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Published in JournalYear: Sep, 2018 Article Details
Published in JournalYear: May, 2019 Article Details
भारत की विदेश नीति
भारतीय विदेश नीति का परिचय
राज्यों द्वारा किए जाने वाले प्रयास:–
नेहरू ने राष्ट्रों के मध्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के संचालन के लिए पांच सिद्धांत निश्चित किए जिन्हें पंचशील सिद्धांत कहा जाता है। ये सिद्धांत निम्नलिखित हैं-
नेहरू के काल में भारत की विदेशी नीति नेहरू की विदेशी नीति के आधारभूत मानक
नेहरू की विदेशी नीति का अवलोकन अंतर्राष्ट्रीय भूमिका–
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना :
पहला गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन:
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता
कश्मीर के मसले को लेकर पाकिस्तान के साथ बंटवारे के तुरंत बाद ही संघर्ष छिड़ गया था। पाकिस्तान ने 1965 में गुजरात के कच्छ के रण में सैनिक हमला किया, उसके बाद जम्मू-कश्मीर में उसने बड़े पैमाने पर हमला किया। पाकिस्तान के नेताओं को उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर की जनता उनका समर्थन करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पाकिस्तान को स्थानीय समर्थन नहीं मिल सका।
ताशकंद समझौते के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान निम्नलिखित थे:
1971 के युद्ध के बाद, पाकिस्तानी सेना ने कभी भी भारतीय सेना से प्रत्यक्ष रूप से युद्ध नहीं किया बल्कि अपनी गुप्त एजेंसियो द्वारा प्रशिक्षित किए गए आतंकवादियों को भेज कर जम्मू कश्मीर और भारत में आतंक फैलाकर दहशत का वातावरण उत्पन्न करने के लिए अप्रत्यक्ष युद्ध प्रारंभ किया ।
भारत और श्रीलंका का संकट काल ( 1987)
तमिल समूह को भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया समर्थन
भारत श्रीलंका शांति समझौता( 29 जुलाई, 1987)
जाफना यूनिवर्सिटी हेली ड्रॉप
भारतीय भागीदारी की समाप्ति
राजीव गाँधी की हत्त्या (1991)
1974 का परमाणु परीक्षण (पोखरण)
भारत विदेश नीति के मुख्य आधार क्या है?विदेश नीति का मुख्य आधार राष्ट्रीय हित है ।
भारत की विदेश नीति से आप क्या समझते हैं?विदेश नीति वह नीति या दृष्टिकोण है, जिसके द्वारा कोई राष्ट्र विश्व के अन्य राष्टों के साथ व्यवहार करता है जिसमें संबंधों का निर्माण या उनसे दूरी अथवा अनुकूलता या प्रतिकूलता बनायी जाती हैं। यदि देखा जाये तो विदेश नीति वह कला है जो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का शुद्ध आधार प्रस्तुत करती हैं।
विदेश नीति की तुलना का आधार क्या है?परंपरागत रूप में विदेश नीति के सैद्धांतिक आधार यथार्थवादी अथवा आदर्शवादी होते हैं। आदर्शवाद से प्रेरित विदेश नीति आदर्शवादी लक्ष्यों को अपना अभीष्ट मानती है। मसलन विश्व बंधुत्व, मानवाधिकार, राष्ट्रों में परस्पर प्रेम एवं सदभाव, वैश्विक समस्याओं का वैश्विक सहयोग द्वारा समाधान आदि।
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