झूठा आरोप लगाने पर क्या करें? - jhootha aarop lagaane par kya karen?

कानून दोधारी हथियारों की तरह होते हैं। एक तरफ कानून एक व्यक्ति के राइट्स को प्रोटेक्ट करता है, तो वंही दूसरी तरफ उन्ही प्रोविज़न का मिसयूज़ करके अन्य व्यक्तियों की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया जाता है। ऐसे केसिस की कोई कमी नहीं है, जहां पुरुषों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं। साथ ही, यह केसिस की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन इनको प्रूव करने के लिए कोई भी डेटा अवेलेबल नहीं है। 

एक लड़के को उनके अगेंस्ट झूठा केस फाइल करने की धमकी देने वाली लड़की आपको आम तौर पर देखने को मिल जाएँगी। ज्यादातर केसिस में जहां महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रोविज़न बनाये गए है, वहीं पुरुषों के अगेंस्ट अलग अलग सिचुऎशन्स में इन प्रोविज़न का मिसयूज़ किया जाता है। जैसा किअपनी बात मनवाने के लिए, एक लड़की एक झूठे केस के साथ लड़के को धमकी देती है कि वह उस पर झूठा केस कर देगी। यह केस कोई भी हो सकता है जैसे -रेप, सुसाइड के लिए उकसाना, जबरदस्ती पैसों या कीमती सामान की वसूली करना, ब्लैकमेल करना, सेक्सुअल हरेसमेंट करना और डोमेस्टिक वायलेंस, हस्बैंड द्वारा क्रुएल्टी, आदि।

अगर लड़की आपके खिलाफ झूठा केर्स फाइल कराती है या धमकी देती है, तो आप अपने-आप को बचाने के लिए क्या स्टेप्स ले सकते हैं?

  • अगर लड़की आपको धमकी देती है कि वह आप पर उसका सुसाइड करने, रेप करने या सेक्सुअली परेशान करने का झूठा केस फाइल कर देगी, तो आप सबसे पहले पुलिस स्टेशन जाएँ और सिचुएशन की सारी जानकारी पुलिस इंस्पेक्टर को देकर उससे मदद लें।
  • अगर आप किसी और व्यक्ति के साथ अपनी सिचुएशन बताने में कम्फर्टेबले नहीं है तो किसी अच्छे लॉयर से आप एडवाइस लें और तभी कोई कदम उठाये। ऐसी सिचुएशन में एक लीगल प्रोफेशनल ही आपकी मदद कर सकता है और आपको सही डायरेक्शन दिखा सकता है। 

क्या आप को कानूनी सलाह की जरूरत है ?

  • अगर कोई व्यक्ति आपके अगेंस्ट झूठी एफआईआर कराता है, तो पहले आपको पुलिस के साथ को-ऑपरेट करना चाहिए। अगर आप पर लगाया गया आरोप झूठा है, तो पुलिस को आपके अगेंस्ट कोई प्रूफ नहीं मिलेगा और चार्जिज हटा दिए जायेंगे। चार्जिस हट जाने के बाद, झूठा केस करने के लिए बदले में आप व्यक्ति पर मानहानि/डीफेमेशन का केस भी कर सकते है।
  • आप झूठी एफआईआर को रद्द करने के लिए, भारत के संविधान के आर्टिकल 226 के तहत हाई कोर्ट में एक रिट पिटीशन फाइल कर सकते है। साथ ही, झूठी एफआईआर फाइल कराने वाली लड़की को इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 182 और 211 के तहत दोषी भी ठहराया जा सकता है। 
  • लड़की ने आपको झूठा फंसाने या किसी पर्सनल दुश्मनी का बदला लेने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से आप पर यह झूठी एफआईआर फाइल की है, तो उसे इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 482 के तहत रद्द कराया जा सकता है। 
  • अगर आपको लगता है कि झूठा केस करने की धमकी देने वाली लड़की द्वारा झूठा केस फाइल किया जा सकता है, तो आप एक लॉयर हायर की हेल्प से आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। अग्रिम जमानत आवेदन को उच्च न्यायालय या सत्र न्यायालय के समक्ष आवेदन करना होता है।

आपकी मदद कौन कर सकता है?

विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए वकील के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लीड इंडिय से संपर्क करें। यदि आपको झूठे मामले की धमकी दी गई है तो हम शिकायत दर्ज करने, जमानत आवेदन के साथ-साथ आपके मामले का बचाव करने के लिए वकीलों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं। निपुण वकीलों की हमारी टीम सुनिश्चित करती है कि आप एक लड़की द्वारा झूठे मामलों की ऐसी फर्जी धमकियों से आपको बचाने के लिए त्वरित और विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करें।

झूठा आरोप लगाने में कौन सी धारा लगती है?

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 211 में 'झूठे आरोप' की अभिव्यक्ति प्रारंभिक आरोप को संदर्भित करती है जो आपराधिक जांच को गति प्रदान करती है, न कि आपराधिक ट्रायल के दौरान जोड़े गए झूठे सबूत या झूठे बयानों को।

झूठा आरोप लगाने पर क्या करना चाहिए?

दिल्‍ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्‍ता शुभम भारती ने बताया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत झूठी एफआईआर को चैलेंज किया जा सकता है. अगर आपके खिलाफ या आपके जाननेवाले के खिलाफ कोई झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो धारा 482 के तहत उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है.

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