पर्वतारोहण के लिए दो आवश्यक सुरक्षा उपाय बताइए।
- पर्वतारोहण में जाने से पूर्व मौसम का पूर्वानुमान जान लेना चाहिए।
- अपनी दवाईयाँ तथा प्राथमिक चिकित्सा किट साथ लें जानी चाहिए।
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए।
(i) रॉक क्लाइम्बिंग (ii) कैम्पिंग
रॉक क्लाइम्बिंग:
- सर्वाधिक खतरनाक खेल क्रियाकलापों या गतिविधियों में से एक है।
- अत्यधिक मानसिक नियंत्रण, फुर्ती, लचीलापन, सहनशक्ति तथा विभिन्न समन्वयात्मक योग्यताओं का मिश्रण है।
- वास्तव में यह एक ऐसा क्रियाकलाप है जिसमें प्रतिभागी प्राकृतिक चट्टानों तथा कृत्रिम चट्टानों पर चढ़ते हैं।
- इस खेल की कठिनाई का स्तर चट्टान के झुकाव पर निर्भर करता है।
- इसमें चढ़ाई कई प्रकार की होती है जैसे- एड क्लाइम्बिंग, फ्री क्लाइम्बिंग, ट्रेड अथवा प्रारंभिक क्लाइम्बिंग, स्पोर्टस क्लाइम्बिंग, टॉप-रीप क्लाइम्बिंग आदि।
कैम्पिंग:
कैम्पिंग एक प्रकार का
मनोरंजक आऊटडोर क्रिया-कलाप है जिसमें व्यक्ति अपने नियमित निवास स्थान को छोड्कर प्रकृति का आनन्द उठाने के लिए कुछ रातें खुले में कैम्प स्थल पर बिताते हैं। यह एक सुनियोजित, व्यवस्थित तथा उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम होता है। जिसमें व्यक्ति अपने अन्य सहभागियों जिन्हें कैम्पर्स कहा जाता है, के साथ अन्य क्रियाकलापों जैसे- हाइकिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, रॉक क्लाम्बिंग, माउन्टेन, बाइकिंग, तथा डोंगी चलानी वाली गतिविधियों का आनन्द लेते है।
कैम्पिंग कई प्रकार की हो सकती है जैसे-स्काउट कैम्प, एन.सी.सी. कैम्प, एन.एस.एस. कैम्प, खेल कैंप, साहसिक कैंप या सामाजिक कैंप आदि।
रिवर रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई केआधार पर वर्गीकरण कजिए।
रॉफ्टिंग की विभिन्न श्रेणियों का उनकी कठिनाई केआधार पर वर्गीकरण निम्नलिखित हैं:
- श्रेणी I: इस श्रेणी में बहते जल की आसान लहरों पर रॉफ्टिंग की जाती है, जिसमें अधिक कौशल की आवश्यकता नहीं पड़ती। नौसिखिए नौकाचालक अधिकतर इसी श्रेणी के जल प्रवाह में रॉफ्टिंग करते हैं।
- श्रेणी II: इस श्रेणी में बहते जल की थोड़ी अशांत लहरों के साथ-साथ कुछ चट्टानें भी हो सकती हैं। इसमें थोड़े से कौशल और अनुभव की आवश्यकता पड़ती है।
- श्रेणी III: इस श्रेणी में अंशात लहरों के साथ-साथ कुछ कठिन मुहाने भी होते हैं। इस प्रकार की लहरों में रॉफ्टिंग के लिए अनुभव तथा चप्पू चलाने में दक्षता की आवश्यकता होती है।
- श्रेणी IV: इस श्रेणी में लहरे बड़ी और चट्टानों से टकराने के कारण बहुत अशांत होती है। इसमें रॉफ्टिंग के लम्बे अनुभव तथा तीव्र कौशलों की आवश्यकता होती है।
- श्रेणी V: यह अत्यधिक कठिनाई वाला स्तर है। इसमें बड़ी-बडी लहरें हो सकती हैं। इसमें जल की मात्रा भी विशाल हो सकती है। इसमें चट्टानें भी बड़ी होती हैं । इसमें सूक्ष्म कौशल की आवश्यकता होती हैं। इस स्तर की रॉफ्टिंग केवल अनुभवी प्रतिभागियों को ही करनी चाहिए।
- श्रेणी VI: इस स्तर पर रॉफ्टर विशाल लहरों का सामना करने की आशा कर सकता है। यह स्तर अत्याधिक कठिन होता है। जिसमें अत्यधिक शारीरिक क्षमता तथा मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है। इस स्तर की रॉफ्टिंग में चोट लग सकती है तथा मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे स्तर की रॉफ्टिंग का सफलतापूर्वक बिना किसी चोट अथवा मृत्यु के पूर्ण होना या तो सौभाग्यवश पूरा होना माना जाता है या फिर अत्यधिक कौशल के कारण।
सर्फिग हेतु आवश्यक सुरक्षा उपायों का वर्णन करो।
- हमेशा उन जगहों पर सर्फिंग (Surfing) या तैराकी करनी चाहिए जो (Surf-life savers) तथा लाइफगार्ड के द्वारा जाँचे गए हों।
- लाल व पीले झण्डों के बीच में ही (Surfing) करें। इनके द्वारा सुरक्षा जगह (Mark) मार्क होती है।
- हमेशा एक साथी के साथ या किसी के निर्देशन में ही तैरें।
- चिन्हों को पूर्ण रूप से पढ़ें और पालन करें।
- खाना खाने के बाद तैराई (Swim) न करें।
- एल्कोहल या किसी ड्रैग (Drug) का प्रयोग करने के बाद तैराकी न करें।
- पानी की स्थिति के बारे में सुनिश्चित करके ही तैराकी करें।
- पानी में कभी भी दौड़ने व Dive करने की कोशिश न करें।
- अगर आप को पानी में कुछ दिक्कत हो गई है तो डरे नहीं। सहायता के लिए अपना हाथ ऊपर उठायें पानी की सतह पर तैरें व सहायता के लिए प्रतीक्षा करें।
पैराग्लाइडिंग करते समय सुरक्षा उपाय लिखों।
- अपने आप को पैराग्लाइडिंग सीखाने की कोशिश न करें यह अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।
- एक पूर्णत: प्रशिक्षित पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षक से ही पैराशूट उड़ाना सीखें।
- एक पंजीकृत क्लब को ही Join करें।
- यदि आप एक शुरूआती हैं, तो प्रयोग किए हुए उपकरण न खरीदें जब तक कि आप प्रशिक्षक के द्वारा पूर्ण रूप से चैक न कर लिए गए हों।
- पैराग्लाइडिंग करते समय सभी सुरक्षा उपकरण जैसे फ्लाइट सूट, सूटस व हैलमेट पहनना न भूलें। लाँचिंग करने से पहले मौसम की जानकारी लेना न भूलें।
- उड़ान का वह स्तर न करने की कोशिश करें जो आपके अनुभव के स्तर से परे है।
- पैराग्लाइडिंग काफी खतरनाक हो सकती है यदि उचित Judgement न किया जाए।
शारीरिक शिक्षा के द्वारा नेता बनने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में नेताओं में दो प्रकार के गुण होते हैं - जन्मजात गुण व अर्जित गुण। शारीरिक शिक्षा के माध्यम से अर्जित गुणों का सफलतापूर्वक विकास इस प्रकार किया जा सकता है जिससे कि ज़्यादा से ज़्यादा शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी एवं कुशल नेता बन सके:
- छात्रों का विश्लेषण करना: इस क्षेत्र में नेताओं को बनाने के लिए छात्रों का विश्लेषण अर्थात् किसी छात्र
में नेतृत्व के कौन-से कौशल पहले से ही सुविकसित हैं तथा किन कौशलों को अभी विकसित किये जाने की आवश्यकता है, करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित प्रश्नों की सहायता ली जा सकती है:
- क्या स्पष्ट रूप से निर्देशन कर पाते हैं तथा जिनका वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या उन्हें प्रोत्साहित कर पाते है?
- जिन विद्यार्थियों का वे नेतृत्व कर रहे हैं क्या वे अभिप्रेरित होते हैं तथा एकाग्र होकर आगे बढ़ते हैं।
- नेतृत्व के गुणों में और अधिक सुधार लाने वाले विद्यार्थियों की पहचान करना: इसके उपरान्त जिन छात्रों अथवा छात्रों के समूह के नेतृत्व के गुणों में सुधार लाने की आवश्यकता है, उन्हें पहचानें।
- नेतृत्व कौशल के विकास हेतु विभिन्न पद्धतियाँ अपनाना। नेतृत्व कौशल हेतु विभिन्न पद्धतियाँ:
- छात्रों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ प्रदान करने का अवसर प्रदान करना।
- खेल क्रियाकलापों का पर्यवेक्षण व प्रबंधन करवाना।
- विभिन्न खेलों में टीम का कप्तान बनाकर।
- विभिन्न प्रकार की समितियों का सदस्य बनाकर।
- कार्यालयीन कामकाज तथा समूह तैयारी का कार्यभार देकर।
- खेल पर्वों पर विभिन्न आयोजनों द्वारा अध्यापकों को तथा प्रशिक्षक को क्लब चलाने में और टीम के संचालन में सहायता करने का अवसर प्रदान करना।
- नेतृत्व सम्बन्धी कुछ पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना।
- विद्यार्थियों को उनके कौशल विकसित करते रहने के अवसर प्रदान करवाना तथा चुनौती तथा जटिलता प्रस्तुत करने वाले नेतृत्व के विभिन्न अवसर प्रदान करना।
- नेतृत्व विद्यार्थियों को अलग पहचान देना (टोपी व जैकेट तथा Badge लगाकर जैसे Head Girl व Head Body बनाकर अलग से पहचान देना।
- छात्रों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ प्रदान करने का अवसर प्रदान करना।
- विद्यार्थियों में विश्वास तथा भरोसा रखना: किसी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों के विकास के लिए उसमें भरोसा तथा विश्वास दर्शाना चाहिए जिससे विद्यार्थी और अच्छा करने के लिए अभिप्रेरित हो।
- पुरस्कार द्वारा: छात्रों को पुरस्कार देकर भी उनमें नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।
- सुधार करने की प्रक्रिया को बार-बार दोहराने से भी विद्यार्थी में नेतृत्व के गुणों को विकसित किया जा सकता है।