परिचय
2. जैव प्रक्रम : श्वसन
अतिलघु उतरिय प्रश्न
1. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज के ऑक्सीकरण को क्या कहते हैं?
Ans:- अवायवीय श्वसन
2. ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोज के ऑक्सीकरण को क्या कहते हैं?
Ans:- वायवीय श्वसन
3. जैव कोशिकाओं में रासायनिक उर्जा का सार्वजनिक वाहक क्या कहते हैं?
Ans:- जैव उर्जा (ATP)
4. कोशिकीय ईंधन किसे कहते हैं?
Ans:- –ग्लूकोस (कोशिकीय इंधन)
5. सम्पूर्ण श्वशन क्रिया के दो प्रमुख चरणों के नाम क्या है?
Ans:- प्रश्वास तथा उच्छवास
6. श्वसन जीवो के लिए क्यों आवश्यक है?
Ans:- ऑक्सीजन को शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाने तथा ग्लूकोस के ऑक्सीकरण के लिए श्वसन आवश्यक है |
7. श्वसन की प्रक्रिया में उपोत्पाद के रूप में क्या मुक्त होता है?
Ans:- कार्बोनडाइऑक्साइड, जल तथा उर्जा
8. श्वसन के दो चरणों को किस आधार पर बांटा गया है?
Ans:- ऑक्सीजन की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर।
9. अवायवीय श्वसन किसे कहते हैं?
Ans:- वैसा श्वसन जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है |
10. वायवीय श्वसन की क्रिया किस स्थिति में आरंभ होती है?
Ans:- वैसा श्वसन जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है |
11. पायरुवेट का पूर्ण ऑक्सीकरण किस चरण में होता है?
Ans:- ऑक्सीजन की उपस्थिति में तीसरे चरण में
12. पौधें में श्वसन गैसों का आदान-प्रदान किन अंगों से होता है?
Ans:- रंध्रों से , वातरंध्रों से , अंतरकोशिकीय स्थानों से
13. पौधें में गैसों का विनिमय किस क्रिया से होता है?
Ans:- विसरण क्रिया से
14. अमीबा तथा पैरामीशियम में श्वसन शरीर की कौन-सी संरचना के माध्यम से होता है?
Ans:- कोशिका झिल्ली से विसरण द्वारा
15. मछली के श्वसन अंग का नाम लिखें।
Ans:- गिल्स
16. स्थलीय कीट तथा मनुष्य के श्वानांगों के नाम लिखें।
Ans:- ट्रैकिया तथा फेफड़ा
17. स्थलीय किटों में पाए जानेवाले श्वसन का प्रकार क्या कहलाता है?
Ans:- वायवीय
18. बर्टीब्रेटा के दो ऐसे वर्गो के नाम लिखें जिनमे श्वसन केवल फेफड़ा से होता है।
Ans:- एवीज तथा मैमेलिया
19. मनुष्य में श्वसन क्रिया में प्रयुक्त सम्पूर्ण अंगो के नाम लिखें।
Ans:- नासिका छिद्र, लैरिंक्स , ट्रैकिया तथा फेफड़ा
20. फेफड़ा द्वारा श्वसन किन दो क्रियाओं से पूरा होता है?
Ans:- प्रश्वास तथा उच्छवास।
21. पचे हुऐ भोज्य पदार्थ से ऊर्जा का उत्पादन किस क्रिया से होता है?
Ans:- ऑक्सीकरण (Oxidation) से |
22. यीष्ट में पायरुवेट से इथेनॉल किस क्रिया द्वारा बनता है?
Ans:- किण्वन विधि द्वारा।
23. ज्यादा चलने के बाद हमारी मांशपेसियों में क्रैंप किस यौगिक के निर्माण से होता है?
Ans:- लैक्टिक अम्ल
24. ग्रशनी कंठद्वार के नीचे कहां खुलती है?
Ans:- स्वरयंत्र
25. श्वसन के प्रथम चरण में बने पायरुवेट का पूर्ण ऑक्सीकरण कहां होता है?
Ans:- माइटोकांड्रिया में।
26. प्रत्यक श्वासनी फेफड़े में प्रवेश कर विभाजित होने के बाद क्या बनाती है?
Ans:- श्वस्निकाएं
27. मनुष्य के शरीर में फेफड़ा कहाँ अवस्थित रहता है?
Ans:- वक्षगुहा
28. वक्षगुहा के पश्य भाग में अवस्थित एक गुबंद के आकार की संरचना को क्या कहते हैं?
Ans:- डायाफ्राम
29. हीमोग्लोबिन कहाँ अवस्थित रहता है?
Ans:- रक्त के लाल रक्त कनिका (RBC) में
30. रक्त से फेफड़ा में आया CO2 का बची हवा के साथ निष्कासन की क्रिया को क्या कहते हैं?
Ans:- उच्छवास
31. श्वासोच्छवास का नियंत्रण कहाँ से होता है?
Ans:- फेफड़ा से
32. श्वसन केंद्र मस्तिष्क के किस भाग में अवस्थित होता है?
Ans:- पश्य भाग में
लघु उतरिय प्रश्न
1. श्वसन सजीवों के लिए क्यों अनिवार्य है?
Ans:- श्वसन वह क्रिया है जिसके द्वारा शरीर के सभी भागों तक ऑक्सीजन पहुंचता है, पचे हुए भोजन से ऊर्जा का उत्पादन होता है, और परिवहन की क्रिया सुचारू रूप से संपन्न होती है। इसके लिए श्वसन सजीवो के लिए अनिवार्य है।
2. श्वसन की परिभाषा लिखें।
Ans:- जीवों शरीर में होनेवाली वैसी जैविक रासायनिक अभिक्रिया जिसमें जीव वायुमंडल से ऑक्सीजन को ग्रहण करके शरीर के अंदर भेजते हैं, जिसमे ऊर्जा की प्राप्ति होती है, श्वसन कहलाता है।
3. सम्पूर्ण श्वसन की प्रक्रिया को समीकरण से दर्शाएं।
Ans:- C6H12O6+6O2 Enzymes 6CO2+6H2O + Energy
4. ग्लूकोज के आंशिक ऑक्सीकरण से किन किन यौगिक का निर्माण होता है?
Ans:- इथेनॉल, CO2, तथा पायरुवेट के दो अणु
5. लगातार दौड़ने से व्यक्ति की मांशपेशियों में दर्द क्यों होता है?
Ans:- लगातार दौड़ने से हमारे शरीर की मांसपेशियों कड़ी हो जाती है, शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती, मानशपेशियों के बीच खाली जगह बन जाता है और उसमें लैक्टिक अम्ल का निर्माण हो जाता है, यही कारण से दौड़ने से पेशियों में दर्द होता है।
6. किण्वन किस प्रकार का श्वसन है? यह कहाँ से होता है?
Ans:- किण्वन एक प्रकार का अवायवीय श्वसन है, जो यीस्ट में होता है। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जब यिस्ट में ग्लूकोज का विखंडन होता है, तब इथेनॉल और CO2 बनता है, जिस क्रिया को किण्वन कहते है।
7. श्वसानिकाएं क्या है?
Ans:- नाक द्वारा भेजे गए ऑक्सीजन को लेकर फेफड़े तक जो पहुंचने का काम करता है उसे ट्रैकिया कहा जाता है। इसकी लंबाई 11 cm और व्यास 16mm होता है।
मानव तंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
8. मछलियों में गिल्स कहाँ अवस्थित होता है?
Ans:- मछलियों में गिल्स गिल्स कोष्ट में अवस्थित होता है। यह मुंह के पीछे और नेत्र के नीचे चपटे थैली में होता है। मछिलियों का गलफडा 'C ' आकार का लाल रंग 4का होता है।
9. मानव शरीर की कौन कौन सी संरचना श्वसन अंगों का निर्माण करती है?
Ans:- नासिका छिद्र, नासागुहा, श्वासनली, श्वासनि, श्वासनिकाएँ तथा फेफड़ा मिलकर श्वसन अंग का निर्माण करती है।
बिहार बोर्ड कक्षा 10 प्रश्न उत्तर
10. श्वासोच्छास क्या है?
उतर – मनुष्य जब श्वसन क्रिया द्वारा O2 को शरीर के अंदर भेजता है, तब रक्त के माध्यम से सभी भागों तक पहुंच जाता है। फिर ऊर्जा उत्पन्न के बाद CO2 के रूप में उच्छवास द्वारा बाहर निकल जाता है, यह पूरी प्रक्रिया श्वासोच्छास कहलाती है। इसका अर्थ होता है सॉस लेना और छोड़ना।
दीर्घ उतरीय प्रश्न
1. अवायवीय एवम वायविय श्वसन अंतर स्पष्ट करें |
Ans:- अवायवीय तथा वायवीय श्वसन में निम्न अंतर है:_
वायवीय | अवायवीय |
1. वायवीय श्वसन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है | 2. वायवीय श्वसन का प्रथम चरण कोशिकद्र्व्य में तथा द्विदीय चरण माइटोकांड्रिया में पूरा होता है | 3. वायवीय श्वसन में ग्लूकोस का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल का निर्माण होता है | 4. वायवीय श्वसन में उर्जा ज्यादा मात्रा में मुक्त होती है | 1. अवायवीय श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है | 2. अवायवीय श्वसन की पुरी क्रिया कोशिकद्र्व्य में होती है | 3. अवायवीय श्वसन में ग्लूकोस का आंशिक ऑक्सीकरण होता है एवं पायरूवेट, लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है | 4. अवायवीय श्वसन में उर्जा बहुत कम मात्रा में मुक्त होती है | |
2. पायरूवेट के विखंडन के विभिन्न पथों के बारे में लिखें।
Ans:- पायरूवेट के विखंडन के विभिन्न पथ निम्न हैं:
(i). ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में :- इसमें ग्लूकोज का ऑक्सीकरण O2 की अनुपस्थिति में होता है और पायरुवेट, इथेनॉल एवम CO2 में परिवर्तित हो जाता है, और कम ऊर्जा मुक्त होती है। इसकी पूरी प्रक्रिया कोशिकाद्रव्य में पूरी होती है। और यह क्रिया किण्वन कहलाती है जो यीस्ट में होता है।
(ii) ऑक्सीजन की अभाव में :- इसमें ग्लूकोज का विखंडन ऑक्सीजन के अभाव में पेशी कोशिका में होता है और पायरुवेट से लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है। अधिक लैक्टिक अम्ल के संचय से हमारी पेशियों में दर्द होने लगता है।
(iii) ऑक्सिजन कि उपस्थिति में:- इसमें पायरुवेट का विखंडन ऑक्सीजन कि उपस्थिति में आधा कोशिकाद्रव्य में तथा आधा माइटोकांड्रिया में पूरा होता है और उपोत्पद के रूप CO2 और जल बनता है।
3. स्थलीय किटों में श्वसन अंग की रचना तथा श्वसन विधि का वर्णन करे।
Ans:- स्थलीय कीट श्वसन ट्रैकिया द्वारा होते हैं। उनमें श्वसन लेने के लिए ट्रैकिया से छोटे छोटे लंबे लंबे, पतले पतले कैपलरी निकली होती है, जो सीधे उतको से जाकर जुड़ा होता है और उत्तक से ऑक्सीजन शरीर के सभी भागों तक फैल जाते हैं। ट्रैकिया अनेकों कीट पतंगों में श्वसन अंग का काम करता है। इनके रक्त में होमोग्लोबीन नही पाया जाता है, जो ऑक्सीजन का वाहन करे। टिड्डा हो या तिलचट्टा तथा मच्छर इत्यादी सभी में ट्रैकिया द्वारा ही श्वसन लेते हैं। ये जब वायुमंडल से ऑक्सीजन को सींचते हैं तो श्वासनाली द्वारा ही शरीर के अंदर पहुंचता है।
4. मछली के श्वसन अंग की संरचना तथा श्वसन विधि का वर्णन करे।
Ans:- मछली का प्रमुख श्वसन अंग गलफाड़ा या गिल्स है। गिल्स गिल पटलिका में अवस्थित रहता है। गलफड़ा जल में घुले ऑक्सीजन को अवशोषित करने की क्षमता रखता है। जब मछली अपने मुंह के द्वारा जल लेती है और मुख से जल अहारनाल के ग्रसनी में पहुंचता है, उसके बाद जल की धारा में स्थित भोजन ग्रासनली में चला जाता है तथा बलपूर्वक जल क्लोम तक पहुंचता है और विलेय ऑक्सिजन जल से रक्त वाहिनियों में स्थित रुधिर में चला जाता है, श्वसन के पश्चात मछली का शरीर हल्का हो जाता है और वह आसानी से ऊपर नीचे आते जाते रहती है। जल क्लोम के पास जाने के बाद CO2 युक्त जल गिल कोष्ट में आता है और शरीर से बाहर चला जाता है।
मानव श्वसन तंत्र
5. कीटों में ऑक्सीजन सीधे उत्तको को क्यों पहुंचाया जाता है? इस विधि में प्रयुक्त रचनाओं का वर्णन कार्यविधि के साथ करे।
Ans:- किटों में श्वास लेने के लिए गलफड़ा या फेफड़ा नही होता है, बल्कि वे श्वास ट्रैकिया द्वारा लेते हैं। ट्रैकिया ऑक्सिजन को लेकर सीधे उत्तकों तक पहुंचा देता है क्योंकि इनका शरीर खंडित होता हैं, जिसके अलग अलग भाग का अलग अलग काम होता है। उसी खंड में एक श्वसन का भी कार्य हो जाता है चुकीं इनके रक्त में होमोग्लोबीन नही पाया जाता है जो ऑक्सीजन का वाहन करे इसी कारण ट्रैकिया ऑक्सिजन को लेकर सीधे उत्तकों तक पहुंच जाता है फिर पहुंचने के बाद वहां से ऑक्सीजन प्रत्येक कोशिका में चला जाता है। जहां ATP का निर्माण होता है। फिर CO2 कोशिका से उत्तकों में चला और वहां से ट्रैकिया द्वारा बाहर चला जाता है।
6. मनुष्य के श्वासनंगो की रचना का वर्णन करे।
Ans:- मनुष्य एक उच्चतम श्रेणी का बर्टीब्रेट मैमल है, जिसके श्वसन के लिए श्वसन तंत्र विकसित होते हैं, जिसका निर्माण नसाछिद्र, नासागुहा, कंठद्वर, श्वासनली, श्वसनी, श्वसानिका, कुपिका तथा फेफड़ा आदि से मिलकर बना हुआ है।
नासिका में दो बाहरी नासिका छिद्र होते है, जो भीतर की तरफ दो अलग अलग वेश्ममें खुलते है। नासिका के अंदर छोटे छोटे बाल होते है, जो ऑक्सीजन में उपस्थित धूलकण को बाहर रहने देते हैं। नासिका वेश्म नासा पट्टिका के द्वारा एक दूसरे से अलग होता है। नासिका वेश्म का छोटा अग्रभाग जिसमे बाहरी नासिका छिद्र खुलता है, प्रघ्राण या प्रकोष्ठ कहलाता है। इसी में रोमयुक्त त्वचा होती है। इसी में श्लेष्मा मेंब्रेन की परत रहती है। प्रकोष्ठ के पीछे नासा वेश्म छोटा ऊपरी भाग घ्राणक्षेत्र तथा मध्य और निचला भाग श्वसन क्षेत्र कहलाता है। घ्राणक्षेत्र छोटे होने कारण मनुष्य में सूघने की क्षमता कुछ कम होती है। श्वसन क्षेत्र में स्थित श्वसन एपीथेलियम के नीचे महीन रक्त कोशिकाओं का जाल फैला होता है। नासिका वेश्म ग्रसनी में कंठद्वार के समीप खुलता है। ग्रसनी स्वरयंत्र में खुलता है स्वरयंत्र पीछे ट्रैकिया में खुलता है। ट्रैकिया की पतली दीवार को मजबूती के लिए बहुत से उपास्थी के बने अपूर्ण वलय सजे रहते हैं। ये वलय ट्रैकिया पिचकने से रोकते हैं, श्वसनी फेफड़ा में जाकर श्वानिकाओं में बंट जाति है फिर श्वसनिका पतली शखाओं में बंट जाती है, जिन्हे वायुकोष्टिका वाहिनियां कहते हैं। नासिका से श्वासनिका तक पक्ष्माभिकाभाय एपीथिलियम का बना होता है।
7. मनुष्य में श्वसन क्रिया का वर्णन करे।
Ans:- मनुष्य में श्वसन क्रिया एक बहुत ही जटिल संरचना द्वारा पूरा होता है। श्वसन दो क्रियाओं का सम्मिलित रूप है, प्रश्वास तथा उच्छवास। मनुष्य वायुमंडल से ऑक्सीजन को अवशोषित करके नाक में उपस्थित बाल धूलकण तथा अन्य गंदगी को छानकर ट्रैकिया में भेजता है, ट्रैकिया ऑक्सिजन को लेकर श्वसनी फिर श्वस्निकाएँ तथा वायुकोष्ठ वाहिनियों द्वारा होते हुए फेफड़े तक पहुंचता है। वायुकोष्ठी वाहिनियां के नीचे कुपीका होता है जिसमे गैसों का विनिमय सकता है तथा कुपिक की भीति में रुधिर वाहिकाएं का विस्तृत जाल फैला होता है। ऑक्सिजन रक्त कोशिकाओं के माध्यम से RBC में चला जाता है और वहां हिमोग्लोबिन से अभिक्रिया कर ऑक्सीहिमोग्लोबिन बनाता है और पूरे शरीर में पहुंचकर कोशिका तक जाता फिर कोशिका में ऑक्सीजन से ग्लूकोज का विखंडन होता है और ATP ऊर्जा तथा CO2 बनता है फिर CO2 कोशिका से RBC में चला जाता है और एक यौगिक कारबोक्सीहोगलोबिन बनाता है और फिर दिल में चला जाता है और फुफ्फूस धमनी द्वारा फेफड़े में भेज दिया जाता 3है और वहां से यह श्वासनीका, श्वसनी, ट्रैकिया, नासिका वेष्म तथा नासिका छिद्र द्वारा वायुमंडल में चला जाता है। इस प्रकार श्वसन क्रिया संपन्न होती है।
8. श्वसन एवम श्वासोच्छवास के बीच क्या विभेद है?
Ans:- श्वसन वैसी क्रियाओं के सम्मिलित रुप को कहते हैं, जिसमे बाहरी वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण कर शरीर की कोशिकाओं में पहुंचाया जाता है जहां इसका उपयोग कोशिकीय ईंधन ग्लूकोज का ऑक्सीकरण कई चरणों में विशिष्ठ एंजाइम की उपस्थिति में करके जैव ऊर्जा ATP का उत्पादन किया जाता है तथा इस क्रिया से उत्पन्न CO2 को फिर कोशिकाओं से शरीर के बाहर निकल दिया जाता है। जबकि इसमें दो क्रिया सम्मिलित पहली जब हवा नासिका से फेफड़े तक पहुंचती है जहां इसका ऑक्सीजन फेफड़े की दीवार में स्थित रक्त सेल्स के रक्त RBC में चला जाता है इसे प्रश्वास कहते हैं। और दूसरी क्रिया जब कोशिका से बना CO2 रक्त के माध्यम से फेफड़े में चला जाता है उच्छ्वास कहलाता है। प्रश्वास और उच्छवास मिलकर श्वासोच्छवास कहलाता है।
9. विस्तार से कोशिकीय श्वसन का वर्णन करे।
Ans:- नासिका से फेफड़े में होकर जब कोशिका में ऑक्सीजन जाता है तो विभिन्न एंजाइम द्वारा आधा कोशिका द्रव्य में ग्लूकोज का विखंडन होता है और आधा माइटोकांड्रिया में विखंडन होता है फिर बना ATP कोशिका में सार्वजनिक ऊर्जा का कार्य करता है। ATP कोशिका से विभिन्न कोशिका अंगो तक जाकर टूटे फूटे उत्तकों की मरम्मत करता है। ATP ऊर्जा का उत्पादन शरीर के अंदर जीवित कोशिकाओं में होता है, इसीलिए इन्हें जैव ऊर्जा कहलाता है। श्वसन के उपरांत जल और CO2 बनता है। इस प्रकार उत्पादित CO2 एवम अवयश्यकता से अधिक मात्रा में उपलब्ध जल शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया कोशिकीय 7श्वसन कहलाती है।