मसूर की दाल ब्राह्मण क्यों नहीं खाते हैं? - masoor kee daal braahman kyon nahin khaate hain?

  • Hindi News
  • opinion
  • Why do we eat lentils

क्यों न खाएं हम मसूर की दाल

| Updated: Oct 31, 2015, 1:00 AM

विनम्रता चतुर्वेदीप्याज के साथ दाल का अचानक महंगा होना, कई लोगों की तरह मेरे लिए भी मुसीबत का सबब बन चुका है। प्याज तो वैसे हर साल महंगी होती ही है...

विनम्रता चतुर्वेदी

प्याज के साथ दाल का अचानक महंगा होना, कई लोगों की तरह मेरे लिए भी मुसीबत का सबब बन चुका है। प्याज तो वैसे हर साल महंगी होती ही है और हर साल जमाखोरों की कमाई भी खूब होती है। लेकिन प्याज के महंगे होने के पीछे विचित्र तर्क पेश किए जाते हैं। अजीब यह है कि ये तर्क प्याज न खाने वाले देते हैं। मिसाल के तौर पर 'गैर-प्याज कम्युनिटी' का कहना है कि प्याज में रखा ही क्या है, न खाओगे तो बीमार तो पड़ोगे नहीं। अगर प्याज के दाम कम करने हैं तो खरीदना कम कर दो...। जनाब, अगर प्याज न खरीदने से उसके दाम कम होने होते तो नवरात्र में क्यों नहीं हुए? मैं तो पिछले दो महीने से महंगी प्याज ही खरीद रही हूं। आमतौर पर देखने में आता है कि खाने-पीने और रहन-सहन की अनेक चीजों के लिए लोग अपनी मर्जी दूसरों पर थोपने लगते हैं। जबकि इसकी कोई 'रूल बुक' कभी लिखी नहीं गई। खैर, ये तो बात हुई प्याज की, जिसे 'गैरजरूरी' बता दिया जाता है। अरहर की दाल के 240 रुपये प्रति किलो होने के बाद सबसे पहले मेरे मन में यह बात आई कि इसका विकल्प क्या होगा? दाल को तो 'गैर जरूरी' आइटम मान ही नहीं सकते, क्योंकि इसके बिना दो दिन भी नहीं रहा जा सकता। मैंने किराने की दुकान पर जाकर हर तरह की दाल का दाम पूछा। उड़द, चना, मूंग और मसूर। दाम का हिसाब लगाने के बाद मुझे काले मसूर की दाल सबसे वाजिब लगी। एक तो यह मुझे पसंद है और फिर इसका रेट अरहर दाल की तुलना में आधा ही था। मैंने दुकान पर काम करने वाले कम उम्र लड़के (हमारे देश में बाल मजदूरी गैर कानूनी है, लेकिन असलियत कुछ और ही है) से मसूर की दाल देने को कहा। लेकिन उसने मुझे यह कहकर हैरान कर दिया कि,'अरे दीदी, आप मसूर की दाल खाती हैं? मसूर की दाल में क्या रखा है?' मैंने कहा-'मुझे पसंद है।' लड़के ने कहा,'मसूर की दाल तो मुसलमान खाते हैं, आप अगर नहीं खाएंगी तो बीमार नहीं पड़ जाएंगी।' मैं सन्न रह गई। लो, अब बेचारी मसूर भी मुसलमान हो गई। जाने ये कब हुआ और किसने किया? सोचा, अब मेरे बजट का क्या होगा? मैंने पूछा-'ये किसने कहा तुमसे?' जवाब आया-'सब कहते हैं। मेरी मां मसूर की दाल न खाती है और न खाने देती है।' मैं सोचने लगी कि हमारे देश में धार्मिक कट्टरता कितने खराब रूप में रसोई घर में भी घुस आई है। वह रसोई घर जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की समझी जाती है। किराने की दुकान पर काम कर रहे बच्चे की मां की तरह जाने कितनी मांएं यह जिम्मेदारी संभाले होंगी कि उनके बच्चे 'हिंदू' या 'मुसलमानों' का खाना ही खाएं। आज खान-पान की हर चीज पर धर्म और संप्रदाय का टैग लगाने की कोशिश है। अगर कुछ देर के लिए पुरानी सामाजिक व्यवस्था या यूं कहें कि धर्म-जाति के बंटवारे को आज के समय में प्रासंगिक और साइंटिफिक मान भी लिया जाए, तो किसी चीज के खाने और न खाने से वह कैसे बदल जाएगी? अगर इतना कमजोर है बंटवारे का ताना-बाना तो फिर इसकी जरूरत ही क्या है? अगर घर की रसोई में भी व्यक्ति को आजादी नहीं हो तो वह जाए कहां? पता नहीं समाज इतनी जकड़न से कब मुक्त होगा?

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें

रेकमेंडेड खबरें

  • गुड न्यूज 18 घंटे, 20 डॉक्टरों की मेहनत और बन गया इतिहास, देश में पहली बार दो मरीजों का पूरा हाथ ट्रांसप्लांट
  • Adv: ऐमजॉन पर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और एक्सेसरीज पर जोरदार ऑफर्स
  • राजनीति यूपी में बीजेपी के कई सांसदों का कट सकता है टिकट, चुनाव में BJP की ये खास तैयारी
  • खबरें हम इस्लामिक देश है, शॉर्ट्स पहनकर क्यों खेल रहीं लड़कियां, पाकिस्तानी पत्रकार का घटिया सवाल
  • राजनीति क्या हारी बाजी खेल रहे थे अखिलेश? शिवपाल की कुर्सी न बदलने का कारण समझिए
  • चंडीगढ़ मोहाली MMS केस: सोशल मीडिया पर सवाल ही सवाल, क्या छिपा रही है पंजाब पुलिस?
  • फिल्मी खबरें आयशा जुल्का ने एक्ट्रेसेस संग झगड़ों पर तोड़ी चुप्पी, दिव्या भारती के बारे में किया दिल छू लेने वाला खुलासा
  • भारत मंकी मैन, चोटी कटवा... क्‍यों बेकाबू हो जाते हैं लोग? मास हिस्‍टीरिया का A टू Z
  • भारत मोहाली कांड पर बवाल, तब दिल्ली MMS वीडियो पर हिल गया था पूरा देश
  • न्यूज़ Flipkart से भी सस्ता सामान बेच रही हैं Sites, थोक के भाव मिलेगा iPhone, Split AC
  • न्यूज़ Airtel की टेंशन बढ़ी! Jio 155 Recharge में पूरे महीने चलेगा इंटरनेट, मिलेगी Unlimited Calling
  • फुटवियर मजबूत स्टिचिंग के साथ आ रहे हैं ये शानदार Running Shoes, इनकी प्राइस कर देगी हैरान
  • टूरिस्ट डेस्टिनेशंस हरिद्वार में भूत प्रेतों के लिए बहुत मशहूर हैं ये 6 जगहें, यहां जाने पर हर पल रहें अलर्ट
  • स्मार्टफोन सिर्फ ₹9990 में ले सकते हैं सबसे बेस्ट OPPO Smartphones, कई अन्य प्राइस रेंज भी है उपलब्ध

देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?

धन्यवाद

हिंदू लोग मसूर की दाल क्यों नहीं खाते?

मसूर की दाल की तासीर गर्म होती है। इसे पचाने में समय ज्यादा लगता है। जिनकी पाचन शक्ति कमजोर हो उन्हें ये दाल कम खानी चाहिए।

मसूर की दाल खाने से क्या नुकसान होता है?

- मसूर की दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी (Acidity) और पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। - जिन लोगों को किडनी स्टोन (Kidney stone) की शिकायत है, उनको मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। - मसूर की दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज (Constipation) की शिकायत हो सकती है।

मसूर की दाल कब नहीं खाना चाहिए?

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्‍य पदार्थ नहीं खाना चाहिए

शिवलिंग पर मसूर की दाल चढ़ाने से क्या होता है?

* इसके साथ ही शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल और लाल गुलाब अर्पित करें। इस प्रकार भी मंगल दोष की शांति हो सकती है। * लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्ठान्न एवं द्रव्य लपेटकर नदी में प्रवाहित करने से मंगलजनित अमंगल दूर होता है।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग