नाम नागों के हिंदू देवता वासुकी के नाम पर पड़ा है. शिव का सर्प वासुकी हमेशा उनके गले में लिपटा रहता था. कहा जाता है कि सांप के सिर पर एक रत्न होता है जिसे नागमणि कहा जाता है. राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने दावा किया कि वासुकी रेलवे द्वारा संचालित अब तक की सबसे लंबी और सबसे भारी मालगाड़ी है. यह लगभग चार मिनट में एक स्टेशन को पार करती है. 

ताकि न हो फ्यूल की कमी
अधिकारियों के अनुसार, सुपर वासुकी में पूरे दिन के लिए 3000 मेगावाट बिजली संयंत्र संचालित करने के लिए पर्याप्त कोयला है. यह एक ही ट्रिप में 90-कार, 100-टन रेल रेक के रूप में तीन गुना अधिक कोयले का परिवहन कर सकता है जो अब उपयोग में हैं. बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन की कमी से बचने के लिए, रेलवे का इरादा अधिक लंबी मालगाड़ियों को अपनाने का है. रेलवे विशेष रूप से इसका इस्तेमाल कोयले को ट्रांसपोर्ट करने में करेगा. 

देश में हो गई थी कोयले की कमी
इससे पहले 2022 में पूरे देश में कोयले की कमी के कारण एक महत्वपूर्ण बिजली संकट पैदा हुआ था. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को सरकार को पत्र लिखकर राज्य के इस्पात उत्पादकों को कोयले की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) को निर्देश देने का अनुरोध किया.

दूसरे नंबर पर है छत्तीसगढ़
बघेल ने कहा,"छत्तीसगढ़ में सालाना 15 करोड़ टन से अधिक कोयला निकाला जाता है, जो अपने उत्पादन के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है. लेकिन उत्पादित कोयले की एक बड़ी मात्रा अन्य राज्यों को आपूर्ति की जाती है. छत्तीसगढ़ भी इस्पाद उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में से एक है. यहां कई बड़ी इस्पात-विनिर्माण इकाइयों के अलावा, सैकड़ों छोटी इकाइयां भी हैं. लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इन सुविधाओं पर निर्भर हैं." 

भारत की सबसे लंबी ट्रेन कौन सी है 2022?

आइए आज हम आपको बताते हैं. देश में सबसे ज्यादा लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन का नाम विवेक एक्सप्रेस है. जो डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक का सफर करती है. यह ट्रेन तकरीबन 82 घंटे में 4150 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है.

सबसे लंबी रेलगाड़ी का नाम क्या है?

1. BHP Billiton Iron Ore Train, Australia. बीएचपी हमारी लिस्ट की सबसे बड़ी ट्रेन, जिसकी कुल लंबाई 7300 मीटर है.

भारत में सबसे लंबी ट्रेन की लंबाई कितनी है?

इसी कड़ी में रेलवे ने एक नया रेकॉर्ड बनाते हुए 295 बोगियों (वैगन) और 5 इंजन वाली 3.5 किलोमीटर लंबी वासुकी ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाने में सफलता हासिल की है। यह अब तक की सबसे लंबी ट्रेन है। इसे छत्तीसगढ़ के भिलाई से कोरबा तक चलाया गया। 3.5 किलोमीटर लंबी इस ट्रेन को खींचने के लिए 5 इंजन लगाए गए।

भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन का नाम क्या है?

वंदे भारत ट्रेन: देश की सबसे हाई स्पीड से चलने वाली ट्रेन वंदे भारत ट्रेन है. इस ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को किया था. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देश की राजधानी नई दिल्ली को अन्य शहरों से जोड़ती है. इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है.