- उष्ण कटिबंधीय जलवायु के तटीय दलदली क्षेत्रों में उगने वाली वनस्पति को कच्छ वनस्पति अथवा मैंग्रोव वनस्पति कहते हैं। रंग बिरंगे फूलों वाले छोटे-बड़े मैंग्रोव वृक्षों की जड़ें पानी में रहती हैं। ज्वार भाटा के समय इन वृक्षों के तने भी पानी में डूब जाते हैं। मैंग्रोव वनस्पति पर तापमान, वर्षा अवसाद, लवणता तथा जलधाराओं का भारी प्रभाव पड़ता है।
- मैंग्रोव शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली शब्द मैग्यू तथा अंग्रेजी शब्द ग्रोव से मिलकर हुई है। मैंग्रोव का उद्गम स्थल भारत का मलय क्षेत्र को कहा जाता है क्योंकि आज भी इस क्षेत्र में विश्व के सबसे अधिक मैंग्रोव प्रजातियां पाई जाती हैं।
- मैंग्रोव वनों को उनकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर 5 भागों में विभाजित किया जात है - लाल मैग्रोव, काली मैंग्रेाव, सफेद मैंग्रोव, बटनवुड मैंग्रेाव।
- यह एक सदाबहार झाड़ीनूमा या छोटा पेड़ होता है, जो तटीय लवण जल या लवणीय जल में वृद्धि करता है।
- इस शब्द का इस्तेमाल उष्णकटिबंधीय तटीय वनस्पतियों के लिये भी किया जाता है, जिसमें ऐसी ही प्रजातियाँ पाई जाति हैं।
- मैंग्रोव वन मुख्यतः 25 डिग्री उत्तर और 25 डिग्री दक्षिणी अक्षांशों के मध्य उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
मेंग्रोव वन
- मेंग्रोव वनों को ज्वारीय वन, दलदली (Swampy) अथवा डेल्टाई वन (Delta Forest) भी कहा जाता है । ये वन भारत में ज्वारीय दलदलों, तटीय लैगून, डेल्टा तथा पश्च-जल झीलों के समीप मिलते हैं।
- इन वनों का सबसे प्रसिद्ध वृक्ष सुन्दरी नामक वृक्ष है इसी के नाम पर गंगा- ब्रह्मपुत्र डेल्टाई वन को सुन्दरवन कहा जाता है।
- इसके अलावा गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भी ये वन पाए जाते हैं । इसलिए इन वनों को ‘कच्छ’ या ‘गरान वनस्पति’ भी कहते हैं।
कच्छ ऊंट (खराई ऊंट)
- गुजरात, खराई ऊंट का एकमात्र घर है, जो कच्छ के रण की विषम जलवायु और उच्च लवणता उथले समुद्रों के प्रति अनुकूलित हैं।
- खराई ऊंट तटीय द्वीपों के मेंग्रोव को अपने भोजन के रूप में उपयोग करते है। ये समुद्रों में तैरने में माहिर होते है।
- इनकी संख्या 10000 से भी कम है और इन्हें आईयूसीएन की रेड सूची में लुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया गया है।
भारत की प्रमुख मैंग्रोव वनस्पतियाँ Major mangrove flora of India
भारत में मैंग्रोव सभी तटीय राज्याों तथा भारत के द्वीपों में पाए जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार मैंग्रोव 4650 वर्ग किमी क्षेत्र में हैं। भारत में मोटे तौर पर 12 मैंग्रोव क्षेत्र हैं। सुंदरबन मैंग्रोव भारत का सबसे बड़ा मैंग्रोव क्षेत्र है। इस घने मैंग्रोव वन की मुख्य वनस्पति प्रजातियों में हिरीटियस-फेम्स, रिजफोरा प्रजाति, बु्रगेरिया प्रजाति, सेरिओस डेकान्डा, सोनरेशिया स्पीशीज आदि हैं। यह मैंग्रोव रॉयल बंगाल टाइगर तथा घडि़याल हेतु प्रसिद्ध है।
मैंग्रोव की सामाजिक एवं पारिस्थतिकीय महत्ता
- बाढ़ो, चक्रवातों, सागरीय लहरों तथा सुनामी के खतरों को कम करते हैं।
- वे तटीय व मृदा के अपरदन को रोकते हैं।
- वे पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण को कम करते हैं।
- मैंग्रोव अनेकों वनस्पतियों व जीवों को सहारा प्रदान करते हैं।
- स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
- मैंग्रोव का मनोरंजन संबंधी, ईको पर्यावरण तथा सौंदर्यात्मक मूल्य भी है।
भारत के प्रमुख मैंग्रोव Major mangrove flora of India
- भीतरकनिका- ओडिशा
- कुंडापरु- कर्नाटक
- गोआ- गोआ
- गोदावरी डेल्टा- आंध्रप्रदेश
- कच्छ की खाड़ी- गुजरात
- कृष्णा डेल्टा- सीमांधरा
- लोरिंगा- सीमांधरा
- महानदी डेल्टा- ओडिशा
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह- अंडमान एवं निकोबार द्वीप
- पिछवारम- तमिलनाडु
- प्वांइट केलियर- तमिलनाडु
- सुंदरवन डेल्टा- पश्चिम बंगाल
मैंग्रोव वन में कौन से वृक्ष पाए जाते हैं?
विश्व में चार मुख्य प्रकार के मैंग्रोव वृक्ष पाए जाते हैं - लाल मैंग्रोव, काले मैंग्रोव, सफेद मैंग्रोव और बटनवुड मैंग्रोव। लाल मैंग्रोव वनस्पति की श्रेणी में वे पौधे आते हैं जो बहुत अधिक खारे पानी को सहन करने की क्षमता रखते हैं तथा समुद्र के नज़दीक उगते हैं। राइज़ोफोरा प्रजाति के वृक्ष इसी श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं।
मैंग्रोव वन भारत में कहाँ पाया जाता है?
केरल के बैकवाटर में मैंग्रोव वन का घनत्व उच्च है। तमिलनाडु के पिचावरम में मैंग्रोव वनों से आच्छादित जल विस्तृत क्षेत्र में फैला है। यह कई जलीय पक्षी प्रजातियों का घर है। पश्चिम बंगाल में भारत के मैंग्रोव कवर का 42.45% हिस्सा है, इसके बाद गुजरात 23.66% और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 12.39% हैं।
भारत में मैंग्रोव वनस्पति सबसे अधिक कहाँ पाई जाती है?
सही उत्तर सुंदरबन है। देश की अधिकांश मैंग्रोव वनस्पति पूर्वी और पश्चिमी तटों पर पाई जाती है। भारतीय सुंदरवन वन क्षेत्र दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा संलग्न मैंग्रोव पारिस्थितिक क्षेत्र है।.
गुजरात (37 किमी),.
महाराष्ट्र (16 किमी),.
ओडिशा (8 किमी)।.
विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन कौन सा है?
मैंग्रोव वनों का विश्व का सबसे बड़ा क्षेत्र सुंदरबन है। सुंदरवन एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और कोलकाता से लगभग 110 किलोमीटर दूर 24 परगना जिले के दक्षिणपूर्वी छोर पर स्थित है।