मूल संविधान के लेखक कौन है? - mool sanvidhaan ke lekhak kaun hai?

कैबिनेट मिशन योजना 1946 के अंतर्गत निर्मित संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान का निर्माण अपनी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 से लेकर 26 नवंबर 1949 तक के समय मे पूरा कर लिया था, लेकिन आपको एक जानकारी होगी कि संविधान सभा का अस्तित्व 26 नवंबर 1949 तक न होकर अगले वर्ष 24 जनवरी 1950 तक रहा ।

  • तीन प्रतियो के रूप में थे संविधान 

24 जनवरी 1950 के दिन संविधान सभा का अंतिम और 12 वां अधिवेशन हुआ था । इस अधिवेशन में ही संविधान की 3 प्रतियां सभा पटल पर रखी गई थी जो तीन अलग-अलग भाषाओं में थी । इनमें से एक प्रति हस्तलिखित और दो प्रतियां प्रिंटेड / छपी हुई थी।

(1) अंग्रेजी भाषा मे हस्तलिखित प्रति –भारतीय संविधान की मूल प्रति अंग्रेजी भाषा मे हस्तलिखित प्रति  है जिस पर नंदलाल बॉस के नेतृत्व में कलाकारों की एक टीम ने सविधान के हर पृष्ठ पर कलाकृतियां अंकित की गई थी।(2)अंग्रेजी भाषा में छपी हुई प्रति –सविधान की मूल प्रति हस्तलिखित होने के अतिरिक्त इसकी एक दूसरी प्रति भी अंग्रेजी भाषा में है लेकिन यह प्रति हस्तलिखित ना होकर छपी हुई प्रति थी ।(3) हिंदी भाषा में हस्तलिखित प्रति –संविधान की तीसरी प्रति हिंदी भाषा में है और यह प्रति भी हस्तलिखित प्रति है । संविधान सभा के सदस्यों ने इन तीनों ही प्रतियो पर हस्ताक्षर किए थे । 

  • इन्होंने अपने हाथों से लिखा था संविधान

हाथ से बने पेपर पर हाथ से लिखा गये इस मूल संविधान के लेखक जाने-माने कैलीग्राफर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे । जिन्होंने 6 माह के अथक प्रयासों के बाद अपने हाथों से संविधान को लिखा था। ज्ञात हो कि संविधान की मूल प्रति के प्रत्येक पृष्ठ पर उसके लेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा का नाम लिखा हुआ है और अंतिम पृष्ठ पर प्रेम बिहारी नारायण रायजादा और उनके दादा का नाम  अंकित है।क्योंकि इसी शर्त पर उन्होंने संविधान को लिखे जाने की जिम्मेदारी ली थी और उसके बदले में उन्होंने मेहनताने के रूप में ₹1 भी नहीं लिया। सविधान की यह मूल प्रति आज भी संसद भवन के पुस्तकालय में बने एक चेंबर में वैज्ञानिक तरीके से सुरक्षित रखी हुई है।

  • तीनों प्रतियो पर किए थे हस्ताक्षर 

संविधान प्रस्ताव सर करने वाले सदस्यों की कुल संख्या 284 थी। हस्ताक्षर करने वालों में पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे पहले व्यक्ति थे और अंतिम व्यक्ति संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने हस्ताक्षर किये थे ।आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दशरथ मुहानी भले ही एक व्यक्ति है जिन्होंने  संविधान निर्माण की प्रक्रिया में पूरा भाग लिया हो लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर नही किये ।उन्होंने अंतिम रूप से यह कहकर मना कर दिया कि “मैंऐसे संविधान को नहीं मानता ।”

ध्यातव्य- जानकारों की माने तो बताया जाता है कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान को अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद किया गया था और इसके अनुवादक डॉ. रघुवीरा थे।  जिनका नाम आज इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो गया ।

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भारत के संविधान के लेखक कौन है?

संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है. इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है. रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है. सुलेखन यानी कैलिग्राफी प्रेम बिहारी का खानदानी शौक था.

भारत के संविधान का पिता कौन है?

भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

संविधान किसने लिखा कब लिखा?

भारत का संविधान बनने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। 26 नवंबर, 1949 को यह पूरा हुआ था लेकिन 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था। संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी। संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं।

संविधान पर प्रथम हस्ताक्षर करता कौन थे?

प्रारूप समिति 29 अगस्त 1947 को गठित की गई और संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवम्बर 1949 को आयोजित की गई। इस दिन 284 लोगों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर करने वाले देश के पहले व्यक्ति जवाहरलाल नेहरू और राजस्थान से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति मास्टर बलवन्तसिंह मेहता थे

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