भारत में मुगल वंश की नींव कैसे पड़ी? - bhaarat mein mugal vansh kee neenv kaise padee?

21 अप्रैल का दिन देश के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेकर आया. 1526 में वह 21 अप्रैल का ही दिन था, जब काबुल के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली की सल्तनत के सम्राट इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई. इस लड़ाई में बाबर ने जहां तोपों का इस्तेमाल किया वहीं लोदी ने हाथियों की परंपरागत ताकत के दम पर जंग लड़ी, लेकिन बाबर की सेना संख्या में कम होने के बावजूद लोदी की सेना पर भारी पड़ी. इस लड़ाई में लोदी मारा गया और भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी.

देश और दुनिया के इतिहास में 21 अप्रैल की तारीख पर दर्ज प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं -:

1451 : लोदी वंश का संस्थापक बहलोल खां लोदी दिल्ली का शासक बना.

1526 : मुगल शासक बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी मारा गया और भारत में मुगल शासन की नींव पड़ी.

1895 : अमेरिका में विकसित पहले फिल्म प्रोजेक्टर ‘पैनटॉप्टिकॉन’ का प्रदर्शन किया गया.

1926 : इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म. उनका पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंद्रा मेरी है और वह सबसे लंबे समय तक इंग्लैंड पर शासन करने का रिकार्ड बना चुकी हैं.

1938 : सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा... के रचयिता मशहूर शायर मोहम्मद इकबाल का पाकिस्तान के लाहौर में निधन.

1941 : यूनान ने नाजी जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया.

1945 : दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ की सेना ने जर्मनी के बर्लिन शहर के कुछ बाहरी इलाक़ों पर कब्जा कर लिया. इसे हिटलर के खिलाफ एक बड़ी जीत माना गया.

1960 : ब्रासीलिया शहर को ब्राजील की राजधानी बनाया गया.

1975 : दक्षिण विएतनाम के राष्ट्रपति थिऊ ने इस्तीफ़ा दिया. टेलीविजन और रेडियो पर अपने संबोधन में उन्होंने अमेरिका को खरी खरी सुनाई.

1987: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बम धमाके में 100 से ज्यादा लोगों की मौत. कार में रखे विस्फोटक में धमाके का आरोप लिट्टे पर लगा. घटना में 300 लोग घायल भी हुए.

1989 : चीन के थ्येनआन मन चौराहे पर छात्रों का विशाल प्रदर्शन.

1996 : भारतीय वायु सेना के संजय थापर को पैराशूट के जरिए उत्तरी धुव्र पर उतारा गया.

भारत में मुगल साम्राज्य की नींव कब और किसके द्वारा रखी गई?

भारत में मुगल साम्राज्य की नींव 1526 ई. में तुर्क-मंगोल बाबर द्वारा रखी गई।

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 भारत और अरब के आपसी संबंध किस प्रकार उत्तम हए?

भारत और अरव में यात्रियों का आना-जाना शुरू हुआ, राजदूतावासों की अदला-बदली हुई, गणित और खगोल-शास्त्र की पुस्तकों का अरबी में अनुवाद हुआ, भारतीय चिकित्सक भी बगदाद गए। इस व्यापारिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान में उत्तर भारत के साथ-साथ दक्षिण भारत का भी पूर्ण सहयोग रहा। दक्षिण भारत के राष्ट्रकूटों ने पश्चिमी तट से भी उनके साथ व्यापार किया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत के अरब के साथ संबंध उत्तम रहे।

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अरब भारत में सिंध से आगे क्यों न बढ़ सके?

अरब जातियाँ जब भी भारत पर राजनीतिक सत्ता हेतु आक्रमण करतीं तो भारतीय डटकर मुँह तोड़ जवाब देते इसीलिए ये आगे न बढ़ पाई।

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 भारत में किन-किन विदेशी जातियों ने अपने पाँव पसारने चाहे?

सम्राट हर्षवर्धन के शासन के पश्चात् अरबी, तुर्की व अफगानी जातियों ने भारत में आगमन किया।

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भारत में इस्लाम का आगमन कैसे हुआ?

अरब से संबंध अच्छे होने पर धीरे-धीरे धर्म प्रचारक भी भारत आए। उनका सहदयता से स्वागत किया गया। भारत में बिना किसी धार्मिक झगड़े के कई मसजिदों का निर्माण हुआ। इसका शासन ने भी विरोध न किया। इस प्रकार भारत में मुस्लिम राजनीति सत्ता से पूर्व धार्मिक रूप में इस्लाम ने आगमन किया।

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सिंध किस प्रकार अलग राज्य बना?

सिंध ने बगदाद की केंद्रीय सत्ता से अलग होकर एक छोटा-सा स्वतंत्र राज्य कायम किया।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अनेक इलाके जीतने के बाद भी अरब भारत में सिंध से आगे क्यों बढ़ सके?
उत्तर- अरबों ने दूर-दूर तक फैलकर अनेक इलाके जीते, पर वे सिंध से आगे न बढ़ सके क्योंकि भारत तब आक्रमणकारियों को रोकने में समर्थ था। इसके अलावा, अरबों में होनेवाले आंतरिक झगड़े भी इसका कारण हो सकते हैं|

प्रश्न 2. इस्लाम धर्म भारत में किस प्रकार फैलता गया?
उत्तर- इस्लाम धर्म के बारे में भारतीय अनभिज्ञ न रहे थे। इस्लाम के प्रचारकों का यहाँ स्वागत हुआ। मस्जिदें बनीं। शासन या जनता ने इसका विरोध न किया। भारतीयह्म्द्म की प्राचीन परंपरा ने इसे फैलने में मदद की।

प्रश्न 3. महमूद गज़नवी के आक्रमण से किन भागों में क्षति हुई तथा कौन-से भाग अछूते रहे?
उत्तर- महमूद गज़नवी ने अपने रास्ते में आनेवाले उत्तर-ी भारत के एक टुकड़े को खूब लूटा और नर-संहार किया। उसने पंजाब और सिंधु को अपने राज्य में मिला लिया। कश्मीर, पूरा मध्य-पूर्वी और दक्षिणी भारत उससे पूरी तरह बच गया था।

प्रश्न 4.तैमूर के हमलों के बाद दिल्ली की क्या दशा हुई?
उत्तर- तैमूर के हमलों के बाद दिल्ली बुरी तरह तहस-नहस हो गई। उसे बनने में कई वर्ष लग गए। अब वह विशाल साम्राज्य की राजधानी जैसी नहीं रह गई थी। तैमूर के हमलों का प्रभाव चारों ओर दिखाई देता था।

प्रश्न 5. दिल्ली की तबाही शह्यक्त समय दक्षिण भारत की क्या स्थिति थी?
उत्तर- दिल्ली की तबाही के समय दक्षिण भारत की दशा अच्छी थी। वहाँ के राज्यों में विजयनगर सबसे शक्तिशाली रियासत थी, जिसने उत्तर- भारत के अनेक शरणाथयों को आकर्षित किया। उस समय दक्षिण भारत प्रगति के पथ पर अग्रसर था।

प्रश्न 6.भारत में मुगल वंश की नींव किस तरह पड़ी?
उत्तर- 1526 ई. में उत्तर- की पहाडिय़ों से होकर एक हमलावर दिल्ली के पास पानीपत के मैदान में आया। उसने दिल्ली की सल्तनत जीत ली। इस तरह बाबर नामक इस तुर्क-मंगोल दवारा भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डाली गयी।

प्रश्न 7. अफगानों के राजनीतिक शासन को हिंद - अफगानों युग क्यों कहना चाहिए?
उत्तर- .अफगानों भारत की सीमा के पास ही समुदाय बनाकर रहते थे। उनको हम सीमावर्ती समुदाय' कह सकते हैं। इन्हें भारत के लिए पूरी तरह से अज़नबी नहीं माना जा सकता, इसलिए उनके राजनितिक शासन को 'हिंद-.अफगानों' युग कहना चाहिए।

प्रश्न 8. शासक और उनके साथ आए लोग भारत में किस तरह समा गए?
उत्तर- अफगानों शासक और उनके साथ आए लोगों के परिवारों का भारतीयकरण हो गया। भारत को वे अपना घर तथा बाकी दुनिया को विदेश मानने लगे। कुछ राजपूत सरदार उन्हें अपना अधिराज मानने लगे। इस प्रकार अफगानों शासक और उनके साथ आए लोग भारत में समा गए।

प्रश्न 9. बाबर कौन था? उसके व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। उसने 1526 ई. में दिल्ली की सल्तनत को जीता। उसका व्यक्तित्व आकर्षक था। वह कला और साहित्य का शौकीन था। अपने चार साल के शासन को उसने युद्ध तथा आगरा को राजधानी बनाने में लगाया।

प्रश्न 10. राणा प्रताप कौन थे? उन्होंने जंगलों में फिरना क्यों बेहतर समझा?
उत्तर- राणा प्रताप मेवाड़ के राजपूत थे। वे अत्यंत साहसी, आत्माभिमानी थे। वे मुगलों को सदैव विदेशी समझते रहे। उन्होंने अकबर से कभी भी औपचारिक संबंध नहीं बनाया न ही उसकी अधीनता स्वीकार की मुगलों से संबंध बनाने की जगह वे जंगलों में स्वतंत्र विचरते रहे।

प्रश्न 11. अकबर भारत की सामाजिक स्थिति में कोई बुनियादी अंतर क्यों नहीं पैदा कर सका?
उत्तर- संसार के अन्य भागों में क्या हो रहा है, इस पर अकबर ने ध्यान नहीं दिया। उसके सामने प्रमुख समस्या इस्लाम के साथ अन्य धर्म के लोगों के रीति-रिवाज़ों के मेल से राष्ट्रीय एकता कायम करने की थी, इसलिए वह सामाजिक स्थिति में बदलाव न ला सका।

प्रश्न 12. एक साथ रहन-सहन के बावजूद भी वर्ण-व्यवस्था मेल-मिलाप में किस तरह बाधक थी?
उत्तर- वर्ण-व्यवस्था की जटिलता के कारण हिंदू-मुसलमान एक साथ रहकर भी एक नहीं हो पा रहे थे। उनमें शादी-विवाह नहीं होते थे। उनमें खानपान भी नहीं होता था। ऐसा होने पर दोनों पक्ष एक नहीं हो पाते थे।

प्रश्न 13. औरंगजेब कौन था? उसकी नीतियाँ मुगल वंश के लिए घातक क्यों सिद्ध हुईं?
उत्तर- औरंगजेब अकबर का वंशज था। वह धर्मांध तथा समय के विपरीत चलनेवाला था। उसकी नीतियों से सिक्ख और मराठे उसके विरुद्ध हो गए। किसानों का एक बड़ा या यूँ कहे की आम जनता उसके विरुद्ध हो गई। इससे मुगल शाशन चरमराने लगा।

प्रश्न 14. औरंगजेब की नीतियाँ राष्ट्रवाद के उदय में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुईं?
उत्तर- औरंगजेब की नीतियों के कारण मुगल साम्राज्य के दूर-दूर तक फैले क्षेत्रों में उत्तेजना फैल गई। इससे लोगों में पुनर्जागरणवादी विचारों का उदय हुआ, जिसमें धर्म और राष्ट्रवाद का मेल था।

प्रश्न 15. मुगल साम्राज्य खंडित होने का असली कारण क्या था?
उत्तर- मुगल साम्राज्य के खंडित होने का असली कारण साम्राज्य के आर्थिक ढाँचे का चरमराना था। किसानों ठ्ठ9शारा बार-बार आंदोलन किया जाता था। 1669 के बाद जाट किसान बार-बार आंदोलन पर उतर आते थे।

प्रश्न 16. औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारत पर कौन-कौन शासन के दावेदार थे? इनमें किसकी संभावना प्रबल थी?
उत्तर- औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारत पर अधिकार करनेवाले चार दावेदार थे। इनमें मराठे तथा हैदरअली और उसका पुत्र टीपू सुल्तान भारतीय थे जबकि फ्रांसीसी और अंग्रेज विदेशी थे। इनमें मराठों की दावेदारी प्रबल थी, क्योंकि उनके समान शक्तिशाली कोई और नहीं था।

प्रश्न 17. नादिरशाह कौन था, उसके आक्रमण से दिल्ली की क्या दशा हुई?
उत्तर- नादिरशाह ईरान का रहनेवाला था, जिसने दिल्ली पर हमला किया। उसने भयंकर मारकाट की और तख्ते ताऊस सहित बेशुमार दौलत लूटकर अपने साथ ले गया। उसके आक्रमण से दिल्ली अत्यधिक कमजोर हो गई।

प्रश्न 18. हैदर अली के व्यक्तित्व के आधार पर उसकी विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- हैदरअली मैसूर का शासक था। वह अंग्रेजो का कट्टर विरोधी था। वह अद्भुत तथा भारतीय इतिहास का उल्लेखनीय व्यक्ति था। वह राष्ट्रहित चाहता था। वह कल्पनाशील नेता के गुणों से भरपूर था।

प्रश्न 19. जयसिंह कौन था? उसके व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- जयसिंह राजपूताने में जयपुर का राजा था। वह अत्यंत चतुर एवं अवसरवादी नेता था। वह बहादुर योद्धा तथा कुशल राजनीतिग था। वह गणितज्ञ, खगोल वैज्ञानिक, नगर-निर्माण करानेवाला तथा इतिहास का जिज्ञासु था।

प्रश्न 20. जयपुर की नगर योजना को आदर्श क्यों समझा जाता है?
उत्तर- जयपुर के राजा जयसिंह ने जयपुर नगर बसाने के लिए यूरोपीय नगरों के नक्शे एकत्रित किए। उनकी मदद से नया नक्शा बनाकर जयपुर नगर बसाया। नक्शे के आधार पर सुव्यवस्थित तरीके से बसाने के कारण जयपुर की नगर योजना को आदर्श समझा जाता है।

प्रश्न 21. आरंभिक दिनों में ईस्ट इंडिया का मुख्य काम क्या था?
उत्तर- आरंभिक दिनों में ईस्ट इंडिया का मुख्य काम था—भारत में बने माल को यूरोप ले जाकर बेचना तथा अधिकाधिक लाभ कमाना। इसके लिए उन्होंने भारत में भी कारखाने स्थापित किए और भारत की अर्थव्यवस्था नष्ट कर दी।

प्रश्न 22. ईस्ट इंडिया कंपनी किसकी कंपनी थी? उसके बारे में एडम स्मिथ ने क्या लिखा है?
उत्तर- ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापारियों की कंपनी थी, जिसका उद्देश्य अधिकाधिक लाभ कमाना था। जब कंपनी लाभ कमा रही थी, उस समय एडम स्मिथ ने लिखा द्घस्र लएकमात्र व्यापारियों की कंपनी की सरकार किसी भी देश के लिए सबसे बुरी सरकार है।

प्रश्न 23. यदि इंग्लैंड भारत का बोझ उठाता तो भारत की दशा कैसी होती?
उत्तर- यदि इंग्लैंड भारत में मुगलों की शक्ति खोने पर भारत का प्रशासनिक बोझ न उठाता तो भारत को अपनी खोई स्वतंत्रता पाने के लिए इतना संघर्ष न करना पड़ता। भारत अधिक स्वतंत्र तथा समृद्ध होता। भारत ने अधिक प्रगति की होती।

II. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत और अरब के संबंध किस प्रकार मज़बूत होते गए?
उत्तर- भारत और अरब के बीच यात्रियों का आवागमन शुरू हुआ। राजदूतावासों की अदला-बदली हुई। भारत से गणित और खगोलशास्त्र की पुस्तकें बगदाद पहुँचीं। उनका अरबी में अनुवाद हुआ। अनेक भारतीय चिकित्सक बगदाद पहुँचे। यह संबंध उत्तर- भारत तक ही सीमित न था। भारत के दक्षिणी राज्यों विशेषत: राष्ट्रकूटों ने भी इसमें हिस्सा लिया। इस तरह भारत और अरब के संबंध मज़बूत होते गए

प्रश्न 2. महमूद गज़नवी कौन था? उसके आक्रमण का हिंदुओं के मन पर क्या असर हुआ?
उत्तर- महमूद गज़नवी अफ़ग़ानिस्तान का तुर्क था। उसने मध्य एशिया में अपनी ताकत बढ़ा ली थी। उसने भारत के उत्तर-ी भाग पर अत्यंत निर्ममतापूर्वक आक्रमण किया जिससे बहुत अधिक खून-खराबा हुआ। उसने हर बार खज़ाना लूटा। हिंदू बुरी तरह इधर-उधर बिखर चुके थे। बचे हुए हिंदुओं के मन में मुसलमानों के प्रति गहरी नफरत हो गई थी।

प्रश्न 3. शाहाबुदीन ने दिल्ली पर कब और किस तरह कब्ज़ा किया?
उत्तर- शाहाबुदीन एक अफ़ग़ान था, जिसने गज़नी पर कब्ज़ा करके लाहौर और दिल्ली पर हमला कर दिया। दिल्ली के तत्कालीन राजा पृथ्वीराज चौहान ने उसे पराजित कर दिया। शाहाबुदीन अफ़ग़ानिस्तान लौट गया। एक साल बाद वह वापस दिल्ली आया। इस बार के हमले में उसकी जीत हुई। इस प्रकार 1192 ई. में उसने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया।

प्रश्न 4. पंद्रहवीं शताब्दी के समाज-सुधारकों का नाम लिखिए तथा यह भी बताइए कि उनके कार्यों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- पंद्रहवीं शताब्दी में दक्षिण में रामानंद और उनके शिष्य कबीर हुए, जिनके पद' तथा साखियाँ' का.फी लोकप्रिय हुए। उत्तर- में गुरु नानक साहब ने सिख धर्म की स्थापना की। इन समाज-सुधारकों ने वर्ण-व्यवस्था की उपेक्षा की तथा समाज में समन्वय को बढ़ावा दिया। हिंदू धर्म पर इन समाज-सुधारकों के नए विचारों का प्रभाव पड़ा। इससे भारत का इस्लाम अन्य स्थानों के इस्लाम के स्वरूप से भिन्न हो गया।

प्रश्न 5. अमीर खुसरो कौन थे? उनकी प्रसिद्धी का क्या कारण था?
उत्तर- अमीर खुसरो फारसी के चोटी के कवि थे। उन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। वे महान संगीतकार तथा लोकप्रिय तंत्री वाद्य 'सितार' के आविष्कारक थे। उन्होंने धर्म, दर्शन, तर्कशास्त्र, भाषा और व्याकरण आदि विषयों पर रचना की। उन्होंने आम बोलचाल की भाषा हिंदी में लोकगीत लिखे। इनमें ऋतुओं तथा जीवन के अनेक पहलुओं का वर्णन द्दस्। इन लोकगीतों एवं पहेलियों ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया।

प्रश्न 6. अफ़ग़ानो की विजय का भारत और हिंदू धर्म पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- अफ़ग़ानोकी विजय का भारत और हिंदू धर्म पर दोतरफा प्रभाव हुआ। कुछ लोग अफ़गानी प्रभाववाले क्षेत्रों से अन्यत्र चले गए। जो बचे रहे उन्होंने वर्ण-व्यवस्था को कठोर बनाया तथा कुछ लोगों ने अपनी विचारधारा के साथ विदेशी ढंग का सामंजस्य कर लिया। उनका खान-पान, रहन-सहन, संगीत, भाषा आदि में समन्वय हुआ। फ़ारसी दरबार की भाषा बनी तथा फ़ारसी के शब्द आम बोलचाल के शब्द बन गए।

प्रश्न 7. भारत की अखंडता एवं एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने कौन कौन से प्रयास किये?
उत्तर- भारत की अखंडता एवं एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने निम्नलिखित कार्य किए
(i) उसने स्वाभिमानी राजपूतों को अपनी ओर मिलाया।
(ii) उसने अपनी तथा अपने बेटे की शादी राजपूत घराने में की।
(iii) उसने विद्वान हिंदुओं को अपने दरबार में विशेष स्थान प्रदान किया।
(iv) उसने दीन-ए-इलाही' नामक नया एवं सर्वमान्य धर्म चलाने का प्रयास किया।

प्रश्न 8. गल शासनकाल में साहित्य को भी बढ़ावा मिला, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मुगलकाल में साहित्य को भी खूब बढ़ावा मिला। अनेक हिंदू साहित्यकारों ने दरबारी भाषा में पुस्तकें लिखीं। इसी समय विद्वान मुसलमानों ने संस्कृत की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद किया। हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत लिखा तथा अब्दुल रहीम खानखाना ने अनेक नीति भरे दोहों की रचना की।

प्रश्न 9. मुगल साम्राज्य का प्रभाव अकबर के बाद भी दिखाई देता है स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- मुगल साम्राज्य की नींव बाबर ने रखी, किंतु अकबर ने उस पर मज़बूत इमारत खड़ी की। अकबर की मृत्यु के बाद भी उसका प्रभाव दिखाई देता है। केंद्रीय सक्रह्म भले ही कमज़ोर पड़ती गई हो पर एशिया और यूरोप पर मुगल बादशाहों का असर फैल चुका था। आगरा और दिल्ली में सुंदर इमारतें बनीं जिनकी शैली तथा सजावट उत्तर- भारतीय मंदिरों से अलग थी। इसी समय प्यार के प्रतीक ताजमहल' का भी निर्माण हुआ।

प्रश्न 10.अब्दुल रहीम खानखाना कौन थे? उन्होंने राणा प्रताप के बारे में क्या लिखा?
उत्तर- अब्दुल रहीम खानखाना, अकबर के दरबार के अमीरों में से एक थे। वे संस्कृत, अरबी एवं फ़ारसी के विद्वान थे। कुछ समय तक वे अकबर की शाही सेना के सेनापति भी रहे थे। उनकी कविता का स्तर ऊँचा था। उन्होंने अकबर के विरोधी मेवाड़ के उन राणा प्रताप की प्रशंसा में भी लिखा] जो अकबर से लगातार युद्ध करते रहे, पर अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।

प्रश्न 11. शिवाजी कौन थे? उनका नाम भारतीय इतिहास में क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर- शिवाजी का जन्म सन 1627 ई.में हुआ था। उनको मराठों का नायक कहा जाता है। वे कुशल छापामार नेता थे। उनकी सेना के घुड़सवार दूर-दूर छापा मारकर शत्रुओं का मुकाबला करते थे। उन्होंने सूरत में अंग्रेजो की कोठियों को लूटा और मुगल साम्राज्य के क्षेत्रों पर चौथ' नामक कर लगाया। उन्होंने मराठों को संगठित करशह्यक्त दुर्जेय शक्ति का रूप दिया।

प्रश्न 12. नादिरशाह के हमलों से भारत किस प्रकार प्रभावित हुआ?
उत्तर- नादिरशाह के हमलों के बाद मुगल शासक अत्यंत कमज़ोर हो गए। मराठों ने अपनी शक्ति बढ़ाई और वे पंजाब तक फैल गए। ऐसा लगने लगा कि भारत पर मराठे अपना अधिकार जमा लेंगे। इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान जो भारत का भाग हुआ करता था, भारत से अलग हो गया। अफ़ग़ानिस्तान अब नादिरशाह के राज्य का अंग बन चुका था।

प्रश्न 13. रणजीत सिंह अद्भुत व्यक्ति क्यों थे? उनके शासनकाल को क्यों याद किया जाता है?
उत्तर- रणजीत सिंह जाट सिख थे, जिन्होंने पंजाब में अपना साम्राज्य कायम किया। अपने मानवीय गुणों के कारण वे एक अद्भुत व्यक्ति माने जाते थे। वे खून-खराबा पसंद नहीं करते थे। उन्होंने मौत की सज़ा देना बंद कर दिया था। युद्ध के अलावा उन्होंने किसी की जान नहीं ली। उन्होंने एक विशाल सेना का गठन किया। उनका शासन दमन एवं निर्दयता से मुक्त था।

प्रश्न 14. नेहरू जी के अनुसार तत्कालीन भारत और अमेरिका की परिस्थितियों में क्या विषमता थी?
उत्तर- नेहरू जी ने लिखा है कि जिस समय भारत ने अपनी स्वतंत्रता खोई थी, उसी समय संयुक्त राज्य अमेरिका स्वतंत्र हुआ था। उनके अनुसार अमरीकियों में बहुत-से गुण हैं और भारतीयों में अनेक कमज़ोरियाँ। उस समय अमेरिका में नयी शुरुआत करने के लिए बिलकुल अनछुआ और साफ मैदान था, जबकि हम भारतीय प्राचीन स्मृतियों और परंपराओं से बँधे हुए थे।

भारत में मुगल शासन की नींव कैसे पड़ी?

इस मुगल बादशाह के संसार-त्याग के पश्चात् गुलबदन बेगम बादशाह अकबर के संरक्षण में रही ।

भारत में मुगल शासन की नींव रखने वाला कौन था?

मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है। 1504 ई॰ में काबुल तथा 1507 ई॰ में कन्धार को जीता तथा बादशाह की उपाधि धारण की। 1519 से 1526 ई॰ तक भारत पर इसने 5 बार आक्रमण किया। 1526 में इन्होंने पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी।

भारत में मुगल वंश की नींव कब और किसने डाली?

(8) 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंश (लोदी वंश) के सुल्तान इब्राहीम लोदी की पराजय के साथ ही भारत में मुग़ल वंश की स्थापना हो गई. (9) इस वंश का संस्थापक "ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर" था.

भारत में मुगल वंश की नींव कब पड़ी?

1526 : मुगल शासक बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी मारा गया और भारत में मुगल शासन की नींव पड़ी

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