हिंदी न्यूज़ धर्ममकर, कुंभ, धनु वाले शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए शनिवार को करें ये खास उपाय
मकर, कुंभ, धनु वाले शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए शनिवार को करें ये खास उपाय
Shani Sade Sati and Dhaiya upay remedies : इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि की साढ़ेसाती की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 08 Oct 2022 02:20 PM
इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि की साढ़ेसाती की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनिदेव की पूजा का महत्व बहुत अधिक होता है। शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए इस दिन राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय
नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।
Authored by
Rakesh Jha| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 22 Oct 2022, 7:07 am
शनि की साढेसाती और ढैय्या के दौरान शनि के प्रकोप से बचने का एक आसान सा उपाय है हनुमानजी को प्रसन्न कर लिया जाए। हनुमानजी के भक्तों को शनि महाराज की साढेसाती और ढैय्या में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
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साढ़ेसाती के कुप्रभाव हो जाएंगे शांत, करें ये 5 उपाय
आज शनि की बात रावण से शुरू करते हैं, लंकापति रावण बहुत ज्ञानी और बहुत बड़ा ज्योतिषी था। जब उसे अहसास हुआ कि ग्रह उसकी दशा बिगाड़कर उसका नाश कर सकते हैं, तो उसने अपने तपोबल से सभी ग्रहों को अपनी कैद में ले लिया। शनि की दृष्टि बेहद अशुभ मानी जाती है, लेकिन सभी चिंताओं से परे रहते हुए, भगवान हनुमान ने शनिदेव को रावण की कैद से बचाया था। तबसे हनुमान भक्तों को यह आशीर्वाद प्राप्त है कि उन पर शनि के बुरे प्रभावों का असर नहीं होगा।
हनुमान भक्तों पर नहीं होता शनि का दुष्प्रभाव
शनि की साढ़े साती अगर किसी हनुमान भक्त की राशि पर चल रही है, तब भी उसे न के बराबर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए शनि के प्रकोप से बचने के लिए हनुमानजी की साधना करनी चाहिए।
हनुमान बल, बुद्धि, विद्या और साहस के स्वामी हैं
बजरंगबली को बल, बुद्धि, विद्या और साहस का स्वामी माना जाता है। ये निर्भय करनेवाले देव हैं। इसलिए हनुमानजी को संकटमोचन भी कहा जाता है। हनुमान साधना के लिए…
हनुमान मंत्र का जप
हर मंगलवार, शनिवार को खासतौर पर ‘श्री हनुमते नमः’ मंत्र का जप करें। हर दिन ऐसा करना और भी अधिक प्रभावी रहता है।
जलाएं चमेली के तेल का दीया
हर मंगलवार को हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीया जलाएं। व्यस्त दिनचर्या में मंदिर जाना संभव न हो तो घर के मंदिर में ही चमेली के तेल का दीया जलाकर, श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमानजी को चोला अर्पित करें
समय-समय पर मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में भगवान को चोला अर्पित करें।
लगाएं गुड़-चने का भोग
किसी भी मंगलवार को पड़नेवाली शुभ तिथि से पूजा-पाठ करने के बाद 10 मंगलवार तक हनुमानजी को गुड़ का भोग लगाएं। हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।