अपठित गद्यांश के प्रश्नों को हल करते समय क्या ध्यान देना चाहिए? - apathit gadyaansh ke prashnon ko hal karate samay kya dhyaan dena chaahie?

अपठित बोध कितने प्रकार का होता है?

इसे सुनेंरोकेंअपठित अवतरण को पढ़कर बसके अर्थ को समझना ‘अपठित बोध’ कहलाता है। अपठित अनुच्छेद में कुछ ऐसे शब्द भी हो सकते है जिनके अर्थ से आप सुपरिचित न हों, किन्तु आपको बिना घबराये हुए पूरे अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़कर यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि इस अवतरण का मूल विषय क्या है ओर उसमें क्या बात कही गई है।

अपठित गद्यांश को कैसे हल करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकैसे हल करें अपठित गद्यांश (1) दिए गए गद्यांश को दो-तीन बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। (ii) इस समय जिन प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँ, उन्हें रेखांकित कर लेना चाहिए। (iii) अब बचे हुए एक-एक प्रश्न का उत्तर सावधानीपूर्वक खोजना चाहिए। (iv) प्रश्नों के उत्तर सदैव अपनी ही भाषा में लिखना चाहिए।

अपठित माने क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंApthit Meaning in Hindi – अपठित का मतलब हिंदी में 1. जो पहले पढ़ा न गया हो ; पहली बार पढ़ने को मिला हुआ। 1. अपढ़ [को कहते हैं] ।

अपठित का क्या अर्थ होता है * 2 points जो पढ़ा नहीं गया हो जो पढ़ा गया हो उपरोक्त दोनों सिर्फ दूसरा और तीसरा?

इसे सुनेंरोकेंअपठित बोध ‘अपठित’ शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘unseen’ का समानार्थी है। इस शब्द की रचना ‘पाठ’ मूल शब्द में ‘अ’ उपसर्ग और ‘इत’ प्रत्यय जोड़कर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है-‘बिना पढ़ा हुआ। ‘ अर्थात गद्य या काव्य का ऐसा अंश जिसे पहले न पढ़ा गया हो।

अपठित गद्यांश से क्या आशय है अपठित गद्यांश को हल करते समय किन किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

अपठित गद्यांश – Apathit Gadyansh in Hindi Grammar

  • इसमें अभिव्यक्ति स्पष्ट रूप से होती है।
  • इसमें विषय-वस्तु की सम्पूर्ण जानकारी होती है।
  • इसमें बुद्धि की एकाग्रता दिखाई देती है।
  • इसमें तथ्यों का वास्तविक विवेचन होता है।
  • इसमें व्यावहारिक भाषा का शुद्ध प्रयोग होता है।

कुसंगति मानव को किसकी ओर ले जाती है?

इसे सुनेंरोकेंकुसंगति मनुष्य को बुरे रास्ते पर ले जाती है। जो व्यक्ति सत्संगति के विरुद्ध होता है वह कुसंगति के अधीन होता है। यह कभी भी नहीं हो सकता कि मनुष्य कुसंगति के प्रभाव से बच सकता है। जो व्यक्ति दुष्ट और दुराचारी व्यक्तियों के साथ रहते हैं वे व्यक्ति भी दुष्ट और दुराचारी बन जाते हैं।

April 23, 2018 Unseen Passages 145,599 Views

अपठित गद्यांश

अपठित का अर्थ होता है ‘जो पढ़ा नहीं गया हो’। यह किसी पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं लिया जाता है। यह कला, विज्ञान, राजनीति, साहित्य या अर्थशास्त्र, किसी भी विषय का हो सकता है। इनसे सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे छात्रों का मानसिक व्यायाम होता है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। इससे छात्रों की व्यक्तिगत योग्यता व अभिव्यक्ति की क्षमता बढ़ती है।

विधि

अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

  1. दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
  2. गद्यांश पढ़ते समय मुख्य बातों को रेखांकित कर देना चाहिए।
  3. गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा एकदम सरल होनी चाहिए।
  4. उत्तर सरल व संक्षिप्त व सहज होने चाहिए। अपनी भाषा में उत्तर देना चाहिए।
  5. प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम शब्दों में देने चाहिए, साथ हीं गद्यांश में से हीं उत्तर छाँटने चाहिए।
  6. उत्तर में जितना पूछा जाए केवल उतना हीं लिखना चाहिए, उससे ज़्यादा या कम तथा अनावश्यक नहीं होना चाहिए। अर्थात, उत्तर प्रसंग के अनुसार होना चाहिए।
  7. यदि गद्यांश का शीर्षक पूछा जाए तो शीर्षक गद्यांश के शुरु या अंत में छिपा रहता है।
  8. मूलभाव के आधार पर शीर्षक लिखना चाहिए।

अपठित पद्यांश

अपठित पद्यांश का अर्थ है ‘वह कविता का अंश या कविता जो पहले पढ़ी न गई हो’। अपठित पद्यांश में किसी कविता का एक अंश दिया जाता है तथा उस पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह कविता किसी (अर्थात उसी कक्षा के) पाठ्यक्रम की पुस्तक में से नहीं दी जाती है। इसे पढ़कर इससे सम्बन्धित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इससे छात्रों की कविता पढ़ने और समझने की क्षमता का विकास होता है।

विधि

इनको हल करते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना अनिवार्य है।

  1. कविता को दो-तीन बार पढ़ना चाहिए, जिससे उसका भाव और अर्थ अच्छी तरह समझ में आ जाए।
  2. कविता को समझकर उत्तर देने चाहिए।
  3. प्रश्नों के उत्तर कविता की लाइनों में नहीं देने चाहिए, बल्कि अपने शब्दों में गद्य में देने चाहिए।
  4. उत्तर सरल, स्पष्ट और कम शब्दों का प्रयोग करके भावों के साथ व्यक्त करना चाहिए।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

डॉ. कलाम दृढ़ इच्छाशक्ति वाले वैज्ञानिक थे। वे भारत को विकसित देश बनाने का सपना संजोए हुए थे। उनका मानना था कि भारतवासियों को व्यापक दृष्टि से सोचना चाहिए। हमें सपने देखने चाहिए। सपनों को विचारों में बदलना चाहिए। विचारों को कार्यवाही के माध्यम से हकीकत में बदलना चाहिए। डॉ. कलाम तीसरे ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया। उन्हें ‘पद्मभूषम’ तथा ‘पद्मविभूष्ण’ से भी सम्मानित किया गया। भारत को उन पर गर्व है। इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त करने के बावजूद अहंकार कलाम जी को छू तक नहीं पाया। वे सहज स्वभाव के एक भावुक व्यक्ति थे। उन्हें कविताएँ लिखना, वीणा बजाना तथा बच्चों के साथ रहना पसंद था। वे सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे। कलाम साहब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। कलाम जी तपस्या और कर्म ठता की प्रतिमूर्ति हैं। राष्ट्रपति पड़ की शपथ लेते समय दिए गए भाषण में उन्होंने कबीरदास जी के इस दोहे का उल्लेख किया था – ‘काल करे सो आज कर, आज करे सो अब’।

(क) डॉ. कलाम ने भारत को क्या बनाने का सपना देखा है?

  1. अल्प विकसित देश
  2. विकसित देश
  3. निर्मित देश
  4. विकासशील देश

(ख) डॉ. कलाम किस प्रवृत्ति के व्यक्ति थे?

  1. असहज
  2. दयालु
  3. भावुक
  4. क्रूर

(ग) डॉ. कलाम एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाले _______ थे?

  1. वैज्ञानिक
  2. कलाकार
  3. साहित्यकार
  4. इनमें से कोई नहीं

(घ) डॉ. कलाम को क्या – क्या बेहद पसंद था?

(ड़) डॉ. कलाम को किन-किन सम्मानों से सम्मानित किया गया?

(च) डॉ. कलाम की तरह आप भारत को आगे बढ़ाने के लिए क्या प्रयास करेंगे।

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अपठित गद्यांश हल करते समय कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़ना चाहिए।.
गद्यांश पढ़ते समय मुख्य बातों को रेखांकित कर देना चाहिए।.
गद्यांश के प्रश्नों के उत्तर देते समय भाषा एकदम सरल होनी चाहिए।.
उत्तर सरल व संक्षिप्त व सहज होने चाहिए। ... .
प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम शब्दों में देने चाहिए, साथ हीं गद्यांश में से हीं उत्तर छाँटने चाहिए।.

अपठित गद्यांश को कैसे हल करना चाहिए?

कैसे हल करें अपठित गद्यांश (1) दिए गए गद्यांश को दो-तीन बार ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। (ii) इस समय जिन प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँ, उन्हें रेखांकित कर लेना चाहिए। (iii) अब बचे हुए एक-एक प्रश्न का उत्तर सावधानीपूर्वक खोजना चाहिए। (iv) प्रश्नों के उत्तर सदैव अपनी ही भाषा में लिखना चाहिए।

अपठित गद्यांश में प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखने चाहिए?

अपठित गद्यांश के प्रश्नों का सही उत्तर किस प्रकार दें?.
प्रश्नो के पढ़ने से पहले गद्यांश या पद्यांश को दो – तीन बार अच्छी तरह पढ़कर मूल भाव को समझ लें |.
एक – एक प्रश्न की प्रकृति और उत्तर की अपेक्षा के अनुसार गद्यांश/पद्यांश से उत्तर लिखें |.
उत्तर आपकी अपनी भाषा में हो, अवतरण की भाषा में नहीं |.

अपठित गद्यांश में पढ़ने के लिए क्या दिया जाता है?

अपठित गद्यांश की परिभाषा अपठित गद्यांश में गद्यांश से संबंधित विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा जाता है। इस प्रकार इस विषय में यह अपेक्षा की जाती है कि पाठक दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उससे संबद्ध प्रश्नों के उत्तर उसी अनुच्छेद के आधार पर संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करें।

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