शाम के समय घंटी बजाना चाहिए या नहीं - shaam ke samay ghantee bajaana chaahie ya nahin

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जानें पूजा-पाठ के सही नियम, शाम के समय भूलकर भी न करें ये गलती

शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए

हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य और श्रद्धा भाव के अनुसार अपने इष्ट देव की पूजा करता है, लेकिन कई बार कुछ जातकों को पूजा-पाठ का सही फल नहीं मिल पाता. ऐसा अक्सर पूजा पाठ में बताए गए नियमों में कुछ गड़बड़ी के कारण होता है. इसलिए सुबह या शाम को पूजा करते समय कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : April 28, 2022, 07:16 IST

हिंदू धर्म शास्त्रों में स्नान के बाद सुबह और शाम को पूजा करना अनिवार्य बताया गया है. हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य और श्रद्धा भाव के अनुसार अपने इष्ट की पूजा करता है, लेकिन कई बार कुछ जातकों को पूजा पाठ का सही फल नहीं मिल पाता. ऐसा अक्सर पूजा पाठ में बताए गए नियमों में कुछ गड़बड़ी के कारण होता है. इसलिए सुबह या शाम को पूजा करते समय कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है. धर्म हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि खासकर शाम के वक्त पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष बताते हैं कि संध्या में पूजा करने के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

– कुछ लोग शाम के वक्त पूजा करने के लिए संध्या से पहले फूल तोड़ लेते हैं, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता. सुबह के वक्त पूजा के दौरान भगवान को ताजे फूल चढ़ाना अच्छा होता है, लेकिन शाम के वक्त पूजा के लिए फूल तोड़ना अशुभ माना जाता है.

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– हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कि बताया गया है कि शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.

– हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ या अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बहुत शुभ बताया गया है, लेकिन शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए.

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– हिंदू धर्म में की जाने वाली लगभग सभी पूजा में सूर्य देव का आह्वान जरूर किया जाता है, लेकिन यदि यह पूजा रात के वक्त हो तो सूर्य देव का आह्वान गलती से भी नहीं करना चाहिए, यह अशुभ होता है.

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Tags: Dharma Aastha, Religion

FIRST PUBLISHED : April 28, 2022, 07:16 IST

हिन्दु धर्म में सुबह व शाम पूजा का काफी महत्व है और लगभग सभी घरों में दोनों समय पूजा होती है। कहा जाता है सूरज की पहली किरण के साथ ही पूजा करना काफी शुभ होता है और उस समय घंटियां और शंख बजाने को भी शुभ माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाम की पूजा में शंख व घंटियां नहीं बजानी चाहिए। शाम की पूजा करते समय वैसे विशेष ध्यान रखना चाहिए। जा‌निए शाम की पूजा में ध्यान रखने की जरूरी बातें

- अधिकतर घरों की शाम की पूजा और सुबह की पूजा में कोई खास फर्क नहीं होता। शाम की पूजा में भी घंटी और शंख बजाई जाती है, जिसे अशुभ माना गया है। ज्‍योतिषियों के अनुसार सूर्यास्त के बाद देवी देवताओं के सोने का समय हो जाता है, ऐसे में शंख और घंटी नहीं बजानी चाहिए।

- शाम की पूजा के लिए दिन में भी फूल तोड़कर रखें, क्योंकि शाम को वनस्पति को छेड़ना अशुभ होता है। इसीलिए कभी भी शाम को फूल नहीं तोड़ना चाहिए।

- भगवान विष्‍णु व श्रीकृष्‍ण की पूजा तुलसी के पत्ते के बिना अधूरी मानी जाती है, लेकिन अगर आप इनकी पूजा शाम को कर रहे हैं तो उस समय कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

- भगवान सूर्य को दिन का देवता माना जाता है। इसीलिए शाम को या रात में इनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।

  • रात में पूजा में इन बातों का रखें ध्यान, होगा धन लाभ

    भगवान की पूजा आप कभी भी कर सकते हैं। ईश्वर के ध्यान के लिए हर समय महत्वपूर्ण और शुभ है। मन में अशांति हो तो पूजा-पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि बढ़ती है। पुराणों में बताया गया है कि किसी भी समय ईश्वर का स्मरण करने और पूजा-अराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और सुकून का आभास होता है। लेकिन रात की पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। तब ही इस अवधि में की गई पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। ज्यादातर लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते और गलतियां कर बैठते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये खास बातें जिनका रात की पूजा में विशेष ध्यान रखना चाहिए…

  • इसलिए शंख बजाना रात में है वर्जित

    पुराणों में बताया गया है कि रात की पूजा में शंख नहीं बजाना चाहिए। इसका कारण यह बताया है कि सूर्यास्त के बाद देवी-देवता सोने चले जाते हैं और शंख की ध्वनि से उनकी निंद बाधित हो जाती है। इनके साथ ही वायुमंडल में मौजूद शुप्त जीव का भी विश्राम बाधित होता है। ऐसे में शंख बजाने से लाभ की जगह हानि होती है। अगर रात की पूजा का पूर्ण लाभ चाहते हैं तो रात में शंख का प्रयोग न करें।

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  • रात में घंटी बजाने से ये होते हैं प्रभावित

    आमतौर पर पूजा-पाठ में ज्यादातर घड़ी घंटी का प्रयोग किया जाता है। लेकिन जिस तरह शंख का रात में प्रयोग नहीं करना चाहिए, उसी तरह घंटी का भी प्रयोग करने से बचना चाहिए। शंख की तरह घंटी बजाने से शुप्त जीव प्रभावित होते हैं। इसलिए शास्त्रों में बताया है कि सूर्यास्त के बाद घंटी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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  • रात में इनकी पूजा से मिलता है लाभ

    रात के समय सूर्यादिपंचदेवता की पूजा नही करनी चाहिए। इनमें प्रथम सूर्य देव, भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु हैं। इनकी बजाय गणपपत्यादि पंचदेवता की पूजा कर सकते हैं। रात में इनकी पूजा करने से लाभ भी प्राप्त होता है और कृपा भी बरसती है। शास्त्रों में सूर्यास्त के समय सूर्यादिपंचदेवता की पूजा करने से जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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  • रात के समय इसलिए ना तोड़ें तुलसी

    सूर्यास्त के बाद ना तुलसी के पत्तों को स्पर्श करना चाहिए और ना ही तोड़ना चाहिए। शास्त्रों में इस समय तुलसी को स्पर्श करना वर्जित बताया गया है क्योंकि इस समय तुलसीजी लीला करने चली जाती हैं। इस समय दीपक से तुलसी की आरती करनी चाहिए। सूर्यास्त के समय इनको पत्तों को स्पर्श करने से धन का संकट आ जाता है और नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है।

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  • रात के समय इस दिशा में करें पूजा

    रात के समय पूजा करते समय आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और वास्तु में भी इस दिशा का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही भगवान शिव की पूजा में हमेशा ही उत्तर दिशा को प्रमुखता दी गई है। इस दिशा में पूजा करने से धन-धान्य के साथ सुख संपत्ति में भी वृद्धि होती है। यह दिशा स्थिरता का सूचक है और कुबेर की सीधी दृष्टि इस दिशा पर पहले पड़ती है।

शाम को घंटी क्यों नहीं बजाना चाहिए?

रात में घंटी बजाने से ये होते हैं प्रभावित शंख की तरह घंटी बजाने से शुप्त जीव प्रभावित होते हैं। इसलिए शास्त्रों में बताया है कि सूर्यास्त के बाद घंटी का प्रयोग नहीं करना चाहिए

शाम को कितने बजे पूजा करनी चाहिए?

सर्व सनातनि जनता को यह पता होना चाहिए कि सायंकाल की पूजा किस समय कर लेनी चाहिए । उस पूजा का ठीक समय है जब सूर्यास्त हो रहा हो और ये समय भारतीय दर्शन के अनुसार 06: 30से 07:00 बजे के मध्य होता है ।

घंटी बजने से क्या होता है?

घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण जिससे फायदा यह होता है कि घंटी की कंपन के प्रभाव से वातावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं और हमारे आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं घंटी बजाने से निकलने वाली आवाज से सात सेकंड तक गूंज बनी रहती है.

पूजा करते समय घंटी बजाने से क्या होता है?

मान्यता है कि जो भी पूजा के समय घंटी बजाता है उसकी देवताओं के समक्ष हाजिरी लग जाती है। इतना ही नहीं मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है।

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