पाटलिपुत्र का स्थापना किसने किया था - paataliputr ka sthaapana kisane kiya tha

पाटलिपुत्र की स्थापना किसने की थी?

October 26, 2019

(A) अशोक
(B) बिम्बिसार
(C) महापद्मनन्द
(D) उदयन

Answer : उदयन

Explanation : पाटलिपुत्र की स्थापना उदयन ने की थी। इसकी स्थापना सम्राट अजातशत्रु के उत्तराधिकारी 'उदयिन' ने अपनी राजधानी को राजगिरा से पाटलिपुत्र स्थानांतरित करने के लिए की थी। जिसके बाद चन्द्रगुप्त मौर्य ने यहां साम्राज्य स्थापित कर अपनी राजधानी बनाई। पाटलिपुत्र बिहार की राजधानी पटना का पुराना नाम है। पवित्र गंगा नदी के दक्षिणी तट पर बसे इस शहर को लगभग 2000 वर्ष पूर्व पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। पाटलीपुत्र अथवा पाटलिपुत्र प्राचीन समय से ही भारत के प्रमुख नगरों में गिना जाता था। ईसा पूर्व मेगास्थनीज ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात् लिखी अपनी पुस्तक 'इंडिका' में पटना नगर का उल्लेख किया है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : बिहार राजधानी

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आपका सवाल है पाटलिपुत्र नगर का स्थापना किसने किया आपको बता दें कि पाटलिपुत्र नगर का अस्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी

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Patliputra nagar ki sthapna kisne ki thi | पाटलीपुत्र नगर की स्थापना किसने की थी | पाटलिपुत्र के संस्थापक कौन थे | पाटलिपुत्र का इतिहास कितना पुराना है – बिहार की राजधानी पटना देश का एक प्रमुख नगर है. पटना का इतिहास और दर्शन प्राचीन काल से उपलब्ध है. पटना नगर का इतिहास मौर्य साम्राज्य की भांति ही एतिहासिक है. लेकिन आपको पता है की पटना की स्थापना कब हुई थी और इस ऐतिहासिक नगर की स्थापना किसने की थी. तो इस आर्टिकल में हम आपको पटना के इतिहास में लेकर जाएँगे. और इस प्राचीन नगर के निर्माण की कहानी जानेगे.

  • पाटलीपुत्र नगर की स्थापना किसने की थी | पाटलिपुत्र का इतिहास कितना पुराना है | Patliputra nagar ki sthapna kisne ki thi
  • पटना का इतिहास क्या है
  • निष्कर्ष

पाटलीपुत्र नगर की स्थापना किसने की थी | पाटलिपुत्र का इतिहास कितना पुराना है | Patliputra nagar ki sthapna kisne ki thi

पुराने समय में बिहारी की राजधानी पटना का नाम पाटलिपुत्र था. आज से लगभग 2000 साल पूर्व गंगा नदी के दक्षिण तट को पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था. तथा वर्तमान में पाटलिपुत्र नाम से पटना में एक रेलवे स्टेशन भी है. अगर इतिहास की बात करे तो चक्रवती सम्राट अजातशत्रु के उतराधिकारी उदयिन ने अपनी राजधानी राजगृह से पटना में स्थान्तरित की थी. पाटलिपुत्र का नया नाम पटना है. इसके पश्चात् चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने साम्राज्य की स्थापना करने के बाद पाटलिपुत्र को अपनी राजधानी बनाई थी.

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पटना का इतिहास क्या है

एक लोककथा के अनुसार राजा पत्रक पाटलिपुत्र के जनक है. उन्होंने अपनी पत्नी पाटलि के लिए जादू से पाटलिपुत्र नगर को बनाया था. इस कारन नगर का नाम रानी पाटलि के नाम से पाटलिपुत्र रखा गया. इतिहासकारों के अनुसार पटना नगर का इतिहास 490 ई पूर्व का है. बिहार के इतिहास को हम सरल रूप में निचे बिन्दुओ में समझते है.

  • चन्द्र गुप्त मौर्य के द्वारा अपनी राजधानी बनाने के पश्चात् यहाँ एक दुर्ग का निर्माण किया गया था. मौर्य साम्राज्य के बढ़ते प्रभाव के साथ ही इस नगर का महत्त्व बढ़ता गया. चन्द्रगुप्त मौर्य के समय मौर्य साम्राज्य वर्तमान में बंगाल की खाड़ी से लेकर अफगानिस्तान फैला था. पहले पाटलिपुत्र लकड़ी का बना हुआ था लेकिन बाद में इसे पाषण की शिलाओ में तब्दील कर दिया गया.
  • मौर्य साम्राज्य में पाटलिपुत्र का महत्त्व बहुत था यह राज्य का राजनैतिक और वाणिज्य केंद था. उसके बाद अनेक राजवंशो का भारत पर राज रहा. तथा उन्होंने पाटलिपुत्र से अपने राज्य पर शासन किया. लेकिन गुप्तकाल में इस नगर को इतना गौरव प्राप्त नही हो सका.
  • गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद, 12 वी शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने बिहार पर अधिकार कर दिया. उसने बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को क्षति पहुचाई थी. जिसके साथ ही पटना भारत वर्ष का सांकृतिक और राजनैतिक केंद्र नही बना रह सका.
  • मुस्लिम शासको ने जब दिल्ली को केंद्र बनाया. तब से उन्होंने इस प्राचीन नगर पर अधिकार जमा के रखा. उस समय शेरशाह सूरी ने नगर को फिर से उत्कर्ष करने का कार्य किया था. मुग़ल बादशाह अकबर सन 1574 में पटना आया था. उस समय उसके साथ आए आयने अकबर के लेखक अब्दुल फजल ने इस नगर को शीशे, कागज और पत्थर के उत्कर्ष औधोगिक केंद्र के रूप में उल्लेख किया था.
  • मुग़ल सम्राट औरंगजेब के समय उसका प्रिय पोता मोहम्मद अजीम पटना का सूबेदार था. उसने अपने प्रिय पोते के अनुरोध पर पटना का नाम बदलकर अजीमाबाद कर दिया था.
  • मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद पटना बंगाल के नवाबो के हाथो में आ गया उन्होंने पटना को वाणिज्य का केंद्र बनाने के लिए भारी कर लगाया. इसके पश्चात् अंग्रेजो ने पटना में रेसम और कैलिको की फैक्ट्रीयो की स्थापना की थी.
  • बक्सर के युद्ध के बाद पटना ईस्ट इंडिया के अधीन चला गया. अंग्रेजो ने इस नगर को वाणिज्य का केंद्र बनाया.
  • सन 1912 में पटना को उड़ीसा और बिहार क्षेत्र की राजधानी बनाया गया. सन 1935 में उड़ीसा एक अलग राज्य बनाया गया और पटना अब सिर्फ बिहार की राजधानी बना.
  • अंग्रेजो को भारत से भगाने में पटना नगर की भूमिका अग्रणीय रही. आजादी के बाद पटना बिहार की राजधानी बनी रही.

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल (पाटलीपुत्र नगर की स्थापना किसने की थी | पाटलिपुत्र के संस्थापक कौन थे |  Patliputra nagar ki sthapna kisne ki thi | पाटलिपुत्र का इतिहास कितना पुराना है ) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको बिहार की राजधानी पटना के बारे में जानकारी प्रदान करना है. पुराने समय में बिहारी की राजधानी पटना का नाम पाटलिपुत्र था. आज से लगभग 2000 साल पूर्व गंगा नदी के दक्षिण तट को पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था. तथा वर्तमान में पाटलिपुत्र नाम से पटना में एक रेलवे स्टेशन भी है.

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पाटलिपुत्र की स्थापना कब और किसने की?

उदायिन ने 5वीं शताब्दी में पाटलिपुत्र शहर की स्थापना की। पाटलिपुत्र को अब पटना के नाम से जाना जाता है जो बिहार की राजधानी है। उदायिन वह शासक था जिसने सबसे पहले मगध की राजधानी के रूप में पाटलिपुत्र की स्थापना की थी।

पाटलिपुत्र की स्थापना कौन किया था?

पाटलीपुत्र अथवा पाटलिपुत्र प्राचीन समय से ही भारत के प्रमुख नगरों में गिना जाता थापाटलीपुत्र वर्तमान पटना का ही नाम था। इतिहास के अनुसार, सम्राट अजातशत्रु के उत्तराधिकारी उदयिन ने अपनी राजधानी को राजगृह से पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया और बाद में चन्द्रगुप्त मौर्य ने यहां साम्राज्य स्थापित कर अपनी राजधानी बनाई।

पाटलिपुत्र का पहला नाम क्या है?

यह ऐतिहासिक नगर कई नाम पा चुका है- पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पुष्पपुर, कुसुमपुर, अजीमाबाद और पटना. माना जाता है कि इसका मौजूदा नाम शेरशाह सूरी के समय से प्रचलित हुआ. शेरशाह सूरी ने इस नगर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की. उसने गंगा के किनारे एक किला बनाया.

पटना के संस्थापक कौन हैं?

लोककथाओं के अनुसार, राजा पत्रक को पटना का जनक कहा जाता है। उसने अपनी रानी पाटलि के लिये जादू से इस नगर का निर्माण किया। इसी कारण नगर का नाम पाटलिग्राम पड़ा। पाटलिपुत्र नाम भी इसी के कारण पड़ा।

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