मकान में सीढ़ी बनाने की विधि - makaan mein seedhee banaane kee vidhi

« Home   वास्तु शास्त्र टिप्स | Special Vaastu Shastra Tips For Your Home in Hindi.

  1. सीढि़यां हमेशा घर के नैर्ऋत्य कोण में बनाएं, जो दक्षिण से पश्चिम की ओर जाएं। सीढ़ी मकान के पश्चिम या उत्तर भाग में भी हो सकती है।
  2. ऊपर की ओर जाने वाली सीढि़यों की संख्या सदैव एकी (odd) नंबर में होनी चाहिए, यथा 5-7-9-11 इत्यादि।
  3. घर में घुसते ही सीढि़यां नहीं दिखनी चाहिए।
  4. मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर सीढ़ी नहीं होनी चाहिए।
  5. सीढि़यां सदैव दायीं तरफ (Anti-clock-wise) होनी चाहिए।
  6. जहां तक हो सके, सीढि़यां चिकनी नहीं होनी चाहिए।
  7. एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी के मध्य 9‘‘ इंच का अंतर आदर्श अंतर है। इससे अधिक अंतर ठीक नहीं।
  8. जहां तक हो सके, सीढि़यों के दोनों ओर हत्था लगाएं।
  9. सीढि़यों के नीचे (Sloping) शयन कक्ष या बैठक नहीं होने चाहिए।
  10. सीढि़यां कभी ईशान में न बनाएं।
  11. प्रारंभ में कभी त्रिकोण सीढि़यां (Steps) न बनावें।
  12. सीढ़ी के नीचे पूजा गृह कभी न बनाएं।
  13. सीढ़ी के नीचे शौचालय नहीं बनाना चाहिए, वर्ना कब्जी, मस्सी एवं बदहजमी की शिकायतें होंगी।
  14. आपत्ति काल सीढ़ी के नीचे में स्नान गृह (Bath-room) बना सकते है।
  15. सीढ़ी के नीचे गोदाम बना सकते है।

Tags: सीढि़ बनाने के मुख्य नियम क्या है?, What are the main rules to make the stairs, सीढि़यों का विस्तृत वर्णन, Detailed description of stairs by vastu, Vastu Shastra for Staircase, Direction of Staircase as Per Vastu, Vastu for Stairs, vastu advice for stairs, stairs vastu in hindi, vastu shastra tips, vastu tips online, vastu shastra, vastu shastra popular articles, vastu for home, special vastu tips, what is vastu shastra, vastu shastra in india, वास्तु शास्त्र, vastu shastra in hindi

You may be intrested in

Table of Contents

  • सीढ़ी वास्तु क्या है?
  • वास्तु के अनुसार सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए?
  • वास्तु के अनुसार सीढ़ी की दिशा
  • घर के अंदर की सीढ़ी के लिए वास्तु
  • बाहरी सीढ़ियों की दिशा के लिए वास्तु सिद्धांत
  • सीढ़ियों की वास्तु को प्रभावित करने वाले दूसरे कारक
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों का ओरिएंटेशन
  • सीढ़ियों के आकार के लिए वास्तु टिप्स
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां किस रंग की होनी चाहिए?
  • सीढ़ियों के नीचे के हिस्से का कैसे करें इस्तेमाल?
  • सीढ़ियों को सजाने के वास्तु नियम
  • सीढ़ियों की रेलिंग के लिए वास्तु नियम
  • सीढ़ियों के साथ वाली जगह के इस्तेमाल के लिए वास्तु नियम
  • सीढ़ियों के गंभीर दोष
  • वास्तु दोष के साथ सीढ़ियों का प्रभाव
  • आप अपनी सीढ़ियों को कितना जानते हैं?
  • सीढ़ियों का वास्तु: सीढ़ियां बनवाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों के बेकार डिजाइन
  • सीढ़ियों में वास्तु दोष का प्रभाव
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

चूंकि वास्तु आपके घर के हर छोटे से हिस्से को बनाने के लिए नियम निर्धारित करता है, इसलिए घर में सीढ़ी बनाते समय सीढ़ियों के वास्तु मानदंडों का भी पालन करना चाहिए। यह गाइड आपको यह जानने में मदद करेगी कि आपको अपने घर में सीढ़ियां बनवाते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

सीढ़ी वास्तु क्या है?

प्राचीन हिंदू वास्तु सिद्धांत सीढ़ियां बनवाने के लिए कई नियमों की सिफारिश करता है। सीढ़ियां बनवाते समय सीढ़ियों के वास्तु का पालन करने से सामान्य आवाजाही आसानी से होती है और विशेष रूप से घर में सकारात्मकता का प्रवाह आसानी से होता है। इससे बड़ी या छोटी दुर्घटना की संभावना भी कम हो जाती है।

यह भी देखें: किराए के घर के लिए वास्तु

वास्तु के अनुसार सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए?

सीढ़ियां हमेशा विषम नंबर में हो न की सम : सीढ़ियों में कदमों की संख्या हमेशा विषम (15, 17, 19 या 21) होनी चाहिए. संख्या कभी भी 0 के साथ खत्म नहीं होनी चाहिए. ऐसा क्यों? एक औसत व्यक्ति सीढ़ियां चढ़ते हुए दाहिना पैर पहले रखता है. वो इसलिए ताकि जब सीढ़ियां खत्म हों तो शख्स अपना दायां पैर नीचे रखे. और ऐसा तभी हो सकता है जब सीढ़ियां विषम संख्या में होंगी.

भारत में सबसे अच्छी पानी की टंकी खरीदने के बारे में भी पढ़ें

वास्तु के अनुसार सीढ़ी की दिशा

घर में सीढ़ी का सबसे अच्छा स्थान कौन सा है? वास्तु के अनुसार, सीढ़ी के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे अच्छी होती है।

घर के अंदर की सीढ़ी के लिए वास्तु

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि आंतरिक सीढ़ियों के लिए घर का दक्षिण-पश्चिम भाग एक आदर्श विकल्प है। दक्षिण और पश्चिम भाग दूसरे अच्छे विकल्प हैं। ऐसे में, सीढ़ी उत्तर से शुरू होनी चाहिए और दक्षिण की ओर जानी चाहिए। वैकल्पिक रूप से, यह पूरब से शुरू होकर पश्चिम की ओर जा सकती है। आंतरिक सीढ़ी घर के केंद्र में नहीं होनी चाहिए।

बाहरी सीढ़ियों की दिशा के लिए वास्तु सिद्धांत

वास्तु के तहत बाहरी सीढ़ी के लिए मुफीद दिशा: दूसरी ओर बाहरी सीढ़ियां इन हिस्सों में बनाई जा सकती हैं

  • साउथ-ईस्ट, जिसका मुख पूर्व की ओर हो.
  • साउथ-वेस्ट, जिसका मुख पश्चिम की ओर हो.
  • साउथ वेस्ट, जिसका मुख दक्षिण की ओर हो.
  • नॉर्थ वेस्ट, जिसका मुख उत्तर की ओर हो.

सीढ़ियों को नॉर्थ ईस्ट कॉर्नर में नहीं बनवाना चाहिए चाहे घर के अंदर हो या बाहर. इसके अलावा एंट्रेंस से पहले सीढ़ियां होने से असंतुलन बढ़ता है.

पूर्वमुखी घर वास्तु के बारे में भी पढ़ें

सीढ़ियों की वास्तु को प्रभावित करने वाले दूसरे कारक

सीढ़ी के वास्तु मानदंडों का पालन करते समय इन अन्य बातों पर भी ध्यान दें:

वास्तु के मुताबिक सीढ़ी की जगह: जो मकानमालिक खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और ऊपरी हिस्सा किरायेदारों को दिया हुआ है, वो ये सुनिश्चित करें कि उनके पास मुख्य द्वार पर सीढ़ियां न हों. वास्तु एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इससे वित्तीय परेशानियां भी आ सकती हैं.

सीढ़ी का प्रारंभिक बिंदु: घर के अंदर बनी सीढ़ियां कभी भी किचन स्टोर रूम या पूजा घर से या उसके आखिर से शुरू नहीं होनी चाहिए. ऊपरी मंजिल पर जाने वाली सीढ़ियों और बेसमेंट में जाने वाली सीढ़ियों में निरंतरता नहीं होनी चाहिए.

वास्तु के मुताबिक सीढ़ी की विजिबिलिटी: अंदरूनी सीढ़ियां इस तरह से बनाई जानी चाहिए जो सीधे आपके विजिटर्स की दृष्टि की रेखा में न हो. सीढ़ी की शुरुआत और अंत में दरवाजे होना भी सही है.

यह भी देखें: वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार का रंग कॉम्बिनेशन

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों का ओरिएंटेशन

जिस तरह से आपकी सीढ़ियों में स्टेप्स चलते हैं, उसका आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है। इसी वजह से सीढ़ियों के ओरिएंटेशन के लिए वास्तु नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

सीढ़ियों के वास्तु नियमों के अनुसार, ऊपर चढ़ते हुए सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज घुमना चाहिए। दूसरे शब्दों में, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करने वाले व्यक्ति को उत्तर से दक्षिण या पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञों की राय है कि घड़ी की विपरीत दिशा में सीढ़ी करियर ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है।

सीढ़ियों के आकार के लिए वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र के अनुसार, राइट एंगल पर झुकते हुए स्क्वेयर और रैक्टैंगुलर सीढ़ियां, अंदरूनी या बाहरी सीढ़ियों के लिए सर्वोत्तम हैं. जो सीढ़ियां ज्यादा खड़ी या बहुत ऊंची होती हैं, उससे उपयोगकर्ता थका हुआ महसूस करने लगता है क्योंकि हर बार उसे उनका ही इस्तेमाल करना होगा. इसी कारण से एक्सपर्ट्स प्रॉपर्टी के मालिकों से पेचदार सीढ़ियां नहीं बनवाने को कहते हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां किस रंग की होनी चाहिए?

आप चाहते हैं कि आपकी सीढ़ियां अच्छी तरह से रोशन हों ताकि दिन के किसी भी समय सीढ़ियों पर चढ़ने या उतरने में कोई समस्या न हो। जब आप अपनी सीढ़ियों को रंगने या सजाने के लिए गहरे रंगों का चयन करते हैं, तो यह गहरे रंग का हो जाएगा, जो आप बिल्कुल नहीं चाहते। इसलिए सीढ़ियों या बैनिस्टर को पेंट करने के लिए हमेशा लाइट शेड्स का इस्तेमाल करें। सीढ़ियों में गहरे रंगों से बचें, खासकर लाल और काले, क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा देंगे। सीढ़ियों से सटी दीवारों को आपकी पसंद के वॉलपेपर से सजाया जा सकता है, लेकिन बहुत गहरे रंग का नहीं।

यह भी देखें: आपके घर में संगमरमर की सीढ़ियों के लिए डिजाइन आइडिया

सीढ़ियों के नीचे के हिस्से का कैसे करें इस्तेमाल?

छोटे घरों में अकसर सीढ़ियों के नीचे किचन, बाथरूम या पूजा घर बना दिया जाता है. कई बार इस हिस्से का इस्तेमाल करने के लिए इसे वर्कस्टेशन के रूप में तब्दील कर दिया जाता है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. वास्तु एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सीढ़ियों के नीचे के हिस्से का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ घर की चीजों को रखने के लिए करना चाहिए. कैबिनेट्स और बहुमूल्य चीजों जैसे कैश या जूलरी को इस जगह पर नहीं रखना चाहिए. पहने हुए जूतों और बेकार पड़ी चीजों को रखने के लिए इस जगह का इस्तेमाल न करें.

यह भी देखें: वास्तु के अनुसार बाथरूम की दिशा

सीढ़ियों को सजाने के वास्तु नियम

वास्तु नियमों के अनुसार, सीढ़ी की दीवारों को पारिवारिक तस्वीरों से नहीं सजाना चाहिए, क्योंकि इससे परिवार के सदस्यों में मतभेद हो सकते हैं और यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. सीढ़ियों की दीवार को खिले हुए फूलों, हरी-भरी हरियाली, पहाड़ों या अमूर्त कला की तस्वीरों से सजाएं. सीढ़ियों के क्षेत्र के नीचे पौधों के लिए चीनी मिट्टी के बर्तन रखें. वास्तु के मुताबिक सीढ़ियों के नीचे या सामने शीशा टांगना अशुभ होता है क्योंकि इसकी परछाई नकारात्मक ऊर्जा घर में लाती है. सीढ़ी के नीचे कभी भी फव्वारा या एक्वेरियम न रखें. सीढ़ियां अच्छे से रोशन होनी चाहिए.

सीढ़ियों की रेलिंग के लिए वास्तु नियम

सीढ़ियों की हैंडरेल सीढ़ियों पर लोगों की सुरक्षा करते हैं. यह स्टाइलिश हो सकता है लेकिन सबसे अहम बात यह है कि ऊपर या नीचे चढ़ते समय ये आरामदायक हों. वास्तु के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम दिशा में सीढ़ियों के लिए संगमरमर या पत्थर की रेलिंग को चुनना सही है. पश्चिम में सीढ़ियों के लिए, धातु की रेलिंग का चुनाव करें और पूर्व और दक्षिण की सीढ़ियों के लिए लकड़ी की रेलिंग का इस्तेमाल करें.

भले ही कितनी भी तरह से आंख को भाति हों  बिना रेलिंग वाली सीढ़ियां, जैसा कि इस तस्वीर में दिखाया गया है, पर अत्यधिक जोखिम से भरी हो सकती हैं।

सीढ़ियों के साथ वाली जगह के इस्तेमाल के लिए वास्तु नियम

वास्तु एक्सपर्ट भी सीढ़ियों के साथ वाली दीवार पर देवताओं या परिवार के सदस्यों की तस्वीरें और फोटो फ्रेम को लगाने से मना करते हैं. हालांकि दीवार की इस जगह पर आप शानदार आर्टवर्क करा सकते हैं. अगर आप इस जगह को वॉलपेपर से सजाना चाहते हैं तो आप किसी भी रंग का लाइट शेड इस्तेमाल कर सकते हैं. सीढ़ियों को जगमग और साफ-सुथरा रखें. हल्के रंग के वॉलपेपर्स इसे ऐसा रखने में मदद करेंगे.

नीचे दी गई तस्वीर से आप प्रेरणा ले सकते हैं।

सीढ़ियों के गंभीर दोष

नॉर्थ ईस्ट की ओर सीढ़ियां

पेचदार सीढ़ियां

इमारत को घेरती हुए सीढ़ियां

सर्कुलर और राउंड स्टेप्स

टूटी हुई सीढ़ियां

वास्तु दोष के साथ सीढ़ियों का प्रभाव

यदि सीढ़ियों में कोई वास्तु दोष है, तो संपत्ति में रहने वाले सदस्यों को विभिन्न प्रकार के शारीरिक, मानसिक और वित्तीय नुकसान आदि का सामना करना पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, उत्तर-पूर्व कोने में एक सीढ़ी या ‘ईशान कोना’, एक प्रमुख वास्तु दोष माना जाता है. इस कोने में सीढ़ी होने से निवासियों को दिमाग, गुर्दे या दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

आप अपनी सीढ़ियों को कितना जानते हैं?

ऊंचाई कितनी है?

एक सीढ़ी में ऊंचाई एक थ्रेड की शुरुआत से दूसरे थ्रेड की शुरुआत तक के वर्टिकल डिस्टेंस को दिखाता है.

सीढ़ियों में रन क्या है?

चढ़ने वाले के चेहरे से लेकर चढ़ने वाले अगले चेहरे तक के हॉरिजोंटल डिस्टेंस को रन कहते हैं. हालांकि लोग इसे लेकर थ्रेड के साइज से कन्फ्यूज हो जाते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं.

सीढ़ियों की रन हाईट और ऊंचाई कितनी होनी चाहिए?

आदर्श रूप से, उपयोगकर्ता के अधिकतम आराम के लिए ऊंचाई और रन 18 इंच के बराबर होना चाहिए.

सीढ़ियों का वास्तु: सीढ़ियां बनवाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • सीढ़ी की ऊंचाई 4 इंच से 7.75 इंच होनी चाहिए, जबकि थ्रेड की लेंथ 10 से 11.25 मीटर्स के बीच होनी चाहिए.
  • घर के अंदर, आप बिना रेलिंग के भी सीढ़ियां बनवा सकते हैं क्योंकि सीढ़ियों की चौड़ाई ज्यादा होगी. अगर 5 से ज्यादा कदम हैं और घर के बाहर सीढ़ियां बनवा रहे हैं तो रेलिंग लगाना जरूरी है.
  • हो सकता है कुछ लोग इससे पूरी तरह असहमत हों लेकिन मेकशिफ्ट सीढ़ियां बनवाना अच्छा आइडिया नहीं है. यह विचलित करने और बेहद जोखिम भरे साबित हो सकते हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों के बेकार डिजाइन

जबसे इसकी अवधारणा बनी है, उस वक्त सीढ़ियों को सिर्फ ऊपर से नीचे आने और नीचे से ऊपर जाने का साधन ही माना जाता था. लेकिन अब इसमें काफी बदलाव आए हैं. आज के दौर में सीढ़ियां स्टाइल स्टेटमेंट्स हैं, जो घर के डिजाइन का हिस्सा होती हैं. दुर्भाग्यवश, देखने वाले को प्रभावित करने के चक्कर में कई बार घर के मालिक सीढ़ियों के बुनियादी मकसद को ही खराब कर देते हैं, जो है ऊपर से नीचे आना और नीचे से ऊपर जाना. लेकिन वही दर्दनाक या मुश्किल हो जाता है. नीचे जो तस्वीर है वही इसका उदाहरण है.

इस तथ्य से सावधान रहें कि एक खराब तरीके से डिजाइन की गई सीढ़ी घर के अन्य हिस्सों में वास्तु सिद्धांतों को लागू करके लाए गए सभी सकारात्मक परिणामों को खत्म कर सकती है. वास्तु एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घर के मध्य में सीढ़ियां होने से प्रेग्नेंसी के दौरान काफी परेशानियां आ सकती हैं.

सीढ़ियों में वास्तु दोष का प्रभाव

घर में सीढ़ियां बनवाते वक्त वास्तु के सिद्धांतों को दरकिनार न करें. घर के इस हिस्से को अधिकतर लोग काफी सावधानी से नहीं बनवाते हैं जबकि पूरे घर में ये बेहद अहम रोल अदा करती हैं.

घर के भीतर रहने वाले लोगों की आवाजाही से संबंधित कोई भी चीज घर के भीतर स्वास्थ्य, तंदरुस्ती और दैनिक कार्यों को जरूरी रूप से प्रभावित कर सकती है. इसलिए, सीढ़ियां एक घर की क्षमता में एक अहम भूमिका निभाती हैं. सीढ़ी से संबंधित कोई भी ढांचात्मक या अन्य दोष के परिणामस्वरूप बड़ी या छोटी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. डिज़ाइन दोष भी घर के भीतर लोगों की आवाजाही में बाधा डाल सकते हैं, जिससे यह काफी असुविधाजनक हो जाता है.

दिल्ली के रहने वाले आर्किटेक्ट रजत खत्री  कहते हैं, ”अगर आप वास्तु शास्त्र को बहुत ज्यादा नहीं मानते हैं तब भी आप इतना तो मानेंगे कि कुछ नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं अगर सीढ़ियां सावधानीपूर्वक तरीके से ना बनाई गई हों. खराब तरीके से बनाई गई सीढ़ियां न केवल आपके आवागमन में रुकावट डाल सकती हैं बल्कि दुर्घटना का कारण भी बन सकती हैं.” घर के अन्य अहम हिस्सों के साथ-साथ, मालिक को सीढ़ियों के वास्तु पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सीढ़ी सहित घर के विभिन्न हिस्सों के बीच तालमेल पर निर्भर करता है.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या स्पाइरल सीढ़ियाँ अच्छी हैं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्पाइरल सीढ़ियां अशुभ मानी जाती हैं

क्या मैं सीढ़ियों के नीचे पूजा घर बनवा सकता हूं?

वास्तु एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि पूजा घर सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाने चाहिए.

क्या मेन डोर की ओर मुंह वाली सीढ़ियां अच्छी होती हैं?

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सीढ़ियों के आगे मेन डोर अच्छा नहीं होता है और यह घर में रहने वालों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

वास्तु में सीढ़ियों का महत्व क्या है?

सीढ़ियां जरूरी हैं, क्योंकि यह वास्तु के अनुसार विभिन्न मंजिलों की ऊर्जा के बीच एक कड़ी के रूप में काम करती हैं. सीढ़ी घर में अहम बिंदु है जो मजबूत ऊर्जा बनाती है और अगर इसे सही तरीके से रखा जाए, तो यह परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि में योगदान दे सकती हैं.

(पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा के अतिरिक्त इनपुट्स के साथ)

Was this article useful?

  • 😃 (6)

  • 😐 (2)

  • 😔 (1)

सीढ़ी चढ़ते समय मुंह किधर होना चाहिए?

किसी भी भवन में सीढ़ियों के निर्माण के समय यह ध्यान में रखना जरूरी है कि चढ़ते समय मुख पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा की ओर हो ।

मकान की सीढ़ी कैसे चढ़ाई जाती है?

सीढ़ी की ऊंचाई 4 इंच से 7.75 इंच होनी चाहिए, जबकि थ्रेड की लेंथ 10 से 11.25 मीटर्स के बीच होनी चाहिए. घर के अंदर, आप बिना रेलिंग के भी सीढ़ियां बनवा सकते हैं क्योंकि सीढ़ियों की चौड़ाई ज्यादा होगी. अगर 5 से ज्यादा कदम हैं और घर के बाहर सीढ़ियां बनवा रहे हैं तो रेलिंग लगाना जरूरी है.

स्टेप सीढ़ी कैसे बनाएं?

कुल ऊँचाई को 6 or 7 inches (15 or 18 cm) से भाग दे, ताकि स्टेप्स (सीढ़ी) की संख्या मिल सके: स्टेप्स की संख्या अधिक चाहिए तो 6 से भाग दे और यदि कम चाहिए तो 7 से भाग दे। भागने के बाद जो संख्या मिलेगी उतने ही स्टेप्स आपको अपने स्टेअरकेस (सीढ़ियों) के लिए सोचने पड़ेंगे जो आप बनाने वाले हैं।

घर में सीढ़ी किधर बनाएं?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढ़ियां हमेशा नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। इस दिशा में सीढ़ियां होना उत्तम माना जाता है। इससे घर में प्रगति होती है और सुख-शांति बनी रहती है। वहीं उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन भी सीढ़ियों के निर्माण के लिए सही माना जाता है।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग