इस सुपर कंप्यूटर से मौसम और भूकंप संबंधी सटीक भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी |
भारत की शीर्ष सॉफ़्टवेयर निर्यातक कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (टीसीएस) ने एशिया का पहला और दुनिया का चौथा सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर विकसित किया है.
ऐसा पहली बार है कि भारत में विकसित ऐसी प्रणाली को दुनिया के सबसे तेज़ 10 सुपर कंप्यूटरों में शुमार किया गया है.
इस्पात और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में दुनियाभर में अपनी धाक जमा चुके टाटा ने ह्यूलिट-पैकर्ड की मदद से यह अनूठी उपलब्धि हासिल की है.
अमरीका के रेनो शहर में कंप्यूटर गणना, नेटवर्किंग, स्टोरेज और विश्लेषण पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में घोषित शीर्ष 500 सुपर कंप्यूटरों की सूची में टीसीएस को यह प्रतिष्ठित स्थान हासिल हुआ.
एका यानी नंबर वन
समाचार एजेंसियों के अनुसार कंपनी ने इस नए सुपर कंप्यूटर को एका नाम दिया है. 'एका' संस्कृत शब्द है और जिसका अर्थ है - नंबर एक.
यह सुपर कंप्यूटर टाटा की पुणे स्थित कंप्यूटेशनल रिसर्च लेबोरेट्रीज़ यानी सीआरएल में तैयार किया गया.
इस सुपर कंप्यूटर के विकसित होने से भारत में वैज्ञानिक अनुसंधानों में तेज़ी आने की उम्मीद है.
यह विश्व का चौथा सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है और यह एक सेकंड में 117.9 खरब गणना कर सकता है.
सेना और शोध कार्यों में फ़ायदा
समाचार एजेंसियों के अनुसार इस सुपर कंप्यूटरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से विश्वविद्यालयों, सेना और विज्ञान शोध प्रयोगशालाओं में किया जा सकता है.
ये कंप्यूटर क्वॉन्टम फ़िजिक्स की गणना, मौसम एवं जलवायु संबंधी रिसर्च, रासायनिक तत्वों के अध्ययन और परमाणु हथियारों और विमानों के निर्माण में काफ़ी सहायक होते हैं.
टीसीएस के प्रमुख एस रामादुरई ने कहा, "इस सुपर कंप्यूटर से ऐसे क्षेत्रों में मदद मिलेगी जहाँ चंद सेकंडों में ही ख़रबों गणनाएँ करनी होती हैं."
उन्होंने कहा, "मौसम अनुमान, दवाओं की खोज और फाइनेंसियल मॉडलिंग जैसे क्षेत्रों में हम इसका इस्तेमाल करेंगे."