प्रेमचंद के प्रमुख उपन्यास कौन कौन से है? - premachand ke pramukh upanyaas kaun kaun se hai?

प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यासों में सामाजिक और एतिहासिक उपन्यासों के अलावा तिलस्मी-ऐयारी और जासूसी उपन्यास भी व्यापक मात्रा में लिखे गये। तिलस्मी-ऐयारी उपन्यासों के प्रवर्तक देवकीनंदन खत्री हैं, जिनके उपन्यास पढ़ने के लिए बहुत सारे लोगों ने हिंदी और देवनागरी लिपि सीखा। वहीं जासूसी उपन्यास (jasusi upanyas) के प्रवर्तक गोपाल राम गहमरी हैं जिन्होंने ‘जासूस’ नामक मासिक पत्र भी निकाला। प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास निम्नलिखित हैं-

उपन्यासकारउपन्यासश्रद्धाराम फुल्लौरीभाग्यवती (1877 ई.)श्रीनिवासदासपरीक्षा गुरु (1882 ई.)बालकृष्ण भट्टरहस्य कथा (1879 ई.), नूतन ब्रह्मचारी (1886 ई.), सौ अजान एक सुजान (1892 ई.)ठाकुर जगमोहन सिंहश्यामा स्वप्न (1888 ई.)लज्जाराम मेहताधूर्त रसिकलाल (1899 ई.), स्वतन्त्र रमा और परतन्त्र लक्ष्मी (1899 ई.), बिगड़े का सुधार (1907 ई.), आदर्श हिन्दू (1907 ई.)राधा कृष्णदासनिस्सहाय हिन्दू (1890 ई.)देवकीनन्दन खत्रीचंद्रकांता (1891 ई.), चंद्रकांता संतति (24 भाग, 1896-1905 ई.), काजर की कोठरी, कुसुम कुमारी, नरेंद्र मोहिनी, वीरेंद्र वीर, भूत-नाथ (अधूरा)गोपाल राम ‘गहमरी’सरकटी लाश (1900 ई.), जासूस की भूल (1901 ई.), जासूस पर जासूसी (1904 ई.), गुप्त भेद (1913 ई.), जासूस की ऐयारी (1914 ई.), हीरे की मोल, अद्भुत लाश, अद्भुत खून, गुप्तचर, बेकसूर को फांसी, खुनी कौन, बेगुनाह का खून, भयंकर चोरी, भोजपुर का ठग, डाके पर डाकाकिशोरीलाल गोस्वामीजिंदे की लाश, तिलस्मी शीशमहल, लीलावती व आदर्श सती, याकूती तख्ती, प्रणयिनी परिणय (1890), मस्तानी, सुखशर्वरी, प्रेममयी, लवंगलता वा आदर्श बाला, कुसुम कुमारी, कानन-कुसुम, लखनऊ की कब्र या शाही महलसरा, कुलटा, अंगूठी का नगीना, माधवी माधव, आदर्श रमणी, माधवी माधव, पुनर्जन्म, तारा वा सौतियाडाह, त्रिवेणी, सुल्ताना रजिया वेगम वा रंगमहल में हलाहलअयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ठेठ हिन्दी का ठाठ (1899 ई.), अधखिला फूल (1907 ई.)राधिकारमण प्रसाद सिंहप्रेम लहरीप्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यास सूची

2. प्रेमचंद युगीन उपन्यास

प्रेमचंद ने सर्वप्रथम हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से हटाकर जीवन से जोड़ने का प्रयास किया। प्रेमचंद युगीन हिंदी उपन्यासकार एवं उनके प्रमुख उपन्यास (upanyas) निम्नलिखित हैं-

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प्रेमचंद की प्रसिद्ध उपन्यास का नाम बताइए देखी वैसे तो प्रेमचंद की कॉपी उपन्यास हैं लेकिन गोदान उपन्यास है वह पेंशन का काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध उपन्यास का नाम गोदान है

Premchand ki prasiddh upanyas ka naam bataiye dekhi waise toh Premchand ki copy upanyas hain lekin Godan upanyas hai vaah pension ka kaafi lokpriya aur prasiddh upanyas ka naam Godan hai

प्रेमचंद की प्रसिद्ध उपन्यास का नाम बताइए देखी वैसे तो प्रेमचंद की कॉपी उपन्यास हैं लेकिन

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Table of Contents

  • मुंशी प्रेमचंद जी का संक्षिप्त परिचय (Brief introduction to Munshi Premchand)
  • मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां (Hindi stories from Munshi Premchand) 
  • मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास (Novels from Munshi Premchand)
  • अंतिम शब्द (Final Words)

मुंशी प्रेमचंद जी का संक्षिप्त परिचय (Brief introduction to Munshi Premchand)

प्रचलित नाममुंशी प्रेमचंद, नवाब रायमूल नामधनपत राय श्रीवास्तवजन्म31 जुलाई 1880, लमही, बनारस (भारत)माताआनंदी देवीपिताअजायब रायपत्नीशिवारानी देवीपुत्रअमृतरायकहानियाँ पंच परमेश्वर, ईदगाह, गुप्त दान, दो बैलों की कथा, बड़े घर की बेटी व अन्यउपन्यासरंगभूमि, सेवासदन, गबन, गोदान, कर्मभूमि व अन्यप्रसिद्धि का कारणउपन्यासकार, कहानीकार मृत्यु8 अक्टूबर 1936, बनारस, भारत उम्र56 वर्ष

मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां (Hindi stories from Munshi Premchand) 

महान कहानीकार व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों से हमें आज भी बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती हैं। मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी हुई कुछ कहानियों को हमने यहां पर संकलित किया है-

क्र. सं.कहानी का नामकहानी खरीदने के लिंक1.दो बैलों की कथाअभी खरीदें2.बड़े घर की बेटीअभी खरीदें3.पंच परमेश्वरअभी खरीदें4.बूढ़ी काकीअभी खरीदें5.कफनअभी खरीदें6.ईदगाहअभी खरीदें7.जुलूसअभी खरीदें8.ज्वालामुखीअभी खरीदें9.नादान दोस्तअभी खरीदें10.देवीअभी खरीदें11.बलिदानअभी खरीदें12.घमंड का पुतलाअभी खरीदें13.प्रतिशोधअभी खरीदें14.आखिरी मंजिलअभी खरीदें15.दूसरी शादीअभी खरीदें16.गुल्ली डंडाअभी खरीदें17.यह मेरी मातृभूमि हैअभी खरीदें18.शराब की दुकानअभी खरीदें19.ठाकुर का कुआंअभी खरीदें20.ईश्वरीय न्यायअभी खरीदें21.कर्मों का फलअभी खरीदें22.नेकीअभी खरीदें23.नमक का दरोगाअभी खरीदें24.राष्ट्र का सेवकअभी खरीदें25.इज्जत का खूनअभी खरीदें26.कप्तान साहबअभी खरीदें27.शादी की वजहअभी खरीदें28.नरक का मार्गअभी खरीदें29.मुफ्त का यशअभी खरीदें30.वफा का खंजरअभी खरीदें

अगर आप मुंशी प्रेमचंद जी की सभी कहानियों को पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ (Munshi Premchand ki Kahaniyan)

मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास (Novels from Munshi Premchand)

मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखे गए उपन्यास बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों की आमजन की घटनाओं को बड़ी ही स्पष्टता से दिखाते हैं। मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखे गए कुछ उपन्यास ये हैं-

  1. गोदान
  2. गबन
  3. सेवासदन
  4. रंगभूमि
  5. कर्मभूमि
  6. प्रतिज्ञा
  7. कायाकल्प
  8. प्रेम आश्रम
  9. रूठी रानी
  10. मंगलसूत्र (अधूरा)
  11. देवस्थान रहस्य़
  12. कृष्ण
  13. प्रेम
  14. वरदान

मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास इंसान को एक नई समझ और सीख देते हैं, समाज में बदलाव के नए जरिए को दिखाते हैं, नैतिक मूल्यों व गुणों को बढ़ावा देते हैं। 

प्रेमचंद के उपन्यास बहुत ही सरल भाषा में स्पष्ट अर्थ देते हैं। जब हम उनके उपन्यासों को पढ़ते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि हमारे शरीर में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। उनकी अद्भुत लेखन कुशलता के कारण ही उपन्यास सम्राट कहा गया है।

उस समय के घटनाक्रमों को देखकर ऐसा लगता है कि वर्तमान का हिंदी साहित्य और तत्कालीन हिंदी साहित्य में बहुत ज्यादा अंतर आ गया है। प्रेमचंद के उपन्यास व कहानियां हमारे व्यक्तित्व को झकझोर के रख देती हैं।  उनकी रचनात्मक क्षमता ही ऐसी है कि वे अपने पाठक को कभी निराश महसूस नहीं होने देते हैं। 

उनकी कहानियों को कोई व्यक्ति अगर पढ़ना शुरू कर दे तो उनकी कहानी को बीच में छोड़कर कोई शायद ही जा पाए। 

उनकी कहानियां और उपन्यास स्पष्टता से तो भरे हुए हैं, और साथ ही वे मनोरंजक भी हैं। उनके द्वारा रचित रचना पाठक के मस्तिष्क में ऐसा चित्र बना देती है जिससे पाठक को सारे घटनाक्रम का पता चल जाता है।

यह भी पढ़ें – कबीर दास का जीवन परिचय

अंतिम शब्द (Final Words)

तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी गई कहानियों व उनके उपन्यास के बारे में बताया है। ये कहानियां अधिक लंबी नहीं है परंतु अपने अर्थ में काफी स्पष्ट व पूर्ण है। भारत में राज्य सरकारों के द्वारा प्रेमचंद की कम से कम एक कहानी तो स्कूलों के पाठ्यक्रम में लगाई जाती है। 

आपने भी संभवतया प्रेमचंद की कोई ना कोई कहानी जरूर पढ़ी होगी। मैंने भी अपने स्कूली जीवन में मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियां पढ़ी हैं। उनमें से दो बैलों की कथा, प्रेमचंद का फटा जूता, नादान दोस्त, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी इत्यादि थी।

प्रेमचंद हिंदी साहित्य के एक अनोखे व महान लेखक थे जिन्होंने अपना अतुल्य योगदान दिया। उनके द्वारा रचित रचनाएं हिंदी साहित्य की जड़ों को मजबूत कर देती हैं। कुछ लोग उन्हें मुंशी प्रेमचंद तो कुछ उन्हें नवाब राय के नाम से जानते हैं, हालांकि उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। हिंदी साहित्य के महान व्यक्तित्व  मुंशी प्रेमचंद जी की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 को बनारस में हुई थी।

मुझे उम्मीद है दोस्तों आपको मुंशी प्रेमचंद की कहानियां पढ़कर कुछ न कुछ नया सीखने को जरूर मिलेगा। अगर आपका कोई सुझाव या प्रश्न है तो भी आप हमें कमेंट करके जरूर बता सकते हैं।

प्रेमचंद जी के प्रमुख उपन्यास कौन कौन से हैं?

उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।

प्रेमचंद का महाकाव्य उपन्यास कौन सा है?

'गोदान' उपन्यास की शक्ल में लिखा गया आज के हिंदुस्तान का बहुत सच्चा, खरा और कालजयी महाकाव्य है.

प्रेमचंद का अन्तिम उपन्यास कौन सा है?

'गोदान' प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है.

प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानी कौन सी है?

प्रेमचंद की 5 सर्वश्रेष्ठ कहानियां.
गोदान गोदान उपन्यास प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है. ... .
दो बैलों की कथा दो बैलों की कथा दो बैल हीरा और मोती की कहानी है. ... .
पूस की रात पूस की रात की मूल समस्या गरीबी की है..

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