निर्जला एकादशी में क्या नहीं करना चाहिए? - nirjala ekaadashee mein kya nahin karana chaahie?

Nirjala Ekadashi Vrat 2022:ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत रखा जाता है. इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून, शुक्रवार को पड़ रहा है. यह व्रत निर्जला किया जाता है यानी जल ग्रहण नहीं किया जाता, इसलिए इसे अन्य व्रतों की अपेक्षा कठिन माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

मान्यता है कि जो लोग साल की किसी एकादशी (Ekadashi) का व्रत नहीं कर सकते, वो इस निर्जला एकादशी का व्रत रखकर अन्य शेष 23 एकादशी व्रत का पुण्य भी प्राप्त कर सकते हैं. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) व्रत करने के कुछ नियम हैं साथ ही इस दिन कुछ खास बात का ध्यान रखने के सलाह दी जाती है. ज्योतिष संजीत कुमार मिश्रा के अनुसार जानें निर्जला एकादशी के दिन भूल से भी कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.

Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी पर न करें ये काम

  • मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन दांत साफ करने के लिए दातून का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पेड़ की टहनियों को तोड़ने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं. साथ ही व्रत भंग हो जाता है.

  • निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन तामसिक भोजन, मांस-मदीरा या किसी अन्य प्रकार की नशीली वस्तुओं का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

  • निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat) के दिन भगवान की पूजा में चावल (अक्षत) का इस्तेमाल करने की मनाही है. भगवान विष्णु की पूजा में तिल का प्रयोग करना अच्छा माना गया है. इसके अलावा इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए

  • एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) कर रहे हैं तो किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन ऐसा करने पर व्रत करने का कोई लाभ नहीं मिलता है. हर तरह के कलह-द्वेष से बचने की सलाह दी जाती है.

  • निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन आलस्य करना निषेध है. ऐसे में इस दिन आलस्य का त्याग कर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का ध्यान करें.

  • निर्जला एकादशी के दिन बिस्तर पर सोने की मनाही है. कहा जाता है कि ऐसा करने पर व्रत का फल नहीं मिलता है. व्रती को चाहिए कि इस दिन फर्श पर अपना बिस्तर लगा कर सोना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर डॉट कॉम इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Nirjala Ekadashi 2022 Fast Rules, Dos and Donot's: संपूर्ण जगत को धारण करने वाले भगवान श्री हरि का व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है। यदि श्री हरि की असीम कृपा व्यक्ति के उपर बनी रही, तो जीवन में कभी भी विघ्न-बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता है। निर्जला एकादशी व्रत भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से सभी एकादशीओं का पुण्य मिल जाता है। 

यदि आप भगवान विष्णु के साथ साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए निर्जला एकादशी का व्रत करने की सोच रहे हैं या करना चाहते हैं, तो उससे पहले आपको इस दिन कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से कार्य नहीं करने चाहिए इसे जरूर जान लेना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ कार्यों को नहीं करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए जानें इस दिन आप क्या कर सकते हो और क्या नहीं।

Nirjala Ekadashi Ke Niyam: निर्जला एकादशी के दिन ना करने वाले कार्य

1. नमक का ना करें सेवन

हिंदू धर्म के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन नमक खाना वर्जित है। ऐसी मान्यता है, कि एकादशी के दौरान नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो जाता है और व्रती को  दोष लगता है।

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2. चावल का ना करें सेवन 

हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित है। ऐसा माना जाता है, कि इस दिन चावल का सेवन करने से व्रत करने का कोई फल नहीं मिलता है। इस दिन घर के अन्य सदस्यों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। 

3. इन चीजों का ना करें सेवन 

निर्जला एकादशी के दिन चावल, नमक के अलावा बैंगन, मूली, प्याज, लहसुन और मसूर की दाल जैसे अशुद्ध चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत में इन चीजों का सेवन करने से व्रत भंग हो सकता है।

4.भूल कर ना करें ये गलतियां

निर्जला एकादशी के दिन मन को हमेशा पवित्र रखना चाहिए। बुरा विचार,कलह या वाद-विवाद जैसी माहौल उत्पन्न करने से व्रत करने का फल प्राप्त नहीं होता हैं। इस दिन व्रती को बिस्तर के बजाय फर्श पर सोना अच्छा माना जाता है।

5. सदाचार का पालन 

निर्जला एकादशी के दिन सदाचार और ब्रह्मचार्य का पालन करें। विष्णु जी के मंत्र और भजन का जाप करते रहें।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

निर्जला एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

निर्जला एकादशी व्रत के एक दिन पूर्व से मांस, मदिरा और तामसिक भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं दशमी के दिन भी सात्विक भोजन ही करें। निर्जला एकादशी व्रत के दौरान आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। इस दिन दान पुण्य का भी बहुत महत्व होता है।

निर्जला एकादशी व्रत में हम क्या खा सकते हैं?

निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशी में सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है. इस दिन बिना जल के पूरे दिन व्रत रखा जाता है. इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है..
खूब पानी पिएं- ... .
नारियल पानी पिएं- ... .
नमक का सेवन कम करें- ... .
फलों का सेवन करें- ... .
आराम करें-.

निर्जला एकादशी का नियम क्या है?

निर्जला एकादशी व्रत में भक्तों को एक दिन पहले ही अर्थात दशमी तिथि को शाम को भोजन नहीं करना चाहिए. इस दिन केवल फल और तरल खाद्य पदार्थ जैसे पानी और जूस आदि ही ग्रहण करें. अगले दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़ा पहन लें. उसके बाद घर के पूजा स्थल पर जाकर व्रत का संकल्प लें.

निर्जला एकादशी के दिन पानी कब पीना चाहिए?

निर्जला एकादशी व्रत विधि नियम उस समय इस व्रत में पानी भी नहीं पीना होता है यानी निर्जल रहना होता है। केवल कुल्ला और आचमन के लिए ही मुंह में पानी ले सकते हैं। इस व्रत में व्रती को सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

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