करवाचौथ पर रंगों के चुनाव को लेकर खास सतर्क रहने की जरूरत है. इस दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इसके अलावा भूरे रंग और सफेद कपड़ों से भी दूरी बनानी चाहिए.
हाइलाइट्स
नहीं पहने काले रंग के कपड़े
रुक जाता है व्रत का शुभ
करवाचौथ के लिए सुहागिन महिलाओं ने तैयारियां कर ली हैं. सुबह की सरगी के साथ व्रत की शुरुआत भी हो गई है. ऐसे में पूजा की तैयारियों से लेकर कपड़े के साथ मैचिंग चीजें अरेंज करने जैसी कई सारे काम होते हैं. बाहर जाकर शॉपिंग भी करनी होती है. करवाचौथ इस बार 13 अक्टूबर यानी गुरुवार को पड़ रहा है, जोकि अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को सज संवर कर तैयार होती हैं और चंद्रमा निकलने पर व्रत तोड़ती हैं. लेकिन जिस तरह से पूजा के नियम कानून हैं उसी तरह से कपड़े के रंग चुनने को लेकर भी कई सारी मान्यता है. आज हम आपको बताएंगे कि पूजा-पाठ में किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए और कैसे नहीं.
काले रंग के कपड़े
पूजा पाठ में वैसे भी काले रंग का कपड़ा शुभ नहीं माना जाता है. त्योहार में अक्सर लाल रंग को अति शुभ माना जाता है इसलिए आपने जो भी ड्रेस चुन रखी हो कोशिश करें कि उसमें काला रंग ना हो. इसे पहनना अशुभ माना जाता है.
सफेद
रंग के कपड़े
सुहागिन महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. वैसे तो ये रंग शांति और सौम्यता का प्रतीक है लेकिन पूजा-पाठ में ये शोभा नहीं देता इसलिए करवाचौथ पर महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े, साड़ी पहनने से बचना
चाहिए. इसी के साथ सफेद रंग की चीजों जैसे दही, दूध, चावल या सफेद वस्त्र आदि भी इस दिन दान नहीं करने चाहिए.
भूरा रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भूरा रंग भी करवाचौथ के दिन पहनना शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता है कि भूरे रंग पर राहु-केतु का प्रभाव अधिक होता है. ऐसे में करवाचौथ के इस शुभ दिन में सुहागिन महिलाएं ब्राउन रंग के कपड़ों से दूरी बनाकर रखें.
किस रंग की साड़ी पहनें?
लाल रंग सुहाग की प्रतीक होता है. ऐसा में अगर सुहागिन स्त्रियां लाल, महरुन, हरे रंग की साड़ी पहनती हैं तो भगवान प्रसन्न होते हैं और देखने में भी वो बहुत ही सुंदर दिखेंगी. इसके अलावा अगर आपको लाइट कलर पसंद हैं तो आप पीला, गुलाबी या फिर फिरोजी रंग भी चुन सकती हैं. इसके अलावा करवा चौथ पर शादी का जोड़ा
पहनना भी बहुत शुभ माना जाता है. इससे आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
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हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत एक विशेष स्थान रखता है
पति की लंबी उम्र के लिए पत्नी करवा चौथ का व्रत रखती है. यह व्रत सुहागिन स्त्रियां पूरे दिन निर्जला रहकर करती हैं. रात में जब चांद निकलता है तो उसे अर्घ्य देकर छलनी से अपने पति का चेहरा देखकर चंद्रदेव से उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए अपने व्रत को पूरा करती हैं. इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा.
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- News18Hindi
- Last Updated : October 12, 2022, 11:47 IST
हाइलाइट्स
इस दिन सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ की पूजा पूरे विधि विधान से करना चाहिएKarwa Chauth Vrat 2022: हिंदू धर्म में कई व्रत होते हैं जिनका विशेष महत्व बताया गया है. खास व्रतों में से एक करवा चौथ व्रत भी महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर 2022 को पड़ रहा है. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं और अपना व्रत खोलती हैं.
यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी अच्छे पति की कामना करते हुए रख सकती हैं. व्रत में पूजा के समय किन-किन सामग्रियों का होना जरूरी है. इस विषय में हमें बता रहे हैं ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
करवा चौथ व्रत पूजा का मुहूर्त
हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत एक विशेष स्थान रखता है. इस दिन सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और इस व्रत का पूरे नियम से पालन करते हुए विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना करती हैं. इस साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर 2022 की मध्य रात्रि 1:59 से शुरू होगी और 14 अक्टूबर 2022 की तड़के सुबह 3:08 पर समाप्त होगी. इस हिसाब से करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
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पूजा का शुभ समय
करवा चौथ व्रत की पूजा का शुभ समय 13 अक्टूबर 2022 की शाम 6:01 से रात 7:15 तक रहेगा. चंद्रोदय का समय रात में 8:19 रहेगा.
करवा चौथ व्रत की पूजा सामग्री
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ की पूजा पूरे विधि विधान से करना चाहिए. इस व्रत में पूजा सामग्री का विशेष महत्व है. पूजा के समय थाली में मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन, पान, कलश, चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाई, कच्चा, दूध, दही, देसी घी, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, कुमकुम, मौली ये सभी सामान होना जरूरी है.
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इन सबके अलावा सोलह श्रृंगार का सामान जैसे महावर, कंघा, मेहंदी, सिंदूर, चुनरी, बिंदी, चूड़ी, छलनी, बिछिया, करवा माता की तस्वीर, अगरबत्ती, कपूर, दीपक, गेहूं, रूई की बाती, लकड़ी का आसन, दक्षिणा, लहुआ, 8 पूरियों की अठावरी भी पूजा के लिए रखें.
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Tags: Dharma Aastha, Karwachauth, Religion
FIRST PUBLISHED : October 12, 2022, 11:47 IST