भारत के पहला मुख्यमंत्री महिला कौन थी? - bhaarat ke pahala mukhyamantree mahila kaun thee?

भारत के पहला मुख्यमंत्री महिला कौन थी? - bhaarat ke pahala mukhyamantree mahila kaun thee?

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भारत के पहला मुख्यमंत्री महिला कौन थी? - bhaarat ke pahala mukhyamantree mahila kaun thee?

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प्रश्न 1: भारत की पहली मुख्यमंत्री कौन थी?
उत्तर: भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री श्रीमती सुचेता कृपलानी थी।
प्रश्न 2: पहली भारतीय जिसने विश्व सुंदरी का खिताब अपने नाम किया ?
उत्तर: रीटा फारिया

प्रश्न 3: गिलहरी कौन सा रंग नहीं देख सकती है ?
उत्तर : लाल रंग

भारत के पहला मुख्यमंत्री महिला कौन थी? - bhaarat ke pahala mukhyamantree mahila kaun thee?

प्रश्न 4: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुल संपत्ति कितनी है?


सुचेता कृपलानी
150pxपूरा नाम सुचेता कृपलानी अन्य नाम सुचेता मज़ूमदार जन्म 25 जून, 1908 जन्म भूमि अम्बाला, पंजाब मृत्यु 1 दिसंबर, 1974 पति/पत्नी जे. बी. कृपलानी नागरिकता भारतीय प्रसिद्धि भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पद उत्तर प्रदेश की चौथी मुख्यमंत्री कार्य काल 2 अक्तूबर, 1963 – 13 मार्च, 1967 शिक्षा बी.ए, एम.ए. विद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी अन्य जानकारी 1948 से 1960 तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव रहीं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इतिहास की प्राध्यापिका भी रहीं। सुचेता कृपलानी अथवा 'सुचेता मज़ूमदार' (अंग्रेज़ी: Sucheta Kriplani, जन्म- 25 जून, 1908, अम्बाला; मृत्यु- 1 दिसंबर, 1974) प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की चौथी और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। caption = सुचेता कृपलानी

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री

पद बहाल
२ अक्टूबर १९६३ – १४ मार्च १९६७
पूर्वा धिकारी चंद्रभानु गुप्त
उत्तरा धिकारी चंद्रभानु गुप्त

जन्म २५ जून १९०८
अंबाला, हरियाणा
मृत्यु १ दिसम्बर १९७४
राजनीतिक दल INC

सुचेता कृपलानी (मूल नाम: सुचेता मजूमदार) (२५ जून,१९०८[1] - १ दिसम्बर, १९७४[2][3]) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं। वे प्रसिद्ध गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थीं।

जीवनी[संपादित करें]

सुचेता कृपलानी का जन्म हरियाणा के अंबाला शहर में सम्पन्न बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सरकारी चिकित्सक थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कई स्कूलों में पूरी हुई क्योंकि हर दो-तीन वर्ष में पिता का तबादला होता रहता था। आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें दिल्ली भेज दिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उन्होंने इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की।

कॉलेज से निकलने के बाद, 21 वर्ष की उम्र में ही ये स्वतंत्रता संग्राम में कूदना चाहती थीं पर दुर्भाग्यवश वह ऐसा कर नहीं पायीं क्योंकि 1929 में उनके पिता और बहन की मृत्यु हो गयी और परिवार को संभालने की जिम्मदारी सुचेता के कंधो पर आ गयी। इसके बाद, वे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संवैधानिक इतिहास की व्याख्याता बन गईं।

सन १९३६ में अठाइस साल की उम्र में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य नेता जेबी कृपलानी से विवाह किया। सुचेता के इस कदम का उनके घर वालों के साथ महात्मा गांधी ने भी विरोध किया था। जेबी कृपलानी सिन्धी थे और उम्र में सुचेता कृपलानी से बीस साल बड़े थे। इसके अलावा गाँधीजी को डर था कि इस विवाह के कारण आचार्य जो उनके “दाहिने हाथ” थे, कहीं स्वतंत्रता संग्राम से पीछे न हट जाँय। आचार्य कृपलानी का साथ पाकर सुचेता पूरी तरह से राजनीति में कूद पड़ीं। 1940 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की महिला शाखा – ‘अखिल भारतीय महिला काँग्रेस’ की स्थापना की। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय होने के कारण उन्हें एक साल के लिए जेल जाना पड़ा। १९४६ में वह संविधान सभा की सदस्य चुनी गई। 1949 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था।

भारत के स्वतंत्र होने के बाद वह भारतीय राजनीति में सक्रिय हो गयीं। जब उनके पति व्यक्तिगत व राजनीतिक मतभेदों के कारण जवाहरलाल नेहरू से अलग हो गए और अपनी खुद की पार्टी किसान मजदूर प्रजा पार्टी बनाई तब सुचेता भी इनके साथ हो लीं। 1952 में सुचेता किसान मजदूर पार्टी की ओर से न्यू दिल्ली से चुनाव लड़ी और जीतीं भी। पर शीघ्र ही राजनैतिक मतभेदों के कारण वह काँग्रेस में लौट आयीं। 1957 में काँग्रेस के टिकिट पर इसी सीट से वह दुबारा चुनाव जीतीं और राज्यमंत्री बनायीं गयीं। १९५८ से १९६० तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव थी।

1962 में सुचेता कृपलानी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा। वे कानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गयीं और उन्हें श्रम, सामुदायिक विकास और उद्योग विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। १९६३ ई में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया। १९६३ से १९६७ तक वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। 1967 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से चौथी बार लोकसभा चुनाव लड़ कर जीत हासिल की।

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सुचेता कृपलानी, अन्य वैश्विक नेत्रियों के साथ ; बाएँ से दाएं- उल्ला लैंडस्ट्रोम, बार्बरा कैसिल, कैराइन विल्सन, एलीनोर रूसवेल्ट (सन १९४९ में)

सन १९७१ में उन्होने राजनीति से संन्यास ले लिया। राजनीति से सन्यास लेने के बाद वे अपने पति के साथ दिल्ली में बस गयीं। निःसन्तान होने के कारण उन्होंने अपना सारा धन और संसाधन लोक कल्याण समिति को दान कर दिया। इसी समय, उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘एन अनफिनिश्ड ऑटोबायोग्राफी’ लिखनी शुरू की, जो तीन भागों में में प्रकाशित हुई। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य गिरता गया और 1 दिसम्बर 1974 को हृदय गति रूक जाने से उनका निधन हो गया।

सुचेता कृपलानी भारत के किसी प्रदेश की पहली महिला मुख्य मंत्री थीं। ये बंटवारे की त्रासदी में महात्मा गांधी के बेहद करीब रहीं। वे उन चंद महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने बापू के करीब रहकर देश की आजादी की नींव रखी। वह नोवाखली यात्रा में बापू के साथ थीं। वे दिल की कोमल तो थीं, लेकिन प्रशासनिक फैसले लेते समय वह दिल की नहीं, दिमाग की सुनती थीं। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य के कर्मचारियों ने लगातार 62 दिनों तक हड़ताल जारी रखी, लेकिन वह कर्मचारी नेताओं से सुलह को तभी तैयार हुईं, जब उनके रुख में नरमी आई।

श्रीमती सुचेता कृपालानी 

पूर्व मुख्यमंत्री , उत्तर प्रदेश

जन्म पंजाब, जून, 1908।
शिक्षा एम0ए0
कार्यक्षेत्र राजनीति, समाज सेवा एवं शिक्षा।
शिक्षक एक सफल एवं योग्य अध्यापिका रहीं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रवक्ता थीं।
राजनीति
  • वर्ष 1938 में स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रणीय कार्य किया।
  • वर्ष 1940 और 1944 में कांग्रेस आन्दोलनों में गिरफ्तार।
  • १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलन में गुप्त रूप से दीर्घ काल तक कार्य किया।
  • वर्ष 1946 में नोआखाली (पूर्व बंगाल) के दंगों में पीड़ितों की सहायता तथा बचाव का कार्य किया।
  • वर्ष 1948 में प्रथम बार उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्या बनी।
  • वर्ष 1950-52 में प्रोवीजनल लोक सभा की सदस्या।
  • वर्ष 1951 से 1956 तक किसान मजदूर प्रजा पार्टी तथा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में कार्य किया।
  • वर्ष 1952, 1957 एवं 1967 में लोक सभा की सदस्या निर्वाचित।
  • दिनांक 12 दिसम्बर,1960 से दिनांक 01 अक्टूबर, 1963 तक श्री चन्द्र भानु गुप्त सरकार में मंत्री।
  • दिनांक 4 मई,1961 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद् की सदस्या।
  • वर्ष 1962 में उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्या।
  • दिनांक 2 अक्टूबर,1963 से 13 मार्च, 1967 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं।
  • १९६७ में गोंडा से लोकसभा चुनाव जीता। (चौथी बार)
  • १९७१ में राजनीति से संन्यास ले लिया।
  • कांगेस के सहायता विभाग की सेक्रेटरी की हैसियत से भारत के विभाजन के समय शरणार्थियों के पुनर्वासन का कार्य किया।
  • ट्रेड यूनियनों की अध्यक्षा तथा इण्डियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की दिल्ली शाखा की सभापति।
  • कस्तूरबा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की संगठन सचिव और गांधी स्मारक निधि की उपसभापति।
  • दिल्ली विश्वविद्यालय की सीनेट तथा मीरेण्डा हाउस व लेडी श्रीराम कालेज की गवर्निंग कौंसिलों की सदस्या।
  • नव हिन्द एजूकेशन सोसाइटी की अध्यक्षा।
विदेश यात्रा वर्ष 1949 में संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय प्रतिनिधि मंडल की सदस्या होकर अमेरिका गयीं।

वर्ष 1954 तथा 1957 में संसदीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर तुर्किस्तान गयीं।

बैंकाक में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में आयोजित सभा में भाग लिया।

निधन दिनांक 1 दिसम्बर, 1974 को नई दिल्ली में देहावसान हो गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. S K Sharma (2004), Eminent Indian Freedom Fighters, Anmol Publications PVT. LTD., पृ॰ 560, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126118908[मृत कड़ियाँ]
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2009.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जुलाई 2009.

राजनीतिक कार्यालय
पूर्वाधिकारी
चंद्रभानु गुप्त
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री
२ अक्टूबर १९६३ – १४ मार्च १९६७
उत्तराधिकारी
चंद्रभानु गुप्त

भारत का पहला मुख्यमंत्री महिला कौन है?

सुचेता कृपलानी (मूल नाम: सुचेता मजूमदार) (२५ जून,१९०८ - १ दिसम्बर, १९७४) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थीं।

भारत की दूसरी महिला मुख्यमंत्री कौन है?

शीला दीक्षित (३१ मार्च १९३८ – २० जुलाई २०१९) एक भारतीय राजनीतिज्ञ थीं, जो १९९८ से २०१३ तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही। इसके अतिरिक्त ११ मार्च २०१४ से २५ अगस्त २०१४ तक वह भारत के केरल राज्य की राज्यपाल, १९८४ से १९८९ तक कन्नौज से सांसद, और १० जनवरी २०१९ से अपनी मृत्यु तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रही।

उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला कौन थी?

सही उत्तर सरोजिनी नायडू है। सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। वह पहली भारतीय महिला थीं, जो 1925 में कलकत्ता अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं।

भारत में कुल कितने मुख्यमंत्री होते हैं?

वर्तमान में पदस्थ 30 मुख्यमन्त्रियों में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हैं। मार्च 2000 से ( 22 वर्ष, 250 दिन ओडिशा के नवीन पटनायक सबसे लम्बे समय से पदस्थ मुख्यमन्त्री हैं। अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू (जन्म 1979) सबसे युवा मुख्यमन्त्री हैं।