इलाहाबाद की नदी कितनी जा रही है? - ilaahaabaad kee nadee kitanee ja rahee hai?

प्रयागराज: गंगा-यमुना ने पकड़ी रफ्तार, खतरे का निशान कर सकती हैं पार, एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा, तस्वीरें

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 25 Aug 2022 01:53 AM IST

जिस बात की आशंका थी आखिरकार वहीं हुआ। गंगा और यमुना ने बीते 24 घंटे के दौरान ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दोनों ही नदियों के जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की  वृद्धि हो गई। दोनों ही नदियों के पानी में  जिस रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है उससे यही माना जा रहा है कि खतरे का निशान बृहस्पतिवार या शुक्रवार तक पार हो जाएगा। नदियों  में  बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए  प्रयागराज के लिए एनडीआरएफ की 36 सदस्यीय टीम भी यहां पहुंच चुकी है।

बीते दो दिन से गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।  नदियों का पानी बढ़ने की वजह से निचले इलाकों में आज काफी अंदर तक बाढ़ का पानी घुस आया। बाढ़ का पानी बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन ने राहत शिविरों की  संख्या भी बढ़ाकर 15 कर दी है। इसके  अलावा 98 बाढ़  चौकियां भी बना दी हैं। दरअसल मध्य प्रदेश, उत्तराखंड  में हो रही बारिश प्रयागराज वासियों के लिए आफत बन गई है।

बारिश का पानी गंगा और यमुना के सहारे प्रयागराज पहुंच रहा है। जलस्तर बढ़ने से गंगा और यमुना दोनों के ही खतरे का निशान पार करने की संभावना बन गई है। उधर पानी बढ़ने से  सलोरी, शिवकुटी, छोटा बघाड़ा, गंगानगर, पितांबर नगर, बेली गांव, गौस नगर, दारागंज, रसूलाबाद, जोंधवल,  गड्ढा कालोनी आदि इलाकों में रहने वाले  लोगों  के  दिलों की धड़कन बढ़ गई है।

दहशतजदा लोग  जो पहले भी बाढ़ का कहर झेल चुके हैं उन्होंने अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया है। पत्रकार कालोनी में रहने वाली सुषमा ने बताया कि उनके घर के  काफी  करीब पानी पहुंच चुका है। इसी वजह से वह बृहस्पतिवार को घर से जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर जाएंगी। 

15 लाख क्यूसेक  से ज्यादा पानी आ रहा है प्रयागराज, यमुना में ज्यादा उफान
गंगा के मुकाबले प्रयागराज में यमुना में पीछे से ज्यादा पानी आ रहा है। ललितपुर स्थित माता टीला बांध के  कई गेट पिछले कई दिनों से खुले हुए हैं। इस वजह से यमुना की सहायक नदियां केन एवं बेतवा भी उफान पर हैं।

राजस्थान के  कोटा से पिछले सप्ताह पांच लाख और  दो दिन पहले ही 12 लाख क्यूसेक पानी छोड़  दिए जाने से चंबल भी उफान पर है। चंबल का भी पानी यमुना में  मिलता है। बुधवार की  रात  आठ बजे यमुना का  नैनी में जलस्तर 83 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। उधर फाफामऊ  में गंगा का जलस्तर रात  आठ बजे 83.08 मीटर पर पहुंच गया था। प्रयागराज में दोनों ही नदियों के  खतरे का निशान 84.734 मीटर है। 

By: Inextlive | Updated Date: Thu, 18 Aug 2022 00:54:42 (IST)

गंगा-यमुना का पानी तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है. बुधवार को यह रफ्तार एक सेमी प्रति घंटे दर्ज की गई. बाढ़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन भी एलर्ट हो गया है. डीएम ने बक्शी बांध स्थित एसटीपी का निरीक्षण कर पंपों की स्थिति की जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि कछार में रहने वाले लोगों की शिफ्टिंग के बंदोबस्त किए जाएं. शरणालयों की साफ सफाई आदि की व्यवस्था कर ली जाए.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वही बंधवा स्थित लेटे हनुमान 48 घंटे के भीतर गंगा स्नान कर सकते हैं। जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिस गति से गंगा का पानी बढ़ रहा है उससे यही उम्मीद लगाई जा रही है। बता दें यूपी समेत तमाम प्रदेशों में बारिश चरम पर होने की वजह से लगातार गंगा यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है। गंगा में कानपुर बैराज से बुधवार को पुन: एक लाख 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं एक दिन पहले 1.27 लाख क्यूसेक पानी रिलीज किया गया था। इसी तरह यमुना में ललितपुर स्थित माताटीला बांध तथा यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है, यही कारण है कि दोनों नदियों में एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है।

कहां कितना बढ़ गया पानी

बुधवार की शाम गंगा का जलस्तर 80.38 मीटर और यमुना का जलस्तर 80.14 मीटर दर्ज किया गया। दोनों नदियो में महज आठ घंटे में क्रमश: 8 और 9 सेमी जलस्तर बढ़ा है। यह रफ्तार आगे भी बनी रह सकती है। अधिकारियों का कहना है कि अगर टोंस नदी में अधिक उफान आया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। क्योंकि यही नदी गंगा-यमुना के पानी को आगे बढऩे से रोक देती है। फिलहाल टोंस का बहाव भी जबरदस्त बना हुआ है।

मौके पर पहुंचे डीएम, जाना तैयारियों का हाल

डीएम संजय कुमार खत्री ने बक्शीबांध स्थित एसटीपी का निरीक्षण किया तथा वहां पर बाढ़ की स्थिति की जानकारी लेते हुए तैयारियों को दुरूस्त बनाये रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने एसटीपी की मशीनों तथा पम्पों की क्रियाशीलता की जानकारी ली तथा विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता को विद्युत की आपूर्ति तथा सेपरेट फीडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए.एसडीएम सदर को नावों की टैगिंग कराये जाने का निर्देश दिया है। अल्लापुर स्थित पम्पिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया तथा सभी मशीनों की क्रियाशीलता को चेक किया। मोरी गेट पम्पिंग स्टेशन, दारागंज का निरीक्षण करते पम्पों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने सम्भावित बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगो को सर्तक कराये जाने का निर्देश उपजिलाधिकारी सदर को दिया है। उनके सिफ्टिंग करने के लिए शरणालय में साफ-सफाई सहित सभी व्यवस्थायें चुस्त-दूरूस्त करने के लिए कहा है।

नदियों की जलस्तर

गंगा- 80.38 मीटर

यमुना- 80.14 मीटर

खतरे का निशान- 84.73 मीटर

इलाहाबाद की नदी कितनी चल रही है?

Flood in Prayagraj: और बढ़ेगा Ganga-Yamuna का जलस्‍तर, खतरे के निशान से ऊपर हैं दोनों नदियां Prayagraj Flood News मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा और उत्तराखंड के बांधों और बैराजों से 33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है।

प्रयागराज में बढ़ की क्या स्थिति है?

प्रयागराज में गंगा -यमुना नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। पिछले 24 घण्टे में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर नीचे पहुंच चुका है। बता दें कि करीब 10 दिन पहले शहर के सभी कछारी क्षेत्रों में बसे मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका था। करीब तीन दर्जन मोहल्लों में स्थिति बहुत भयावह थी।

प्रयागराज में गंगा का जलस्तर कितना बड़ा है?

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्‍तर से लोग परेशान हैं। विकराल रूप धारण कर चुकीं गंगा और यमुना खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर है।

गंगा का पानी कितना है?

गंगा नदी में बाढ़ की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi - NDTV India.

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग