Short Note
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए −
बुनियाद ही पुख्ता न हो तो मकान कैसे पायेदार बने?
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Solution
बड़े भाई साहब का विचार था कि यदि मकान की नीव ही कमज़ोर हो तो उसपर मंजिले खड़ी नहीं हो सकती हैं। इसी प्रकार यदि जीवन को सुंदर दिशा देनी हो तो परिश्रम करना आवश्यक है। यहाँ नीव से तात्पर्य घर के बड़ों से है तथा मकान आने वाली पीढ़ी को कहा गया है।
Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B)
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Chapter 2.1: बड़े भाई साहब - लिखित (ग) [Page 64]
Q 3Q 2Q 4
APPEARS IN
NCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2
Chapter 2.1 बड़े भाई साहब
लिखित (ग) | Q 3 | Page 64
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बुनियाद के पुख्ता होने का क्या आशय है?
इस पंक्ति का आशय यह है कि कि यदि मकान की नीव ही कमज़ोर हो तो उस पर मंजिले खड़ी नहीं हो सकती हैं, हम जिस प्रकार मकान को मजबूती प्रदान करने के लिए उसकी नींव को मजबूत बनाते है ठीक उसी प्रकार मनुष्य के जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा रूपी नींव की मजबूती अति आवश्यक है।
बुनियाद ही पुख्ता न हो तो मकान कैसे पायेदार बने लेखक ने यह कथन किस संदर्भ में कहा * 1 Point?
1 Answer. इस पंक्ति का आशय है कि जिस प्रकार मकान को मजबूत तथा टिकाऊ बनाने के लिए उसकी नींव को गहरा तथा ठोस बनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार से जीवन की नींव को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा रूपी भवन की नींव भी बहुत मज़बूत होनी चाहिए, क्योंकि इसके बिना जीवन रूपी मकान पायदार नहीं बन सकता।
बड़े भाई साहब किसकी बुनियाद पुख्ता करना चाहते थे?
लेखक का अपने अपने बड़े भाई के बारे में कहना है कि बड़े भैया अपने अनुभव को बढ़ाने के लिए प्रत्येक कक्षा में दो या तीन वर्ष लगाते थे क्योंकि भाई के मन में 'बुनियाद ही पुख्ता न हो तो मकान कैसे मजबूत रहेगा' यही बात रहती थी अर्थात अगर मकान की नींव ही मजबूत नहीं होगी तो मकान कमजोर ही रहेगा और वह कभी भी घिर कर बिखर सकता है।