बुलबुल पालने से क्या होता है? - bulabul paalane se kya hota hai?

English meaning of बुलबुल का बच्चा पालना , बुलबुल का बच्चा पालना meaning in english, बुलबुल का बच्चा पालना translation and definition in English. बुलबुल का बच्चा पालना का मतलब (मीनिंग) अंग्रेजी (इंग्लिश) में जाने | Khair meaning in hindi

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बुलबुल एक पक्षी है, जो बहुत ही सुरीली आवाज़ निकलता है। आज हम इस लेख में आपके लिए ‘10 Lines on Bulbul in Hindi‘ लेकर आये है।

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1 Bulbul in Hindi

2 10 Lines on Bulbul in Hindi

3 5 Lines on Bulbul in Hindi

4 FAQ on Bulbul in Hindi

Bulbul in Hindi

बुलबुल एक प्रकार का सुरीला पक्षी है। यह पेड़ों पर गोलाकार घोसले बनाकर रहता है। बुलबुल पक्षी जीनस पिकानोनोडिडे परिवार से संबंधित है। इसका शरीर पतला, लंबी पूँछ, सर पर कलगी रहती है। यह भूरे पीले का मिश्रण के साथ लाल रंगों में भी पाया पाया जाने वाला पक्षी है। दुनिया भर में बुलबुल की करीब 1700 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पक्षी एशिया, अफ्रीका, यूरेशिया तथा यूरोप में पाए जाते हैं। इनका जीवन का लगभग 1 से 3 वर्षों तक का ही होता है। इनका वजन 15 ग्राम से 22 ग्राम तक हो सकता है। इनकी लंबाई 15 सेंटीमीटर से 26 सेंटीमीटर तक की हो सकती है। यह सामान्यता पेड़ों पर अपने घोसले बनाते हैं। यह एक बार में तीन से चार अंडे देते हैं। यह फल बीज तथा छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े खाते हैं। इनका पसंदीदा खाद्य पदार्थ फल है। भारत में बुलबुल की पाए जाने वाले प्रजातियों में गुलदुम बुलबुल तथा सिपाही बुलबुल काफी प्रसिद्ध है। इनका प्रजनन काल मार्च से अक्टूबर के बीच होता है, जिसमें मादा बुलबुल एक बार में तीन से चार अंडे एक साथ देती है। अंडे देने के बाद मादा बुलबुल अंडो को सेने का काम भी करती  है। अंडों से बाहर निकलने के बाद चूजे 3 से 5 दिनों के भीतर उड़ना सीख जाते हैं। मादा बुलबुल का काम बच्चों की देखभाल तथा अंडों को सहने का होता है, जबकि नर बुलबुल का काम माता की रक्षा करना तथा मां और बच्चे के लिए खाना लाने का होता है। बुलबुल एक सुरीला पक्षी है ये कई प्रकार के सूर निकाल सकते हैं, पर केवल नर बुलबुल ही गाना गा सकता है जबकि मादा बुलबुल गा नहीं पाती ।नर बुलबुल सामान्यतः मादा बुलबुल को आकर्षित करने के लिए गाना गाता है। भारत में दो प्रकार के बुलबुल पाए जाते हैं गुलदुम बुलबुल तथा सिपाही बुलबुल। सिपाही बुलबुल के सिर पर काले रंग की कलगी होती है। स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल ने सिपाही बुलबुल के ऊपर काफी गजलें भी लिखी है। सिपाही बुलबुल को बड़ी ही सहजता से पहचाना जा सकता है इनके पूछ का निचला हिस्सा लाल रंग का होता है। बुलबुल की लंबाई 15 सेंटीमीटर 26 सेंटीमीटर तक की होती है। नर बुलबुल मादा बुलबुल से आकार में बड़ा होता है। यह बड़े ही लड़ाकू पक्षी होते हैं क्योंकि आपस में खूब लड़ते हैं और इनकी इन्हीं लड़ाकू स्वभाव के कारण लोग इन्हें केवल लड़ाने के लिए ही पालते हैं ना कि मीठे स्वरों को सुनने के लिए। यह पक्षी अपना घोंसला बनाने के लिए शानदार जड़ों घास और कोमल पत्तों का प्रयोग करते हैं। इनके घोसले का आकार गोलाकार होता है। यह फल बीज तथा छोटे कीड़े मकोड़ों को खा जाते हैं। इन पक्षियों के प्राकृतिक दुश्मन है बिल्ली, सांप, बड़े शिकारी पक्षी तथा दूसरी बड़ी चिड़िया जो उनके अंडों को खा जाती है। यह सुरीले पक्षी 200 प्रकार की आवाजों में गाना गा सकते हैं वैसे तो यह दिन और रात दोनों समय ही गाते हैं पर यह पक्षी अक्सर रात के दौरान गाना गाते हैं। इनका औसत जीवनकाल लगभग 1 से 3 सालों तक का ही होता है। बुलबुल एक झगड़ालू पक्षी है और इस झगड़ालू प्रवृत्ति के कारण कई लोग इन्हें पालते भी हैं, पर यह नन्ही चिड़िया पिंजरे में कैद नहीं रह पाती तथा सहम कर मर जाती है इसीलिए लोग इसे पिंजरे में कैद नहीं रखते बल्कि एक लोहे की छड़ से इसकी पेट को रस्सी से बांध देते हैं। यह लोहे का छड़ अंग्रेजी अक्षर T की तरह दिखता है और इसे चक्कस कहते हैं। बुलबुल की कुछ प्रजातियों को ग्रीन भूल तथा कुछ को ब्राउन भूल भी कहते हैं। पुराने समय में बुलबुलों को जंगलों से पकड़ कर लाया जाता था ताकि इन्हें पिंजरे में बंद करके बेचा जा सके पर यह धंधा ज्यादा दिनों तक नहीं चला क्योंकि कैद में बुलबुल नहीं रह पाती और कम दिनों में ही मारी जाती है। बुलबुल द्वारा घर में घोंसला बनाने में कोई मिथक तत्व मौजूद नहीं है। यह बताना कठिन है कि बुलबुल द्वारा घर में घोंसला बनाना शुभ है अथवा शुभ। इन बातों में कोई वैज्ञानिक आधार मौजूद नहीं है।

प्रकृति में बहुत से प्यारे सुंदर और मीठे गीत गाने वाले पक्षी पाए जाते हैं, इनमें से एक भारत में प्रमुखता से पाया जाने वाला सुंदर पक्षी बुलबुल भी है, यूं तो बुलबुल पक्षी की सैकड़ों प्रजातियाँ होती है जो कि विश्व भर में पाई जाती है इनकी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. भारत में Red whiskered bulbul (Pycnonofus jocosus) जिसे सिपाही बुलबुल भी कहा जाता है पाया जाता है, इसका यह नाम इसके सर पर पाए जाने वाले जाने वाली उठी हुई कलंगी की वजह से पड़ा है अंग्रेजी में इसे crested bulbul बुलबुल भी कहते हैं.

बुलबुल का मुख्य भोजन फल  और छोटे कीड़े मकोड़े होते हैं यह बुलबुल पेड़ों की उची शाखाओं पर जाकर मधुर आवाज निकलता है, पहाड़ों के पास पाए जाने वाले जंगलों में यह बहुतायत में पाए जाते हैं.

बुलबुल की लंबाई 20 सेंटीमीटर होती है इसके सर पर एक काले रंग की उठी हुई कलगी  होती है तथा इसकी चोंच के दोनों और लाल रंग के धब्बे होते हैं, इसकी पूछ भूरे रंग की होती है इस बुलबुल के मुख्य पहचान यह है कि इसकी चोंच के दोनों और लाल धब्बे होते हैं तथा पूछ के नीचे भी एक बड़ा सा लाल धब्बा होता है, बुलबुल के बच्चे जब छोटे होते हैं तब यह लाल धब्बे नहीं होते बल्कि पूंछ के नीचे एक पीला धब्बा पाया जाता है.

बुलबुल सुबह-सुबह पेड़ों की ऊंची शाखा के ऊपर बैठकर अपने साथी को बुलाने के लिए मीठी आवाजें  निकलता है इनकी आवाज kink-a-joo जैसी होती है, यह खूबसूरत परिंदा लगभग 11 साल तक जीवित रहता है.

बुलबुल किस महीने में घोंसला बनाता है Nesting season of Bulbul hindi

बुलबुल का प्रजनन काल दक्षिण भारत में दिसंबर से शुरू होकर मई तक चलता है तथा जो बुलबुल उत्तर भारत में पाए जाते हैं उनका प्रजनन काल मार्च से शुरू होकर अक्टूबर तक चलता है,  बुलबुल में प्रजनन साल में एक या दो बार हो सकता है, बुलबुल का घोंसला कप के आकार का होता है जिसे यह पत्तियों, धागों, जड़ों और पेड़ की छाल से बनाता है, इस घोसले में 2 से 3 अंडे होते हैं, अंडे मटमैले  रंग के होते हैं, बुलबुल के अंडों का आकार 21 मिलीमीटर होता है. अंडे से बच्चे केवल 12 दिनों में ही निकल आते हैं, बच्चों की देखभाल दोनों बुलबुल माता पिता मिलकर करते हैं, बुलबुल अपने छोटे बच्चों को ये इल्लियाँ और कीड़े खिलाते हैं तथा जैसे जैसे ये बड़े होते जाते हैं फिर उन्हें फलों का आहार दिया जाता है.

बुलबुल का आहार क्या है? पालतू बुलबुल को क्या खिलाएं? What should be given to pet bulbul hindi

बुलबुल के बच्चे जब छोटे हैं होते हैं तो उन्हें इल्लियाँ और कीड़े खिलाएं जातें है तथा बड़े होने पर उन्हें फलों का आहार दिया जाता है बड़े होने पर बुलबुल मुख्यतः फल ही खाते हैं तथा कभी कभी छोटे कीड़े मकोड़े भी खाते हैं.

बुलबुल को फल बहुत पसंद है फलों के अलावा और यह सिर्फ छोटे की कीड़े ही खाता है इसलिए इसे मछली और सांप मांस आदि नहीं दिया जाना चाहिए.

बुलबुल के छोटे बच्चों को शक्कर और ग्लूकोज का पानी दिया जा सकता है क्योंकि फलों में मुख्यतः ग्लूकोज ही पाया जाता है,   इस बात का ध्यान रखा जाना जरूरी है कि बुलबुल के बच्चों को दिया जाने वाला शक्कर का पानी शुद्ध ग्लूकोस से बनाया जाए ना कि घर में इस्तेमाल होने वाली शक्कर से क्योंकि इसमें कई रसायन मिलाकर बनाया जाता है.

बुलबुल जंगलों में तथा पहाड़ों के पास  के जंगलों में पाया जाता है अतः इसे बहुत तेज गर्मी और बहुत ठंड से बचाना चाहिए इसलिए पालतू बुलबुल को  20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान के बीच ही रखा जाना चाहिए.

बुलबुल को पालने का शौक  भारत में पुराने समय से हैं जैसा कि स्टीव स्मिथ अपनी किताब में लिखते हैं कि “भारतीय मूल के लोग इन परिंदों को पसंद करते हैं क्योंकि यह निडर होते हैं तथा आसानी से  सीखने वाले होते हैं इन्हें भारतीय अपने हाथों पर बैठना सिखा देते हैं, भारतीय बाजारों में यह बुलबुल आसानी से देखे जा सकते हैं”

भारत और पूरे दक्षिण एशिया में पिंजरे में पाली जाने वाले पक्षियों में बुलबुल एक प्रमुख प्रजाति है, आज भी इसे कई घरों में खूबसूरत पिंजरों में पाला  जाता है.

बुलबुल को अपने घर के बगीचे में कैसे आकर्षित करें how to attract bulbul hindi

अगर आप चाहते हैं कि आपके छोटे से बगीचे में यह सुंदर पक्षी आए, तो इसके लिए आपको बगीचे में एक मिट्टी के बर्तन में पानी रखना चाहिए तथा उसके आसपास फलों के कुछ टुकड़े भी रख दीजिए बगीचे में घनी झाड़ियां और ऊँचे पेड़ हो तो इसके आने की संभावना और बढ़ जाती है.

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बुलबुल पक्षी की विशेषता क्या है?

बुलबुल कलछौंह भूरे मटमैले या गंदे पीले और हरे रंग के होते हैं और अपने पतले शरीर, लंबी दुम और उठी हुई चोटी के कारण बड़ी सरलता से पहचान लिए जाते हैं। विश्व भर में बुलबुल की कुल ९७०० प्रजातियां पायी जाती हैं। इनकी कई जातियाँ भारत में पायी जाती हैं, जिनमें "गुलदुम बुलबुल" सबसे प्रसिद्ध है।

कौन सा पक्षी शुभ माना जाता है?

मोर का दर्शन शुभ है।

बुलबुल को खाने में क्या पसंद है?

तुम्हें क्या-क्या पसंद है? Solution : बुलबुल खाने में कीड़े, फल आदि खाना पसंद करती है। मुझे गाजर, मटर, गाजर का हलुवा, <br> गोभी के परांठे, पिज्ज़ा आदि खाना पसंद है।

बुलबुल पक्षी क्या खाते हैं?

बुलबुल पक्षी क्या खाते है? बुलबुल पक्षी फल, बीज, और छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े को भी खाते है।

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