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गिरिजाकुमार माथुर
22 अगस्त 1919 |
10 जनवरी 1994 |
अशोकनगर, ग्वालियर, मध्य प्रदेश |
मंजीर (1941), नाश और निर्माण (1946), धूप के धान (1954), जनमक़ैद (1957), मुझे और अभी कहना है, शिलापंख चमकीले (नाटक-संग्र, 1961), जो बंध नहीं सका, मैं वक़्त के हूँ सामने, भीतरी नदी की यात्रा, छाया मत छूना मन |
शलाका सम्मान , साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित।।। |
गिरिजाकुमार माथुर / परिचय |
कविता-संग्रह
- तार सप्तक / गिरिजाकुमार माथुर (तार सप्तक में संकलित कविताएँ)
- मुझे और अभी कहना है / गिरिजाकुमार माथुर
- धूप के धान / गिरिजाकुमार माथुर
- मैं वक़्त के हूँ सामने / गिरिजाकुमार माथुर
- पृथ्वी कल्प / गिरिजाकुमार माथुर
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- मेरे युवा-आम में नया बौर आया है / गिरिजाकुमार माथुर
- इतना मत दूर रहो गन्ध कहीं खो जाए / गिरिजाकुमार माथुर
- बरसों के बाद कभी / गिरिजाकुमार माथुर
- छाया मत छूना / गिरिजाकुमार माथुर
- कौन थकान हरे जीवन की / गिरिजाकुमार माथुर
- हम होंगे कामयाब / गिरिजाकुमार माथुर
- ढाकबनी / गिरिजाकुमार माथुर
- खुले बालों की रात / गिरिजाकुमार माथुर
- दो पाटों की दुनिया / गिरिजाकुमार माथुर
- आज हैं केसर रंग रंगे वन / गिरिजाकुमार माथुर
- चूड़ी का टुकड़ा / गिरिजाकुमार माथुर
- नया कवि / गिरिजाकुमार माथुर
- पन्द्रह अगस्त / गिरिजाकुमार माथुर
- भीगा दिन / गिरिजाकुमार माथुर
- नया बनने का दर्द / गिरिजाकुमार माथुर
- ख़ुशबू बहुत है / गिरिजाकुमार माथुर
- अनकही बात / गिरिजाकुमार माथुर
- मैं कैसे आनन्द मनाऊँ / गिरिजाकुमार माथुर
- चाँदनी की रात है / गिरिजाकुमार माथुर
- पन्द्रह अगस्त / गिरिजाकुमार माथुर
- कौन थकान हरे / गिरिजाकुमार माथुर
- विदा समय क्यों भरे नयन हैं / गिरिजाकुमार माथुर
- भूले हुओं का गीत / गिरिजाकुमार माथुर
- भटका हुआ कारवाँ / गिरिजाकुमार माथुर
- इतिहास की कालहीन कसौटी / गिरिजाकुमार माथुर
- मेरे सपने बहुत नहीं हैं / गिरिजाकुमार माथुर
- आदमी की अनुपात / गिरिजाकुमार माथुर
- वक़्त ज़रा थम जा / गिरिजाकुमार माथुर
श्रेणियाँ:
- रचनाकार
- "ग" अक्षर से शुरु होने वाले नाम
- 22 अगस्त को जन्म
- अगस्त में जन्म
- 1919 में जन्म
- दशक 1910-1919 में जन्म
- 10 जनवरी को निधन
- जनवरी में निधन
- 1994 में निधन
- दशक 1990-1999 में निधन
- मध्य प्रदेश
गिरिजाकुमार माथुर ने कौन सा गीत लिखा है?
उनका ही लिखा एक भावान्तर गीत "हम होंगे कामयाब" समूह गान के रूप में अत्यंत लोकप्रिय है। १९९१ में आपको कविता-संग्रह "मै वक्त के हूँ सामने" के लिए हिंदी का साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा इसी काव्य संग्रह के लिए १९९३ में के० के० बिरला फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित व्यास सम्मान प्रदान किया गया।
गिरिजाकुमार माथुर कौन से राज्य के थे?
गिरिजाकुमार माथुर एक कवि, नाटककार और समालोचक थे. उनका जन्म 22 अगस्त, 1919 को मध्य प्रदेश के अशोक नगर में हुआ था. गिरिजाकुमार माथुर ने की कविताओं में यथार्थवाद दिखाई देता है तो उनमें प्रेम और सौन्दर्य की बारीकियां भी हैं.
गिरिजाकुमार माथुर के बारे में आप क्या जानते हैं?
गिरिजा कुमार माथुर तार सप्तक के पहले सात कवियों में शामिल थे, जबकि उनकी पत्नी शकुंत माथुर अज्ञेय द्वारा सम्पादित सप्तक परम्परा ('दूसरा सप्तक') की पहली कवयित्री रहीं. 1943 में 'ऑल इंडिया रेडियो' की नौकरी आरंभ करने वाले गिरिजा कुमार माथुर दूरदर्शन के उप-महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
गिरिजाकुमार माथुर जी का जीवन काल क्या था *?
गिरिजाकुमार माथुर (अंग्रेज़ी: Girija Kumar Mathur, जन्म: 22 अगस्त, 1919; मृत्यु: 10 जनवरी, 1994) एक कवि, नाटककार और समालोचक के रूप में जाने जाते हैं। लम्बे अरसे तक इन्होंने आकाशवाणी की सेवा की।