Anupras Alankar, easy examples of anupras alankar in hindi, anupras alankar example in marathi, anupras alankar ki paribhasha udaharan sahit, anupras alankar kise kahte hai, anupras alankar ke bhed अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण सहित. Anupras Alankar अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद तथा उदाहरण का वर्णन कीजिए। अनुप्रास अलंकार परिभाषा भेद उदाहरण. अनुप्रास अलंकार के उदाहरण और परिभाषा Show
अनुप्रास अलंकार की परिभाषाजिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि- अनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है - अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य - वर्ण है। अर्थात जब किसी वर्ण की बार-बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार उतपन्न होता है उसे हम अनुप्रास अलंकार कहते है। अनुप्रास अलंकार के उदाहरणपरीक्षा में पूछे गए अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरण जो खग हौं बसेरो करौं मिल, कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि। मुदित महीपति मंदिर आये। बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। अनुप्रास अलंकार का उदाहरण- Anupras Alankar Ka Udaharan1. कर कानन कुंडल मोर पखा, इस काव्य पंक्ति में "क" वर्ण की 3 बार और "व" वर्ण की दो बार आवृति होने से चमत्कार आ गया है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 2. सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में "स" वर्ण की वार वार आवृति हुई है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 3. तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये यहां पर त वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा। . अनुप्रास अलंकार के भेद१. छेकानुप्रास अलंकार १. छेकानुप्रास अलंकारछेक का अर्थ है वाक् चातुर्य। अर्थात वाक् से परिपूर्ण एक या एकाधिक वर्णों के आवृति को छेकानुप्रास अलंकार कहा जाता है। उदाहरण- इस करुणा कलित हृदय में, उपरोक्त पंकित में "क" वर्ण की आवृत्ति क्रम से एक बार है। अतः यहां पर छेकानुप्रास अलंकार होगा। २. वृत्यानुप्रास अलंकारजहां एक या अनेक व्यंजनों की अनेक बार स्वरूपत: व् कर्मत: आवृत्ति हो तो वहां पर वृत्यानुप्रास अलंकार होता है। उदाहरण- चन्दन ने चमेली को चम्मच से चटनी चटाई कंकन किंकिनि नूपुर धुनि सुनि, ३. लाटानुप्रास अलंकार(लाट का अर्थ है समूह) तात्पर्य भेद से शब्द तथा अर्थ की आवृत्ति की लाटानुप्रास है। उदाहरण- पूत
सपूत तो का धन संचय। ४. अन्त्यानुप्रास अलंकारजहां पद के अंत के एक ही वर्ण और एक ही स्वर की साम्यमूलक आवृत्ति हो, उसे अन्त्यानुप्रास अलंकार कहते हैं उदाहरण- गुरु पद मृदु मंजुल अंजन। तुझे देखा तो यह जाना सनम ५. श्रुत्यानुप्रास अलंकारमुख के उच्चारण स्थान से संबंधित विशिष्ट वर्णों के साम्य को श्रुत्यानुप्रास अलंकार कहते हैं। तेही निसि सीता पहुँ
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अनुप्रास अलंकारअनुप्रास अलंकार की परिभाषा-Definition Of Anupras Alankarजिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि- अनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है - अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य - वर्ण है। अर्थात जब किसी वर्ण की बार-बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार उतपन्न होता है उसे हम अनुप्रास अलंकार कहते है। अनुप्रास अलंकार का उदाहरण- Anupras Alankar Ka Udaharan1-कर कानन कुंडल मोर पखा, इस काव्य पंक्ति में "क" वर्ण की 3 बार और "व" वर्ण की दो बार आवृति होने से चमत्कार आ गया है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 2-सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में "स" वर्ण की वार वार आवृति हुई है। आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 3-तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये यहां पर त वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा। परीक्षा में पूछे गए अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरण-जो खग हौं बसेरो करौं मिल, कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि। मुदित महीपति मंदिर आये। बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सम्पूर्ण अलंकार हिंदी ग्रामर
अनुप्रास अलंकार के 2 उदाहरण कौन कौन से हैं?अनुप्रास अलंकार के उदाहरण. उदाहरण 1. कालिंदी कूल कदम्ब की डरनी ... . उदाहरण 2. कर कानन कुंडल मोर पखा, ... . उदाहरण 3. मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला। ... . उदाहण 4. कल कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है। ... . उदाहरण 5. सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। ... . उदाहरण 6. कायर क्रूर कपूत कुचली यूँ ही मर जाते हैं। ... . उदाहरण 8. ... . उदाहरण 9.. अनुप्रास अलंकार की पहचान क्या?जहाँ एक शब्द या वर्ण बार बार हो या एक या अनेक वर्णो की आवृत्ति बार बार हो वहा अनुप्रास अलंकार होता है। 1- मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला। ऊपर दिए उदाहरण में आप देख सकते हैं की 'म' वर्ण की आवृति हो रही है अर्थार्थ 'म' वर्ण बार बार आ रहा है इसलिए इस उदहारण में अनुप्रास अलंकार होगा ।
उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण क्या है?उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण। इस उदाहरण में कनक का अर्थ धतुरा है। कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानो कोई भिक्षु सोना ले जा रहा हो। इसमें 'ज्यों' शब्द का इस्तेमाल हो रहा है एवं कनक–उपमेय में स्वर्ण–उपमान के होने कि कल्पना हो रही है।
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