बच्चे जब धीरे-धीरे उम्र के हिसाब से विकसित हो रहे होते हैं तो हमें उनका बढ़ना कितना संतुष्ट करता है ना ! हां मां बनने के बाद सारा अनुभव कुछ अनोखा सा होता है शिशु के घुटने के बल चलने से लेकर उनका पहली बार सीधा उठ खड़ा होना और फिर डगमगाते हुए कदमों से एक दिन आपकी बाहों में पहली बार चलकर आना…कितना आनंदित करता है ।
लेकिन शिशु के जन्म लेने से पहले से ही हर माता-पिता एक बात ज़रुर सोचते हैं कि आखिर बच्चा बड़ा होकर उन्हें कैसे पुकारेगा । उसके मुंह से मां, मॉम या मम्मा सुनने के लिए आप कई महीनों तक इंतज़ार करती हैं…कई मांओं के लिए ये इंतज़ार कुछ अधिक लंबा हो जाता है क्योंकि कई बच्चे देर से बोलना शुरु करते हैं या उन्हें साफ बोलने में कठिनाई होती है ।
क्या आपका बच्चा ठीक से बोल नहीं पा रहा
नन्हे बच्चों का अस्पष्ट तरीके से बोलना या आधी-अधूरी तोतली बोली हमें खूब पसंद आती है लेकिन यही अगर एक समय के बाद ठीक ना हो तो हमारी चिंता का कारण बन सकती है ।
अमूमन डेढ़ साल की उम्र से बच्चे आपकी सारी बातें समझने लगते हैं और कुछ शब्द बोलने का प्रयास करने में सफल हो जाते हैं । अगर आपका बच्चा साल से डेढ़ साल की उम्र में पापा…दादा..काका…बाबा..आदि बोलना सीख लिया था लेकिन अब वो कुछ भी बोलने की चेष्टा ना कर रहा हो तो आपको उसके पीछे मेहनत करने की ज़रुरत है ।
जी हां, स्पष्ट और सार्थक बोली हर एक बच्चा डिज़र्व करता है लेकिन कभी-कभी हमारी अनदेखी के कारण बच्चों में बड़े होने तक कुछ एक शब्द का सही उच्चारण ना कर पाने की ये समस्या बनी रहती है जैसे-कई बच्चे र का उच्चारण ल, ड़ का उच्चारण र या छ का उच्चारण श आदि के रुप में करते हैं ।
बच्चे के देरी से बोलने या अस्पष्ट बोलने के ये सभी कारण हो सकते हैं…
- मानसिक रुप से कमज़ोर होना
- सुनाई देने में समस्या
- याददाश्त में कमी
- नर्वस सिस्टम या मस्तिष्क में अंदरुनी क्षति
- बच्चे का ऐकाकीपन
- पैरेंट्स द्वारा बोलने के प्रति कम प्रोत्साहन मिलना
अगर आप सटीक कारणों का पता लगाने में असमर्थ हों तो आप बच्चे को कान-गला विशेषज्ञ के पास ले जाएं । कई बार घर के किसी सदस्य की बोली खास कर माता-पिता के गलत उच्चारण का असर भी बच्चे की बोली पर पड़ जाता है ।
छोटे बच्चे को बोलने की ट्रेनिंग देने के अचूक नुस्खे…
पहली बार अपने नन्हे उस्ताद को बोलना सिखा रही हों तो आपको कुछ मूल बातें याद रखनी चाहिए जैसे-
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- एक ही शब्द बार-बार दोहराएं
- बच्चे को अपने लिप्स मूवमेंट दिखाने की कोशिश करें
- बच्चे को आमने-सामने बिठा कर बात-चीत करें
- दो अक्षर के आसान शब्द पहले सिखाएं जैसे- लाला, बाबा, मामा,चाचा
- अलग-अलग मात्राओं जैसे ई, इ, उ , ऊ से बने एक-एक शब्द प्रैक्टिस करवाएं
- आपको ध्यान ये देना है कि बच्चा बोर ना हो जाए
- जब बच्चा किसी खेल में व्यस्त हो तो आप बोल-बोल कर उसे दोहराने के लिए प्रोत्साहित करें
- अगर आपको लगे कि बच्चा समझ नहीं पा रहा तो उसकी कान में सही उच्चारण साफ-साफ दोहराएं
- बच्चे की हथेली को अपने मुंह पर रख कर शब्द कहें इससे उसे आपके लिप्स की मुवमेंट समझने में आसानी होगी
- परिस्थिति आधारित शब्द सिखाएं कई बार वो अचानक ही कोई कठिन शब्द सही बोलने लगते हैं ।
- बच्चे से हां, ना , आना-जाना, अंदर-बाहर आदि से जुड़े सवाल करती रहें ।
- उसकी पसंद की कोई वस्तु इशारे से मांगने पर आप उसे इंतज़ार करवाएं…फिर सही नाम बता कर उसे वो चीज़ बोल कर मांगने को कहें…अपनी पसंदीदा चीज लेने के लिए बच्चा हर संभव प्रयास करेगा ।
- बोलने वाले दूसरे बच्चों के साथ उसे खेलने दें कई बार बच्चे एक दूसरे की नकल करते हुए बोलने लगते हैं ।
- बोलते हुए छोटे बच्चों की इंटरनेट पर कई वीडियो उपलब्ध हैं आप बच्चे को प्रोत्साहित करने के लिए जिनका इस्तेमाल कर सकती हैं।
अगर आपके बच्चे अब बड़े हो चुके हैं, ऊंची कक्षा में हैं फिर भी आपको उनकी पहली बोली, तोतली ज़ुबान में उनके कई किस्से आज़ भी याद होंगे…ऐसा है…तो फिर हमसे भी वो प्यारी बातें शेयर ज़रुर करें…