अश्वगंधा शतावर सफेद मूसली कौंच के बीज खाने से क्या फायदा होता है? - ashvagandha shataavar saphed moosalee kaunch ke beej khaane se kya phaayada hota hai?

जो शारीरिक एवं यौन रूप से कमजोर है वे आयुर्वेदिक तरीकों से अपनी खोई हुए काम शक्ति को वापस पाना चाहते है | आयुर्वेद में एसी बहुत सी जड़ी बूटियाँ है जिनका इस्तेमाल करके व्यक्ति अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ा सकते है |

आयुर्वेद में कामशक्ति को बढाने वाली जड़ी – बूटियों को वाजीकरण द्रव्यों में गिना जाता है | वाजीकरण द्रव्य वे जड़ी बूटियाँ होती है जिनका इस्तेमाल करके व्यक्ति अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को पा सकता है |

अश्वगंधा, शतावरी, कौंच के बीज, काली मुसली, सफ़ेद मुसली, अकरकरा, तालमखाना आदि एसी बहुत सी जड़ी बूटियाँ है जिनका इस्तेमाल अगर योग स्वरुप किया जाये तो व्यक्ति अपनी खोई हुए कामशक्ति को वापस पाकर यौन क्रियाओं में सक्षम हो जाता है |

आज हम अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मुसली एवं तालमखाना के मेल से एक एसा योग आपको बताएँगे जो पूर्णत: आयुर्वेदिक है एवं यौन कमजोरियों जैसे शीघ्रपतन, यौन उत्साह की कमी एवं धात आदि में बहुत ही लाभदायक है |

इस योग को बनाने से पहले इसमें प्रयुक्त जड़ी – बूटियों के बारे में थोडा जानलें |


अश्वगंधा, शतावरी, कौंच, तालमखाना एवं सफ़ेद मूसली के साथ कुल 21 जड़ी – बूटियों के एक्सट्रेक्ट से निर्मित इस दवा का सेवन भी आप कर सकते है | यह उत्पाद अन्य बाजारू उत्पादों से बेहतर है | स्वदेशी कामसुधा योग के बारे में आप गूगल पर सर्च कर सकते है | या निचे दिए गए फोटो पर क्लिक करके पढ़ सकते है |

अश्वगंधा शतावर सफेद मूसली कौंच के बीज खाने से क्या फायदा होता है? - ashvagandha shataavar saphed moosalee kaunch ke beej khaane se kya phaayada hota hai?


    • 1 . अश्वगंधा / Ashwagandha
    • 2. शतावरी / Shatavari
    • 3. कौंच के बीज / Kounch ke Beej
    • 4. सफ़ेद मूसली / Safed Musali
    • 5. तालमखाना / Talamkhana
  • अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मूसली और तालमखाना का योग
  • कामोद्दीपक योग का सेवन

1 . अश्वगंधा / Ashwagandha

यह आयुर्वेद की प्रचलित जड़ी – बूटी है | इसका इस्तेमाल चिकित्सक यौन कमजोरियों के साथ – साथ अन्य रोगों जैसे घुटनों का दर्द, शरीरिक कमजोरी एवं कफ – वात को खत्म करने वाली होती है | चरक संहिता में इसका विरेचनोपग द्रव्यों में वर्णन किया है |

अश्वगंधा शतावर सफेद मूसली कौंच के बीज खाने से क्या फायदा होता है? - ashvagandha shataavar saphed moosalee kaunch ke beej khaane se kya phaayada hota hai?
image – indiamart.com

आयुर्वेद चिकित्सा में इसे बल्य अर्थात वाल प्रदान करने वाली एवं रसायन औषधि माना है | यह शरीर में वीर्य की वृद्धि करती है और शारीरिक कमजोरी को दूर करती है |

2. शतावरी / Shatavari

इसे भी बल वृद्धक और रसायन द्रव्यों में गिना जाता है | यह शरीर में उर्जा का संचार करती है एवं शरीर को बल प्रदान करने में सहायक होती है | अश्वगंधा के साथ इसको मिलाकर सेवन करने से भी शरीर को बल मिलता है एवं कमजोर व्यक्ति ताकत प्राप्त करते है |

अश्वगंधा शतावर सफेद मूसली कौंच के बीज खाने से क्या फायदा होता है? - ashvagandha shataavar saphed moosalee kaunch ke beej khaane se kya phaayada hota hai?
Shatavari

आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक संहिता (Charak Samhita) के अनुसार यह बल्य, रसायन एवं स्त्रियों में दूध बढाने वाली होती है |

3. कौंच के बीज / Kounch ke Beej

इसे कपिकच्छु, केवांच या कौंच बीज आदि नामों से पुकारा जाता है | इस आयुर्वेदिक जड़ी – बूटी के बारे में कहा गया है कि यह उष्ण स्वाभाव अर्थात गरम तासीर की, वृष्य, ब्रिहन, तिक्त एवं भारी होती है |

सिमित मात्रा में लेने से शरीर में वीर्य की कमी को दूर करती है एवं यौन शक्ति का संचार करती है | तासीर में यह अत्यंत उष्ण होती है अत: इसका सेवन सिमित या निर्देशित मात्रा में ही करना चाहिए | अधिक मात्रा ग्रहण करने से विपरीत असर भी पड़ सकते है |

कौंच के बीजों का सेवन हमेशां शोधन करके ही करना चाहिए |

4. सफ़ेद मूसली / Safed Musali

इस आयुर्वेदिक हर्ब को कौन नहीं जनता ? आयुर्वेद की यह जड़ी – बूटी खूब प्रसिद है |सर्दियों में सफ़ेद मुसली के लड्डू बना कर सेवन किया जाता है | यह स्वाद में मधुर एवं गुणों में बलवृद्धक होती है |

अश्वगंधा शतावर सफेद मूसली कौंच के बीज खाने से क्या फायदा होता है? - ashvagandha shataavar saphed moosalee kaunch ke beej khaane se kya phaayada hota hai?

वीर्य में शुक्राणुओं की कमी एवं मर्दाना ताकत की कमी में इसका सेवन प्रमुखता से किया जाता है | सफ़ेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे भी इसको अधिक लाभदायक बनाते है | सफ़ेद मूसली को गाय के दूध के साथ मिलाकर नियमित सेवन से यौन कमजोरियां दूर होती है |

5. तालमखाना / Talamkhana

यह एक क्षुप जाति की बेल होती है | जो अधिकतर जलीय क्षेत्रों में पाई जाती है | इसके बीजों को तालमखाना पुकारा जाता है | ये आसानी से किसी भी पंसारी की दुकान पर मिल जाते है | इसे कामोद्दीपक द्रव्य माना जाता है | अर्थात यह कामेन्द्रिय को उत्तेजना प्रदान करती है | गुणों में यह बलवृद्धक होती है |

आयुर्वेद में इसे उत्तम कामोद्दीपक, बल्य एवं पौष्टिक माना जाता है | इन पांचो जड़ी – बूटियों का योग बना कर इस्तेमाल करने से यौन दुर्बलता जैसे शीघ्रपतन, नपुंसकता, धातु – दुर्बलता आदि ठीक होती है |

चलिए अब जानते है इस अद्भुत योग के बारे में

अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मूसली और तालमखाना का योग

इस औषध योग का निर्माण करने के लिए सबसे पहले इन्हें एक निश्चित मात्रा में आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियाँ बेचने वाले पंसारी से ले आवे | जड़ी – बूटियाँ लेते समय ध्यान रखें ये साफ सुथरी एवं अधिक पुरानी न हो |

जड़ी – बूटियां असली हो और अधिक पुरानी न हो तो इनमे पुरे गुण विद्यमान रहते है | ख़राब एवं पुरानी होने पर ये जड़ी – बूटियाँ अपने गुण खो देती है | अत: इस प्रकार की औषधियों का सेवन करने से कुछ भी फायदा नहीं होता |

अब सबसे पहले अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मूसली और तालमखाना इन सभी को 50 – 50 ग्राम की मात्रा में लाकर अच्छी तरह सुखा कर साफ करलें | कौंच के बीजों का सेवन शोधन करने के पश्चात ही करना चाहिए |

कौंच बीज का शोधन करने के लिए इन्हें गाय के दूध में कुच्छ देर उबाले | जब ये कुच्छ फुले – फुले दिखें तो निचे उतार कर ठंडा करके इनका छिलका उतार लें | इस प्रकार से कौंच के बीज शुद्ध हो जाते है |

अब इन सबको बराबर 50 – 50 ग्राम की मात्रा में लेकर खरल में कूट पीसकर महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को कपडछान करके कांच के बर्तन में सहेज लें |

कामोद्दीपक योग का सेवन

इसका सेवन नियमित 3 से 5 ग्राम की मात्रा में अपने बल बलानुसार आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से सुबह – शाम दूध के साथ करना चाहिए |

स्वदेशी उपचार आयुर्वेद को समर्पित वेब पोर्टल है | यहाँ हम आयुर्वेद से सम्बंधित शास्त्रोक्त जानकारियां आम लोगों तक पहुंचाते है | वेबसाइट में उपलब्ध प्रत्येक लेख एक्सपर्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों, फार्मासिस्ट (आयुर्वेदिक) एवं अन्य आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा लिखा जाता है | हमारा मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद के माध्यम से सेहत से जुडी सटीक जानकारी आप लोगों तक पहुँचाना है |

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कौंच के बीज खाने से क्या होता है?

अश्वगंधा, शतावरी, सफेद मूसली और कौंच के बीजों का मिश्रण तनाव को भी कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं। ये ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं और सेलुलर डैमेज को रोकते हैं। इससे कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

अश्वगंधा शतावरी सफेद मूसली कौंच के बीज कैसे उपयोग करें?

कैसे लें: अश्वगंधा, सफेद मूसली, और कौंच के बीज के साथ सतावर के पावडर को समान मात्रा में मिलाकर गुनगुने दूध के साथ सुबह अथवा मुख्य रूप से रात्रि को सोते समय सेवन करना चाहिए। क्यों लें: वैसे तो यह जिम जाने वाले, योग करने वाले, कसरत करने वालों के लिए लिये एक जबरदस्त आयुर्वेदिक प्रोटीन सप्लीमेंट है।

सफेद मूसली अश्वगंधा और कौंच के बीज गोखरू शतावरी तथा शिलाजीत एक साथ लेने से क्या होता है?

मजाक में कहा जाय तो इन के लेने के बाद आप शादी करने की सोचने लगेंगे और शादी हो गई है तो पत्नी आप से तंग आ कर पीहर अधिक रहने लगेगी । सबसे पहले जवाब दिया गया: सफेद मुसली अश्वगंधा कौंच के बीज गोखरू शतावरी और शिलाजीत एक साथ लेने से क्या होता है? आपके पास दीवार में छेद करने की ताकत आ जाएगी।

अश्वगंधा सफेद मूसली शतावरी कैसे खाएं?

आप चाहें तो 100-100 ग्राम का पैक लेकर उन्‍हें आपस में मिला लें और रोजाना सुबह और शाम आधा चम्‍मच यानी लगभग 5 ग्राम चूर्ण गर्म दूध में मिलाकर पिएं। आयुर्वेद के मुताबिक अश्वगंधा और शतावरी के चूर्ण से बनी इस औषधि का असर एक सप्‍ताह के भीतर ही दिखने लगता है। इसके सेवन से तेजी से वजन बढ़ता है।