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नदी
रिहन्द या रेण्ड नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर तहसील के मतिरंगा पहाड़ी से हुआ है। यह सोन नदी की एक सहायक नदी है। उत्तर प्रदेश के रेणुकूट में यह नदी सोन नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंम्बाई 145 किलोमीटर है। यह नदी मुख्यतः छत्तीसगढ़ में सरगुजा तथा सूरजपुर जिले में बहती है।
तट पर नगर - सरगुजा, अम्बिकापुर।
सहायक नदी - महान, मोरनी, घुनघुट्टा, सूर्या, गिबरी, गेउर, गागर, गोबरी, पिपरकचर, रमदिया।
परियोजना -
रिहंद नदी पर उत्तरप्रदेश में मिर्जापुर क्षेत्र में रिहंद बांध है जिसे गोविंद वल्लभ पंथ बांध भी कहते है।
महान : महान नदी पर सूरजपुर जिले में महान परियोजना है।
घुनघुट्टा : इस नदी पर सरगुजा जिले पर 1981 सेे श्याम परियोजना (घुनघुट्टा परियोजना)है।
पर्यटन -
रेण्ड नदी पर बलरामपुर के बंगाली चाँदीथाना में रॉक्सगण्डा जलप्रपात है।
इन्हे देखें:
छत्तीसगढ़ कि प्रमुख नदियाँ
आपके जानने योग्य लेख
रिहन्द परियोजना (Rihand project), जिसके अंतर्गत रिहन्द बाँध (Rihand Dam) और उस से सम्बन्धित गोविंद वल्लभ पंत सागर (Govind Ballabh Pant Sagar) नामक जलाशय बने, भारत के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सीमा पर रिहन्द नदी (रेणुका नदी) पर स्थित एक नदी घाटी परियोजना है। रिहन्द बाँध उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के पिपरी नगर में स्थित है और गोविंद वल्लभ पंत सागर पिपरी के पहाड़ों के बीच रिहन्द नदी को बाँधने से बना जलाशय है। यह 30 किमी लम्बा व 15 किमी चौड़ा जलाशय भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। रिहन्द नदी सोन नदी की एक प्रमुख उपनदी है।[3][4]
13 जुलाई 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने इसकी आधारशिला रखी और 9 वर्ष बाद 6 जनवरी 1963 को इसका उद्घाटन कीया, इसका नाम उ. प्र. के पहले मुख्यमंत्री के नाम पं. गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर रखा। इस योजना के अन्तर्गत 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पन करने की क्षमता है।
रिहन्द नदी, जिसका पुराना नाम रेणुका नदी है, का उदगम सरगुजा स्थल मतिरिंगा पहाड़ी के पास अम्बिकापुर तहसील पूर्वी सरगुजा से हुआ है। यह सरगुजा ज़िले में दक्षिण से उत्तर से की ओर प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के चोपन(गोठानी) के समीप सोन नदी में मिल जाती है। छत्तीसगढ़ में इसकी लम्बाई 145 किलोमीटर है। प्रदेश की सीमा पर रिहन्द बाँध बनाया गया है, जिसका आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा पर (गोविन्द वल्लभ पन्त सागर) पड़ता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ गोदावरी, मोरना, मोहन आदि हैं। इसके प्रवाह क्षेत्र में पूर्वी सरगुजा ज़िले हैं। जल संग्रहण क्षमता - जल संग्रहण क्षेत्र 5148 वर्ग प्रति किमी और जल भण्डारण क्षमता 10608 लाख घन मीटर है, इसकी ऊंचाई 91 मीटर लम्बाई 934 मीटर है।
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला में विद्युत परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला में विद्युत परियोजना के लिए किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 300 मेगावॉट तक जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।