मनोकामना पूरी होने पर व्रत का उद्यापन किया जाता है. Image-Shutterstock
सोमवार के व्रत का उद्यापन वैसे तो किसी भी सोमवार को किया जा सकता है, लेकिन इसके उद्यापन के लिए सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ और मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार अति उत्तम माने जाते हैं. इस व्रत के उद्यापन में माता पार्वती और भगवान शिव के अलावा चंद्रमा की पूजा करने का भी विधान है.
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- News18Hindi
- Last Updated : June 27, 2022, 09:40 IST
Somvar Vrat Uddhyapan : हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत रखते हैं. सोमवार के दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा करने का और व्रत रखने का विधान है. लोग अपने घर परिवार की खुशियों के लिए और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सोलह सोमवार या फिर अपनी मनोकामना पूरी होने तक सोमवार का व्रत करते हैं. ऐसा माना जाता है कि सोमवार का व्रत करने के लिए जितने दिन का संकल्प लेते हैं, उतने ही दिन इस व्रत को करना चाहिए. इसके बाद जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब सोमवार के दिन ही पूरी विधि विधान के साथ इस व्रत का उद्यापन करना चहिए. भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष बता रहें हैं सोमवार व्रत उद्यापन की सरल विधि.
सोमवार व्रत के उद्यापन की विधि
–जिस दिन सोमवार के व्रत
का उद्यापन करना हो उस दिन प्रात काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए.
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–इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से अच्छी तरह शुद्ध कर लें, इसके बाद पूजा स्थल पर केले के 4 पत्ते खंबे के रूप में लगाकर चौकोर मंडप स्थापित करें.
–चारों तरफ फूल और आम के पत्तों से मंडप को सजाएं.
–पूजा स्थल पर पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री को रखकर पूर्व की तरफ मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाएं.
–पूजा चौकी को मंडप के बीचो-बीच रखकर इस पर सफेद रंग का साफ-सवच्छ वस्त्र बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.
–इसके अतिरिक्त पूजा चौकी पर किसी अन्य पात्र में चंद्रमा को भी स्थापित करें और पूजा शुरू
करें.
पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती पर फूल माला चढ़ाएं और पंचामृत का भोग लगाएं. साथ ही जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं.
–इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाकर आरती करें.
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–घर और पूजा में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद का वितरण करें.
–पूजा के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें.
–ध्यान रहे उद्यापन वाले दिन आपको पूरे दिन में सिर्फ एक ही बार भोजन करना है और इस दिन यदि नमक का सेवन ना करें तो अति उत्तम होगा.
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Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion
FIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 09:40 IST
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भगवान विष्णु की पूजा का सर्वोत्तम दिन गुरुवार माना जाता है. (Image-shutterstock)
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. गुरुवार का व्रत (Guruvar Vrat) करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं गुरुवार व्रत करने और उसके उद्यापन विधि के बारे में.
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- Last Updated : July 05, 2022, 19:21 IST
Guruvar Vrat Aur Udyapan Vidhi : सनातन धर्म में हर देवी-देवता को सप्ताह के सातों दिन के अनुसार पूजा जाता है. भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए गुरुवार का दिन समर्पित किया गया है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भक्त गुरुवार का व्रत करते हैं. व्रत करने के पहले व्यक्ति कोई न कोई मनोकामना करता है, जो पूरी हो जाने के बाद भगवान को धन्यवाद देते हुए उसका उद्यापन करता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि गुरुवार का व्रत पौष माह छोड़कर किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से प्रारंभ कर सकते हैं. आइए जानते हैं व्रत और उद्यापन विधि.
गुरुवार व्रत करने की विधि
- सबसे पहले पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री को एकत्र करें. जैसे चने की दाल, गुड़, हल्दी, केले, उपले और भगवान विष्णु की फोटो.
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2. सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठ जाएं. अब अपने हाथ में थोड़े से चावल और एक पीला पुष्प लेकर 16 गुरुवार का व्रत करने का संकल्प लें.
3. अब उपले पर हवन करें और हवन में 5, 7 या फिर 11 बार ॐ गुं गुरुवे नमः मन्त्र के साथ आहुति दें. अंत में आरती कर लें और भगवान विष्णु को भोग लगा दें.
4. जिस कलश में जल था, उसे घर के आस-पास किसी केले के पेड़ में चढ़ा दें.
5. गुरुवार के दिन यदि आप केले के पेड़ की पूजा कर रहे हैं, तो उस दिन भूलकर भी केले का सेवन ना करें.
गुरुवार व्रत की उद्यापन विधि
- जिस दिन आपको गुरुवार व्रत का उद्यापन करना है, उसके 1 दिन पहले ये सामग्री लाकर रख लें. जैसे चने की दाल, गुड़, हल्दी, केले, पपीता और पीला वस्त्र.
2. सुबह जल्दी उठकर सारे कामों से निवृत होने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठ जाएं.
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3. अब गुरुवार व्रत पूजा जैसे ही भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि आपने जो व्रत करने का संकल्प लिया था, वह पूरा हुआ और आज आप उसका उद्यापन करने जा रहे हैं. आप कृपा हमेशा बनाए रखिएगा.
4. अब पूजा सामग्री भगवान विष्णु को अर्पित करें. सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा रखें और यह पूरी सामग्री किसी ब्राह्मण को भेंट कर दें.
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FIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 06:30 IST