भारत में महिला परिवार का मुख्य कारण क्या है? - bhaarat mein mahila parivaar ka mukhy kaaran kya hai?

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:

जीवन-पर्यत प्रवासी और पिछले निवास के अनुसार प्रवासी में अंतर स्पष्ट कीजिए।

जीवन पर्यत प्रवासी: जन्म का स्थान, यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न होता हैं, तो इसे जीवन पर्यत प्रवासी कहते हैं।

पिछले निवास के अनुसार प्रवासी: निवास का स्थान, यदि निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भिन्न है तो इसे निवास के पिछले स्थान से प्रवासी के रूप में जाना जाता है।

जब किसी देश का निवासी, अन्य किसी देश में प्रवासित हो जाता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहते हैं। भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के दो स्तर हैं- (i) उत्प्रवास-भारत से बाह्य देशों की ओर प्रवास, (ii) आप्रवास-बाह्य देशों से भारत की ओर प्रवास।

भारत में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. भारत से बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने बेहतर अवसरों की तलाश में विभिन्न स्थानों विशेष रूप से मध्य पूर्व और पश्चिमी यूरोप के देशों अमेरिका, आस्ट्रेलिया और पूर्वी प्रवास और दक्षिण-पूर्वी एशिया में प्रवास किया।
  2. अंतरराष्ट्रीय प्रवास के मुख्य कारणों में आजीविका के लिए विवाह, शिक्षा, आर्थिक रूप से सुदृढ़ता इत्यादि है। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुंडियाँ विदेशी विनिमय के प्रमुख स्त्रोत्रों में से एक है।
  3. सन् 2002 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों से हुंडियों के रूप में 110 खराब अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए। पंजाब, केरल और तमिलनाडु राज्य अपने अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों से महत्त्वपूर्ण राशि प्राप्त करते हैं। इनका प्रयोग मुख्यत: भोजन, ऋणों की अदायगी, उपचार, विवाहों, बच्चों की शिक्षा, कृषीय निवेश, गृह-निर्माण इत्यादि के लिए किया जाता है। ये हुण्डियां गावों की अर्थव्यवस्था के लिए जीवनदायक रक्त का कार्य करती है।
  4. विदेशों के प्रति सामान्य जनता का आकर्षण भी अंतरराष्ट्रीय प्रवास का एक मुख्य कारण है। लोगों में अधिक अवसरों और बेहतर सुरक्षा वाले स्थानों की ओर जाने की प्रवृत्ति अंतरराष्ट्रीय प्रवास को बढ़ावा देती है।
  5. उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी लोग अंतरराष्ट्रीय प्रवास करते हैं। इतना ही नहीं उच्चतर शिक्षा के पश्चात अच्छे वेतन और अच्छे 'लाइफ स्टाइल' के लिए भी लोग अंतर्राष्ट्रीय प्रवास की और अग्रसर होते हैं। 

पलायन पर केंद्रित केंद्र सरकार की 18 सदस्यीय वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में प्रवासी परिवारों की बढ़ोत्तरी इस बात का इशारा है कि गांव या कस्बों से आए प्रवासी परिवार शहरों में बस रहे हैं और अब उनके साथ परिवार के आने का सिलसिला थम गया है. इससे यह भी पता चलता है कि गांव से निकलकर शहर आने वाली महिला प्रवासियों की संख्या बढ़ी है. यदि इसे आंकड़ों में देखें तो 2001 में शहर आने वाली प्रवासी महिलाओं की हिस्सेदारी 49 फीसदी थी जो 2011 में बढ़कर 53.2 फीसदी तक पहुंच गई.

हालांकि पलायन के सभी कारणों को शामिल करते हुए एक दशक के आंकड़ों को देखें तो महिला प्रवासियों की संख्या में कमी हुई है. 2011 में कुल महिला प्रवासियों की संख्या 14.57 करोड़ थी इसमें गांव से शहर प्रवास करने वाली महिलाओं की संख्या 9.52 करोड़ (65.3 फीसदी) रही जबकि 2001 में कुल महिला प्रवासियों की संख्या 9.52 करोड़ थी और इनमें गांव से शहर पलायन करने वाली महिलाओं की संख्या 6.37 करोड़ (66.9 फीसदी) थी. यानि एक दशक में करीब एक फीसदी से ज्यादा की कमी आई है.

यह भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रवास में बड़ा हिस्सा उन महिलाओं का है जो शादी या अन्य पारिवारिक कारणों जैसे बच्चे के जन्म के बाद, परिवार के साथ संयुक्त पलायन या फिर श्रम के लिए पलायन करती हैं. विवाह या पलायन के बाद कई महिलाएं श्रमिक बन जाती हैं. हालांकि पुरुषों का काम के सिलसिले में पलायन अब भी काफी ज्यादा है.

1991 से 2001 के बीच 72.2 फीसदी पलायन शादी या अन्य पारिवारिक कारणों से हुआ है. वहीं, 2001 से 2011 के बीच यह बढ़कर 74.7 फीसदी रहा. हालांकि सिर्फ शादी के कारण होने वाले प्रवास की रफ्तार धीमी पड़ी है और अन्य पारिवारिक मामलों के कारण होने वाले रफ्तार में वृद्धि हुई है.

सभी अवधि (ऑल ड्यूरेशन) में आंतरिक प्रवास (30.94 करोड़) का कुल 40 फीसदी यानी 12.39 करोड़ में 12.23 करोड़ प्रवास ग्रामीण से ग्रामीण परिवेश में शादी करके जाने वाली महिलाएं ही हैं. इनमें केवल 4.8 फीसदी यानी 60 लाख ही विवाह के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवास करती हैं जो कि कुल आंतरिक प्रवास (30.94 करोड़) का महज 1.9 फीसदी है. गांव से गांव प्रवास में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा है. इसका मतलब है कि ग्रामीण महिलाओं का विवाह शहरों में बहुत कम हो रहा है.

सभी अवधि (ऑल ड्यूरेशन) के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के प्रवास में सबसे बड़ा कारण विवाह है. 2001 की जनगणना के मुताबिक 22.1 करोड़ महिलाओं में 15.4 करोड़ महिला प्रवास का कारण विवाह रहा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में 77.9 फीसदी महिला प्रवासी और 44.2 फीसदी शहरों की महिला प्रवासियों का प्रमुख कारण विवाह रहा. नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) 2007-08 का आंकड़ा और भी अधिक संख्या बताता है.

मसलन 91.8 फीसदी महिला प्रवासी ग्रामीण क्षेत्रों में और 60.8 फीसदी महिला प्रवासी शहरी क्षेत्रों में विवाह के कारण रह रही हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह करने वाली 31 फीसदी महिलाएं श्रमबल का हिस्सा बन जाती है, जबकि 13.3 फीसदी प्रवासी महिलाएं शहरों में सामान्य स्तर के श्रमकार्य में भागीदारी करती हैं.

2001-2011 के जनगणना संबंधी दशकीय आंकड़ों के हिसाब से काम, रोजगार या व्यवसाय के लिए पलायन करने वाले पुरुषों की संख्या बढ़ी है. हालांकि शादी और पारिवारिक कारणों से गांव छोड़कर जाने वाली महिला प्रवासियों की कुल संख्या 86 फीसदी है. (86 फीसदी: शादी और पारिवारिक कारणों का योग है.) इन महिलाओं को भी सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती और इन्हें भेदभाव से गुजरना पड़ता है.

भारत में महिला प्रवास का मुख्य कारण क्या है?

Detailed Solution. सही उत्तर विवाह है। जनसंख्या पर अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू विभिन्न सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक कारणों से उत्पन्न होने वाले प्रवास का अध्ययन है।

भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण क्या है?

This is Expert Verified Answer. (i) काम और रोजगार भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है।

प्रवास का मुख्य कारण कौन सा है?

प्रवासन के लिये कई कारक ज़िम्मेदार हैं और उनमें से सबसे प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय हैं। यह समझना महत्त्वपूर्ण है कि प्रवासन की यह प्रक्रिया मूल देश के साथ-साथ गंतव्य देश दोनों के लिये कैसे फायदेमंद है। अतः प्रवासन के लिये समावेशी नीति की आवश्यकता है।

निम्नलिखित में से कौन सा भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है क शिक्षा ख काम और रोजगार ग व्यवसाय घ विवाह?

i) काम और रोजगार भारत में पुरुष प्रवास का मुख्य कारण है। दिए गए विकल्पों में से विकल्प () काम और रोजगार सही उत्तर है। (ii) महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधिक संख्या में आप्रवासी आते हैं।

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