क मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ हमें क्या संदेश देता है? - ka maanaveey karuna kee divy chamak paath hamen kya sandesh deta hai?

‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ नामक पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।

Solution

‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ नामक पाठ के माध्यम से हमें फ़ादर जैसे ‘मानवीय करुणा के सागर’ बुल्के की तरह करुणा एवं सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने का संदेश मिलता है, वहीं यह भी संदेश मिलता है कि हमें अपनी मातृभूमि से असीम प्यार करना चाहिए। इसके अलावा हम भारतवासियों को विदेश में बसने का लोभ त्यागकर अपने देश की सेवा करनी चाहिए। हमें हिंदी और भारत दोनों का ही भरपूर आदर करने का संदेश भी मिलता है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)

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मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ का संदेश क्या है?

'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' नामक पाठ के माध्यम से हमें फ़ादर जैसे 'मानवीय करुणा के सागर' बुल्के की तरह करुणा एवं सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने का संदेश मिलता है, वहीं यह भी संदेश मिलता है कि हमें अपनी मातृभूमि से असीम प्यार करना चाहिए।

मानवीय करुणा की दिव्य चमक लेखक ने क्यों लिखा?

लेखक ने फादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा? फादर बुल्के के मन में अपने प्रियजनों के लिए असीम ममता और अपनत्व था। इसलिए लेखक ने फादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' कहा है।

दिव्य चमक से क्या अभिप्राय है?

मित्र मानवीय करूणा की दिव्य चमक का अर्थ है, ऐसा व्यक्ति जो करुणा के प्रकाश से ओत-प्रोत है। वह लोगों पर करुणा बरसाकर उनके जीवन को संवारता है।

मानवीय करुणा की दिव्य चमक पाठ के आधार पर परिमल किसका नाम था?

इस पाठ में, परिमल एक साहित्यिक संस्था है जिसे लेखक फादर बुल्के और उनके कुछ मित्रों ने आपस में मिलकर बनाया था। इस साहित्यिक संस्था में फादर बुल्के कुछ गंभीर बहस प्रकट करते थे जबकि उनके लेखक मित्र और उनके साथी रचना पर अपनी स्पष्ट राय दिया करते थे।

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