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हिस्ट्री ऑफ द फ्रीडम मूवमेंट इन इंडिया - III
- लेखक:तारा चंद
- विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:300
भारत की स्वतंत्रता का संग्राम अपने आप में अनोखा है, जब इसकी तुलना समकालीन इतिहास के अन्य संग्रामों के साथ की जाए इसमें न केवल महान भारतीय सभ्यता को एक समेकित राष्ट्र में रूपांतरित किया बल्कि इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय अभियानों के लिए एक बैंच मार्क का सृजन भी किया। इसमें विदेशी शासन और अकारण जातीय अभियानों के खिलाफ संघर्ष शामिल है जो विदेशी शासकों तथा भारतीय नागरिकों के प्रति निर्देशित है। उप निवेश काल की विकरालताओं के प्रत्युत्तर के रूप में 19वीं शताब्दी के मध्य में इसका उद्भव हुआ जो महात्मा गांधी, जिन्हें भारत में एक संत का स्थान प्राप्त है, के नेतृत्व में हाल के इतिहास का जन आंदोलन बन गया। महात्मा गांधी का शांति और अहिंसा का असाधारण हथियार लाखों भारतीयों के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश राज के खिलाफ शक्ति का प्रतीक बन गया।
प्रस्तुत चार खण्डों वाला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास जाने माने इतिहासकार और विद्धान डॉ. तारा चंद्र द्वारा उन परीक्षण अवधियों का एक क्लासिक विश्लेषण है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का यह प्रामाणिक और अंतरदृष्टिपूर्ण विश्लेषण पिछले चार दशकों से छात्रों और सामान्य पाठकों के बीच अत्यंत लोक प्रिय है।
लेजेंड्स एंड फोकटेल्स फ्रॉम एंड एराउंड एशिया
- लेखक:उर्मिला वर्मा
- विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
- कीमत:28
लोक कथाएं मनुष्य की जरूरत से उत्पन्न होती है और ये उनके दैनिक अनुभवों को बताती और समझाती है। इन कहानियों को आवश्यकता से उत्पन्न संचार से छोटी उम्र के श्रोताओं के लिए संग्रह किया गया है, जो भारत और एशिया के अन्य राष्ट्रों के बीच उनकी सांस्कृतिक भाई चारे की भावना से उन्हें परिचित कराते हैं। पाठक इन कहानियों का आनंद उठाते हैं और दुनिया के एक होने के बारे में भी सीखते हैं।
उर्मिला वर्मा ने बच्चों के लिए अनेक लोकप्रिय पुस्तकें लिखी हैं।
द चरखा एंड द रोज़
- लेखक:प्रकाशन विभाग
- विषय:गांधीवादी
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
- कीमत:75
महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू दो ऐसे चमकते सितारे थे जो उभरते हुए भारत के क्षितिज पर उभरे और भारत के लोगों का जीवन ब्रिटिश राज के खिलाफ एक सूत्र में बांध दिया। उनकी छवियां भारतीय जन मानस में सदैव जीवित रहेंगी जिन्होंने गुलामी के गहरे अंधकार से जागृति प्रदान की।
महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के बीच विभिन्न मंचों पर की गई बातचीत का यह विचारशील संकलन हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और उसके बाद इन दिग्गजों के मन का दर्पण सिद्ध होती है। इस पुस्तक में पाठकों को इन दो महान आत्माओं के आपसी संबंध का पता तो चलता ही है, साथ ही उन्हें उनके समय में भारत के विवादपूर्ण मुद्दों पर उनके विचारों की पूरी झलक मिलती है।
डांस लिगेसी ऑफ पाटलीपुत्र
- लेखक:शोवना नारायण
- विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
- कीमत:80
इस पुस्तक में मौर्य और गुप्त अवधि के दौरान बिहार के शास्त्रीय नृत्य के विकास का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है, जो समय काल उत्कृष्ट कलाओं, सीखने, प्रशासन और राजनीति के संरक्षण के लिए जाना जाता है। इसमें नृत्य के परिदृश्य, हाव भाव, शारीरिक भंगिमाओं और वेशभूषाओं का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया है जो नृत्य कारों द्वारा उपयोग किया जाता था। पहली बार इसमें पिछले 150 वर्षों के दौरान कला के संरक्षकों तथा प्रमुख कलाकारों की सूची भी दी गई है।
लेखिका शोवना नारायण एक जानी मानी कथक नृत्यांगना है और उन्होंने समकालीन विषय वस्तुओं, कविता तथा दर्शन संबंधी कार्यों के नवाचारी उपयोग से कथक में नए आयाम जोड़े हैं।
सिलेक्टिड स्पीच प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह वॉ. II
- लेखक:प्रकाशन विभाग
- विषय:नए आगमन
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:450
आज भारत महान अवसरों और बड़ी चुनौतियों की दहेली पर खड़ा है। प्रधान मंत्री डॉ. मन मोहन सिंह द्वारा भारत निर्माण से लेकर आर्थिक नीति और हमारी उभरती हुई विदेश नीति जैसे विषयों पर दिए गए भाषणों का यह संकलन उभरते हुए भारत की चिंताओं तथा चुनौतियों को दर्शाता है।
बंगाली थियेटर : 200 साल
- लेखक:उत्पल के. बैनर्जी
- विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
- कीमत:140
यह पुस्तक संभवतया बंगाली नाट्य मंच का पहला संबद्ध विवरण और प्रलेख है, जैसा कि पिछले 200 वर्षों के विविध परिदृश्यों के माध्यम से देखा जा सकता है। लेबेडेफ के "सॉन्ग बादल" के असाधारण प्रदर्शन से आरंभ बंगाली नाट्य मंच ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। शिशर कुमार भाधुड़ी, गिरीश चंद्र घोष, शंभू मित्रा, उत्पल दत और अन्य अनेक दिग्गजों ने अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन से मंच को सदैव सक्रिय रखा है।
इस पुस्तक में बंगाली नाट्य मंच के पिछले 200 वर्षों के रंग, खुशबू और अनुभव को दोबारा समेटने का प्रयास बंगाली तथा भारतीय नाट्यमंच से जुड़े अनेक जाने माने कलाकारों द्वारा किया गया है।
ए थॉट फॉर द डे
- लेखक:एम.के. गांधी
- विषय:गांधीवादी
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:145
महात्मा गांधी एक व्यस्त व्यक्ति थे जिन्होंन लगभग 2 वर्ष तक (20 नवम्बर 1944 से 10 अक्तूबर 1946) हर दिन कुछ मिनट आरंभ में आश्रम के एक दुखी व्यक्ति श्री आनंद टी हिंगोरानी को सांत्वना देने के लिए ''ए थॉट फॉर द डे'' लिखी, जिन्होंने बाद में इन्हें इस खण्ड के रूप में संकलित किया। ये विचार गांधी जी की अपनी हस्तलिपि में लिखी गई बातों का पुन: उत्पादन हैं, इन्हें हिन्दी में लिखा गया है तथा अंग्रेजी में इन्हें रूपांतरित किया गया है।
इस संकलन में बापू द्वारा अभिव्यक्त भावनाओं और वर्णित घटनाओं से मानसिक परेशानी से पीडित व्यक्तियों को अवश्य राहत मिलेगी।
भारतीय विज्ञान मंजूषा (पुन मुद्रित)
- लेखक:एम.एस. श्रीधरन
- विषय:विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:600
विज्ञान तथ्यों को जानने और सत्य की व्यवस्थित खोज का एक जुनून है। यह स्वतंत्रता के परिवेश में पनपता है। ऐसा परिवेश प्राचीन भारत में पाया जाता था, जहां सत्य पाने का जुनून अभिव्यक्ति और संयम पाने की इच्छा कर सकता था। प्राचीन भारत के लोगों ने दर्शन शास्त्र, धर्म, शुद्ध विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अपार योगदान दिए। यही कारण है भारत को मानव की जाति की बौद्धिक विरासत कहा जाता है। प्रथम सहस्राब्दि के अंत में भारत अपनी भव्यता के चरम बिंदु पर था, जब तथाकथित ''नई दुनिया'' की खोज नहीं हुई थी और दुनिया को औद्योगिक क्रांति के जन्म के देश की जानकारी भी नहीं थी।
यह विश्व कोष जाने माने लेखक श्री एम एस श्रीधरन द्वारा कई वर्षों तक निरंतर किए गए कार्यें का परिणाम है, जिन्होंने इनका संग्रह और संकलन किया तथा शब्द कोष के रूप में प्राचीन विज्ञान एवं सूचना को लेखनीबद्ध किया। यह पुस्तक लेखक अद्वितीय विद्वता के प्रति आभार है जो अब दिवंगत हैं। यह पुस्तक पाठकों, विशेष रूप से भारत के युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक तथा प्रेरणा स्रोत है।
एंशिएंट इंडिया (पुन: मुद्रित)
- लेखक:प्रकाशन विभाग (कंप्यू. द्वारा)
- विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
- कीमत:85
प्राचीन भारत का इतिहास हमारे सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनैतिक संस्थानों का एक गवाक्ष है जो भारतीय सभ्यता को अपने आप में एक पहचान देता है। यह खण्ड प्राचीन भारत के विभिन्न पक्षों और अवस्थाओं पर जाने माने विद्वानों द्वारा लिखे गए लेखों का एक संकलन है। यह पुस्तक छात्रों और सामान्य पाठकों को एक समान रूप से प्राचीन भारत के बेश कीमती संसाधन के रूप में जानकारी देती है।
1857: जंगे-आज़ादी दाराखशन बाब (उर्दू) (1857: ए गोल्डन चैप्टर ऑफ द वॉर ऑफ इंडीपेडेंस)
- लेखक:प्रकाशन विभाग
- विषय:नए आगमन
- भाषा:उर्दू
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:135
यह पुस्तक 1857 के विभिन्न पक्षों पर लिखे गए लेखों का संकलन है। इनमें 1857 के दौरान हुए स्वतंत्रता संग्राम पर भली भांति लिखे गए लेख, देश भक्ति की भावना को उभारने में उर्दू तथा पर्शियन पत्रकारिता की भूमिका, 1857 की क्रांति के दौरान धार्मिक प्रमुखों (उलेमा) की असाधारण साहसी भूमिका का विवरण दिया गया है और बताया गया है कि पूरे देश पर इसका क्या प्रभाव हुआ।
इन लेखों को आज कल (उर्दू) के अंकों से चुना गया है।
अठारह सौ सत्तावन दा स्वतंत्रता संग्राम
- लेखक:एस. सुरेन्द्रनाथ सेन
- विषय:नए आगमन
- भाषा:पंजाबी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:105
शीर्षक 'अठारह सौ सत्तावन दा स्वतंत्रता संग्राम' में ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है। जाने माने इतिहास कार और लेखक श्री सुरेन्द्रनाथ सेन ने इसके 11 अध्यायों में संघर्ष की पृष्ठभूमि के साथ भारतीय जनता का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है ( 1857)।
अठारह सौ सत्तावन की जंग-ए-आज़ादी
- लेखक:सुरेन्द्रनाथ सेन
- विषय:नए आगमन
- भाषा:उर्दू
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:120
शीर्षक 'अठारह सौ सत्तावन की जंग-ए-आजादी' में ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त इतिहास दिया गया है। जाने माने इतिहास कार और लेखक श्री सुरेन्द्रनाथ सेन ने इसके 11 अध्यायों में संघर्ष की पृष्ठभूमि के साथ भारतीय जनता का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया है ( 1857)।
ए गाइड टु होम गार्डनिंग
- लेखक:बी. बी. शर्मा
- विषय:जीवनी
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:170
इस पुस्तक में भारत में सामान्य रूप से उगाए जाने वाले सजावटी और फूल वाले पेड़ पौधों तथा फसलों पर मूल्यवान जानकारी प्रदान की गई है। लेखक ने देश के अधिकांश मौसमी क्षेत्रों में फसलें चुनते समय विशेष ध्यान रखा है। फलों, सब्जियों और फूलों को उगाने, फूलों की व्यवस्था, फ्लावर शो, बीज उत्पादन और पौधों के प्रवर्धन की जानकारी एक सहज और सरल भाषा में दी गई है। इस पुस्तक में मिट्टी, पौधों के पोषण, पौधों की सुरक्षा पर भी अध्याय दिए गए हैं। यह अपने बागीचे को सुंदर बनाने में शौकीन व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी पुस्तक है।
महात्माक्काल महादक्रित्यगल ग्रेट मेन ग्रेट डीड्स
- लेखक:आर. के. मूर्ति
- विषय:नए आगमन
- भाषा:मलयालम
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:145
इस पुस्तक में उन व्यक्तियों के जीवन की घटनाएं ली गई हैं जिन्हें महानता का सागर कहा गया है।
इस पुस्तक की घटनाओं को युवा और वृद्ध दोनों ही आयु वर्ग के लोग समान रूप से पसंद करेंगे, क्योंकि इसकी भाषा ऐसी है जो पाठकों में उत्सकुता बनाए रखती है कि वे अंत तक इसे पढ़ें और उन्हें ऐसा कुछ करने की प्रेरणा देती है जो उन्हें अंदरुनी खुशी और आंतरिक प्रसन्नता दे सकें।
इस पुस्तक के लेखक समाचार पत्रों में लिखने वाले एक प्रतिभाशाली लेखक हैं और उन्होंने बच्चों के लिए काफी साहित्य लिखा है।
मेन हू बिल्ट कंप्यूटर्स
- लेखक:दिलीप एम. साल्वी
- विषय:नए आगमन
- भाषा:अंग्रेजी
- दिनांक:2007
- बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
- कीमत:80
कम्प्यूटर एक अद्भुत खोज है। तो यह है इसकी कहानी - जिसमें मन मोह लेने वाले, व्यवहारिक और ऐसे अनोखे चरित्र हैं जो मानव जाति के कठिन श्रम को कम करने के प्रयास करते हैं। यह पुस्तक इन रंग बिरंगे चरित्रों के माध्यम से हमें बताती है कि पास्कल, लिबनिज़, बेबेज, होलेरिक, वॉन न्यूमेन, सेंट किलबी ऑफ, जॉप्स ओरक्रे क्या हैं। यह पुस्तक आपको अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक सहायक यंत्र के रूप में निर्मित गिनने वाली घड़ी नामक प्रथम केलकुलेटर से चरण दर चरण चलाकर सुपर कम्प्यूटर तक ले जाती है, जिसका उपयोग आज नाभिकीय बम बनाने में हो रहा है, इससे मिसाइल को निर्देशित किया जाता है और मौसम की भविष्यवाणी के साथ कई कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा इस पुस्तक में कम्प्यूटर और इसकी कार्यशैली के मूलभूत सिद्धांतों से सभी को परिचित कराया जाएगा। इस पुस्तक के लेखक दिलीप एम साल्वी प्रतिष्ठित लेखक हैं। उन्होंने विज्ञान की कई शाखाओं पर पुस्तकें लिखी हैं और उपचार में विविधता स्थापित की है।
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