6 मंथ बेबी को कौन सा सेरेलक देना चाहिए? - 6 manth bebee ko kaun sa serelak dena chaahie?

In this article

  • छह महीने के लिए अब दूध पर्याप्त भोजन क्यों नहीं है?
  • छह महीने की उम्र में शिशु को क्या खिला सकती हूं?
  • सात से नौ महीने के शिशु को मैं कौन से भोजन खिला सकती हूं?
  • शिशु को 10 महीने की उम्र से कौन से भोजन दे सकते हैं?
  • एक साल से कम उम्र के शिशुओं को कौन से भोजन नहीं दिए जाने चाहिए?
  • जिन भोजनों से एलर्जी होने की आशंका हो, उन्हें शिशु को कैसे खिलाया जाए?
  • क्या शिशु के आहार में घी, मक्खन और वसा शामिल करनी चाहिए?
  • क्या शिशु को होलग्रेन्स देने चाहिए?

Show

हर शिशु अलग होता है, इसलिए, यह कह पाना मुश्किल है कि आपका शिशु इस अनुभव को किस प्रकार लेगा। हो सकता है उसे अलग-अलग तरह के भोजन और स्वाद का आदि होने में समय लगे या फिर संभव है कि एक बार में ही उसे सब पसंद आ जाए और वह पेट भरकर भोजन खाने लगे।

कुछ परिवार शिशु को अपने आप खाना खाने देने में विश्वास रखते हैं, इसे अंग्रेजी में बेबी लेड वीनिंग कहा जाता है। वहीं कुछ अन्य को लगता है कि उनके शिशु दूसरों के हाथ से गाढ़ा गूदे वाला भोजन (प्यूरी) खाकर ज्यादा खुश हैं। हम यहां पूरा विवरण देंगे कि आने वाले हफ्तों और महीनों में आपके शिशु को देने के लिए कौन से भोजन सबसे अच्छे हैं, ताकि आपके शिशु के भोजन की अच्छी शुरुआत में मदद मिल सके।

छह महीने के लिए अब दूध पर्याप्त भोजन क्यों नहीं है?

छह महीने की उम्र से आपके शिशु को भोजन से अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरुरत होती है, विशेषतौर पर आयरन की। मगर, उसे अभी भी एक साल की उम्र तक स्तनदूध या फॉर्मूला दूध चाहिए होगा।

शिशु के शुरुआती छह महीनों में उसकी पाचन और रोग प्रतिरोधक प्रणाली धीरे-धीरे मजबूत हो रही होती है। अब आपका शिशु ठोस आहार को अधिक कुशलता से पचाने में सक्षम हो गया है।

यदि आप अपने शिशु को छह महीने से पहले ठोस आहार देना चाहें, तो इस बारे में डॉक्टर से बात कर लें। यह विशेषतौर पर तब ज्यादा जरुरी है, जब शिशु का जन्म समय से पहले (प्रीमैच्योर) हुआ हो।

ध्यान रखें कि ऐसे बहुत से भोजन हैं जो शिशु को छह महीने से पहले नहीं खिलाए जाने चाहिए।

छह महीने की उम्र में शिशु को क्या खिला सकती हूं?

जब शिशु छह माह का हो जाए, तब आप सैद्धांतिक तौर पर उसे अधिकांश भोजन दे सकती हैं। आप नए भोजन भी काफी जल्दी आजमा सकती हैं। नीचे कुछ ऐसे भोजन दिए गए हैं, जिनके साथ आप शुरुआत कर सकती हैं, जैसे:

  • गाजर, कद्दू, आलू, मटर, शकरकंदी, तोरी, पेठा कद्दू, हरी गोभी और गोभी आदि सब्जियों का गाढ़ा गूदा (प्यूरी)
  • फलों की प्यूरी जैसे उबाला हुआ या भाप में पकाया हुआ सेब और नाशपती, आम या पपीता या मसले हुए फल जैसे पका हुआ मक्खनफल या केला, खरबूजा, तरबूज या चीकू।
  • उम्र के अनुसार बेबी सीरियल्स जैसे कि शिशु जो दूध पीता है उसमें आयरन फोर्टिफाइड बेबी राइस या सीरियल मिलाकर देना।

शुरुआत में प्यूरी आपके शिशु के लिए सबसे आसान भोजन हो सकता है, मगर कुछ शिशु नरम ढेलेदार भोजन भी खा लेते हैं, बशर्ते उन्हें अच्छी तरह मसला हुआ हो। शिशु दांत न होने के बावजूद भी नरम ढेलेदार भोजन चबाना जल्दी सीख सकते हैं।

एक बार जब शिशु चम्मच से स्वेच्छा और खुशी से खाने लगता है, तो आप उसके भोजन में नई चीजें शामिल कर सकती हैं। हमारी ही तरह शिशु भी एक ही चीज बार-बार खाकर ऊब जाते हैं।

इसलिए जब आपका शिशु बहुत सारे अलग-अलग फल और सब्जियां खने लगा हो, तो उसे केवल एक फल या सीरियल से बनी प्यूरी की बजाय निम्नांकित विकल्प देना शुरु करें:

  • दो या इससे ज्यादा फल या सब्जियों को मिलाकर बनी प्यूरी, ताकि शिशु को नया स्वाद और अतिरिक्त पोषण मिल सके। भाप में पकाए हुए सेब और गाजर की प्यूरी या  आम और भाप में पकाई हुई लौकी की प्यूरी शिशु को दे सकते हैं। शिशु के पौष्टिक प्यूरी के विकल्पों के लिए हमारा स्लाइडशो देखें।
  • चटक स्वाद वाली सब्जियों की प्यूरी जैसे कि मटर, पत्तागोभी, हरी गोभी या पालक आदि को सीरियल्स या मसली हुई दाल के साथ मिलाया जा सकता है।
  • प्यूरी किया गया या ब्लेंडर में ​पीसा हुआ मांस, मछली या चिकन। भोजन को अच्छी तरह पकाएं और हड्डियां निकाल दें।
  • प्यूरी की हुई या अच्छी तरह मसली हुई दालें, छोले व अन्य दलहन।
  • फुल फैट दही, पनीर, कस्टड या फलों की खीर (बिना मीठे की)। मगर, ध्यान रखें कि शिशु को एक साल का होने तक गाय का दूध (या बकरी या भेड़ का दूध) मुख्य पेय के रूप में नहीं देना चाहिए।

कोशिश करें कि शिशु को घर पर बना खाना ही दें। बेहतर है कि पहले से तैयार बेबी फूड के​ डिब्बों या पैक को कभी-कभार या फिर सफर के दौरान ही करें। शिशु के हर भोजन में इन्हें शामिल न करें।

हालांकि, अधिकारिक निर्देशों के अनुसार शिशु के छह महीने का होने के बाद ही उसे ठोस आहार खिलाना शुरु करना चाहिए, मगर आपको चार महीने की उम्र के शिशुओं के लिए भी बाजार में भोजन मिलेंगे। ये उत्पादों की रेंज सामान्यत: चार से सात महीने और सात महीने से अधिक के शिशुओं के लिए होती है।

कोशिश करें कि आप शिशु के चरण और उम्र के अनुसार भोजन चुनें। यदि आप शिशु को चार से छह महीने की उम्र के बीच ठोस आहार खिलाना शुरु कर रही हैं, तो रेडीमेड भोजन खिलाने से पहले डॉक्टर से बात करें।

जब भी आप बाजार से पैकेज्ड बेबी फूड खरीदें, उसका लेबल पढ़ें और वे उत्पाद चुनें जिनमें नमक, चीनी या ऐसी सामग्री न हो, जिससे शिशु को एलर्जी हो।

सात से नौ महीने के शिशु को मैं कौन से भोजन खिला सकती हूं?

आपका लक्ष्य धीरे-धीरे शिशु को अलग-अलग तरह की बनावट वाले विविध भोजन खिलाने का होना चाहिए। आप सामान्यत: घर में जो भोजन पकाती हैं उसी तरह का भोजन शिशु को कुछ खिला सकती हैं। शिशु को घर पर बना खाना देने के निम्न फायदे हैं:

  • आपको पता है कि भोजन में क्या सामग्रियां मिलाई गई हैं
  • आप जो भोजन खाती हैं, शिशु को भी वही भोजन खाने की आदत पड़ती है

यदि शिशु स्तनपान करता है, तो आपके द्वारा खाए गए भोजनों का स्वाद उसे भी मिलेगा। इसलिए उसे आपके पसंदीदा भोजन खाने में आसानी होगी।

आपका शिशु अब प्यूरी की बजाय मसले हुए या बारीक कटे हुए खाद्य पदार्थ खा सकता है। उसके भोजन को ब्लेंडर से पीसने की बजाय कांटे से मसलिए। इस तरह भोजन की बनावट का पता चलता है। जिन शिशुओं को 10 महीने का हो जाने के बाद पहली बार ढेलेदार भोजन खिलाए जाएं, तो इस बात की आशंका रहती है कि वे शायद इन्हें आसानी से नहीं खा पाएंगे।

इसलिए वे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, अलग-अलग बनावट और स्वाद वाले भोजन खाना पसंद नहीं करते। कुछ बच्चे तो थोड़ा बड़ा होने पर भी प्यूरी किया गया भोजन ही खाना चाहते हैं।

बेहतर है कि शिशु को स्टार्चयुक्त भोजन दिए जाएं। निम्नांकित स्टार्चयुक्त भोजन आपके शिशु के लिए उचित हैं:

  • रागी/नाचनी
  • चावल
  • जई (ओट्स)
  • दलिया
  • बेबी ब्रेडस्टिक्स
  • आलू
  • सूजी का उपमा या खीर
  • साबुदाना
  • ब्रेड
  • पास्ता
  • ब्रेकफास्ट सीरियल्स (जिनमें मीठा न हो)

स्टार्चयुक्त भोजनों के साथ-साथ आपके शिशु को हर भोजन में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ भी चाहिए। शिशु के लिए प्रोटीन से भरपूर ये निम्नांकित खाद्य पदार्थ हो सकते हैं:

  • दाल-दलहन
  • अच्छी तरह पके हुए अंडे
  • डेयरी उत्पाद (पनीर, दही और चीज़)
  • कम वसायुक्त रेड मीट
  • चिकन
  • मछली, मगर हांगर (शार्क), तेगा (स्वॉर्डफिश) या मार्लिन मछली नहीं हो

यदि आपका शिशु फिंगर फूड पसंद कर रहा है, तो उसे ये देती रहें। उसे शायद खुद खाना अच्छा लग रहा होगा। आप उसे पकाई हुई बीन्स, गाजर, पनीर या चीज़ के टुकड़े, केले या नरम नाशपती की फांक दे सकती हैं।

हालांकि, शिशु जो दूध ​पीता है, वह अभी वो पी रहा होगा, मगर आप उसे अन्य पेय देना भी शुरु कर सकती हैं। छह महीने से अधिक उम्र के शिशु फिल्टर किया हुआ या उबालकर ठंडा किया पानी ​ले सकते हैं। शिशु को नरम टोंटी वाले सिप्पर में पानी दें।

यदि आप चाहें तो फॉलो-ऑन फॉर्मूला दूध भी दे सकती है। मगर, यदि आपका शिशु अच्छे से संतुलित आहार खा रहा है, तो इसकी कोई जरुरत नहीं है।

जब आपका शिशु आठ से नौ माह का होता है, तो वह शायद दिन में तीन बार भोजन और एक बार थोड़ा स्नैक ले रहा होगा।

सात से नौ महीने के शिशु के लिए ठोस आहार के बारे में हमारा यह लेख पढ़ें।

शिशु को 10 महीने की उम्र से कौन से भोजन दे सकते हैं?

अब शिशु को काफी हद तक बड़ों जैसा खाना दिया जा सकता है। बरीक कटा हुआ या छोटे-छोटे आकार में कटा भोजन शिशु को दिए जा सकते हैं। अब आप शिशु को दिन में तीन बार भोजन के साथ-साथ दो बार सेहतमंद स्नैक्स देना शुरु कर सकती हैं।

यदि शिशु स्तनपान करता है तो आप उसे नियमित स्तनपान कराना जारी रख सकती हैं। आप पाएंगी कि शिशु पहले की तुलना में अब कम बार दूध पी रहा है। यदि आप शिशु को बोतल से दूध पिलाती हैं, तो आप दिन में एक सा दो बार दूध पिलाना कम कर सकती हैं। मगर, शिशु के एक साल का होने तक उसे 500 से 600 मि.ली. फॉर्मूला दूध देना जारी रखें।

10 से 12 महीने के शिशु के लिए बेहतरीन भोजनों के बारे में हमारा यह लेख पढ़ें।

एक साल से कम उम्र के शिशुओं को कौन से भोजन नहीं दिए जाने चाहिए?

कुछ ऐसे भोजन और सामग्रियां हैं, जिन्हें शिशु को एक साल की उम्र से पहले नहीं दिया जाना चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • नमक। आपके शिशु के गुर्दे अभी नमक को नहीं संभाल सकते। वैसे, इसकी पसंद को प्रोत्साहन देना सही भी नहीं है। वयस्कों के डिब्बाबंद भोजन को शिशु के आहार में न मिलाएं। डिब्बाबंद भोजन में नमक की मात्रा अधिक होती है।
  • शहद। चाहे शिशु को खांसी भी हो, तब भी उसे एक साल का होने तक शहद नहीं देना चाहिए। कभी-कभार शहद में एक ऐसी तरह का बैक्टीरिया हो सकता है जो शिशु की आंतों के लिए विषैला साबित हो सकता है।
  • चीनी। मीठे व्यंजनों में मिठास के लिए केला या उबाले हुए फल या मेवों की प्यूरी डालकर देंखें। आप निकाले हुए (एक्सप्रेस्ड) स्तन दूध या फॉर्मूला दूध को भी मिला सकती हैं।
  • मिठास के लिए कृत्रिम उत्पाद। कम कैलोरी वाले पेय, शरबत या प्रसंस्कृत भोजन, जिनमें कृत्रिम मीठा डाला जाता है, वे आपके शिशु के लिए सही नहीं हैं। इनमें कोई पोषक तत्व नहीं होते और इनसे शिशु को मीठे का चस्का लग सकता है।
  • साबुत मेवे। साबुत मेवे शिशु के श्वसन मार्ग या हलक में अटक सकते हैं। यदि आप शिशु को मेवे देना चाहती हैं तो उन्हें पीसकर या उनका पेस्ट बनाकर शिशु को दें।
  • कुछ विशेष मछलियां। शिशु को हांगर (शार्क), तेगा (स्वॉर्डफिश) या मार्लिन मछलियां नहीं खानी चाहिए। इनमें पारे के अवशेष हो सकते हैं।
  • चाय या कॉफी। शिशु के दूध को थोड़ा गुनगुना करने के लिए उसकी बोतल में थोड़ी चाय मिलाना सही नहीं है। चाय में मौजूद टैनिन, भोजन के आयरन को सही तरीके से समाहित करने में रुकावट पैदा कर सकता है। कैफीन युक्त कोई भी पेय शिशु के लिए उचित नहीं है।
  • कम वसा वाला भोजन। मलाई रहित दूध, दही और कम वसा वाली चीज़ आपके शिशु के लिए सही नहीं है। शिशु को हमेशा वसा वाली चीजें ही दें। उसे कैलोरी की आवश्यकता है।
  • गाय का दूध एक साल से पहले मुख्य पेय के रूप में न दें। इसमें पर्याप्त पोषण नहीं होता और स्तनदूध या फॉर्मूला दूध की तुलना में ये शिशु के गुर्दों पर ज्यादा जोर डालते हैं। साथ ही इससे मिल्क एलर्जी भी हो सकती है। हालांकि आप शिशु का भोजन तैयार करने में थोड़ा गाय का दूध मिला सकती हैं। बच्चे के आहार में विभिन्न तरह के दूध शामिल करने के ​बारे में यहां और अधिक पढ़ें।

कुछ भोजनों से भोजन विषाक्तता (फूड पॉइजनिंग) का खतरा होता है। इसलिए एहतियात के तौर पर इन्हें अपने शिशु को न दें। इनमें शामिल हैं:

  • अच्छी तरह न उबले, अधपके  या कच्चे अंडे, क्योंकि इनमें साल्मोनेला बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है, जिससे भोजन विषाक्तता हो सकती है।
  • नरम, फफूंद से पकाई गई चीज़ जैसे ब्री या कैमेम्बर्ट चीज़
  • कच्ची या अधपकी सीपदार मछली

ध्यान रखें कि डॉक्टर शिशु को दो साल की उम्र से पहले जूस देने की सलाह नहीं देते। इसके बजाय ताजा और मौसम के अनुकूल फल खिलाएं!

शिशुओं के लिए 14 सबसे खराब भोजन के बारे में हमारी स्लाइडशो को देखें।

जिन भोजनों से एलर्जी होने की आशंका हो, उन्हें शिशु को कैसे खिलाया जाए?

विशेषज्ञों की सलाह है कि एलर्जी पैदा करने वाले भोजन खिलाने की शुरुआत करने पर स्तनपान करवाना भी जारी रखें। यदि आपके परिवार में एलर्जी का इतिहास रहा है, तो बेहतर है कि डॉक्टर की सलाह ली जाए।

यदि बच्चे को पहले से ही कोई एलर्जी या एलर्जिक स्थिति जैसे कि दमा (अस्थमा) या छाजन (एक्जिमा) है, तो उसे मूंगफली (पीनट) के प्रति भी एलर्जी होने की ज्यादा संभावना रहती है। इसलिए उसे पहली बार पीनट बटर या मूंगफली युक्त कोई उत्पाद देने से पहले डॉक्टर से बात कर लें।

जिन खाद्य पदार्थों के प्रति प्रतिक्रिया होने की सबसे अधिक संभावना होती है जैसे कि सोया, अंडे और गाय का दूध आदि तो इनकी शुरुआत करने पर एहतियात बरतें। जब भी कोई नया भोजन शिशु को दें, धीरे-धीरे कम मात्रा से ​शुरु करें और एक बार में एक ही नया भोजन खिलाएं। बेहतर है कि नया भोजन शिशु को सुबह के समय खिलाया जाए। इस तरह कोई प्रतिक्रिया होने पर डॉक्टर के पास या अस्तपाल जाना आसान रहेगा।

शिशु को कोई भी नया भोजन देने से पहले पांच दिन इंतजार करें। इस तरह पता चल सकेगा कि उनके प्रति शिशु की प्रतिक्रिया कैसी रहती है और कौन से भोजन एलर्जी पैदा करते हैं और उसके आहार से हटाने हैं।

बेहतर है कि जिस दिन शिशु नया भोजन खाता है उसके बारे में आप लिखकर रख लें। यदि उसके प्रति शिशु को एलर्जी हो, तो भोजन सूची से यह पता लगाना आसान होता है कि किस भोजन की वजह से यह प्रतिक्रिया हुई है।

यदि उस भोजन का कोई प्रतिकूल प्रभाव होता है तो इसके संकेत आपको कुछ मिनटों या घंटों में दिख जाएंगे। भोजन से एलर्जी के संकेतों की पहचान होना और पता होना कि कौन से लक्षण हल्के हैं और कौन से गंभीर, अच्छा रहता है।

क्या शिशु के आहार में घी, मक्खन और वसा शामिल करनी चाहिए?

शिशु को दूध और ठोस आहार से पर्याप्त मात्रा में वसा पहले ही मिल रही होगी। यदि वह अपने ग्रोथ कर्व के अनुसार सही ढंग से बढ़ रहा है तो उसे अतिरिक्त वसा या कैलोरी से भरपूर भोजन देने की जरुरत नहीं है।

यदि फिर भी आप शिशु के आहार में घी या मक्खन शामिल करना चाहें, तो पहले डॉक्टर से बात कर लें। वे शिशु की उम्र, कद और वजन के अनुसार उचित मात्रा बता सकेंगे।

क्या शिशु को होलग्रेन्स देने चाहिए?

शिशु को बहुत सारे साबुत/पूर्ण अनाज (होलग्रेन्स) के भोजन और दालें देना शुरु करने से पहले सावधानी बरतें। इनकी प्रवृत्ति भारी होती है और शिशु के छोटे से पेट को ये जल्दी ही भर देते हैं। इससे पेट में अन्य अधिक ऊर्जा वाले भोजन के लिए स्थान ही नहीं बचता। इसलिए शिशु को सफेद और साबुत अनाज के सीरीयल और ब्रैड का मिश्रण दें।

अगर आपका शिशु शाकाहारी आहार में नियमित रूप से दालें ले रहा है, तो सुनिश्चित करें कि वह थोड़े चावल, खिचड़ी, चपाती, सफेद ब्रेड या पास्ता भी ले।

Click here to see the English version of this article!

हमारे लेख पढ़ें:

  • उम्र के अनुसार शिशु आहार- सात से नौ माह
  • गर्मियों के दौरान मैं अपने शिशु को ठंडा व आरामदायक कैसे रख सकती हूं?
  • मैं अपने शिशु को गाय का दूध देना कब शुरु कर सकती हूं?

References

DH. 2003. Infant feeding recommendation. Department of Health. www.dh.gov.uk

FSA. nd a. Eat well, be well. Starting solid foods. Food Standards Agency. www.eatwell.gov.uk

FSA. nd b.Eat well, be well. First six months. Food Standards Agency. www.eatwell.gov.uk

FSA. nd c. Food allergies. www.eatwell.gov.uk

FSA nd d. Drinks for babies. www.eatwell.gov.uk

NHS Choices. 2008. How to introduce solid food.

NHS Choices. 2009. Birth to Five. Healthy diet: weaning and beyond. www.nhs.uk

Northstone K, Emmett P, Nethersole F. 2001. The effect of age of introduction of lumpy solids on foods eaten and reported feeding difficulties at six months and 15 months. Journal of Human Nutrition and Dietetics 14:43-54

Unicef. 2010. The health professional's guide to: "A guide to infant formula to parents who are bottle feeding" www.unicef.org.uk

6 महीने के बच्चे को कौन सा सेरेलक खिलाना चाहिए?

Nestlé Cerelac , 6 - 12 महीने , 1 : Amazon.in: स्वास्थ्य और व्यक्तिगत देखभाल ₹220.00 फ्री डिलीवरी पहले ऑर्डर पर.

6 महीने के बच्चे को सेरेलक कैसे खिलाएं?

6 महीने से पहले बच्चे का पाचन तंत्र विकसित नहीं होता, इसलिए 6 महीने के बाद ही डॉक्टर थोड़ा ठोस खाने की सलाह देते हैं. ऐसे में सेरेलक, दाल का पानी व दलिया आदि बच्चे को दिया जा सकता है. शिशु को प्रतिदिन मां के दूध के साथ 7-8 चम्मच सेरेलक दिया जा सकता है, लेकिन शुरुआत में सिर्फ 1 चम्मच ही दें.

सेरोलेक्स कितने महीने के बच्चे को देना चाहिए?

Product Description. Nestlé CERELAC बेबी सेरेल दूध, मल्टीग्रेन और फलों के साथ 12 से 24 महीने तक के बच्चों के लिए एक पूरक भोजन है.

सबसे अच्छा सेरेलक कौन सा होता है?

बच्‍चे को नहीं खिलाना है Cerelac, तो घर पर तैयार करें ये हेल्‍दी....
​दलिया आप अपने बच्‍चे को दलिया खिला सकती हैं। ... .
​शकरकंद और पोहा बच्‍चों के लिए शकरकंद बहुत फायदेमंद होता है और ठोस आहार शुरू करने पर अक्‍सर मांएं अपने बच्‍चे को शकरकंद ही खिलाती हैं। ... .
​ओट्स दलिया ... .
​सोया और गेहूं का दलिया ... .
दाल चावल गेहूं और रागी.