लहरों के राजहंस के लेखक/नाटककार/रचयिता
लहरों के राजहंस (Laharon Ke Rajahans) के लेखक/नाटककार/रचयिता (Lekhak/Natakkar/Rachayitha) "मोहन राकेश" (Mohan Rakesh) हैं।
Laharon Ke Rajahans (Lekhak/Natakkar/Rachayitha)
नीचे दी गई तालिका में लहरों के राजहंस के लेखक/नाटककार/रचयिता को लेखक/नाटककार तथा नाटक के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। लहरों के राजहंस के लेखक/नाटककार/रचयिता की सूची निम्न है:-
लहरों के राजहंस | मोहन राकेश |
Laharon Ke Rajahans | Mohan Rakesh |
लहरों के राजहंस किस विधा की रचना है?
लहरों के राजहंस (Laharon Ke Rajahans) की विधा का प्रकार "नाटक" (Natak) है।
आशा है कि आप "लहरों के राजहंस नामक नाटक के लेखक/नाटककार/रचयिता कौन?" के उत्तर से संतुष्ट हैं। यदि आपको लहरों के राजहंस के लेखक/नाटककार/रचयिता के बारे में में कोई गलती मिली हो त उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं।
लहरों के राजहंस कौन सी विधा है?
“लहरों के राजहंस” मोहन राकेश द्वारा रचित 'नाटक' विधा की रचना है।
लहरों के राजहंस में कुल कितने अंक हैं?
“लहरों के राजहंस” नाटक में कुल तीन (3) अंक हैं।
मोहन राकेश का पहला नाटक कौन सा है?
मोहन राकेश हिंदी साहित्य के उन चुनिंदा साहित्यकारों में हैं जिन्हें 'नयी कहानी आंदोलन' का नायक माना जाता है और साहित्य जगत् में अधिकांश लोग उन्हें उस दौर का 'महानायक' कहते हैं। उन्होंने 'आषाढ़ का एक दिन' के रूप में हिंदी का पहला आधुनिक नाटक भी लिखा।
मोहन राकेश की कहानी का नाम क्या है?
आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे, पैैैर तले की जमीन (अधूरा, कमलेश्वर ने पूरा किया), सिपाही की मां, प्यालियां टूटती हैं, रात बीतने तक, छतरियां, शायद, हंः। क्वार्टर तथा अन्य कहानियाँ, पहचान तथा अन्य कहानियाँ, वारिस तथा अन्य कहानियाँ। मृच्छकटिक, शाकुंतलम।