सार्क के सदस्य कौन कौन से हैं? - saark ke sadasy kaun kaun se hain?

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। मुख्य रुप से दक्षिण एशिया के देश इसके सदस्य हैं। इसके सदस्य भारत, पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश हैं। सार्क देशों में दुनिया के कुल क्षेत्रफल का 3 फीसदी हिस्सा आता है जबकि दुनिया की 21 फीसदी आबादी इन देशों में रहती है। सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुआ था। इसका सचिवालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है।

सार्क अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। 2006 में इन देशों ने साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिए की शुरुआत की थी। सार्क के गठन का विचार 1947 से ही चला आ रहा है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिआ उर रहमान ने दिसंबर 1977 में अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोररजी देसाई से इसके बारे में बातचीत आगे बढ़ाई थी। 2005 में अफगानिस्तान इसका सदस्य बना।

सार्क के सदस्य देशों के अलावा दुनिया के कई देश इस संगठन के ऑब्जर्वर हैं। इसमें चीन, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, जापान, मॉरिशस, म्यांमार, दक्षिण कोरिया और अमेरिका शामिल हैं।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के नवीनतम अपडेट (2021) -  South Asian Association for Regional Cooperation (SAARC) Latest updates (2021) जनवरी 2021 में, विदेश मंत्रालय, भारत ने घोषणा की है कि स्वदेशी तौर पर निर्मित कोविद टीकों को चरणबद्ध तरीके से सार्क के सदस्य देशों को आपूर्ति की जाएगी।

आठ दिसंबर 1985 को बने इस संगठन का उद्देश्य दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से शांति और प्रगति हासिल करना है.

सार्क के सात सदस्य देश हैं - भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव.

जन्म

दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग के लिए संगठन बनाने की बात सबसे पहले उठी मई 1980 में.

अप्रैल 1981 में विचार-विमर्श के बाद पहली बार श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में सातों देशों के विदेश सचिवों की बैठक हुई.

अगस्त 1983 में दिल्ली में पहली बार सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई.

सातों देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष पहली बार बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जुटे.

7-8 दिसंबर 1985 को हुए शिखर सम्मेलन में एक चार्टर को स्वीकार किया गया और इसी के साथ सार्क का जन्म हुआ.

बैठक

सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष हर साल अलग-अलग देशों में बैठक करते हैं.

2003 में इस्लामाबाद में हो रहा सम्मेलन सार्क का 12वाँ शिखर सम्मेलन है.

इससे पहले सार्क के 11 सम्मेलन हो चुके हैं - ढाका(1985), बंगलौर(1986), काठमांडू(1987), इस्लामाबाद(1988), माले(1990), कोलंबो(1991), ढाका(1993), दिल्ली(1995), माले(1997), कोलंबो(1998) और काठमांडू(2002).

सार्क के विदेश मंत्रियों के परिषद की हर साल दो बार बैठक होनी तय हुई है और आवश्यक होने पर अलग से भी परिषद की बैठक हो सकती है.

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है। इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल 2007 में संघ के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़गानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया।

1970 के दशक में बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने दक्षिण एशियाई देशों के एक व्यापार गुट के सृजन का प्रस्ताव किया। मई 1980 में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार फिर रखा गया था। अप्रैल 1981 में सातों देश के विदेश सचिव कोलम्बो में पहली बार मिले। इनकी समिति ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए पाँच व्यापक क्षेत्रों की पहचान की। सहयोग के नए क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में जोड़े गए।

चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य हैं:

  • दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए;
  • क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने और सभी व्यक्तियों को स्वाभिमान के साथ रहने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने का अवसर प्रदान करने के लिए;
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना,
  • आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाने के लिए;
  • आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए;
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए;
  • आपस में साझा हित के मामलों पर अन्तरराष्ट्रीय मंचों में सहयोग को मजबूत करने के लिए और
  • समान लक्ष्य और उद्देश्य के साथ अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के लिए।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग पर इस घोषणा को 1983 में नई दिल्ली में विदेश मन्त्रियों द्वारा अपनाया गया। बैठक के दौरान मन्त्रियों ने नौ सहमत क्षेत्रों, अर्थात्, कृषि, ग्रामीण विकास, दूरसंचार, मौसम, स्वास्थ्य और जनसंख्या क्रियाएँ में, परिवहन, डाक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और खेल, कला और संस्कृति में एकीकृत कार्ययोजना की शुरुआत की। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के प्रमुखों द्वारा उक्त चार्टर को औपचारिक रूप से स्वीकार किए जाने के साथ हुई।

13 नवम्बर 2005 को भारत के प्रयास से इस क्षेत्रीय समूह में अफ़गानिस्तान को शामिल किया गया और 3 अप्रैल 2007 को आठवाँ सदस्य बन गया। अप्रैल 2006 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने का औपचारिक अनुरोध किया। यूरोपीय संघ में भी पर्यवेक्षक बनने में दिलचस्पी दिखाई और जुलाई 2006 में दक्षेस मन्त्रिपरिषद की बैठक में इस बात पर औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया। 2 अगस्त 2006 को दक्षेस देशों के विदेश मन्त्रियों ने सैद्धान्तिक रूप में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए सहमत हुए। 4 मार्च 2007, ईरान ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने अनुरोध किया। इसके बाद मॉरीशस ने संगठन में प्रवेश किया।

संगठन का संचालन सदस्य देशों के मन्त्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए देशों के वर्णमाला क्रम की अनुसार की जाती है।[3]

19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन का आयोजन साल 2016 में पाकिस्तान में किया जाना था, लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, भूटान और अफ़गानिस्तान ने इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। बांग्लादेश घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था, जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. 20वें दक्ष‍िण एशि‍याई क्षेत्रीय सहयोग संंगठन (SAARC) सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में हो रहा है। इसके भी रद्द होने की सम्भावना है क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं, जब तक वह ऐसा नही करेगा भारत का दक्षेस सम्मेलन में शामिल होना मुश्किल रहेगा।

सार्क के कितने सदस्य हैं और कौन कौन?

इसके सदस्य भारत, पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश हैंसार्क देशों में दुनिया के कुल क्षेत्रफल का 3 फीसदी हिस्सा आता है जबकि दुनिया की 21 फीसदी आबादी इन देशों में रहती है। सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुआ था।

सार्क में कितने सदस्य है 2022?

वर्तमान में, सार्क में आठ सदस्य देश हैं, जैसे अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका।

सार्क में कितने सदस्य देश है?

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC): इसकी स्थापना 8 दिसंबर ,1985 को ढाका में सार्क चार्टर पर हस्ताक्षर के साथ की हुई थी। संगठन का मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में है। इसके सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका हैं।

सार्क का नवीनतम सदस्य कौन सा है?

सार्क के वर्तमान सदस्य.
अफगानिस्तान.
बांग्लादेश.
मालदीव.
पाकिस्तान.
श्रीलंका.

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