इस बार हरतालिका तीज का त्योहार 30 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है. हर तीज-त्योहार की तरह इसको लेकर भी कुछ नियम हैं, आइए जानते हैं.
हाइलाइट्स
खंडित हो जाता है व्रत
भूलकर भी ना पिएं पानी
हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना महत्व है लेकिन हरतालिक तीज खास है. यह त्योहार इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जाला व्रत रखकर भगवान से पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस बार तीज का व्रत 30 अगस्त यानी कि मंगलवार को पड़ रहा है. हरितालिका तीज का व्रत विशेषतौर पर विवाह और वैवाहिक संबंधों को उत्तम बनाने वाला पर्व है. इस दिन छोटे से उपाय से विवाह से जुड़ी हर समस्या का समाधान पाया जा सकता है. भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त उपासना के लिए ये उत्तम पर्व है.
इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है. लेकिन जिस तरह हर तीज त्योहार के अपने नियम होते हैं उस तरह हरतालिका के भी कुछ नियम बहुत सख्त हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए. इस दिन भूलकर भी ये 4 काम नहीं करने चाहिए.
क्या जरूर करें
- व्रत के दिन मायके से आई साड़ी पहने और अच्छे से श्रृंगार करें.
- अगर आपके पास हरे रंग की साड़ी है तो उसे जरूर पहनें नहीं तो लाल रंग की साड़ी भी पहन सकती हैं. ये दोनों ही रंग सुख और सौभाग्य के प्रतीक हैं.
- शुभ मुहूर्त में माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी की पूजा करें, तीज व्रत की कथा जरूर सुनें.
- व्रत के दिन सूर्योदय से पहले जब फल, मिठाई आदि खाना होता है. उस समय कोशिश करें कि नारियल पानी आदि भी ले लें ताकि पूरे दिन शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे. मिठाई भी इसलिए खाया जाता है ताकि पानी अधिक पी सकें.
क्या न करें
- इस दिन महिलाओं को भूल से भी काले कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए. पूजा में काले कपड़े पहनना अच्छा नहीं माना जाता है.
- इस व्रत में दिन व रात में सोना वर्जित होता है. पूरी रात जागकर भगवान शिव व माता पार्वती के भजन किए जाते हैं.
- निर्जला व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन भूल से भी पानी नहीं पीना चाहिए. हालांकि यह नियम गर्भवती महिलाओं और बीमार महिलाओं के लिए नहीं माना जाता है.
- व्रत करते समय महिलाओं को क्रोध व गुस्से काबू रखना चाहिए. व्रत के दिन गुस्सा होने से व्रत खंडित हो जाता है.
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Hartalika Teej Vrat: हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होता है. सुहागिन महिलाएं यह व्रत करती हैं. ऐसी मान्यता है कि विधि-विधान से हरतालिका तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है. इस व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, नियम, पारण का तरीका जानना बहुत जरूरी है. हरतालिका तीज का व्रत महिलायें बिना कुछ खाये -पिये रखती हैं. यह व्रत शक्ति का एक अनुपम उदाहरण है. माता पार्वती ने जगत को दिखाया की शक्ति के सामने ईश्वर भी झुक जाते हैं. हरतालिका पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल अर्थात दिन रात के मिलने का समय. हरतालिका पूजन के लिए शिव, पार्वती, गणेश एव रिद्धि सिद्धि जी की प्रतिमा बालू रेत अथवा काली मिट्टी से बनाई जाती है. इस पूजा में विविध पुष्पों से सजाकर उसके भीतर
रंगोली डालकर उस पर चौकी रखी जाती है. चौकी पर एक अष्टदल बनाकर उस पर थाल रखते हैं. थाल में केले के पत्ते को रखते हैं. सभी प्रतिमाओं को केले के पत्ते पर रखा जाता है. कलश के ऊपर नारियल रखकर लाल कलावा बांध कर पूजन किया जाता है. कलश रखने के बाद गणेश जी की पूजा की जाती है. उसके बाद शिव जी की पूजा जी जाती है. फिर माता गौरी की पूजा की जाती है. उन्हें सम्पूर्ण श्रृंगार चढ़ाया जाता है. इसके बाद अन्य देवताओं का आह्वान कर पूजन किया जाता है. प्रातः
अंतिम पूजा के बाद माता गौरी को सिंदूर चढ़ाया जाता है. उस सिंदूर से सुहागन स्त्री सुहाग लेती हैं. ककड़ी व हलवे का भोग लगाया जाता है. उसी ककड़ी को खाकर उपवास तोड़ा जाता है. हरितालका पूजा महूर्ति हरतालिका पूजन प्रातःकाल ना करके रात्रि में करें तो उत्तम रहता है. रात्रि 8: 20 मिनट तक शुभ समय है. इस समय तक प्रदोष काल रहेगा. इसमें भगवान शंकर का पूजन करें तो शुभ फल की प्राप्ति होगी.हरतालिका तीज व्रत विधि, पारण नियम
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Published Date Tue, Aug 30, 2022, 4:30 PM IST
1- मंदार का फूल का माला.
2- गीली काली मिट्टी अथवा बालू रेत.
3- केले का पत्ता.
4- विविध प्रकार के फल एवं फूल पत्ते.
5- बेल पत्र, शमी पत्र, धतूरे का फल एवं फूल, तुलसी मंजरी.
6- जनेऊ , मौली, वस्त्र,.
7- माता गौरी के लिए पूरा सुहाग का सामग्री, जिसमे चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावर, मेहँदी आदि एकत्र की जाती हैं. इसके अलावा बाजारों में सुहाग पूड़ा मिलता हैं जिसमे सभी सामग्री होती हैं.
8- घी, तेल, दीपक, कपूर, कुमकुम, सिंदूर, अबीर, चन्दन, नारियल, कलश.
9- पञ्चामृत - घी, दही, शक्कर, दूध, शहद.