घुटनों में दर्द, एड़ियों, पैरों की उंगलियों में दर्द और सूजन होने पर इस बात को बिल्कुल भी हल्के में न लें. ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं. हो सकता है यह सब यूरिक एसिड के लक्षण हों. अगर यूरिक एसिड की समस्या का निदान होता है तो आपको अपने खान-पान में बदलाव करने की आवश्यकता होगी.
अगर आपके घर में भी किसी के पैरों की उंगलियों, एड़ियों और घुटनों में दर्द और सूजन रहती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं. क्योंकि यह कोई कुछ और नहीं बल्कि यूरिक एसिड (Uric Acid in Hindi) के लक्षण हैं. यही नहीं यूरिक एसिड बढ़ने के कारण व्यक्ति गठिया से भी ग्रसित हो सकता है. यदि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है. आइए जानते हैं यूरिक एसिड क्या है और इसको कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.
यूरिक एसिड क्या होता है?
सबसे पहले सबसे बेसिक और प्रमुख प्रश्न का उत्तर जानते हैं. यूरिक एसिड अपशिष्ट यानी शरीर में पैदा होने वाला कचरा है. यह खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न होता है और इसमें प्यूरिन होता है. जब शरीर में प्यूरिन टूटता है तो उससे यूरिक एसिड निकलता है. हमारे दैनिक जीवन के कुछ खाद्य पदार्थों में बड़ी मात्रा में प्यूरिन होते हैं. इनमें शामिल हैं –
- कुछ प्रकार के मीट
- कुछ प्रकार की मछलियां
- बीयर
- सूखे सेम
- इनके अलावा जैसा कि हमने ऊपर बताया शरीर में प्यूरिन बनता है और उसके टूटने से यूरिक एसिड निकलता है.
हमारे शरीर में किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करती है और फिर पेशाब के जरिए उसे शरीर से बाहर निकाल देती है. जब कोई व्यक्ति अपने भोजन में अधिक मात्रा में प्यूरिक का सेवन करता है और उसका शरीर यूरिक एसिड को उतनी तेजी से शरीर से बाहर नहीं धकेल पाता है तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है. ऐसा होने पर उस व्यक्ति के खून में यूरिक एसिड प्रवाह होने लगता है, जो शरीर के कई अंगों तक फैल जाता है.
जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है तो उस स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है. शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से कई मांसपेशियों में सूजन आ जाती है. ऐसा होने पर वहां दर्द होने लगता है और यह दर्द काफी ज्यादा बढ़ जाने पर गाउट नाम की बीमारी भी हो सकती है. गाउट बीमारी जोड़ों की दर्दनाक बीमारी का कारण बनती है. इसके कारण व्यक्ति का खून और पेशाब भी एसिडिक नेचर की हो जाती है.
यूरिक एसिड क्यों इकट्ठा होता है?
शरीर में यूरिक एसिड क्यों इकट्ठा होता है, इसके कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा होने के कारण.
- कई मामलों में यूरिक एसिड की समस्या आनुवंशिक भी हो सकती है.
- कुछ प्रकार के भोजन की वजह से भी शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा हो सकता है.
- ज्यादा वजन होने या मोटापे के कारण भी यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है.
- तनाव के कराण भी शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा हो सकता है.
कुछ हेल्थ डिसऑर्डर के कारण भी शरीर में यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है –
- यदि किसी को किडनी की बीमारी है तो यूरिक एसिड बढ़ सकता है.
- डायबिटीज के मरीजों में भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या होती है.
- हाइपोथायरायडिज्म यानी थायरायड कम होने की वजह से भी यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है.
- कुछ प्रकार के कैंसर और कीमोथेरेपी की वजह से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है.
- त्वचा रोग (सोरायसिस) के कारण भी यूरिक एसिड़ बढ़ सकता है.
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण?
- ज्यादातर बार यूरिक एसिड बढ़ने के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. एड़ियों, उंगलियों और घुटनों में दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं.
- अगर आपके लाइस्टाइल में कोई बड़ा परिवर्तन हुआ है या आपका खानपान बदला है तो यूरिक एसिड होने की आशंका बढ़ जाती है.
- खून में यूरिक एसिड का स्तर काफी बढ़ जाने के बाद यदि कीमोथेरेपी से गुजर रहे हैं, तो उच्च यूरिक एसिड स्तर के कारण किडनी की समस्या और गठिया के भी लक्षण दिख सकते हैं.
- यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो जाते हैं, जिससे जोड़ों में सूजन महसूस होती है. इसे गाउट कहा जाता है.
- यूरिक एसिड में पेशाब से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, किडनी में पथरी भी हो सकती है.
- यूरिक एसिड बढ़ जाने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और उठने-बैठने में परेशानी होती है.
- हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन आ जाती है और भयंकर दर्द होता है.
– अगर यह लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं और जिन खाद्य पदार्थों से यूरिक एसिड बढ़ता है उनका सेवन करने से बचें.
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यूरिक एसिड का इलाज क्या है?
यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर इसको नियंत्रित करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय करके भी आप यूरिक एसिड को नियंत्रित कर सकते हैं. डॉक्टर आपको कुछ नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लामेटरी (NSAID) एजेंट जैसे आइबुप्रोफेन दे सकते हैं, जो दर्द से राहत देते हैं.
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क्या आपके जोड़ों में दर्द रहता है ? क्या आप पैरों की उंगलियों, एड़ियों और घुटनों के दर्द या फिर गठिया के शिकार हैं ?
तो सावधान हो जाएं क्योंकि आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो सकती है जो बहुत ही खतरनाक है।
क्या है यूरिक एसिड?
जब किसी वजह से किडनी की फिल्टर यानि छानने की झमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। यूरिक एसिड शरीर के cells और उन चीजों से बनता जो हम खाते हैं। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फिल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक
एसिड का लेवल बढ़ जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है और इससे गाउट की समस्या पैदा हो जाती है।
यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है (खासकर टखने में, कमर, गर्दन, घुटने आदि में)..इसी से बाद में गाउट, गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां हो जाती हैं।
शुरुआत में Uric Acid के बढ़ने का पता नहीं लग पाता। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि यूरिक एसिड के बढ़ने को कैसे पहचानें। कुछ लक्षण हैं जिन्हें देख आप पहचान सकते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ रहा है -
- जोड़ों में दर्द होना। उठने-बैठने में परेशानी होना।
- उंगलियों में सूजन आ जाना
- जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
- इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इसमें आदमी ज्यादा जल्दी थक भी जाता है। इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। कभी भी इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करें।
लेकिन ये यूरिक एसिड क्यों होता है, यह जान लेना भी बहुत जरूरी है, ताकि आप सचेत रहें और उन चीजों से दूर रहें जिनसे यूरिक एसिड बढ़ता है।