बेटी के बचपन को कवयित्री ने कैसे वर्णन किया है? - betee ke bachapan ko kavayitree ne kaise varnan kiya hai?

विषयसूची

  • 1 कवयित्री ने बचपन को अतुलित आनंद देनेवाला क्यों कहा है?
  • 2 कोयल चिड़ियों की रानी क्यों कहलाती है?
  • 3 ऊँच नीच का ज्ञान नहीं था पंक्ति में निहित भाव क्या है?
  • 4 कोयल बादलों से क्या माँगती है?

कवयित्री ने बचपन को अतुलित आनंद देनेवाला क्यों कहा है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : बचपन अतुलित आनन्द का भंडार होता है। कवयित्री आपनी नन्ही सी बेटी को पाकर खोद भी अपने बचपन में लौट जाना चाहती। वह निर्मल खेलना खाना निर्भय स्वच्छंद विचरण, बचपन की भोली-सी मधुर सरलता, रोना और हठ करना। यह छोटी-छोटी सी खुशियाँ भी जीवन को आनन्द से भर देती है।

कवि ने कौए के भाग्य की सराहना क्यों की है?

इसे सुनेंरोकेंकवि ने कौए के भाग्य की सराहना क्यों की है? उत्तर: कवि ने कौए के भाग्य की सराहना इसलिए की है कि कौए को भगवान का साक्षात् स्पर्श प्राप्त हो गया जबकि बड़े-बड़े भक्तों को यह प्राप्त नहीं होता है।

सुभद्रा कुमारी का बचपन कब लौट आता है?

इसे सुनेंरोकेंविवाह के पश्चात् उसे घर सूना-सा लगने लगा। तभी उसके घर में एक बेटी ने जन्म लिया और कवयित्री की तो जैसे सारी दुनिया ही बदल गई। बिटिया की ‘ओ माँ’ पुकार और माँ काओ’ (माँ खाओ) जैसी भोली मनुहार ने उसके जीवन में जैसे उसके बचपन को फिर से साकार कर दिया। इस प्रकार सुभद्रा जी का बचपन नया रूप-बेटी-बनकर उन्हें फिर से मिल गया।

कोयल चिड़ियों की रानी क्यों कहलाती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 5: कोयल चिड़ियों की रानी क्यों कहलाती है? उत्तर: कोयल सबसे मीठी बोली बोलती है, प्यासी धरती के लिए मेघों को बुलाती है और सदा ही अपनी माँ की बात मानती है। अपने इन्हीं अच्छे गुणों के कारण वो चिड़ियों की रानी कहलाती है।

छोटी सी कुटिया नंदन वन सी क्यों फूल उठी?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: इसका आशय यह है कि जब कवियत्री अपने बचपन की यादों में खोकर अपने बचपन को बुला रही थी उसी समय उनकी बिटिया आकर ‘माँ ओ!’ कहकर पुकारने लगी। उसके पुकारने से कवियत्री की नंदन समान छोटी सी कुटिया फूल की तरह खिल उठा। उसके बुलाने से कवियित्री को ऐसा एहसास हुआ कि मानो उनका बचपन वापस लौट आया है।

मेरा नया बचपन कविता में कवि ने बचपन की कौन कौन सी विशेषताओं का वर्णन किया है अपने शब्दों में लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंकवयित्री को अपने बचपन की बार-बार याद आती है। वह बिस्तार से बचपन के आनंदों का वर्णन करती है। कवयित्री का यह बचपन के प्रति आकर्षण दिखावटी नहीं है। वह चिंतारहित होकर खेलना-खाना, ऊँच-नीच, छुआ-छूत रहित मस्ती, रोना-मचलना और मनना बचपन की एक-एक घटना को कवयित्री ने बड़ी भावुकता से याद किया है।

ऊँच नीच का ज्ञान नहीं था पंक्ति में निहित भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकवयित्री कहती हैं कि उस बचपन में मेरे मन में ऊँच-नीच की भावना नहीं थी अर्थात् मैं बिना किसी छोटे-बड़े के भेद के सबके साथ खेला करती थी और न ही मैं छुआछूत जानती थी। मैं उस समय झोंपड़ी में रहते हुए तथा चीथड़े पहने रहने पर भी रानी जैसी बनी हुई थी।

चिंता रहित खेलना खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छंद कैसे भूला जा सकता है बचपन का अतुलित आनंद?

इसे सुनेंरोकेंचिंता-रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छंद। कैसे भूला जा सकता है बचपन का अतुलित आनंद? ऊँच-नीच का ज्ञान नहीं था छुआछूत किसने जानी? बनी हुई थी वहाँ झोंपड़ी और चीथड़ों में रानी॥

कवयित्री का बचपन फिर से कैसे लौट आया है?

इसे सुनेंरोकेंकवियत्री को फिर से बचपन जीने का अनुभव अपनी बेटी के रूप में प्राप्त हुआ। जो बचपन उनसे भाग गया था वह फिर से बच्ची के रूप में लौट आया। जब बच्ची मांँ को मिट्टी खिलाने आती है तब इस बात से खुश होकर कवियत्री भी बच्ची बन जाती है और उसके साथ खूब खेलती, उसकी तरह खाती तथा तुतलाती है।

कोयल बादलों से क्या माँगती है?

इसे सुनेंरोकेंक्‍या गाती हो, किसे बुलाती, बतला दो कोयल रानी। प्‍यासी धरती देख, माँगती हो क्‍या मेघों से पानी? इसीलिए छाया करने को तुम बादल बुलवाती हो॥ जो कुछ भी हो, तुम्हें देख कर हम कोयल, खुश हो जाते हैं।

Lesson-13

  मेरा नया बचपन  

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

(क) बचपन में ऐसी कौन-सी विशेषता होती है, जिसकी बार-बार याद आती है?

उत्तर: बचपन में हमारा मन निर्भय तथा स्वच्छंद होता है। हमें किसी का भी भय नहीं होता। निर्भय मन से हम खाते, खेलते तथा उछल कूद करते हैं। बिना किसी स्वार्थ के हम सभी से दोस्ती करते हैं और उनके साथ मस्ती मजाक करते हैं। बचपन की यही खास विशेषताएं है जिसकी हमें बार-बार याद आती है।

(ख) कवियत्री क्यों चाहती है कि उनका बचपन फिर से लौट आए?

उत्तर: कवियत्री जब छोटी बच्ची थी तब वह अपने आंगन में बिना किसी भय के यहांँ वहांँ फिरा करती थी। तब उन्हें किसी बात की चिंता नहीं थी। दिनभर खेलती और भूख लगने पर मांँ उसे खाना खिला दीया करती थी। रोने पर मांँ उसे गोदी में  उठाकर चूम चूमकर गीले गालों को सुखा दिया करती थी। बचपन का वह सरल जीवन जिसमें सिर्फ प्यार था, उसमें किसी प्रकार का छल या पाप नहीं था। बचपन की इन्हीं यादों को याद कर कवियत्री चाहती है कि उनका बचपन फिर से लौट आए।

(ग)'वह प्यारा जीवन निष्पाप'-का अर्थ स्पष्ट करो।

उत्तर: वह प्यारा जीवन निष्पाप इसका अर्थ यह है कि बचपन में हर एक बच्चे का दिल साफ और निर्मल होता है। बचपन का समय ही एक ऐसा समय है जिसमें न छल है न कपट वह बिल्कुल पाप से मुक्त होता है। अर्थात निस्पाप होता है।

(घ) 'मेरा नया बचपन' कविता के प्रतिपाद्य को स्पष्ट करो।

उत्तर: मेरा नया बचपन नामक कविता के माध्यम से सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी बेटी के रूप में अपने ही बचपन को याद किया है। उनका कहना है कि उनको बचपन की वह मधुर स्मृति याद आ जाती है जब वह आंगन में खेला करती थी। मांँ के हाथों से खाना खाया करती थी, चिंता रहित निर्भय होकर यहांँ वहांँ फिरा करती थी। बचपन का वह अतुलित आनंद कवियत्री भुला नहीं सकती। इसीलिए बचपन को याद कर कवित्री बचपन को बुलाती है।

                कवियत्री को फिर से बचपन जीने का अनुभव अपनी बेटी के रूप में प्राप्त हुआ। जो बचपन उनसे भाग गया था वह फिर से बच्ची के रूप में लौट आया। जब बच्ची मांँ को मिट्टी खिलाने आती है तब इस बात से खुश होकर कवियत्री भी बच्ची बन जाती है और उसके साथ खूब खेलती, उसकी तरह खाती तथा तुतलाती है। अतः कवियत्री कहना चाहती है कि बचपन का समय ही एक ऐसा समय होता है जिसमें न छल कपट होता है और न ही छुआछूत की भावना उत्पन्न होती है। वह बिलकुल निर्मल तथा निष्पाप  होती है।

2. आशय स्पष्ट करो:

(क) बार बार आती है मुझको

       मधुर याद बचपन तेरी।

               गया ले गया तू जीवन की,

               सबसे मस्त खुशी मेरी।

उत्तर: इसका आशय यह है कि सुभद्रा कुमारी चौहान अपने बचपन को याद कर बचपन से कहती है कि- है बचपन तेरी मधुर यादें मुझे बार-बार याद दिलाती है। बचपन का वह खेलना, खाना, उछल कूद करना, मांँ के द्वारा गोदी में उठाकर प्यार करना ऐसे अनेक स्मृतियांँ कवियत्री को बचपन का स्मरण करा जाती है। अब जब वह बड़ी हो चुकी है उन्होंने अपने जीवन की सबसे खुशी भरे पल को गवा दिया है। इसलिए कवियत्री बचपन को ही कहती है कि मेरी जीवन की सबसे मस्त भरी खुशी तू मेरे से ले गया।

(ख) मैं बचपन को बुला रही थी,

       बोल उठी बिटिया मेरी,

               नंदन-वन-फुल उठी,

               यो छोटी सी कुटिया मेरी।

उत्तर: इसका आशय यह है कि जब कवियत्री अपने बचपन की यादों में खोकर अपने बचपन को बुला रही थी उसी समय उनकी बिटिया आकर 'माँ ओ!' कहकर पुकारने लगी। उसके पुकारने से कवियत्री की नंदन समान छोटी सी कुटिया फूल की तरह खिल उठा। उसके बुलाने से कवियित्री को ऐसा एहसास हुआ कि मानो उनका बचपन वापस लौट आया है।

3. निम्नलिखित कथनों में से सही विकल्प को चुनो:

(क) कवियत्री को बार-बार बचपन की याद आती है क्योंकि-

उत्तर:बचपन अतुलित आनंद का भंडार होता है।

(ख) बड़े-बड़े मोती से आंसू-

उत्तर:जयमाला पहनाते थे।

(ग) बचपन में रोने पर कवियत्री की मांँ-

उत्तर:उन्हें गोद में उठाकर खूब प्यार करती थी।

(घ) कवियत्री की बिटिया उन्हें क्या खिलाने आई थी?

उत्तर:मिट्टी

4. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दो:

(क) 'मेरा नया बचपन' कविता की रचयिता कौन है?

उत्तर:सुभद्रा कुमारी चौहान।

(ख) कवियत्री किसे बुला रही थी?

उत्तर: कवियत्री अपने बचपन को बुला रही थी।

(ग) कवियत्री को नया जीवन किस रूप में प्राप्त हुआ?

उत्तर: कवियत्री को नया जीवन अपनी बिटिया की मंजुल मूर्ति देखकर प्राप्त हुआ।

(घ) कवियत्री को मिट्टी खिलाने कौन आई थी?

उत्तर: कवियत्री को मिट्टी खिलाने उनकी बिटिया आई थी।

(ङ) अपनी बिटिया की किस बात से कवियत्री बहुत खुश हुई?

उत्तर: बिटिया द्वारा अपनी मांँ को मिट्टी खिलाने की बात से कवियत्री बहुत खुश हुई।

(च) कवियत्री के पास बचपन क्या बनकर आया?

उत्तर:कवियत्री के पास बचपन बेटी बनकर आया।

(छ) किसकी मंजुल मूर्ति देखकर कवियत्री में नव-जीवन जाग उठा?

उत्तर:अपनी बिटिया की मंजुल मूर्ति देखकर कवियत्री में नव-जीवन जाग उठा।

(ज) क्या तुम्हें भी बचपन प्रिय है? 

उत्तर:हांँ मुझे भी बचपन प्रिय है।

Answer by Reetesh Kumar Das (MA in Hindi)

Spelling Check by Dikha Bora

Edit By Dipawali Bora (24.04.2022)

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कवित्री अपने बचपन को कैसे याद कर रही थी?

कवयित्री आपनी नन्ही सी बेटी को पाकर खोद भी अपने बचपन में लौट जाना चाहती। वह निर्मल खेलना खाना निर्भय स्वच्छंद विचरण, बचपन की भोली-सी मधुर सरलता, रोना और हठ करना। यह छोटी-छोटी सी खुशियाँ भी जीवन को आनन्द से भर देती है।

मेरा नया बचपन कविता में कवि ने बचपन की कौन कौन सी विशेषताओं का वर्णन किया है अपने शब्दों में लिखिए?

कवयित्री को अपने बचपन की बार-बार याद आती है। वह बिस्तार से बचपन के आनंदों का वर्णन करती है। कवयित्री का यह बचपन के प्रति आकर्षण दिखावटी नहीं है। वह चिंतारहित होकर खेलना-खाना, ऊँच-नीच, छुआ-छूत रहित मस्ती, रोना-मचलना और मनना बचपन की एक-एक घटना को कवयित्री ने बड़ी भावुकता से याद किया है।

बिटिया कवयित्री को क्या खिलाने आई थी?

उत्तर: कवयित्री की बिटिया कवयित्री को मिट्टी खिलाना चाहती थी

मेरा नया बचपन कविता की कवयित्री कौन हैं?

(घ) मेरा नया बचपन कविता के प्रतिपाद्य को स्पष्ट करो। उत्तर :- प्रस्तुत कविता में कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी बेटी के रुप में अपने ही बचपन के वर्णन किया है। बचपन अतुलित आनंद का भंडार होता है।

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